वो हमारे कपड़े उतरवा रहे थे, पुलिस चुपचाप खड़ी थी

उपभोक्ता जनघोष नई दिल्ली: जाने आलम (Janu choudhary) :  हम पुलिस की गाड़ी में थे। लगा था, वो हमें बचा लेंगे। मैतेई लड़कों की भीड़ ने गाड़ी को घेर लिया। हमें उतारकर इधर-उधर छूने लगे। उन्होंने कहा- जिंदा रहना है, तो कपड़े उतारो। हमने मदद के लिए पुलिसवालों की तरफ देखा, उन्होंने मुंह फेर लिया। फिर हमने कपड़े उतार दिए….’। ये कहना है 21 साल की पीड़िता का। वो ट्रॉमा में है, फोन पर नहीं आती, लेकिन उसकी साथी पूरी कहानी बताती है।

ये उस लड़की की कहानी है, जिसे आपने 19 जुलाई को मणिपुर से वायरल हुए वीडियो में देखा होगा। उस वीडियो में एक महिला और थी। उम्र 42 साल। उनके भी कपड़े उतरवाए गए। वे बताती हैं, ‘उन्होंने कहा- अगर कपड़े नहीं उतारोगी तो मरोगी। खुद को बचाने के लिए मैंने कपड़े उतार दिए। वो मुझे पीटने लगे, मेरे शरीर को छूते रहे। मेरे साथ रेप नहीं हुआ था।

52 साल की एक और महिला थी। वो वीडियो में नहीं हैं, लेकिन कपड़े उनके भी उतरवाए गए। 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़की और ये वीडियो 4 मई का है। वायरल हुए वीडियो की छानबीन के दौरान भास्कर ने पीड़ित महिलाओं के अलावा उस पुलिसवाले से भी बात की, जिसने 18 मई को सबसे पहले इन मामले में कम्प्लेंट दर्ज की थी।

भाई बचाने आया था, भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला…
साइकुल पुलिस स्टेशन में तैनात SHO लुंगथांग वो शख्स हैं, जिन्होंने इस मामले में पहली शिकायत दर्ज की थी। वे बताते हैं, ‘18 मई को बी फाइनोम गांव के मुखिया कांगपोकपी के साइकुल पुलिस स्टेशन आए थे। उनके साथ एक पीड़िता भी थी। मैंने पूरी घटना सुनी और जीरो FIR दर्ज की।

लुंगथांग आगे बताते हैं कि जब पीड़िता (21 साल की लड़की) उनसे मिली, तो वो काफी डरी हुई थी। वो बार-बार रो रही थी। उसने बताया कि वो 4 और लोगों के साथ अपने गांव से जंगल की तरफ भागी। रास्ते में पुलिस की गाड़ी दिखी। पुलिस ने उन्हें साथ ले लिया, पर रास्ते में भीड़ ने पांचों को उतार लिया। 

लुंगथांग के मुताबिक, 'सबसे पहले 56 साल के शख्स को मार दिया गया। फिर महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए कहा। 21 साल की पीड़िता से छेड़छाड़ की गई। उसके 19 साल के भाई ने बचाने की कोशिश की। भीड़ ने उस लड़के को पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद तीनों महिलाओं के कपड़े उतरवाए गए और 21 साल की पीड़िता से गैंगरेप भी किया गया।’

गांव के लोग बोले- मैतेई लिपुन के लोगों ने हमला किया
ये वारदात मणिपुर के थोउबाल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से चंद किमी दूर हुई। पीड़ित के एक रिश्तेदार ने बताया, ‘मैतेई भीड़ बदला लेना चाहती थी। वे लोग कह रहे थे कि कुकी लोगों ने हमारी महिलाओं से रेप किया, अब तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा।’

वे आगे बताते हैं, ‘4 मई को सुबह के करीब 11 बजे का वक्त था। सैकड़ों लड़कों की भीड़ हमारे गांव में घुस आई। सब जान बचाने के लिए जंगल की तरफ भाग गए थे। इन 5 लोगों ने पुलिस से मदद मांगी थी। फिर इन्हें मैतेई भीड़ ने घेर लिया।

वे आरोप लगाते हैं कि आरामबाई टेंगोल, मैतेई युवा संगठन, मैतेई लिपुन और कांगलेइपाक कनबा लुप, विश्व मैतेई परिषद और अनुसूचित जनजाति मांग समिति से जुड़े लड़कों ने हमला किया था।

प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस अधिकारियों से बात करने के बाद हमने इस वायरल वीडियो की घटना की टाइमलाइन तैयार की है:

3 मई, 2023: रात करीब 12 बजे
3 मई की रात से मणिपुर में हिंसा, बवाल, आगजनी का दौर शुरू हो चुका था। मैतेई और कुकी दोनों समुदाय एक-दूसरे के इलाकों में घुसकर मारपीट और आगजनी कर रहे थे। बी फाइनोम गांव में कुकी आबादी अच्छी तादाद में थी।

