बॉक्स ऑफिस पर Pushpa 2 का धमाका, रिलीज से पहले ही कर ली है 1085 करोड़ की कमाई

साउथ स्टार अल्लू अर्जुन स्टारर 'पुष्पा 2 : द रूल' इस साल की मच अवेटेड फिल्मों में से एक है. पुष्पराज के रोल में अल्लू अर्जुन का फैंस बहुत ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इसी के साथ फिल्म अपने प्री-रिलीज बिजनेस को लेकर भी चर्चा में है. ये फिल्म रिलीज से पहले ही 1000 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है. 

पुष्पा 2 ने रिलीज से पहले कैसे कर ली है 1000 करोड़ की कमाई 

sacnilk ने रिपोर्ट्स के हवाले से बताया है कि पुष्पा 2 के थिएट्रिकल राइट्स को 640 करोड़ में बेचा गया है. 

पुष्पा 2 ने ओटीटी डील में की है बंपर कमाई (Pushpa 2 OTT Deal)

इस मोस्ट अवेटेड फिल्म ने अपने स्ट्रीमिंग राइट्स में भी बंपर कमाई की है. पुष्पा 2 के डिजिटल राइट्स नेटफ्लिक्स ने 275 करोड़ में खरीदे हैं.

 कितनी हुई प्री-रिलीज बिजनेस में कमाई ( (Pushpa 2 Pre-release Business)

पुष्पा 2 सिनेमाघरों में 6 दिसंबर को रिलीज होगी. रिलीज से पहले प्री-बिजनेस में फिल्म ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 220 करोड़ की कमाई कर ली है.

वहीं, उत्तर भारत में 200 करोड़, तमिलनाडु में 50 करोड़, कर्नाटक में 30 करोड़, केरल में 20 करोड़ और इंटरनेशनल मार्केट में 140 करोड़ कमाए हैं. 

पुष्पा 2 ने म्यूजिक राइट्स से भी की है बंपर कमाई

अल्लू अर्जुन की इस फिल्म के म्यूज़िक राइट्स 65 करोड़ में बिके हैं. वहीं सैटेलाइट राइट्स से भी मेकर्स ने 85 करोड़ कमाए हैं.  इस फिल्म ने अपने नॉन-थियेट्रिकल राइट्स से 425 करोड़ कमाए हैं.

पुष्पा 2 स्टारकास्ट

पुष्पा 2 को सुकुमार ने डायरेक्शन किया है और ये माइथ्री मूवी मेकर्स प्रोड्यूस करने गई है. फिल्म में अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना और फहद फासिल मुख्य किरदार में हैं.  फिल्म का म्यूजिक टी-सीरीज ने दिया है. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि इस बार अभिनेत्री श्रद्धा कपूर भी आइटम सॉन्ग करती दिखेंगी.

'पुष्पा: द राइज' के लिए अल्लू अर्जुन जीत चुके हैं नेशनल अवॉर्ड

आपको बता दें कि 'पुष्पा: द राइज' 2021 में थिएटर्स में रिलीज हुई थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कब्जा किया था और 300 करोड़ का कलेक्शन कर डाला था. इस फिल्म के लिए अल्लू अर्जुन को नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है.

'पुष्पा: द राइज' में अल्लू अर्जुन के साथ रश्मिका मंदाना लीड रोल में नजर आई थीं. फिल्म में सामंथा रूथ प्रभु और फहाद फासिल ने भी अहम रोल निभाए थे. फिल्म का डायलॉग झुकेगा नहीं साला भी बहुत पॉपुलर हुआ था. अब फैंस को इस फिल्म के दूसरे पार्ट पुष्पा 2 का बेसब्री से इंतजार है.


