WhatsApp ने लॉन्च कर दिया ऐसा फीचर, जो साइबर अपराधियों को करेगा मदद

 अभी तक आप जब वॉट्सऐप के जरिए ऑडियो या वीडियो कॉल करते थे, तो उसका आईपी एड्रेस आ जाता था, जिससे पुलिस और सरकार इसे आसानी से ट्रैक कर सकती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

वॉट्सऐप ने हाल ही में एक ऐसा फीचर लॉन्च कर दिया है, जो साइबर अपराधियों और आतंकियों के लिए मददगार साबित हो सकता है. दरअसल वॉट्सऐप ने कॉल के दौरान आईपी एड्रेस छुपाने का एक नया फीचर लॉन्च किया है, जिसे "Protect IP address in Call" कहा जा रहा है. इस फीचर का विरोध कई देशों और साइबर एक्सपर्ट के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन अभी तक वॉट्सऐप की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. आइए जानते हैं इस फीचर के बारे में डिटेल.

कैसे काम करेगा ये फीचर

अभी तक आप जब वॉट्सऐप के जरिए ऑडियो या वीडियो कॉल करते थे, तो उसका आईपी एड्रेस आ जाता था, जिससे पुलिस और सरकार इसे आसानी से ट्रैक कर सकती थी. लेकिन जब से वॉट्सऐप ने Protect IP address in Call लॉन्च किया है, तब से वॉट्सऐप कॉल के दौरान आईपी एड्रेस हिडन रहेगा और कॉल करने वाले को ट्रैक नहीं किया जा सकेगा.  

साइबर अपराध को मिलेगा बढ़ावा

वॉट्सऐप के इस फीचर की वजह से अपराधी पुलिस की पहुंच से काफी दूर हो जाएगे, क्योंकि अभी तक वॉट्सऐप पर कॉल आने पर इसका आईपी एड्रेस आसानी से उपलब्ध हो जाता था. जिसकी मदद से पुलिस उन तक आसानी से पहुंच जाती थी. लेकिन अब पुलिस को आईपी एड्रेस पता करने के लिए वॉट्सऐप से मदद मांगनी होगी, जिसमें काफी समय लगेगा और अपराधी इसी का फायदा उठायेगे. 

क्या होता है IP Address?

बताते चलें की IP Address यूजर के मोबाइल नेटवर्क यानी होस्ट और इंटरनेट के बीच एक 12 अंकों का यूनिक एड्रेस यानी डिजिटल पता होता है जिसका उपयोग डिवाइस आपस में कम्युनिकेशन के लिए करते हैं.  इस IP ADDRESS के माध्यम से व्यक्ति के नेटवर्क प्रोवाइडर से लेकर व्यक्ति किस स्थान पर पर मौजूद है इसके बारे में भी पता लगाया जा सकता है और यह साइबर FORENSIC जगत का बेहद खास टूल है,जिससे जांच एजेंसियां साइबर जगत में अपराध करने वालों तक पहुंचती हैं.


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आधुनिक जीवन और उसके संघर्ष

मुंबई उपभोक्ता जनघोष:  आज की भागदौड़ भरी दुनिया में तनाव हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। लोग खुद पर ध्यान देना भूल गए हैं. आधुनिक जीवन की माँगों के कारण, लोग अपने परिवार, दोस्तों, शौक और सबसे महत्वपूर्ण, अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करते हैं। लोग काम से तनाव लेते हैं.   तनाव सर्वव्यापी प्रतीत होता है, चाहे वह काम का दबाव हो, रिश्तों का दबाव हो, या समाज की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए निरंतर संघर्ष हो।

अगर हम इन दिनों लोगों के तनावपूर्ण जीवन को देखें, तो हम देख सकते हैं कि काम का दबाव, जैसे कि आधुनिक कार्यस्थल, अक्सर तनाव के लिए प्रजनन स्थल होता है। लंबे समय तक काम करना और अपने बॉस द्वारा डांटे जाना या नौकरी का वादा कभी-कभी आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है।

आर्थिक चिंताएँ भी आत्मा के लिए एक बड़ी समस्या हैं। चाहे वह चीजों की कीमत बढ़ाना हो या बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल खर्च या घर का भुगतान। आधुनिक जीवन में संघर्ष बढ़ता जा रहा है। लोगों के मानसिक जीवन पर इसका प्रभाव बढ़ता जा रहा है। और आरामदायक जीवनशैली की चाहत वित्तीय तनाव का कारण बन सकती है।

