US Court अमेरिका में रह रहे भारतीयों को आज बड़ी राहत मिली है। वीजा पर रहने वाले और ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों और पेशेवरों को अमेरिका छोड़ने का डर अब खत्म हो जाएगा। दरअसल, सिएटल के एक कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस आदेश पर अनिश्चित काल के लिए रोक दी है, जिसमें जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने का आदेश जारी किया गया था।
कोर्ट ने क्या कहा?
ट्रंप सरकार के आदेश की आलोचना करते हुए, सिएटल कोर्ट ने कहा कि ट्रंप संविधान के साथ "नीतिगत खेल" खेलने के लिए कानूनी राज को दरकिनार करने की कोशिश कर रहे हैं।
ट्रंप को दूसरा बड़ा झटका
अमेरिका के जिला न्यायाधीश जॉन कफनौर का ये प्रारंभिक रोक जजमेंट अमेरिकी कानून को बदलने के साथ ट्रंप की व्यापक निर्वासन कार्रवाई को दूसरा बड़ा कानूनी झटका है। इससे पहले मैरीलैंड के एक जज ने भी ऐसा ही फैसला सुनाया था।
ट्रंप को जज ने सुनाई खरी-खरी
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिएटल में गुरुवार को एक सुनवाई के दौरान न्यायाधीश कफनौर ने सख्त लहजे में कहा,
जज बोले- संविधान में करना होगा संशोधन
जज ने आगे कहा कि इस न्यायालय में और मेरी निगरानी में कानून का शासन बना रहेगा, चाहे कोई कुछ भी हो। जज ने आगे कहा कि संविधान ऐसी चीज नहीं है जिसके साथ सरकार नीतिगत खेल खेल सके। यदि सरकार जन्मजात नागरिकता के कानून को बदलना चाहती है, तो उसे संविधान में ही संशोधन करने की आवश्यकता है।
ट्रंप के आदेश का भारतीयों पर क्या पड़ता प्रभाव?
20 जनवरी को दूसरी बार कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, ट्रंप ने अमेरिका में जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। यह आदेश अमेरिकी धरती पर जन्मे उन बच्चों को अमेरिकी नागरिकता देने से इनकार करता है, जिनके माता-पिता अमेरिका के स्थायी निवासी नहीं हैं।
इस आदेश ने अमेरिका में भारतीय समुदाय के बीच चिंता पैदा कर दी, खासकर एच-1बी (कार्य वीजा), एल (इंट्रा-कंपनी ट्रांसफर), एच-4 (आश्रित वीजा) और एफ (छात्र वीजा) जैसे अस्थायी वीजा पर रहने वालों के। ट्रंप के आदेश के अनुसार, अस्थायी वीजा पर माता-पिता से पैदा हुए बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी, जब तक कि उनमें से एक माता-पिता अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक न हो।