प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, रात में करीब 3 बजे मैतेई भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ में ज्यादातर लोग काली टीशर्ट पहने हुए थे। लोगों के हाथ में चाकू, लाठियां, राइफल और दूसरे हथियार थे। हालांकि, मैतेई भीड़ में कम लोग थे, कुकी लोगों ने उनका डटकर सामना किया। मैतेई भीड़ शोर करते हुए उस रात लौट गई।

4 मई, 2023: सुबह के करीब 11 बजे 
4 मई की सुबह मैतेई भीड़ ने फिर से बी फाइनोम गांव पर हमला कर दिया। FIR के मुताबिक ‘करीब 800 से 1000 लोग थे। सभी मैतेई युवा संगठनों जैसे मैतेई लिपुन, कांगलेईपाक कन्बा लप, अराम्बाइ तेंगोल, वर्ल्ड मैतेई काउंसिल से जुड़े थे। वे हथियार लेकर आए थे, गांव में घुसकर मारपीट और हिंसा करने लगे। उनके पास कई ऑटोमैटिक राइफल जैसे एके 47, इनसास वगैरह भी थीं।’

साइकुल पुलिस स्टेशन में तब SHO के पद पर तैनात लुंगथांग ने भास्कर को बताया कि 4 मई को सुबह करीब 11 बजे ये घटना नांगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन के पास घटी, मुझे उसी दिन घटना की जानकारी लग गई थी।

बी फाइनोम कांगपोकपी जिले साइकुल सब डिवीजन से करीब 42 किमी दूर है। उग्र मैतेई भीड़ ने गांव के ज्यादातर घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। सामान चुरा लिया। बी फाइनोम गांव के 5 लोग, जिनमें 3 महिलाएं और दो पुरुष थे, जान बचाते हुए जंगल की तरफ भागे।

भाग रहे इन कुकी लोगों को नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की टीम ने बचाया। नोंगपोक सेकमाइ पुलिस स्टेशन से करीब 2 किमी मीटर पहले ही मैतेई भीड़ ने पुलिस की गाड़ी से उन लोगों को बाहर निकाल लिया।

घटना की एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘पहले हमें लगा कि पुलिस हमें बचाएगी, लेकिन पुलिस ने भीड़ का साथ दिया, जो हमारे गांव पर हमला करने आई थी।

53 साल की पीड़िता ने बताया, ‘हम रात से ही डरे हुए थे क्योंकि रात में मैतेई भीड़ ने हमला करने की कोशिश की थी। सुबह फिर से मैतेई भीड़ ने हमला किया। इस बार वे ज्यादा तादाद में आए थे। जान बचाने के लिए हम लोग जंगल की तरफ भागे।’

इसके बाद वो हुआ, जो मणिपुर से आए वीडियो में पूरी दुनिया ने देखा। दो महिलाओं के भीड़ के सामने कपड़े उतरवाए गए, सेक्शुअल हैरेसमेंट और रेप किया गया।

18 मई, 2023: घटना की पहली शिकायत दर्ज हुई
पीड़ित घटना के कई दिन बाद तक दंगे की वजह से पुलिस स्टेशन नहीं गए। साइकुल के SHO लुंगथांग ने बताया कि वारदात के करीब 2 हफ्ते बाद 18 मई को बी फाइनोम गांव के मुखिया पुलिस स्टेशन आए। हमने उनकी तहरीर के आधार पर जीरो FIR दर्ज की। FIR में बताया गया कि दंगे और तनाव के हालात की वजह से केस को तुरंत रिपोर्ट नहीं किया जा सका।

लुनथांग ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले जीरो FIR दर्ज की और फिर वारदात वाले पुलिस स्टेशन नांगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन को केस ट्रांसफर कर दिया। इस मामले में IPC की धारा 302 (हत्या), 354 (महिला से छेड़छाड़ और अभद्रता), 376 (बलात्कार), 326 (गहरी चोट पहुंचाना) के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई। ये FIR मैतेई युवा संगठनों के खिलाफ दर्ज की गई।

19 जुलाई, 2023: VIDEO वायरल हुआ
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें हिंसक भीड़ दो महिलाओं को ले जाते दिख रही है। महिलाओं के शरीर पर कपड़े नहीं हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद से बवाल मच गया।

रात करीब 10 बजे मणिपुर पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि वायरल वीडियो के मामले में किडनैपिंग, बलात्कार और हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में नोंगपोक सेकमाई थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। राज्य की पुलिस आरोपियों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रही है।

