PM मोदी ग्लोबल लीडर अप्रूवल लिस्ट में फिर टॉप पर

पीएम मोदी के लीडरशिप को लेकर दुनिया में एक बार फिर भारत का डंका बजा है. मॉर्निंग कंसल्ट के ग्लोबल लीडर अप्रूवल सर्वे में पीएम मोदी दुनिया के मोस्ट पॉपुलर लीडर बनकर उभरे हैं. पीएम मोदी को 76 फीसदी रेटिंग मिली है जो दुनिया के किसी भी दूसरे लीडर्स से ज्यादा है. लिस्ट में दूसरे स्थान पर स्विट्जरलैंड के प्रेसिडेंट एलेन बर्सेट हैं जो पीएम मोदी से 12% नीचे हैं. खास बात यह है कि इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सातवें स्थान पर हैं. उन्हें 40% रेटिंग मिली है जो मार्च के बाद से उनकी हाईएस्ट रेटिंग है.

 मोदी की डिसएप्रूवल रेटिंग भी सबसे कम
 6 से 12 सितंबर (2023) के बीच एकत्रित किए गए डाटा में पीएम मोदी की डिसएप्रूवल रेटिंग भी दुनिया में सबसे कम (सिर्फ 18%) है. वहीं लिस्ट के टॉप 10 लीडर्स में कनाडा के जस्टिन टुडू की डिसएप्रूवल रेटिंग सबसे अधिक 58% है. डिसएप्रूवल रेटिंग उस आंकड़े को कहते हैं जिनमें सर्वे में शामिल किए जाने वाले लोग नेताओं को इनकार या नापसंद करते हैं.

मॉर्निंग कंसल्ट एक पॉलिटिकल इंटेलिजेंस रिसर्च फर्म है. दुनियाभर के 22 नेताओं पर सर्वे किया गया. इसमें साउथ कोरिया के प्रेसिडेंट यू सोक-यूल और चेक गणराज्य के प्रेसिडेंट पेट्र पावेल की अप्रूवल रेटिंग सबसे कम, केवल 20 % है.

 पिछले कुछ सालों से PM लगातार लिस्ट में टॉप पर है

हाल में हुए इस तरह के सर्वे में पीएम मोदी पिछले कुछ सालों से लगातार इस लिस्ट में टॉप पर बने हुए हैं. पीएम मोदी ने हाल ही में दुनिया के कई देशों का दौरा किया है जहां ग्लोबल लीडर्स के बीच उन्हें काफी सम्मान मिला है.

अभी संपन्न हुए जीG20 शिखर सम्मेलन के बाद दुनियाभर में पीएम मोदी के नेतृत्व और भारत की सराहना हुई है. इसमें शामिल होने आए वर्ल्ड लीडर्स ने रूस-यूक्रेन वार समेत अन्य ग्लोबल समस्याओं पर साझा सहमति और बयान भी जारी किया. इसकी वजह से पीएम मोदी के नेतृत्व की चर्चा पूरे विश्व में हुई है.

 

 

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G20 से भारत का कद बढ़ा

देश की राजधानी में दो दिन चली G20 समिट 10 सितंबर को खत्म हो गई। इस समिट को कुछ मायनों में ऐतिहासिक कहा जा सकता है। इंडोनेशिया के बाली में पिछले साल हुई समिट की तरह नई दिल्ली समिट पर भी रूस-यूक्रेन जंग का साया नजर आया। इसके बावजूद जॉइंट डिक्लरेशन जारी हुआ।

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। एक डील का जिक्र सबसे ज्यादा हो रहा है। ये है भारत, यूरोप और मिडिल ईस्ट की इकोनॉमिक कॉरिडोर डील।

इसके अलावा करीब 3 साल बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की मोदी की मौजूदगी में गर्मजोशी वाली मुलाकात भी बड़ी कामयाबी मानी जा सकती है। इसके अच्छे नतीजे जल्द देखने मिलेंगे।