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हिजबुल्लाह ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर दागे 20 रॉकेट

इजरायल और लेबनान के बीच जारी संघर्ष के बीच हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि उन्होंने तेल अवीव पर मिसाइल से हमला किया है. अपने बयान में ईरान समर्थित समूह ने कहा कि उसने इजरायल की राजधानी में स्थित निरीट क्षेत्र पर मिसाइलों से हमला किया है. टेलीग्राम पर एक पोस्ट में लेबनानी समूह ने कहा कि उन्होंने हलिया हमला गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता और लेबनानी लोगों की रक्षा के समर्थन में किया है. हिजबुल्लाह का बयान अल जज़ीरा की सनद एजेंसी द्वारा सत्यापित वीडियो के बाद आया है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक हवाई हमले के दौरान तेल अवीव में चारो तरफ सायरन बज उठे. फिलहाल हमले में किसी के घायल होने की रिपोर्ट नहीं है. इजरायली मीडिया रिपोर्टों के हवाले से अल जज़ीरा ने बताया कि हिजबुल्लाह द्वारा हवाई हमले किए जाने के बाद बेन गुरियन हवाई अड्डे पर सभी हवाई यातायात रोक दिया गया है और इजरायली सेना ने तेल अवीव क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है.

इजरायली सेना ने पुष्टि की है कि हिजबुल्लाह ने कम से कम 20 रॉकेट तेल अवीव की तरफ दागे हैं. आसमन ने उड़ते रॉकेट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

सैन्य खुफिया यूनिट पर भी किया हमला

इजरायली मीडिया ने पुलिस के हवाले से बताया कि उत्तरी इजरायली शहर मागन माइकल में इंटरसेप्टर के टुकड़े गिरे, जिससे एक इमारत के साथ-साथ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा. हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने मिसाइल हमले से तेल अवीव के उपनगरीय इलाके में स्थित सैन्य खुफिया यूनिट 8200 के गिलोट बेस को निशाना बनाया. उन्होंने यह भी कहा कि उसने हाइफ़ा के पास एक नौसैनिक अड्डे को निशाना बनाया.


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74 करोड़ भारतीयों को फाइलेरिया का खतरा

भारत ने बीते कुछ सालों में लिम्फेटिक फाइलेरिएसिस (फाइलेरिया) से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हाल ही में नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल (NCVBDC) ने इस बीमारी से निपटने के लिए 6 राज्यों के 63 जिलों को टारगेट करके एक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) अभियान चलाया। इसका उद्देश्य साल 2023 में अचीव किए गए 82.5% कवरेज रेट को पार करना था।

फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। इसके कारण फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है यानी शरीर के किसी हिस्से में फ्लूइड जमा हो सकता है। कई मामलों में तो इससे विकृति या विकलांगता भी हो सकती है।

इस बीमारी से जो अंग प्रभावित होता है, वह सूजकर भारी-भरकम हो जाता है। आमतौर पर इसके चलते पैर का आकार बहुत भारी हो जाता है। यही कारण है कि इसे एलिफेंटियासिस या हाथी पांव बीमारी भी कहते हैं। सामान्य बोलचाल की भाषा में लोग इसे फाइलेरिया कहते हैं। मौजूदा वक्त में भारत के 74 करोड़ लोगों को फाइलेरिया का रिस्क है।

इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे फाइलेरिया की। साथ ही जानेंगे कि-

फाइलेरिया के क्या लक्षण होते हैं?

यह बीमारी कैसे फैलती है?

इसका इलाज और बचाव के उपाय क्या हैं?

भारत में 3.1 करोड़ लोगों को है फाइलेरिया

इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लगभग 74 करोड़ लोगों को फाइलेरिया का रिस्क है, जबकि 3.1 करोड़ लोग इससे संक्रमित हैं। इनमें लगभग 2.3 करोड़ लोग सिंप्टोमेटिक हैं यानी उनके शरीर में इसके लक्षण नजर आते हैं। ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है, जो फाइलेरिया से संक्रमित हैं पर उनके शरीर में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसके बावजूद उनका लिम्फेटिक सिस्टम और किडनी डैमेज हो रहे हैं।

फाइलेरिया होने पर हाथ-पैर बड़े क्यों होने लगते हैं?