वीडियो में दिख रहे 4 लोग अरेस्ट, इनमें मुख्य आरोपी भी
वीडियो में लड़की को पकड़े हुए दिख रहा हुइरेम हेरोदास मैतेई को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। पेची अवांग लीकाई के रहने वाले 32 साल के हुइरेम को पुलिस ने मुख्य आरोपी माना है। पहचान होने के बाद पुलिस ने उसे गुरुवार सुबह थाऊबेल जिले से अरेस्ट किया है। इस बीच गांव वालों ने हेरोदास के घर में आग लगा दी और उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया। गुरुवार शाम को तीन और आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया। 

भीड़ मैतेई समुदाय की थी। समुदाय के बड़े ऑर्गेनाइजेशन में शामिल मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) ने कहा कि इस क्लिप से पूरा मैतेई समुदाय गहरी शर्म और पीड़ा में है। हमें भरोसा है कि इसमें शामिल सभी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

चुराचांदपुर में प्रदर्शन, बारिश के बावजूद पहुंचे लोग
वायरल वीडियो सामने आने के बाद कुकी बहुल इलाके के सबसे बड़े जिले चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में इंडिजिनस ट्राइब लीडर्स फोरम यानी ITLF ने गुरुवार को प्रोटेस्ट किया। बारिश के बावजूद हजारों लोग इस प्रदर्शन में पहुंचे।

ITLF के प्रवक्ता गुबजा ने बताया कि ‘सिर्फ इन लड़कियों से रेप नहीं हुआ, ऐसे कई मामले हैं। जिन लड़कियों के साथ ऐसे अपराध हुए, वे ट्रॉमा में हैं, इसलिए बाहर नहीं आ रहीं। हम इन मामलों की जानकारी इकट्ठी कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री बोले- मेरा दिल पीड़ा और क्रोध से भरा है
PM मोदी ने कहा, 'मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें। माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं। हिंदुस्तान के किसी भी कोने या किसी भी राज्य में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है। 

सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। CJI ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। 

इंफाल वैली के 5 जिलों में कर्फ्यू, CRPF ने दो सीनियर अफसर तैनात किए
राज्य सरकार ने इंफाल वैली के 5 जिलों में बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया है। ये जिले इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, काकचिंग और थोऊबुल हैं। CRPF ने नगालैंड और असम से दो सीनियर अफसरों को मणिपुर में तैनात किया है।

साथ ही कांगपोकपी और जिरबम जिले में दो टैक्टिकल हेडक्वार्टर बनाए जाएंगे। CRPF का एक हेडक्वार्टर इंफाल में पहले से है। इस समय मणिपुर में राज्य पुलिस के साथ CRPF की 124 कंपनियां और सेना के 184 कॉलम तैनात हैं। एक कॉलम में 80 से 100 सैनिक होते हैं।

दंगाइयों के पास सुरक्षाबलों से लूटे 3 हजार हथियार
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, आपस में लड़ रहे मैतेई और कुकी समुदायों के पास 3 हजार हथियार हैं। ये हथियार सुरक्षाबलों से लूटे गए थे। इनमें .303 राइफलें, मीडियम मशीन गन , AK असॉल्ट राइफलें, कार्बाइन, इंसास, लाइट मशीन गन, एम-16 और एमपी-5 राइफलें शामिल हैं। इसके अलावा 6 लाख से ज्यादा गोलियां भी हैं।

अफसरों के मुताबिक, मई में पुलिस के लगभग 4,537 हथियार और 6.32 लाख गोलियां लूटी गई थीं। इन्हें ईस्ट इंफाल के पांगेई के मणिपुर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, खाबेइसोई के 7वीं इंडिया रिजर्व बटालियन और 8वीं मणिपुर राइफल्स से लूटा गया था। इनमें 2,900 हथियार काफी घातक हैं।

इनके अलावा, आंसू गैस और मिनी फ्लेयर बंदूकें भी लूटी गई हैं। ज्यादातर हथियार और गोला-बारूद घाटी के दंगाइयों के पास हैं। पहाड़ी इलाकों में दंगाइयों के पास सिर्फ 5% हथियार है।

गांवों में हमले से बचने के लिए लोगों ने पुंपी गन्स तैयार की हैं। पुंपी गन मतलब लोहे के मजबूत पाइप से जुगाड़ करके बनाई हुई राइफल या ऑटोमैटिक गन। ऐसे ही रॉकेट लॉन्चर भी बनाए गए हैं।

भीड़ ने IG के काफिले पर हमला किया, कार जलाई
इंफाल वेस्ट में 17 जुलाई की रात भीड़ ने IG रैंक के अधिकारी के काफिले पर हमला किया। लोगों ने उनकी कार जला दी। 2005 बैच के IPS अधिकारी कबीब के. अपने एस्कॉर्ट के साथ क्वाकीथेल इलाके में थे, तभी उन्हें भीड़ ने घेर लिया। हमले में एस्कॉर्ट टीम में शामिल जवान भी घायल हुआ है। 