 समिट की चार खास बातें

  • जॉइंट डिक्लरेशन : डिप्लोमैटिक फ्रंट पर ये भारत की बड़ी जीत है। हालांकि, इसके लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सभी सदस्य देशों की सहमति के साथ नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लरेशन जारी हुआ। यूक्रेन मुद्दे पर सहमति बनाने में भारतीय दल ने काफी मेहनत की थी। शुरुआत में इसमें काफी दिक्कतें थीं, लेकिन मोदी ने वर्ल्ड लीडर्स के साथ पर्सनल कैमिस्ट्री का इस्तेमाल किया और ये बड़ी दिक्कत दूर हो गई। भारत की दलील यह थी कि यूक्रेन मसले का असर दूसरे अहम मुद्दों पर नहीं पड़ना चाहिए।
  • भारतयूरोप और मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर : दुनिया के कई गरीब देशों को कर्ज जाल में फंसाने वाले चीन ने बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) के जरिए यूरोप तक ट्रेड रूट बनाने का ख्वाब देखा है। इस मेगा प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा पाकिस्तान में है। इसे चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC कहा जाता है। अब इसके जवाब में भारत, यूरोप और मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर डील हुई है। इसमें भारत, यूनाइटेड अरब ऑफ एमीरेट्स (UAE), सऊदी अरब, यूरोपीय यूनियन (EU), इटली, जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका शामिल हैं। जल्द ही कुछ और देश हिस्सा बनेंगे।
  • बाइलेट्रल्स : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत मोदी ने 10 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। ये G20 समिट जैसे प्लेटफॉर्म पर ही मुमकिन हो सकता है। ब्रिटेन से फ्री ट्रेड डील और अमेरिका से कई समझौतों पर बातचीत जल्द ही नतीजे पर पहुंचेगी। अफ्रीकी यूनियन के 55 देश इसके लिए भारत को श्रेय दे रहे हैं। चीन, अफ्रीकी महाद्वीप में तेजी से पैर पसार रहा है। भारत अब उससे दो कदम आगे निकल जाएगा और फ्यूचर में ट्रेड और खासतौर पर मिनरल माइनिंग में भारतीय कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा।
  • अमेरिका और सऊदी अरब की दूरियां कम हुईं : बाइडेन और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) की करीब तीन साल से चली तल्खियां कम होती नजर आईं। मोदी की मौजूदगी में दोनों नेताओं ने पहली बार हाथ मिलाए। वर्ल्ड स्पेक्ट्रम में देखा जाए तो चीन ने हाल ही में सऊदी-ईरान डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल कराए थे। इसके बाद वो मिडिल ईस्ट में बड़ा रोल प्ले करने की कोशिश कर रहा था। बाइडेन और प्रिंस सलमान की वजह से अमेरिका और सऊदी अरब के बीच आ रही दूरियों का चीन फायदा उठाना चाह रहा था। अब यह काम बहुत मुश्किल हो जाएगा।

 इन दो मुद्दों पर ज्यादा बात नहीं

  • रूस-यूक्रेन जंग : वेस्टर्न वर्ल्ड और वहां के मीडिया की भारत से शिकायत रही है कि वो रूस के खिलाफ न तो कोई बयान देता है और न UN में उसके खिलाफ वोटिंग करता है। इसके अलावा भारत ने रूस से काफी क्रूड ऑयल खरीदा और करोड़ों डॉलर बचाए। रूस को पेमेंट रुपए में किया गया। इंडियन डिप्लोमैट्स ने नई दिल्ली G20 समिट में इस मुद्दे को पब्लिकली नहीं उठने दिया और इसी वजह से किसी तरह के मतभेद भी नहीं उभरे। हालांकि, ये ग्रेन डील से रूस के अलग होने के बाद फूड क्राइसिस बढ़ने का खतरा है और तब भारत को कोई स्टैंड जरूर लेना पड़ेगा।
  • चीन और विस्तारवाद : इंटरनेशनल फोरम्स पर भारत ने हमेशा विस्तारवाद का विरोध करते हुए इसके खिलाफ आ‌वाज उठाने की अपील की है। हालांकि, चीन का नाम लेने से गुरेज भी किया गया। इस समिट में भारत ने इस मुद्दे को तरजीह नहीं दी। 9 सितंबर को जब फॉरेन मिनिस्टर जयशंकर से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गैरमौजूदगी पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा- हम मानते हैं कि नई दिल्ली G20 समिट में चीन ने सपोर्टिंव रोल प्ले किया। हालांकि, वो कन्सट्रक्टिव शब्द से परहेज करते दिखे।