आजकल रिश्तों का संघर्ष जैसे एक स्वस्थ रिश्ते को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ग़लतफ़हमी, रिश्तों का टूटना या अन्य कई कारण इसका कारण हो सकते हैं। और ये सभी कारण भावनात्मक तनाव का कारण बन सकते हैं।

 बढ़ती बीमारी हो, बदलता मौसम हो, अस्वास्थ्यकर आहार हो या नींद की कमी, ये सभी चीजें हमारे जीवन पर तनाव डालती हैं। खासकर दिल और दिमाग पर जो कमजोरी और थकान का कारण बनता है।

 तनाव हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। यह चिंता, अवसाद, अनिद्रा जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और हृदय रोग, बीपी, मधुमेह, मोटापा और पाचन समस्याओं जैसी विभिन्न शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है या इन सब से बचने के लिए. सुबह जल्दी उठकर व्यायाम, ध्यान या फिर थोड़ी देर टहलने से भी हमें अत्यधिक लाभ मिल सकता है। सुबह उठकर ध्यान करने से आप बेहतर सोच सकते हैं। और ध्यान करके आप किसी भी चीज़ पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। और ये सभी तरीके हमारे तनाव को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। आज की दुनिया में जीना निस्संदेह कठिन लगता है क्योंकि यह हमारे जीवन को कठिन बना देता है

तनावपूर्ण लेकिन अगर हम स्वस्थ को नियमित रूप दें तो यह संभव है। और यदि हम नियमों का ठीक से पालन करें तो हम तनाव को आसानी से कम कर सकते हैं और संतुलित और खुशहाल जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।  याद रखें, दुनिया की चुनौतियों का सामना करते समय अपने अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है।

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आज के समय का महत्त्व

 मुंबई : क्या हैं ये समय ? क्यों हैं इस समय को समझने की जरूरत हर किसी को ? कोई कहता हैं समय से उठो , समय से खाओ , पर बहुत कम व्यक्ति ये कहता है की खुदको समाय दो । समय यानि वक्त ; एक ऐसी धारा हैं जिसमें हर जीव जंतुओं को बहना हैं हर रोज हर दिन । टाइम से नहीं उठे तो दिनचर्य बिगड़ जाता हैं , पर खुदको समय देकर कितना सुकून मिलता हैं ये किसी ने बहुत कम समझाया हैं ।

  २१ वीं सदी चल रही हैं , वक्त का पहिया अपनी रफ्तार को धीरे धीरे बढ़ा रहा है । बहुत सी चीजें बदल गई हैं स्मार्ट फोन का दौर – जिसका इस्तमाल हर व्यक्ति रोजाना करता हैं ; बच्चा हो या कोई बुज़ुर्ग आज हर किसी को इसका इस्तमाल करना आता हैं । पहले मम्मी लोरी गा कर बच्चो को चुप कराती थीं अब तो गाने स्मार्ट फोन में ऑन करके छोड़ देती हैं ।

 कहते हैं की हर सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही हर अच्छी चीज़ बुरी भी होती हैं। स्मार्ट फोन ने कई तरह के काम आसान कर दिए हैं, अब दफ़्तर जाते वक्त दुनिया भर का भार नहीं उठाना पढ़ता हैं ना की कुछ खरीदने मार्केट जाना पढ़ता हैं । वैसे ही पूरा दिन एक जगह बैठ कर स्मार्ट फोन इस्तमाल करना शरीर को नुकसान पहुंचाता हैं।

 उपभोक्ता जनघोष आप सभी को , आपके सेहत के प्रति  आगाह करना चाहता हैं – कुछ वक्त अपने आप को भी दो; योग करो ( मेडिटेशन, योगासन ,प्राणायाम ) और जिस भी काम में खुशी मिलती हो आप वो करो और स्वास्थ्य और तदुरुस्त रहो ।

 #ujnews #health #exercise #timemanagement

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सांख्यिकी प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में करेंगे उपयोग : शिवराज

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के कामकाज के सही मूल्यांकन और नीति निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। चौहान आज यहां मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में गठित कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) द्वारा प्रतिवेदन सौंपे जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।