लिम्फेटिक सिस्टम हमारे शरीर का महत्वपूर्ण तंत्र है।

यह टिश्यूज से अतिरिक्त पानी को निकालकर वापस ब्लड स्ट्रीम में ले जाता है।

यह एक तरह की व्हाइट ब्लड सेल्स बनाता है, जो कीटाणुओं से लड़कर हमें बीमारियों से बचाती हैं।

यह डाइजेस्टिव सिस्टम से फैट सॉल्यूबल विटामिन और प्रोटीन एब्जॉर्प करके उसे ब्लड स्ट्रीम में भेजता है।

यह हमारे ब्लड से वेस्ट प्रोडक्ट को ट्रांसपोर्ट करता है। इसे किडनी यूरिन के जरिए बाहर निकालती है।

लिम्फेटिक सिस्टम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में बनाए रखने में मदद करता है।

इस सिस्टम के खराब होने से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है। टिश्यूज में पानी भरने लगता है। इसके कारण इन्फेक्शन और एलर्जी का जोखिम बढ़ जाता है और इन्फेक्टेड अंगों में सूजन बढ़ने से उनका आकार बढ़ने लगता है।

फाइलेरिया के क्या लक्षण होते हैं?

गुरुग्राम के नारायणा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पंकज वर्मा कहते हैं कि फाइलेरिया के ज्यादातर मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आता है। इसका मतलब है कि ज्यादातर लोग एसिंप्टोमेटिक होते हैं।

इससे संक्रमित कुछ लोगों में हल्के लक्षण नजर आते हैं, जबकि हर 3 में से 1 व्यक्ति में इसके लक्षण गंभीर होते हैं। इसमें हाथ, पैर या चेहरा इतने भारी हो जाते हैं कि यह विकलांगता का रूप ले लेता है।

इसके क्या लक्षण होते हैं, ग्राफिक में देखिए।

फाइलेरिया का असर किन अंगों पर पड़ता है?

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, फाइलेरिया का असर कई अंगों पर होता है। इससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा हाथ-पैर और स्किन भी प्रभावित होती है। इससे हमारा इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होता है।

डॉ. पंकज वर्मा कहते हैं कि फाइलेरिया का मुख्य कारण परवीजी होते हैं। ये हमारे लिम्फेटिक सिस्टम को धीरे-धीरे खराब करते हैं। पहले इसका असर इंटरनल ऑर्गन्स पर होता है। इसलिए शुरुआत में कुछ पता नहीं चलता है। जब संक्रमण बहुत बढ़ जाता है तो शरीर के बाहरी अंगों में भी इसका असर दिखने लगता है।

फाइलेरिया के कारण क्या कॉम्प्लिकेशन होते हैं

इस बीमारी में सबसे बड़ा कॉम्प्लिकेशन ये है कि हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। शरीर छोटी-छोटी एलर्जी और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से नहीं लड़ पाता है। हर छोटी-बड़ी बीमारी घेरने लगती है।

इसके अलावा टिश्य़ूज में फ्लूइड जमा होने के कारण पैदा हुआ इंफ्लेमेशन भी बड़ी समस्या है।

फाइलेरिया परजीवी वर्म के कारण होता है। ये वर्म बहुत धीरे-धीरे ब्लड स्ट्रीम के जरिए लिम्फेटिक सिस्टम में पहुंचते हैं। वहां एक एडल्ट परजीवी वर्म 7 साल तक जिंदा रहता है। यह इस दौरान लाखों परजीवी पैदा करता है। इनकी संख्या में बहुत तेजी से इजाफा होता है। इसलिए इलाज करना मुश्किल हो जाता है।

फाइलेरिया का इलाज क्या है

डॉ. पंकज वर्मा कहते हैं कि फाइलेरिया का इन्फेक्शन होने पर शुरुआती दिनों में इसका इलाज कमोबेश आसान है। इसके लक्षण भी गंभीर होने से रोके जा सकते हैं, लेकिन समय बीतने के साथ इसका इलाज मुश्किल होता जाता है। समस्या ये भी है कि शुरुआती दिनों में इसके लक्षण नहीं पता चलते हैं। इसलिए यह लाइफटाइम डिजीज बन जाती है।

इसके इलाज में अल्बेंडाजोल, डीईसी और आईवरमेक्टिन दवाएं दी जाती हैं।

फाइलेरिया है तो बरतें सावधानियां

डॉ. पंकज वर्मा कहते हैं कि अगर किसी को फाइलेरिया है तो उसे अपनी लाइफस्टाइल में कुछ सुधार करने चाहिए, ताकि बैक्टीरियल इन्फेक्शन और एलर्जी से बचा जा सके और जिंदगी आसान बन सके।