 दो बातें जो याद रखी जाएंगी
ग्लोबल साउथ : ग्लोबल साउथ काफी पुराना शब्द है, हालांकि हालिया वक्त में इसका इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है। बहुत आसानी से समझें तो ग्लोबल साउथ उन देशों को कहा जाता है जो गरीब या कम विकसित हैं। भारत ने इन देशों के लिए आवाज बुलंद की है। इसकी मिसाल आपको अफ्रीकन यूनियन के G20 में शामिल होने से भी मिलती है। फॉरेन मिनिस्टर जयशंकर ने 9 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था- प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया में अफ्रीकी यूनियन के प्रेसिडेंट (तब सेनेगल के राष्ट्रपति) से G20 मेंबरशिप दिलाने का वादा किया था। ये अब पूरा हो चुका है।

टेररिज्म और मनी लॉड्रिंग : इस पर खुले मंच से बात हुई। 9 सितंबर को फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा- FATF और बाकी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स टेररिज्म और मनी लॉन्ड्रिंग पर टास्क फोर्स बनाएंगे। इसके अलावा मेंबर कंट्री एक ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे, ताकि टेररिज्म के सबसे बड़े सोर्स मनी लॉड्रिंग और ड्रग स्मगलिंग को काबू किया जा सके। खास बात ये है कि इस मामले में किसी आतंकी संगठन या किसी देश (मसलन पाकिस्तान) का नाम नहीं लिया गया। दरअसल, पाकिस्तान में मौजूद कई खूंखार आतंकियों पर एक्शन को चीन UN में वीटो के जरिए रोक लेता है।

 भारत का इन दो बातों पर जोर

  • G20 को विवादों का अखाड़ा  बनाएं : जब यूक्रेन मुद्दे पर जॉइंट डिक्लरेशन अटकता या फंसता दिखाई दिया तो भारत के शेरपा अमिताभ कांत और उनकी टीम ने सभी मेंबर कंट्री को समझाया कि G20 इंटरनेशनल डिस्प्यूट्स या कॉन्फ्लिक्ट्स को सॉल्व करने का प्लेटफॉर्म नहीं है। इससे नई दिल्ली समिट भी सक्सेसफुल हो गई और भविष्य के लिए दूसरे मेजबान देशों की राह भी शायद आसान हो गई है।
  • कोई पीछे  रहे : मोदी ने वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर का कॉन्सेप्ट दिया। इसके साथ ही ग्लोबल साउथ की मुश्किलों पर फोकस करने पर जोर दिया। नतीजा ये हुआ कि अफ्रीकन यूनियन को G20 की मेंबरशिप मिल गई। मोदी ने साफ कहा- विकास और बुनियादी अधिकारों की दौड़ में कोई देश पीछे न रह जाए, हमें यही तय करना है। यह अब अंतरराष्ट्रीय विचार होना चाहिए।

 

 

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मोरक्को भूकंप में अबतक 2,012 की मौत

मोरक्को में शुक्रवार देर रात आए भूकंप में अब तक 2,012 लोगों की मौत हो चुकी है। BBC के मुताबिक, 2,059 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें से 1404 की हालत गंभीर है। किंग मोहम्मद VI ने 3 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। उन्होंने पीड़ितों को खाना, आवास और दूसरी मदद देने का आदेश दिया है।

मोरक्को जियोलॉजिकल सेंटर के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.2 थी। हालांकि, US जियोलॉजिकल सर्वे ने इसकी तीव्रता 6.8 बताई है। साथ ही कहा कि ये इस इलाके में 120 साल में आया सबसे ताकतवर भूकंप है। UN यानी संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक भूकंप की वजह से 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

मोरक्को के स्टेट टेलीविजन ने बताया कि भूकंप की वजह से कई इमारतें ढह गईं हैं। भूकंप का एपिसेंटर एटलस पर्वत के पास इघिल नाम का गांव बताया गया, जो माराकेश शहर से 70 किलोमीटर की दूरी पर है। भूकंप की गहराई जमीन से 18.5 किलोमीटर नीचे थी। पुर्तगाल और अल्जीरिया तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।