160 लोगों की मौत, 60 हजार विस्थापित
3 मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा की शुरुआत मैतेई कम्युनिटी को ST दर्जा देने की मांग के विरोध से हुई थी। इसके खिलाफ पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' बुलाया गया था।

इसी मार्च के बाद हिंसा भड़क गई। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53% है। वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। शेड्यूल ट्राइब में शामिल नगा और कुकी 40% हैं। ये पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

हिंसा के बाद मणिपुर राज्य एक तरह से बंट गया है। हिंसा का सबसे ज्यादा शिकार वे लोग हुए, जो अपने इलाके में अल्पसंख्यक थे। घाटी वाले मैतेई बहुल इलाकों में रहने वाले कुकी, दूसरी तरफ पहाड़ी इलाकों में रहने वाले मैतेई।

करीब 60 हजार लोग अपना घर छोड़ राहत शिविरों में विस्थापित हो चुके हैं। उनके लिए बने रिफ्यूजी कैंप भी उसी तरह बने हुए हैं। पूरी इंफाल घाटी में एक भी कुकी राहत कैंप नहीं है, वहीं पहाड़ी इलाकों में एक भी मैतेई कैंप नहीं है। फिलहाल मणिपुर में करीब 350 रिफ्यूजी कैंप हैं।

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गीता कॉलोनी में मृत महिला के टुकड़े मिले

उपभोक्ता जनघोष नई दिल्ली ; जाने आलम (Janu choudhary) दिल्ली की गीता कॉलोनी में फ्लाईओवर के पास एक महिला के शव के टुकड़े मिले हैं। ये दो काले बैग में थे। एक में सिर और दूसरे बैग में बाकी अंग थे। पुलिस का कहना है कि कुछ अंग मिसिंग हैं जिनकी तलाश की जा रही है। अभी मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। 

बाल बड़े, इससे महिला का शव होने का अनुमान
डिप्टी कमिश्नर सागर सिंह कलसी ने कहा, एक स्थानीय नागरिक ने पुलिस को सुबह सवा नौ बजे शव के टुकड़े मिलने की जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इसे बरामद कर लिया। कटे हुए सिर पर बड़े बाल हैं इससे अनुमान लगाया गया कि यह महिला का शव है।

ड्रोन से बाकी अंग तलाशे जा रहे
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि महिला की उम्र 35-40 साल है, लेकिन ऑर्थो फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद इसकी पुष्टि होगी। कोतवाली थाने में हत्या का केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच के लिए क्राइम और फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। हम और सबूत इकट्ठे करने के लिए ड्रोन की मदद से इलाके में तलाशी कर रहे हैं।

दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में 28 मई को 16 साल की साक्षी की सरेराह हत्या कर दी गई थी। आरोपी साहिल जब साक्षी पर हमला कर रहा था, तब यह घटना पास लगे CCTV में कैप्चर हो गई। जिसमें दिखाई दे रहा है कि साहिल ने साक्षी को 20 से ज्यादा बार चाकू मारा था, 6 बार उसके सिर पर पत्थर भी पटका था। पुलिस के मुताबिक, दोनों रिलेशनशिप में थे, लेकिन शनिवार को किसी बात पर दोनों का झगड़ा हो गया था, जिससे साहिल ने साक्षी की हत्या कर दी थी।  

इसी साल फरवरी में दिल्ली में निक्की यादव हत्याकांड सामने आया था। निक्की यादव नाम की एक लड़की की उसके लिव इन पार्टनर साहिल गहलोत ने हत्या कर दी थी। दोनों के बीच शादी को लेकर झगड़ा हुआ था। 10 फरवरी को हत्या वाले दिन साहिल ने निक्की को बुलाया और दोनों कार से घूमने निकल गए। दोनों ISBT कश्मीरी गेट के पास पहुंचे। यहां फिर से उनका झगड़ा हुआ और गुस्साए साहिल ने कार में ही मोबाइल केबल से निक्की का गला घोंट दिया। निक्की की हत्या के बाद साहिल ने अपने ढाबे के फ्रिज में निक्की का शव छिपा दिया था।


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अतीक-अशरफ के शव असद की कब्र के पास दफनाए गए

माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई। पुलिस दोनों को मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जा रही थी। पत्रकार साथ-साथ चलते हुए अतीक और अशरफ से सवाल कर रहे थे। इसी बीच तीन हमलावर पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आए और अतीक के सिर में गोली मार दी, फिर अशरफ पर फायरिंग की। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। इनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। हमले के तुरंत बाद ही तीनों ने सरेंडर कर दिया। लवलेश बांदा, अरुण कासगंज और सनी हमीरपुर का रहने वाला है। उनसे हथियार बरामद किए गए हैं। कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी है। सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया- तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। यहां अतीक का बेटा अली भी कैद है।