फाइलेरिया से बचने के क्या उपाय हैं

फाइलेरिया से बचने का सबसे अच्छा उपाय ये है कि हमें मच्छर के काटने से बचना चाहिए। चूंकि भारत में फाइलेरिया का रिस्क काफी ज्यादा है तो हमें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।


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एयर इंडिया सहित 30 फ्लाइट्स को फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी का सिलसिला थम नहीं रहा है। ताजा मामले में सोमवार रात को एयर इंडिया सहित 30 फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। समाचार एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एयरलाइन्स द्वारा संचालित 30 घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिली।

मामले से जुड़े सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि बम से उड़ाने की धमकी पाने वालों में इंडिगो, विस्तारा और एयर इंडिया की उड़ानें शामिल हैं। इस संबंध में इंडिगो के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को उनकी चार उड़ानों 6E 164 (मंगलुरु से मुंबई), 6E 75, (अहमदाबाद से जेद्दा), 6E 67 (हैदराबाद से जेद्दा) और 6E 118 (लखनऊ से पुणे) को सुरक्षा संबंधी अलर्ट मिले थे।

एक सप्ताह में 114 फ्लाइट्स प्रभावित

उल्लेखनीय है कि इससे पहले बम की धमकियों के चलते एक सप्ताह में 114 फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं। बीते रविवार को 36 विमानों को बम की धमकी मिली थी। इनमें इंडिगो, विस्तारा, अकासा एयर, एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस और डेल्टा की फ्लाइट्स शामिल हैं।

दिल्ली एयरपोर्ट को आठ उड़ानों में मिली बम की धमकी

शनिवार व शुक्रवार की तरह रविवार को भी दिल्ली एयरपोर्ट को आठ उड़ानों में बम की धमकी मिली है। यह धमकी ईमेल व एक्स के माध्यम से दी गई है। इस बारे में अभी तक इंडिगो की ओर से कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।

जानकारी के अनुसार, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआई) एयरपोर्ट को रविवार को इंडिगो समेत दूसरी विमान्न कंपनियों की आठ उड़ानों में बम की धमकियां मिली हैं। जिसके बाद उड़ानों की सुरक्षित लैंडिंग करवाई गई और उन्हें एकांत में ले जाकर जांच की तो उड़ान से कोई विस्फोटक बरामद नहीं हुआ। सूत्रों के अनुसार, रविवार को आठ उड़ानों में बम की धमकी दी गई हैं।

ईमेल और एक्स के माध्यम से मिली धमकियां

यह धमकियां ईमेल व एक्स के माध्यम से मिली हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह धमकियां एक जैसी ही हैं।सिर्फ ईमेल में एयरलाइन का नाम बदल दिया जाता है। इससे पहले शनिवार को भी इंडिगो, एअर इंडिया, विस्तारा आदि की उड़ानों में बम की धमकी दी गई थी।

शुक्रवार को भी यह धमकियां मिली थी। इससे पहले के दिनों में भी धमकियां दी गई थी। बाद में जांच की गई तो कोई विस्फोटक उड़ानों से बरामद नहीं हुआ।




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एतिहासिक वापसी के बाद फिर गरजा Rishabh Pant का बल्‍ला, कीवी गेंदबाजों की खटिया खड़ी करते हुए बना डाला 'दबंग' रिकॉर्ड

सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भारतीय विकेटकीपर बल्‍लेबाज ऋषभ पंत टेस्‍ट क्रिकेट से करीब 2 साल दूर रहे। इसके बाद बांग्‍लादेश के पिछले महीने खेली गई टेस्‍ट सीरीज से उन्‍होंने इस फॉर्मेट में वापसी की। पंत की वापसी एतिहासिक रही और उन्‍होंने आते ही शतक जड़ा। अब भारत और न्‍यूजीलैंड के बीच 3 टेस्‍ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है।