 UNESCO की विश्व धरोहर स्थल को भी पहुंचा नुकसान
 माराकेश में पर्यटकों का ध्यान खींचने वाली और UNESCO की विश्व धरोहर लाल दीवारों के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। स्थानीय टीवी चैनल के मुताबिक इस भूकंप में शहर की कुतुबिय्या मस्जिद का मीनारा ढह गया है। यह मस्जिद यूनेस्को की हेरीटेज साइट थी। जिसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

भारतब्रिटेनअमेरिका मदद करेंगे
 भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरक्को में आए भूकंप पर दुख जताया। उन्होंने कहा- हम इस दुख की घड़ी में मोरक्को के साथ हैं। हम हर संभव मदद देने को तैयार हैं। अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी मोरक्को को हर संभव मदद देने की बात कही। फरवरी 2023 में इससे भी ज्यादा खतरनाक भूकंप को झेल चुके तुर्किये ने भी कई एक हजार टेंट्स और 200 से ज्यादा एड वर्कर भेजने का वादा किया है।

वहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के 12 घंटों तक मोरक्को के लीडर किंग मोहम्मद VI की तरफ से कोई बयान नहीं आया था। 2 हजार से ज्यादा मौतों के बावजूद उन्होंने लोगों को संबोधित न कर सिर्फ एक स्टेटमेंट जारी कर दिया गया। इसमें लोगों की मदद करने के निर्देश दिए गए। वो ज्यादातर समय देश से बाहर ही रहते हैं।

भूकंप के एपिसेंटर के पास ग्रामीण इलाका होने की वजह से ज्यादातर घर मिट्टी और पुराने तरीकों से बने थे। जो भूकंप की वजह से पूरी तरह ढह गए। अलजजीरा के मुताबिक ताफेघाघेट इलाके में कोई इमारत ऐसी नहीं है जो भूकंप की वजह से न ढही हो। इमारतों के गिरने की वजह से लोग अफरातफरी में भागते दिखे।

जाने भूकंप कैसे आता है?
 हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। इससे जमीन में फॉल्ट लाइन्स बनती हैं।

अब तीन तरह की फॉल्ट लाइन्स के बारे में जानें...

1. रिवर्स फॉल्ट- भूकंप के दौरान जमीन का एक हिस्सा ऊपर की तरफ उठता है।

2. नॉर्मल फॉल्ट- इस फॉल्ट में जमीन का एक हिस्सा नीचे की तरफ जाता है।

3. स्ट्राइक स्लिप फॉल्टटेक्टोनिक प्लेट्स में घर्षण होने की वजह से जमीन का एक हिस्सा आगे या पीछे की तरफ खिसकता है।

 2011 में जापान में आए भूकंप से धरती खिसक गई थी

11 मार्च 2011 को जापान में 9.1 तीव्रता का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप आया था। इस भूकंप ने न सिर्फ लोगों की जान ली, बल्कि धरती की धुरी को 4 से 10 इंच तक खिसका दिया था। साथ ही पृथ्वी की रोजाना चक्कर लगाने की रफ्तार में भी वृद्धि हुई।

उस वक्त USGS के सीस्मोलॉजिस्ट पाल अर्ले ने कहा था कि इस भूकंप ने जापान के सबसे बड़े द्वीप होन्शू को अपनी जगह से करीब 8 फीट पूर्व की तरफ खिसका दिया है। इस दौरान पहले 24 घंटे में 160 से ज्यादा भूकंप के झटके आए थे। इनमें से 141 की तीव्रता 5 या इससे ज्यादा थी। जापान में आए इस भूकंप और सुनामी ने 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान ली थी।

जापान भूकंप के सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र में है। यह पैसेफिक रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में आता है। रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कई कॉन्टिनेंटल के साथ ही ओशियनिक टैक्टोनिक प्लेट्स भी हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है, सुनामी उठती है और ज्वालामुखी फटते हैं।

 

 

 

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G20 में देश के नाम की पट्टी पर BHARAT