अतीक-अशरफ के शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद कसारी-मसारी स्थित कब्रिस्तान में इस्लामिक रीति-रिवाज से दफनाया गया। दोनों के शव को अतीक का बहनोई और दो रिश्तेदार लेकर पहुंचे थे। अतीक के दोनों छोटे बेटों को बाल सुधार गृह से लाया गया था। अतीक के बेटे असद की कब्र के पास दोनों की कब्र खुदवाई गई थीं। अशरफ की बेटी और पत्नी जैनब भी कब्रिस्तान में मौजूद रहीं।

कब्रिस्तान में सिर्फ चुनिंदा रिश्तेदारों को जाने दिया गया। कब्रिस्तान से करीब 300 मीटर दूर सभी को रोक दिया गया। मीडियाकर्मियों को कब्रिस्तान के बाहर तक जाने दिया गया। हालांकि, उनके नाम और मोबाइल नोट किए जा रहे हैं। पूरे शहर में तगड़ी सुरक्षा है। जगह-जगह फोर्स तैनात है।

आज के अपडेट्स

  • यूपी के गृह विभाग ने हत्याकांड की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया है। यह आयोग 2 महीने के अंदर मामले की जांच करके शासन को रिपोर्ट सौंपेगा। आयोग को हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी लीड करेंगे। इसमें रिटायर्ड डीजीपी सुबेश सिंह, जिला कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार सोनी को भी शामिल किया गया है।
  • FIR में यह सामने आया है कि शनिवार रात अतीक-अशरफ पर हमले के दौरान एक शूटर लवलेश तिवारी को भी गोली लगी है। हमलावरों की फायरिंग में लवलेश घायल हुआ है।
  • घटना के बाद उमेश पाल के घर की सुरक्षा में PAC-RAF और पुलिस के करीब 100 जवान तैनात हैं। पत्नी जया पाल और मां शांति देवी को किसी से मिलने की इजाजत नहीं है।
  • यूपी STF ने महाराष्ट्र के नासिक में शनिवार शाम छापा मारा है। भास्कर को सूत्रों ने बताया कि STF ने वेलकम होटल से एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है।

  • आज के 2 बयान...

    1. आरोपी लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी बोले, 'हमें जानकारी नहीं है और ना हमारा इससे कोई लेना-देना है। 5-6 दिन पहले आया था। उसका घर से कोई लेना-देना नहीं था। सालों से बोलचाल बंद है। थप्पड़ मारने के केस में जेल गया था, तब से बातचीत बंद है। नशा करता है। हमने उसे त्याग दिया है।'

    2. दूसरे आरोपी सनी सिंह के भाई ने कहा, अतीक-अशरफ को गोली मारने वालों में दूसरा शूटर सनी सिंह है। वह हमीरपुर का रहने वाला है। उसके भाई पिंटू सिंह ने ANI से बातचीत में कहा- 'हम लोग 3 भाई थे, जिसमें से एक की मृत्यु हो गई। सनी के ऊपर पहले से मामले दर्ज हैं। वह कुछ नहीं करता था। हम उससे अलग रहते हैं। वह बचपन में ही घर छोड़कर भाग गया था।'

  • जेल में बंद बेटा बेहोश हो गया
    अतीक की मौत की खबर सुनते ही नैनी जेल में बंद अतीक का दूसरा बेटा अली बेहोश हो गया। अतीक के दो नाबालिग बेटे राजरूपपुर बाल सुधार गृह में हैं। उनका टीवी कनेक्शन काट दिया गया।

    योगी की अफसरों के साथ मीटिंग
    घटना के बाद योगी आदित्यनाथ ने अफसरों के साथ इमरजेंसी मीटिंग की। उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई। संवेदनशील इलाकों में पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ और UP की पूर्व CM मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल देने की मांग की है।

    14 तारीख को भी अतीक की तबीयत बिगड़ने पर कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था
    अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज के सीजेएम कोर्ट ने 13 से 17 अप्रैल तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा था। 13 अप्रैल की रात यानी गुरुवार को ही यूपी पुलिस और ATS ने दोनों से पूछताछ शुरू की। ये पूछताछ 23 घंटे तक चली। दोनों से करीब 200 सवाल पूछे गए थे।

    सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान अतीक ने कबूला था कि वह पाकिस्तान से हथियार की सप्लाई लेता रहा है। अहमदाबाद जेल से उसने ISI एजेंट को फोन किया था। यही नहीं, अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड की साजिश का जुर्म भी कबूल किया। अशरफ ने पुलिस को बताया कि किसी चैनल से हथियार पंजाब के एक फॉर्म हाउस तक पहुंच जाते थे।