पहली पारी में बनाए थे 20 रन

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे सीरीज के पहले टेस्‍ट मैच की पहली पारी में ऋषभ पंत कुछ खास कमाल नहीं कर पाए। उन्‍होंने 49 गेंदों का सामना किया और 20 रन बनाए। हालांकि, वह पहली पारी में सबसे ज्‍यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्‍लेबाज थे, क्‍योंकि पूरी भारतीय टीम 46 रन पर सिमट गई। फील्डिंग के दौरान पंत चोटिल भी हो गए थे। ऐसे में ध्रुव जुरेल ने उनकी जगह विकेटकीपिंग की। इसके बाद भी पंत दूसरी पारी में बल्‍लेबाजी करने उतरे। 

पंत ने लगाई फिफ्टी

दूसरी पारी में पंत एक बार फिर अपने पुराने अवतार में नजर आए। बेंगलुरु में बारिश की संभावना के बीच उनका बल्‍ला जमकर गरजा। भारतीय विकेटकीपर बल्‍लेबाज ने 55 गेंदों पर अर्धशतक जड़ दिया। चौथे दिन लंच तक पंत 56 गेंदों पर 53 रन बनाकर नाबाद हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने एक खास कीर्तिमान भी अपने नाम किया है।

पंत की खास क्‍लब में हुई एंट्री 

ऋषभ पंत टेस्‍ट क्रिकेट में संयुक्‍त रूप से दूसरे सबसे ज्‍यादा 50+ स्‍कोर बनाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं। उन्‍होंने टेस्‍ट की 62 पारियों में 18 बार यह कारनामा किया है। फारुख इंजीनियर ने 18 50+ स्‍कोर के लिए 87 पारियां ली थीं। इस लिस्‍ट में टॉप पर पूर्व भारतीय कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी हैं। माही ने टेस्‍ट की 144 पारियों में 39 बार 50 से ज्‍यादा स्‍कोर बनाया था।

भारतीय विकेटकीपर का टेस्‍ट में 50+ स्‍कोर

39 बार - एमएस धोनी (144 पारी)

18 बार - फारुख इंजीनियर (87 पारी)

18 बार - ऋषभ पंत (62 पारी)

14 बार - सैयद किरमानी (124 पारी)


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सलमान को धमकाने वाले गैंगस्टर लॉरेंस पर बनेगी वेब सीरीज

सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर अब एक वेब सीरीज बनने वाली है। नोएडा बेस्ड प्रोड्यूसर अमित जानी ने हाल ही में इसकी अनाउंसमेंट की है।

मेकर्स ने इस सीरीज का टाइटल ‘लॉरेंस- ए गैंगस्टर स्टोरी’ फाइनल किया है। सीरीज को इंडियन मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन से अप्रूवल भी मिल चुका है।

अमित इसे अपने ही बैनर फायर फॉक्स फिल्म प्रोडक्शन तले प्रोड्यूस करेंगे। सीरीज की कास्ट की जानकारी दिवाली पर अनाउंस की जाएगी। इसी दौरान मेकर्स इसका पोस्टर भी रिलीज कर सकते हैं।

सलमान के पीछे पड़ा है लॉरेंस

लॉरेंस इन दिनों गुजरात के साबरमति सेंट्रल जेल में बंद है। उसकी मांग है कि सलमान काले हिरण मामले में बिश्नोई समाज से माफी मांगे।

वह बीते काफी वक्त से लगातार सलमान को मारने की धमकियां भी दे रहा है। इसी साल अप्रैल में सलमान के घर के बाहर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी भी उसी की गैंग ने ली थी।

लॉरेंस गैंग ने ही बीते 12 अक्टूबर को सलमान के करीबी दोस्त और पॉलिटिशियन बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है।

शुक्रवार को फिर मिली सलमान को धमकी

बाबा सिद्दीकी के मर्डर के 6 दिन बाद शुक्रवार को सलमान को फिर से जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी देने वाले ने खुद को लॉरेंस गैंग के मेंबर बताया है।

यह धमकी मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को वॉट्सऐप मैसेज के जरिए भेजी गई है।

इस मैसेज में लिखा था- इसे हल्के में मत लीजिए। सलमान खान को जिंदा रहना है और उसे लॉरेंस से दुश्मनी खत्म करनी है तो उसे 5 करोड़ रुपए देने होंगे।

अगर पैसे नहीं दिए गए तो सलमान खान का हाल बाबा सिद्दीकी से भी बुरा होगा। मुंबई पुलिस मैसेज भेजने वाले को ट्रैक करने में जुटी है।