नई दिल्ली में आज से G20 समिट शुरू हो गया है। इस इवेंट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत मंडपम में जब उद्घाटन भाषण दिया, तो जो तस्वीर सामने आई उसने सबका ध्यान खींचा। पीएम मोदी के आगे देश का नाम India नहीं Bharat लिखा था।

ये पहला मौका है जब किसी इंटरनेशनल इवेंट में प्रधानमंत्री की सीट के सामने देश का नाम हुई थी। तब पीएम मोदी के आगे देश का नाम इंडिया ही लिखा था।

 इस मौके पर स्मृति ईरानी ने पीएम की तस्वीर शेयर करके कहा- उम्मीद और विश्वास का नाम- भारत।

 इंडिया बनाम भारत विवाद की दो वजह...

 पहली वजह: 5 सितंबर को G20 डिनर इनविटेशन कार्ड पर President Of Bharat लिखा

 इस विवाद की शुरुआत तब हुई थी जब राष्ट्रपति भवन की तरफ से आयोजित किए गए डिनर के इनविटेशन कार्ड पर President Of India की जगह President Of Bharat लिखा गया था। 

दूसरी वजह: 5 सितंबर को मोदी के इंडोनेशिया दौरे के कार्ड पर भी Prime minister of Bharat लिखा

 इसी दिन पीएम मोदी के इंडोनिशिया दौरे की घोषणा के लेटर पर भी इंडिया की जगह भारत नाम दिखाई दिया। PM के इस दौरे के कार्यक्रम से जुड़ा एक कार्ड BJP प्रवक्ता संबित पात्रा पर शेयर किया। जिसमें 'प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत' लिखा नजर आयाहै। 

विपक्ष ने सरकार पर लगाए आरोपसरकार ने पलटवार किया...

 सितंबरकांग्रेस ने संविधान के डमी पेज के साथ लिखा- INDIA को मिटाना नामुमकिन; BJP ने स्पेलिंग मिस्टेक दिखाकर कहाशर्मनाक

कांग्रेस ने एक तस्वीर शेयर की, जिसमें देश के संविधान की प्रस्तावना लिखी है। साथ ही एक कैरिकेचर को देश का नाम बदलते हुए दिखाया गया है। कैप्शन में कांग्रेस ने लिखा- 'INDIA को मिटाना नामुमकिन है।' भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया।

उन्होंने कांग्रेस की ओर से शेयर की गई संविधान की प्रस्तावना में स्पेलिंग मिस्टेक्स होने का दावा किया। जिन पर उन्होंने लाल घेरे किए हैं। इसके कैप्शन में जेपी नड्डा ने लिखा- क्या हम उस पार्टी से कोई उम्मीद कर सकते हैं, जो भारत की प्रस्तावना तक नहीं जानती। कांग्रेस = संविधान और डॉ. अम्बेडकर के प्रति सम्मान की कमी। शर्मनाक! 

सितंबर: PM ने मंत्रियों से कहाइंडिया-भारत विवाद पर  बोलें
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (6 सितंबर) को केंद्रीय मंत्रिपरिषद के साथ मीटिंग की थी। इस दौरान उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे इंडिया बनाम भारत के विवाद पर न बोलें। साथ ही G20 समिट पर अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई मिनिस्टर बयान न दें।  

INDIA और BHARAT नाम विवाद पर किसने-क्या कहा...

  • राघव चड्ढा ने एक पोस्ट में लिखा- G20 सम्मेलन के इन्विटेशन कार्ड पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखकर भाजपा ने एक नई बहस छेड़ दी है। भाजपा INDIA को कैसे खत्म कर सकती है। देश किसी राजनीतिक दल का नहीं है; यह 135 करोड़ भारतीयों का है। हमारी राष्ट्रीय पहचान भाजपा की निजी संपत्ति नहीं है जिसे वह अपनी इच्छानुसार बदल सके।
  • जयराम रमेश ने लिखा, 'ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 डिनर के लिए जो इन्विटेशन भेजा है। जिसमें India की जगह Bharat लिखा गया है। संविधान में अनुच्छेद 1 के मुताबिक, INDIA जिसे भारत कहते हैं वह राज्यों का एक संघ होगा, लेकिन अब इस राज्यों के संघ पर भी हमला हो रहा है।