    पूछताछ के दौरान अतीक गिड़गिड़ाता रहा। वह बेटे के जनाजे में शामिल होने की मिन्नतें करता रहा। इसी दौरान 14 तारीख की शाम को अतीक की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उसे और अशरफ को एक ही हथकड़ी में प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया।

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अतीक और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या

अतीक और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या कर दी गई है। हत्या किसने की यह अभी पता नहीं चला है।

माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हत्या कर दी गई है। जब पुलिस अतीक को लेकर कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल टेस्ट के लिए ले जा रही थी, तभी तीन लोगों ने पुलिस की गाड़ी पर हमला कर दिया। हमले में अतीक और अशरफ की मौत हो गई। हत्या के बाद तीनों हमलावरों ने सरेंडर कर दिया है। हालांकि यूपी पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी कह नहीं रही है।

गुरुवार को झांसी में हुआ था अतीक के बेटे का एनकाउंटर, शनिवार सुबह दफनाया गया
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम का गुरुवार दोपहर साढ़े 12 से एक बजे के बीच झांसी में एनकाउंटर हुआ था। यूपी STF ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड के शूटर्स की लोकेशन मिलने के बाद STF की एक टीम बुधवार को झांसी पहुंची थी। STF को शुरुआती जानकारी गुड्‌डू मुस्लिम के छिपे होने की मिली थी। बाद में सोर्स ने असद और शूटर गुलाम के भी झांसी में चिरगांव के पास होने की जानकारी दी। हालांकि गुड्डू मुस्लिम तो STF के हाथ नहीं लगा, लेकिन असद और गुलाम STF के हत्थे चढ़ गए।

असद और गुलाम की लोकेशन मिलने के बाद STF दोनों को जिंदा पकड़ना चाहती थी, लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। STF की जवाबी फायरिंग में दोनों मारे गए। असद को दो, जबकि गुलाम को एक गोली लगी। शनिवार सुबह 10 बजे असद को प्रयागराज के कब्रिस्तान में दफनाया गया।

अखिलेश यादव बोले- UP में अपराध की पराकाष्ठा हो गई
UP में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।

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लड़की पर गंडासे से हमला, बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक सिरफिरे शख्स ने नाबालिग लड़की के घर में घुसकर उस पर गंडासे से हमला कर दिया। खून से लथपथ लड़की जान बचाने के लिए भागी तो युवक ने उसका पीछा किया और सड़क पर उसके बाल पकड़कर घसीटने लगा। इस दौरान आरोपी ने अपने ऊपर भी हमला किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

घटना गुढ़ियारी इलाके की है। परिजनों के मुताबिक उनकी लड़की आरोपी ओंकार तिवारी के मसाला सेंटर में काम करती थी। तिवारी ने लड़की की मां से कहा था- मुझे अपनी बेटी दे दो, मैं उसे पत्नी बनाकर रखूंगा। घर वालों ने इससे इनकार कर दिया था। इसी बात से नाराज होकर ओंकार तिवारी ने घटना को अंजाम दिया है। 

गर्दन और शरीर के कई हिस्सों पर आई चोट
परिजनों ने बताया कि शनिवार रात सनकी ओंकार तिवारी गंडासा लेकर उनके घर में घुसा। फिर परिवार के लोगों के साथ बदसलूकी की। लड़की को पीटा और फिर उसके गर्दन और शरीर के कई हिस्सों पर गंडासे से हमला कर दिया। इस दौरान खून से लथपथ लड़की बचने के लिए बाहर भागी, लेकिन वह दौड़ते ही सड़क पर गिर पड़ी। लड़की के परिजन भी उसे संभालने की कोशिश करते रहे। तब तक बदमाश ने फिर से लड़की पर हमला कर दिया। 

1 से डेढ़ घंटे तक सड़क पर खतरनाक मंजर
कई लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया है। इसमें नजर आता है कि खून से लथपथ लड़की दर्द से कराह रही है और आरोपी ओंकार उसके बाल पकड़कर खींचता हुआ सड़क पर बेधड़क आगे बढ़ रहा है। उसके हाथ में गंडासा भी है। इस दौरान आसपास लोग भी आते-जाते दिख रहे हैं, लेकिन कोई लड़की को बचाने की कोशिश नहीं कर रहा।

सड़क के बीचों-बीच यह वाकया एक से डेढ़ घंटे तक चलता रहा, लेकिन पुलिस को कुछ पता ही नहीं चला। जबकि घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर गुढ़ियारी थाना भी है। कुछ लोगों ने जब घटना की जानकारी दी, तब प्रशासन हरकत में आया और युवक को गिरफ्तार किया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल लड़की का इलाज चल रहा है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