कड़ी सुरक्षा के बीच सलमान ने की शूटिंग

इसी बीच सलमान ने शुक्रवार को मुंबई के फिल्मसिटी में अपने टीवी रियलिटी शो ‘बिग बॉस 18’ में वीकेंड का वार एपिसोड की शूटिंग की। बताते चलें कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से सलमान की सुरक्षा बढ़ाई गई है।

सीमा हैदर और सचिन की लव स्टोरी पर भी बना रहे फिल्म

लॉरेंस पर बेस्ड इस सीरीज के अलावा अमित इन दिनों पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और भारतीय सचिन की लव स्टोरी पर भी एक फिल्म बना रहे है। इसका टाइटल ‘कराची टु नोएडा’ है।

इसके साथ ही अमित के बैनर तले राजस्थान के टेलर कन्हैया लाल साहू की मर्डर स्टोरी पर भी एक फिल्म बनी है।


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बाबा विश्वनाथ की रसोई से संस्कृत विद्यालयों व अस्पतालों में जाएगा भोग प्रसाद

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को अपने संसदीय क्षेत्र काशी में सिगरा स्टेडियम से 6611.18 करोड़ लागत की 23 परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करेंगे। साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की ओर से संस्कृत विद्यालयों के बच्चों व अस्पतालों में तीमारदारों के लिए दोपहर के निश्शुल्क भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था का भी शुभारंभ करेंगे।

पहले चरण में 5000 लोगों तक भोजन पहुंचाया जाएगा। मांग अनुसार इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद ने 16 अक्टूबर को न्यासियों की उपस्थिति में बाबा विश्वनाथ व मां अन्नपूर्णा की आराधना के साथ चूल्हा पूजन किया तो शुक्रवार को निश्शुल्क भोजन वितरण व्यवस्था का ट्रायल कर लिया गया। इसमें विभिन्न स्कूलों-अस्पतालों में भोजन पहुंचा कर व्यवस्था परखी गई जो सफल रही।

प्रधानमंत्री ने पिछली बार 22 फरवरी को काशी आगमन पर बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार से संस्कृत विद्यालयों के बच्चों और अस्पतालों में तीमारदारों को विश्वनाथ मंदिर की ओर से निश्शुल्क भोजन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।

इसके लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गोदौलिया स्थित अन्नक्षेत्र में सात्विक रसोई का निर्माण कराया गया है। इसका संचालन नाटिकोट्टम संस्था द्वारा अनुबंध के तहत किया जा रहा है। उच्चस्तरीय विशिष्ट क्षमता वाले उपकरण नाटिकोट्टम क्षेत्र की मातृसंस्थान कोविलुर मठ द्वारा देश-विदेश के निर्माताओं से मंगवाए गए हैं ताकि रसोई की उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके। इसमें पांच हजार से छह हजार व्यक्तियों का भोजन एक साथ बनाने की योजना है।

मंदिर न्यास के पास भोजन वितरण के लिए सात वाहन 

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र के अनुसार दैनिक भोजन सामग्री और परिवहन की व्यवस्था श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद द्वारा की जा रही है। इसके लिए मंदिर न्यास के पास पहले से ही दो महिन्द्रा डीआई वाहन भोजन पहुंचाने के लिए उपलब्ध हैं।

इसके अतिरिक्त, आइडीबीआइ बैंक की ओर से सीएसआर मद के अंतर्गत 22 जुलाई 2024 को पांच वाहन भी दिए गए हैं, जो इस योजना के क्रियान्वयन में सहायक होंगे।

सीपी और डीएम ने परखी पीएम के कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और डीएम एस राजलिंगम ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थल का सुरक्षा के दृष्टिगत निरीक्षण किया। उन मार्गों को भी जांचा-परखा जिससे प्रधानमंत्री की आवाजाही संभव है। दोनों अधिकारियों ने मातहतों को आवश्यक निर्देश दिए।

पुलिस आयुक्त ने देर शाम अफसरों संग मीटिंग की और सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी। मीटिंग में अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था के अलावा सभी डीसीपी, एडीसीपी मौजूद रहे।