 

चौहान ने प्रो. अमिताभ कुंडू द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का लोकार्पण किया। टॉस्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। यह आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा। इस मौके पर वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, टॉस्क फोर्स के सदस्य प्रो. गणेश कवाड़िया, अमिताभ पंडा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी और टॉस्क फोर्स के संयोजक अभिषेक सिंह उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा।

 

चौहान ने कहा कि गत दो माह में प्रदेश के 10 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। महिला स्व-सहायता समूह भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुंडू समिति के प्रतिवेदन में प्रदेश में हुई इस ग्रोथ का भी उल्लेख है। इसके अलावा अन्य अनुशंसाओं में सांख्यिकीय विभाग के कर्मचारियों को सर्वेक्षण, आय अनुमान, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। 

 

राज्य में नमूना सर्वेक्षणों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नमूना सर्वेक्षणों को डिजाइन और संचालित करने की योजना, राज्य स्तर पर नमूना सर्वेक्षण विंग बनाने की जरूरत का भी उल्लेख है। डेटा प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण टॉस्क फोर्स के उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। उन्होंने टॉस्क फोर्स को सिर्फ पांच माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए धन्यवाद दिया।

 

टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. अमिताभ कुंडू ने कहा कि जिलों में भ्रमण और विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिवेदन तैयार किया गया है। नीति निर्धारण में यह प्रतिवेदन सहयोगी होगा। प्रो. कुंडू ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अच्छी प्रगति है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रहे हैं। प्रदेश में सांख्यिकी संकलन और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय डाटा रेसेर्वियार की स्थापना की बात भी कही गई है, जिसमें समस्त विभागों के डाटा संकलन का कार्य योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुख्यालय में हो सके।

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सलाद पार्लर में बनाये कैरियर, शुरू करे अपना होम बिजनेस

नई दिल्ली:  लोगो में सलाद के रूप में सब्जियों को नया रंग और आकार देकर मसालों के साथ स्वादिष्ट बना कर खाने का ट्रेड बहुत देखा जाता है। आप इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते है, और अपना होम बिजनेस शुरू कर सकते है। सलाद पार्लर सलाद डेकोरेशन में कैरियर बनाने के लिए कोई विशेष शैक्षिणिके योग्यता की जरूरत नहीं है। आप हाउस वाइफ हैं और चीजों को बेहतर तरीके से सर्व करने की कला में माहिर हैं तो सलाद डेकोरेशन या सलाद काविंग आपके लिए आय का नया साधन बन सकता है। 

 

यहां क्रिएटिविटी दिखाने के भरपूर मौके हैं। सबसे पहले जरूरत के मुताकि कुछ हेल्पर रखें, जो आपके बताए गए काम करेंगे। स्कूल कॉलेजों की कैंटीनों, कैटरर्सव आसपास के ऑफिसों की कैंटीनोंसे संपर्क करें, उन्हें सलाद के सैंपल दें व अलग अलग सलादों के दाम बताएं।यदि आपका सलाद पौष्टिक, स्वच्छ व समय पर उपलब्ध होगा तो आपको ऑर्डर जरूर मिलेगा। यदि आपको बडी मात्रा में ऑर्डर मिलने लगे तो हेल्परों की संख्या बढा दें। पैकिंग की कीमत सलाद डेकोरेशन में कैरियर बेस्ट है। 

 

इसके लिए पैकिंग की कीमत, आनेजाने में लगने वाला किराया, सब्जियां खरीदने काखर्च आदि मिलाकर उसमें से कम से कम मात्रा में अपना मुनाफा मिलाकर सलाद के डब्बे के दाम निश्चित कर लें। 

 

ध्यान रखने योग्य बातें:- सलाद में ऐसी सामग्रियों का यूज करें, जो रंगबिरंगी हों। अमूूमन सलाद में हरे, लाल और पीले रंग की सामग्रियों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। सलाद की पौष्टिकता और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। सलाद डेकोरेशन के लिएकुछ अनोखे और नए आइडिया पर विचार करें।

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बैंक ऋण धोखाधड़ी: ईडी ने हैदराबाद की आभूषण कंपनी के प्रवर्तक को गिरफ्तार किया