लड़की को जलाने की तैयारी में था आरोपी
परिजनों का कहना है कि आरोपी ओंकार तिवारी के पास केरोसिन भी मिला है। जब वह लड़की के घर पहुंचा तो इसके पास मिट्टी का तेल मौजूद था। लड़की पर यह तेल डालकर उसे जलाने की कोशिश भी आरोपी करने वाला था। फिलहाल पुलिस आरोपी और लड़की के परिजनों से पूछताछ कर रही है। लड़की की हालत ठीक होने पर पुलिस उसका भी बयान लेगी।

आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज

गुढ़ियारी थाना प्रभारी अलेक्जेंडर कीरो के मुताबिक आरोपी ओंकार तिवारी नाबालिग से विवाह करना चाहता था, जबकि नाबालिग लगातार इनकार कर रही थी। दोनों के बीच पिछले कुछ महीनों से इसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। आखिरकार आरोपी ने लड़की पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

47 साल का ओंकार तिवारी उर्फ मनोज गुढ़ियारी के दुर्गा चौक आंगनबाड़ी के पास बड़ा अशोक नगर इलाके में रहता है। गुढ़ियारी इलाके में ही तिवारी मसाला सेंटर नाम की दुकान चलाता है। लड़की 6 महीने पहले सितंबर 2022 में उसकी दुकान में काम करने पहुंची थी। वह वहां उसके साथ छेड़छाड़ करता था, जिसके चलते लड़की ने काम छोड़ दिया था।

मजदूरी करते हैं माता-पिता

नाबालिग लड़की के माता-पिता मजदूरी करते हैं। लड़की का एक भाई भी है। उसी ने थाने पहुंचकर इस मामले में FIR दर्ज करवाई है। जिस वक्त घटना हुई, लड़की अपनी मां के साथ घर पर मौजूद थी। पूरी घटना शनिवार रात 8 बजे की है।

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राखी सावंत के पति पर रेप केस

मुंबई: राखी सावंत के पति आदिल खान दुर्रानी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। अब आदिल के खिलाफ एक ईरानी महिला ने रेप का केस दर्ज कराया है। महिला का आरोप है कि आदिल ने उसे शादी का झांसा देकर 5 महीने तक रेप किया।

महिला ने मैसूर के वीवी पुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आदिल के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 417,420, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इससे पहले राखी सावंत ने भी आदिल पर धोखाधड़ी और मारपीट का आरोप लगाया था।

फ्लैट में साथ रहते थे, शादी से किया इनकार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरानी महिला फार्मेसी की पढ़ाई के लिए इंडिया आई थी। उसने मैसूर के कॉलेज में दाखिला ले लिया, वहीं पर उसकी मुलाकात आदिल से हुई। आदिल वहीं एक फूड आउटलेट का मालिक था, ईरानी महिला अक्सर वहां जाया करती थी।

धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं। दोनों एक साथ फ्लैट में शिफ्ट में हो गए, लेकिन जब महिला ने आदिल से शादी की बात कही तो उसने ये कहते हुए साफ मना कर दिया कि उसके कई लड़कियों से ऐसे ही संबंध रहे हैं।

जान से मारने की धमकी दी
ईरानी महिला ने आदिल से कहा कि अगर वह उससे शादी नहीं करेगा तो वह पुलिस में उसकी शिकायत कर देगी। आदिल ने तब उसे दो नंबरों से इंटिमेट फोटोज भेजे और कहा कि अगर वह पुलिस में गई तो ये फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर कर देगा। साथ ही उसके पेरेंट्स को भी भेज देगा। आदिल ने उसे जान से मारने की भी धमकी दी। पीड़ित महिला ने पुलिस को वो दोनों नंबर्स भी दिखाए।

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प्लेटफॉर्म पर सो रही पत्नी को जगाकर चलती ट्रेन के आगे धकेला, महिला की मौत

मुंबई: एक पति ने रेलवे प्लेटफॉर्म पर सो रही अपनी पत्नी को उठाकर चलती ट्रेन के आगे फेंक दिया. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. वहीं आरोपी पति मौके से फरार हो गया. ये वारदात मुंबई के वसई रेलवे स्टेशन की है. पुलिस के अनुसार घटना सोमवार सुबह 4 बजे की है. रेलवे स्टेशन में लगे CCTV में ये पूरी घटना कैद हुई है. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक शख्स एक सो रही महिला को आधी नींद से उठा कर प्लेटफॉर्म के किनारे तक ले गया. उसके बाद ट्रेन के आगे उसे धक्का दे दिया. फिर आरोपी प्लेटफॉर्म पर सोए अपने दो बच्चों को उठाकर वहां से भाग गया. 

हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि आरोपी का महिला से क्या संबंध था. लेकिन माना जा रहा है कि वो उसका पति है. घटना पर वसई पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी, महिला और बच्चों के साथ रविवार दोपहर से प्लेटफॉर्म नम्बर पांच पर मौजूद था. सुबह 4 बजे के करीब शख्स ने सो रही महिला को उठाया और उसे अवध एक्सप्रेस के आगे धकेल दिया. जिसके कारण महिला की मौके पर ही मौत हो गई और आरोपी अपने बच्चों के साथ फरार हो गया. पुलिस ने ंमामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी की तलाश में लग गई है. आसपास के सीसीटीवी की मदद से ये पता लगाने में लगी है कि  आरोपी कहां भागा है. 

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पाली में पटवारी व दलाल 30 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

जयपुर। राजस्थान के पाली में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने एक पटवारी व उसके दलाल को 30 हजार रुपये की कथित रिश्वत लेते हुए मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।

 

यहां जारी बयान के अनुसार, एसीबी की टीम ने पाली के हल्का पटवारी कमल किशोर व उसके दलाल चिकूराम सांसी (निजी व्यक्ति) को परिवादी से 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

 

परिवादी ने शिकायत देकर आरोप लगाया था कि एसडीएम अदालत के फैसले के तहत रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण करने की एवज में पटवारी कमल किशोर अपने दलाल के माध्यम से 30 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है।

 

एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन कर मंगलवार को जाल बिछाकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

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महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी मामला: अब ठाणे पुलिस ने कालीचरण महाराज को किया गिरफ्तार

ठाणे (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के ठाणे शहर की पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

 

नौपाड़ा थाने के एक अधिकारी ने बताया कि कालीचरण महाराज को बुधवार रात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से गिरफ्तार किया गया, जहां वह ऐसे ही एक मामले में जेल में बंद था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर ठाणे लाया जा रहा है और बृहस्पतिवार शाम तक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।

 

इससे पहले, पिछले साल 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने के आरोप में रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया था। वहीं, 12 जनवरी को महाराष्ट्र के वर्धा की पुलिस ने उसे इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तार किया था।

 

नौपाड़ा थाने के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपिता के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र अव्हाड की शिकायत के आधार पर कालीचरण के खिलाफ दर्ज मामले में रायपुर से उसे गिरफ्तार किया गया।

 

इससे पहले, पुणे पुलिस ने भी 19 दिसंबर 2021 को वहां आयोजित ‘शिव प्रताप दिन’ कार्यक्रम में कथित रूप से भड़काऊ भाषण के मामले में कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मुगल सेनापति अफजल खान को मारे जाने की घटना की याद में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

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साढ़े तीन साल के मासूम बच्चे से कुकर्म और हत्या के एक और मामले में सुरेंद्र कोली बरी

उत्तर प्रदेश। गाजियाबाद स्थित स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने नोएडा के निठारी कांड से जुड़े हत्या के एक और मामले में सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। कोली पर साढ़े तीन साल के मासूम को अगवा कर कुकर्म के बाद हत्या और शव नाले में छिपाने का आरोप था। अदालत ने पुख्ता साक्ष्य के अभाव में सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त ठहराया।

 

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश राकेश त्रिपाठी की अदालत में गुरुवार को निठारी कांड के 15वें मामले में अंतिम सुनवाई हुई। कोली पर नोएडा के सेक्टर 31 के जलकल कंपाउंड के बाहर से 23 फरवरी 2006 की शाम साढ़े तीन साल के बच्चे के अपहरण कर हत्या करने का आरोप था। अगले दिन बच्चे के पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में अज्ञात के खिलाफ बेटे के अपहरण का मुकदमा कराया था। पुलिस ने छानबीन शुरू की। उस दौरान निठारी गांव से लगातार बच्चे-बच्चियों के गायब होने के मामले सामने आए थे।

 

पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 29 दिसंबर 2006 को सेक्टर 31 के कोठी नंबर डी-पांच के नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद में कोठी मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सभी केसों को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था। पुलिस ने सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर गायब बच्चों के बारे में पूछताछ की तो उसने काफी राज उगले। इसी आधार पर कोठी के सामने के नालों में तलाशी ली तो कई के कंकाल, कपड़े, बालों के गुच्छे और जूते-चप्पल बरामद हुए।

 

पुलिस के बुलावे पर बच्चे के पिता ने बरामद एक चप्पल से बेटे की हत्या होने की बात कही। सीबीआई ने अपहरण कर कुकर्म के बाद हत्या कर शव छिपाने का मुकदमा कर विवेचना शुरू की थी। साल 2009 में दाखिल आरोप पत्र में सीबीआई ने सिर्फ सुरेंद्र कोली को सभी मामलों में आरोपी बनाकर आरोप पत्र पेश किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 32 गवाह पेश किए गए। विशेष अदालत ने गुरुवार के कोली के 15 वें मामले में अगवा कर हत्या, कुकर्म और साक्ष्य छिपाने के सभी आरोपों से बरी करने के आदेश दिए।

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