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दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कसी कमर, 13 हॉट स्पॉट के लिए बनाई समन्वय समितियां

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने 'बहुत खराब' श्रेणी की वायु गुणवत्ता वाले दिल्ली के सभी 13 हॉट स्पॉट के लिए अलग-अलग समन्वय समिति का गठन किया है। यह समितियां वहां प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने के साथ-साथ ही उसे कम करने की दिशा में भी आवश्यक कदम उठाएंगी।

राय ने बढ़ते प्रदूषण की स्थिति पर ही शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में राय ने कहा कि जहां पूरी दिल्ली 'खराब' हवा में सांस ले रही है, वहीं सभी 13 हॉट स्पॉट में यह 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 को पार कर गया है।

इन 13 स्थानों में नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर के पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका सेक्टर-8 की पहचान की गई है।

समितियों की अध्यक्षता निगम उपायुक्त करेंगे अध्यक्षता

राय ने कहा कि समन्वय समितियों की अध्यक्षता दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त करेंगे। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के इंजीनियरों को भी सभी हॉट स्पॉट की जिम्मेदारी दी गई है। वे 'ग्रीन वार रूम' को नियमित रिपोर्ट सौंपेंगे।

80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन भी तैनात

राय ने यह भी कहा कि 300 से अधिक एक्यूआई के लिए 13 हॉट स्पॉट पर धूल को प्रमुख कारकों में से एक के रूप में पहचाना गया है। इसीलिए इन क्षेत्रों में धूल प्रदूषण कम करने के लिए 80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन भी तैनात की जा रही हैं। वहीं एमसीडी की टीम कई इलाकों में पानी का छिड़काव कर रही है, ताकि धूल प्रदूषण में कमी लाई जा सके।

हम प्लान बना रहे, लेकिन बीजेपी की सरकारें सो रही: गोपाल राय

राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने पर दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "विपक्ष को कुछ बोलने का हक ही नहीं है। हम प्लान तैयार कर रहे हैं कुछ प्रयास कर रहे लेकिन भाजपा की सरकारें सो रही हैं। उत्तर प्रदेश , हरियाणा , राजस्थान में भाजपा की सरकार सो रही है। केंद्र में भाजपा की सरकार सो रही है। विपरीत मौसम में भी कैसे प्रदूषण का प्रभाव कम हो इसके लिए दिल्ली सरकार सबसे ज्यादा सक्रियता के साथ कर रही है।"


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हवा के साथ-साथ पानी भी प्रदूषित, लोगों को सांस लेने में हो रही परेशानी, यमुना में दिखा सफेद झाग

राजधानी दिल्ली बढ़ते वायु प्रदूषण से जूझ रही है। वहीं दिल्ली की नदियां भी प्रदूषित हो रही है। शनिवार को कालिंदी कुंज इलाके में यमुना नदी पर जहरीला सफेद झाग तैरता देखा गया। राजधानी में धुंध की एक पतली परत छा गई। सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गिरकर 226 पर आ गया, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 'खराब' श्रेणी में रखा है।

सुबह 8 बजे अक्षरधाम और आनंद विहार क्षेत्र में सबसे अधिक AQI 334 था, जिसे 'बहुत खराब' के रूप में चिह्नित किया गया, इसके बाद एम्स और आसपास के क्षेत्रों में AQI 253 था। इंडिया गेट पर, AQI सुबह 8 बजे गिरकर 251 पर आ गया, जिसे 'खराब' श्रेणी में रखा गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, जब AQI को 'खराब' श्रेणी के तहत चिह्नित किया जाता है, तो लंबे समय तक रहने पर अधिकांश लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है, जबकि, 'बहुत खराब' श्रेणी के तहत लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी बीमारी हो सकती है।

अक्षरधाम क्षेत्र के पास प्रदूषण काफी बढ़ गया

एक निवासी आशीष कुमार मीना ने कहा कि पिछले दो दिनों में अक्षरधाम क्षेत्र के पास प्रदूषण काफी बढ़ गया है जिससे निवासियों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, "पिछले दो दिनों में यहां प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है। इससे गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में भी जलन हो रही है। दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ जाएगा। सरकार को प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। जो लोग आग में प्रदूषित पदार्थ जला रहे हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।"