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 67 करोड़ रुपए की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में हैदराबाद की एक आभूषण कंपनी के प्रबंध भागीदार को गिरफ्तार किया है। निदेशालय ने रविवार को यह जानकारी दी।

संजय अग्रवाल को 11 फरवरी को हैदराबाद में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अग्रवाल ‘घनश्यामदास जेम्स एंड ज्वेल्स’, हैदराबाद में एक प्रबंध भागीदार है। यह कंपनी सोने का थोक व्यापार करती है।

निदेशालय ने शुल्क-मुक्त निर्यात के लिए निर्धारित सोने का कथित रूप से घरेलू बाजार में व्यापार करने से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले में भी अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह पहले से ही कोलकाता की जेल में बंद है। एजेंसी ने एक बयान में बताया कि ताजा मामला ‘‘ऋण धोखाधड़ी का मामला है, जिसमें हैदराबाद की भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 67 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।’’ जांच में पाया गया, ‘‘2010-2011 में, अग्रवाल ने फर्जी और जाली बैंक गारंटी और पीएनबी द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए कवर पत्रों को दिखाकर एसबीआई से सोने के बुलियन खरीदे और फिर इन्हें स्थानीय बाजार में विभिन्न आभूषण विक्रेताओं और छोटे कारोबारियों को नकद बेच दिया।’’

इसमें आरोप लगाया गया है कि अग्रवाल ने अपनी पत्नी, भाइयों और अपने कर्मचारियों के नाम पर स्थापित कई अन्य कंपनियों में इस नकद राशि को हस्तांतरित किया। ईडी ने कहा, ‘‘बाद में, सोने पर लिया गया ऋण चुकाया नहीं गया। एसबीआई ने पाया कि बैंक गारंटी और पत्र फर्जी थे। अग्रवाल और उनके भाइयों अजय और विनय ने 17 अगस्त, 2011 को हैदराबाद के एबिड्स में अपने स्टोर पर रखे सोने और आभूषणों के पूरे भंडार को गुप्त रूप से हटा दिया।’’

कंपनी ने स्वर्ण के बदले ऋण के एवज में इस भंडार को पहले ही पीएनबी के पास गिरवी रख दिया गया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अग्रवाल और अन्य के खिलाफ ‘‘उनकी कंपनी द्वारा ऋण के लिए पीएनबी को गिरवी रखे सोने और आभूषणों को धोखाधड़ी करके हटाने और इस तरह पंजाब नेशनल बैंक को 31.97 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया है।

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युवतियों को पसंद आ रहे स्वच्छता के अत्याधुनिक तरीके, पीरियड में अपना रही हाइजीनिक मेथड

चित्रकूट। जागरूकता आने से माहवारी के दौरान पुराने गंदे कपड़े लगाने का चलन समाप्ति की ओर है। युवतियों को अब इस कठिन वक्त में हाइजीनिक मेथड पसंद आ रहे हैं। एन एफ एच एस-5 का आंकड़ा इसकी गवाही देता है। एनएफएचएस-5 के आंकडें के मुताबिक जिले में वर्ष 2015-16 में, जहां 31 फीसद युवतियां हाइजीनिक मेथड अपना रही थी। वहीं वर्ष 2019 -21 में यह आंकड़ा बढ़कर 55 फीसद पहुंच गया है।

 

आशा संगिनी सरिता शुक्ला ने बुधवार को बताया कि वह समय-समय पर महिलाओं को माहवारी के दौरान साफ सफाई रखने के लिए समझाती रहती हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को प्रेरित करते हैं कि वह माहवारी के दौरान हाइजीनिक मेथड यानी पैड का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से वह कई प्रकार के संक्रमण से बची रहेंगी। उनके समझाने का युवतियों पर खासा प्रभाव पड़ रहा है।

 

स्त्री रोग विशेषज्ञ व सर्जन डॉ रफीक अंसारी बताते हैं कि योनि में पाया जाने वाला तरल पदार्थ अम्लीय (एसीडिक) होता है जो लगभग सभी प्रकार के संक्रमण को होने से रोकता है। माहवारी के दौरान यह तरल पदार्थ क्षारीय (बेसिक) हो जाता है, इससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। स्वच्छता के अभाव में संक्रमण का यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसीलिए इस दौरान साफ सफाई की अतिरिक्त जरूरत होती है।

 

उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में मासिक धर्म की शुरूआत में एक से अधिक बार पैड बदलना चाहिए। ताकि संक्रमण का खतरा बिल्कुल न रहे। पीरियड के दौरान खुजली सहित अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर उसे छिपाने की गलती न करें। बल्कि डाक्टर से परामर्श लें, अन्यथा की स्थिति में बैक्टीरिया व फंगस से सम्बंधित संक्रमण हो सकता है। साफ सफाई नजर अंदाज करने पर संक्रमण बच्चेदानी में भी पहुंच सकता है। यहां तक स्वच्छता न अपनाने से प्रजनन रोग भी हो सकता है।

 

जिला मुख्यालय में रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता गुड़िया का कहना है कि माहवारी के दौरान साफ सफाई जरूरी है। इसके लिए हाइजीनिक मेथड अपनाएं। उनका कहना है वह खुद इस कठिन समय में पैड इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने अपील किया की महिलाएं माहवारी के दौरान पैड इस्तेमाल करें ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण की संभावना न रहे। 

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डीसीडब्ल्यू का एसबीआई को नोटिस, गर्भवती महिलाओं से संबंधित रोजगार दिशा-निर्देश वापस लेने की मांग

नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को शनिवार को नोटिस जारी कर उन नए दिशा-निर्देशों को वापस लेने की मांग की, जिनके तहत नई भर्ती की स्थिति में तीन महीने से अधिक अवधि की गर्भवती महिला उम्मीदवारों को ‘‘अस्थायी रूप से अयोग्य’’ माना जाएगा और वे प्रसव के बाद चार महीने के भीतर बैंक में काम शुरू कर सकती हैं।

 

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की ओर से इस मामले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई। डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया, ''ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय स्टेट बैंक ने तीन महीने से अधिक अवधि की गर्भवती महिलाओं की भर्ती को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं और उन्हें 'अस्थायी रूप से अयोग्य' करार दिया है। यह भेदभावपूर्ण और अवैध है। हमने उन्हें नोटिस जारी कर इस महिला विरोधी नियम को वापस लेने की मांग की है।''

 

आयोग ने नोटिस में नए दिशा-निर्देशों की एक प्रति के साथ-साथ इससे पहले लागू समान नियमों की एक प्रति मांगी। इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी गई है।

 

एसबीआई ने नई भर्तियों या पदोन्नत लोगों के लिए अपने नवीनतम मेडिकल फिटनेस दिशानिर्देशों में कहा कि तीन महीने के समय से कम गर्भवती महिला उम्मीदवारों को 'योग्य' माना जाएगा।

 

बैंक द्वारा 31 दिसंबर, 2021 को जारी फिटनेस संबंधित मानकों के अनुसार गर्भावस्था के तीन महीने से अधिक होने की स्थिति में महिला उम्मीदवार को अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा और उन्हें बच्चे के जन्म के बाद चार महीने के भीतर काम पर आने की अनुमति दी जा सकती है।

 

इससे पहले, गर्भधारण के छह महीने तक महिला उम्मीदवारों को विभिन्न शर्तों के तहत बैंक में भर्ती किया जाता था।

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इन पांच एक्सरसाइज से तेज हो जायेगी स्मार्ट फोन की नेट स्पीड

भारत की नयी जेनरेशन के पास कम कम एक स्मार्ट फोन तो है। यह अच्छी बात है। इससे भी अच्छी बात यह है कि हर स्मार्ट फोन में इंटरनेट की सुविधा है और लगभग हर कोई किसी न किसी सोशल प्लेटफॉर्म से जुड़ा हुआ है। लेकिन सिर दर्द यह कि फोन स्मार्ट होने के बावजूद इंटरेनट स्पीड स्मार्ट नहीं है। कहने भर को 3जी, 4जी आ गया है, लेकिन स्पीड 2जी भी नहीं मिल पाती। कारण बहुत से हैं, लेकिन स्मार्ट फोन के इंटरनेट की स्पीड कुछ मामूली एक्सरसाइज करने से बढ़ सकती है। वो कौन-कौन सी एक्सरसाइज हैं हम आपको बता रहे हैं...