सार्वजनिक परिवहन का करें प्रयोग

एक अन्य निवासी ने कहा कि लोगों को अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "लोगों को अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए और कारपूलिंग की प्रथा में शामिल होने का प्रयास करना चाहिए। इससे शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी।"

सर्दी आते ही हवा होती है प्रदूषित

इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में सर्दी करीब आते ही हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। वजीरपुर में सबसे ज्यादा AQI दर्ज किया गया। मंत्री ने आगे बताया कि संबंधित अधिकारियों को हवा की बिगड़ती गुणवत्ता के पीछे के स्थानीय स्रोतों का पता लगाने का निर्देश दिया गया है।


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प्रदूषण स्तर बढ़ने के बाद जागा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर रोकथाम के लिए करीब एक महीने पहले से सुप्रीम कोर्ट चिंता जाहिर कर रहा है। प्रदेश सरकारों, प्रदूषण विभाग, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग तक को आड़े हाथों लिया। प्रदूषण की रोकथाम के लिए तैयारियां चलने लगीं।

इतना सब होता रहा लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया। अब जब दो दिन पहले ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण लागू हुई तब प्राधिकरण ने एंटी स्मॉग खरीदने की जहमत उठाई। प्राधिकरण के मुताबिक दो मोबाइल एंटी स्मॉग मशीन खरीदने के लिए अनुमति मिल गई है। जल्द कर्मचारियों को मशीन उपलब्ध कराई जाएगी।

देश में हर बार प्रदूषण में शीर्ष पर रहता है ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा देश में प्रदूषण स्तर पर कई बार पहले पायदान पर रह चुका है। तीन दिन पहले 313 एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) दर्ज किया गया था। पिछले दो दिन से 200 के करीब एक्यूआई है। इस वर्ष भी प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही ग्रेटर नोएडा देश के सबसे प्रदूषित शहर में पहले स्थान पा चुका है।

शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव नजर नहीं आ रहा है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट व ईस्ट में निर्माणाधीन साइट पर निगरानी नहीं रखी जा रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी ग्रीन बेल्ट व सड़कों पर छिड़काव नहीं किया जा रहा है। सड़कों व नालों का निर्माण चल रहा है जहां ग्रेप के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा।

प्रदूषण विभाग ने लगाई पेनाल्टी 

इस पर प्रदूषण विभाग ने पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई भी की है। हालांकि प्राधिकरण ने अपने सभी वर्क सर्किल प्रभारियों का वेतन रोक दिया है। यह कार्रवाई प्रदूषण की रोकथाम में लापरवाही बरतने पर की गई है। ग्रेप के नियमों का पालन होने के बाद ही वेतन जारी किया जाएगा। प्राधिकरण का कहना है कि जो भी हॉट स्पॉट चिह्नित है वहां नियमित निगरानी रखने को कहा है।

पराली जलाने पर किसान पर लगा जुर्माना

तहसीलदार ने जेवर बांगर स्थित खेत में किसान की तरफ से पराली जलाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोतवाली पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह कार्रवाई करे। तहसीलदार जेवर विवेक भदौरिया के निर्देश पर कृषि विभाग के सचिन कुमार व लेखपाल धीरेंद्र कुमार ने पुलिस को सूचना देकर शिकायत दर्ज कराई।

जिसमें कहा कि 15अक्टूबर को सेटेलाइट सर्वे सूचना के आधार पर की गई जांच में जेवर के मौहल्ला मानक चौक निवासी खान मोहम्मद द्वारा जेवर बांगर स्थित अपने खेत पर पराली(खेती के अवशेष) जला रहा था। इसकी जांच के लिए कृषि विभाग के कर्मचारी व लेखपाल मौके पर पहुंचे।

जांच के दौरान उन्होंने खान मोहम्मद के खेत में पराली जलती हुई पाई। आरोपित की तरफ से पराली जलाकर मिट्टी व जलवायु मानव स्वास्थ्य को हानि पहुंचाई गई है। तहसीलदार ने आरोपित किसान पर पराली जलाने के आरोप में पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए तहसील कार्यालय में जुर्माना राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं। जुर्माना जमा न करने पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।




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