 

नेट यूज करने के बाद एंटीवायरस जरूर चलाएं

स्मार्टफोन के इंटरनेट ब्रॉउजर को वायरस का खतरा सबसे अधिक होता है। वायरस सबसे पहले इंटरनेट की स्पीड को कम कर देता हैं। इसलिए दिन में एक बार करें की वायरस स्कैनर से फोन को स्कैन करें।

 

अलर्ट पर ध्यान रखें और एप्स को अपडेट करते रहें

फोन पर आये हुए अपडेट को अनदेखा कर देते है, इस वजह से ब्रॉउजर सही से सपोर्ट नहीं करता और नेट की स्पीड धीमी हो जाती है। अपडेट के जरिए छोटी-छोटी कमियों को दूर कर ब्राउजिंग को बेहतर बनाया जा सकता है।

 

डाउनलोड्स फोल्डर भी स्कैन और क्लीन रखें

इंटरनेट से हम अधिकतर कुछ न कुछ डाउनलोड करते हैं। ऐसे में डाउनलोड फोल्डर भर जाता है और स्पीड कम हो जाती है।

 

इंटरनल स्पेस खाली रखें

स्मार्टफोन प्रयोग के दौरान इंटरनल मैमारी को जितनी खाली रहेगी फोन की परफॉर्मेंस उतनी अच्छी रहेगी। 

 

टैंपररी फाइल्स डिलीट करते रहें

इंटरनेट बूस्टर और एंड्रॉयड ऑप्टिमाइजर जैसे एप्लिकेशंस से टैंपररी फाइल्स को डिलीट करने भी इंटरनेट स्पीड बढ़ जाती है।

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उपभोक्ता अदालतों में फैमिली कोर्ट जज की भांति, पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया जाये

बांदा। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी उर्फ जीतू ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजते हुए अवगत कराया है कि भारतवर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में मोटर एक्सीडेंट कोर्ट और फैमिली कोर्ट जज की भांति पूर्णकालिक अध्यक्ष जो वर्तमान की सेवा में हो, को राज्य की उच्च न्यायालय से लेकर प्रतिनियुक्त पर लेकर नियुक्त किया जाए।

 

इससे उपभोक्ता हितों की रक्षा करने वाली जिला उपभोक्ता अदालतों में न्यायिक कार्य तेजी से होगा और उपभोक्ताओं को त्वरित न्याय मिलेगा।

 

जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में जिला उपभोक्ता अदालतों में सेवानिवृत्त जज को नियुक्ति की तिथि से 65 वर्ष अथवा 04 वर्ष के लिए मूल पद के लिए नियत अंतिम वेतन के आधार पर राज्य सरकारों के द्वारा मनोनीत किया जाता है। जब जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त होते हैं तो महीनों तक यह पद खाली बना रहता है। जिससे उपभोक्ता अदालतों का न्यायिक कार्य लंबित होता है और उपभोक्ता हितों की अनदेखी होने लगती है। राज्य सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है जिससे और भी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

 

साथ ही श्री जीतू ने अपने पत्र में लिखा है कि यदि राज्य की उच्च न्यायालय से मोटर एक्सीडेंट कोर्ट और फैमिली कोर्ट की भांति पूर्णकालिक आधार पर वर्तमान सेटिंग जजों को जिला उपभोक्ता संरक्षण कानून में संशोधन करते हुए नियुक्त किया जाता है तो जिला उपभोक्ता अदालतों में कार्य तेजी से संपादित होगा और न्याय भी तेजी से मिलेगा साथ ही उपभोक्ता अदालतों में लंबित वादों की संख्या घटेगी। इसके अलावा नए अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार निर्धारित अवधि में प्रति माह मुकदमे निस्तारित होगे।

 

जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष जीतू ने अपने पत्र की एक प्रति भारत सरकार के कानून मंत्री किरण रिजुजू और एक प्रति उपभोक्ता मामले के मंत्री पियूष गोयल को भेजते हुए लिखा है कि यदि संपूर्ण भारतवर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में एमएससीटी कोर्ट और फैमिली कोर्ट की भांति राज्य की उच्च न्यायालय से प्रतिनियुक्ति पर लेकर पूर्णकालिक सिटिंग जजों को नियुक्त किया जाता है तो निश्चित रूप से संपूर्ण भारत वर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में बहुत से उपभोक्ता को लाभ मिलेगा।

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