 

  • हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट किया- रिपब्लिक ऑफ भारत- खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हमारी सभ्यता अमृत काल की ओर तेजी से बढ़ रही है।

 

  • दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने कहा, INDIA नाम के अलायंस बनने के बाद ये देश का नाम बदल रहे हैं। अगर कल इंडिया अलायन्स ने मीटिंग करके अपना नाम भारत रख लिया तो क्या ये भारत का नाम भी बदल देंगे और क्या ये भारत का नाम बीजेपी रख देंगे।

 

  • कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, पीएम मोदी ने 'मेक इन इंडिया' जैसे नाम दिए थे। स्किल इंडिया', 'खेलो इंडिया'...वे (भाजपा) 'इंडिया' शब्द से डरते हैं, संविधान का अनुच्छेद 1 कहता है 'इंडिया, दैट इज भारत'...यह नाम (इंडिया) कैसे हटाया जा सकता है?

 

  • कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, हमारे संविधान में साफ लिखा है कि ये 'कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ इंडिया' है। इंडिया शब्द से पूरी दुनिया पहचानती है। मुझे नहीं लगता कि इसे बदलने की आवश्यकता है।
  • पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने सवाल किया कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि देश का नाम बदला जा रहा। हम देश को भारत कहते हैं, इसमें नया क्या है? अंग्रेजी में हम इंडिया कहते हैं... कुछ भी नया करने को नहीं है। दुनिया हमें इंडिया के नाम से जानती है।

 

  • बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन से बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डर गए हैं। ये लोग अब इंडिया का नाम बदलने की साजिश कर रहे हैं। विपक्षी गठबंधन का नारा है- बढ़ेगा भारत-जीतेगा इंडिया।

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा, अब बीजेपी 'इंडिया' को 'भारत' में बदलना चाहती है...बीजेपी ने बदलाव का वादा किया है लेकिन हमें 9 सालों के बाद केवल नाम बदला हुआ मिला है।

 

  • केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, उन्हें हर चीज से समस्या है और मुझे नहीं है। मैं 'भारतवासी' हूं, मेरे देश का नाम 'भारत' था और हमेशा 'भारत' ही रहेगा। अगर कांग्रेस को इससे दिक्कत है तो उन्हें इसका इलाज खुद ढूंढना चाहिए।"

 

  • बीजेपी नेशनल जनरल सेक्रेटरी तरुण चुघ ने कहा, भारत कहने या लिखने में दिक्कत क्यों है? आप शर्म क्यों महसूस कर रहे हैं। हमारे राष्ट्र को प्राचीन काल से ही भारत कहा जाता रहा है और इसका उल्लेख हमारे संविधान में भी किया गया है। वे बिना वजह गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

  • पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, अब से टीम इंडिया नहीं टीम भारत कहिए। मैं जय शाह से अपील करता हूं वर्ल्डकप में भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी में भारत नाम लिखा जाए।

 

  • बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन ने लिखा- भारत माता की जय। हालांकि उन्होंने इसका संदर्भ नहीं बताया।

 

आजादी के बाद संविधान सभा में भारत के नामों पर हुई चर्चा
 क्या इसे महज इत्तेफाक माना जाए? ठीक 74 साल पहले 18 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एचवी कामथ ने देश का नाम इंडिया से बदल कर भारत या भारत-वर्ष करने का संशोधन प्रस्ताव पेश किया था। इस पर बहस हुई। हालांकि यह वोटिंग के बाद गिर गया था।

संविधान सभा की बहस के दौरान 'संघ का नाम और राज्य क्षेत्र' खंड चर्चा के लिए पेश हुआ। जैसे ही अनुच्छेद 1 पढ़ा गया- 'India, that is Bharat, shall be a Union of States'। संविधान सभा में इसे लेकर मतभेद उभर आए। फॉरवर्ड ब्लॉक के सदस्य हरि विष्णु कामथ ने अंबेडकर कमेटी के उस मसौदे पर आपत्ति जताई जिसमें देश के दो नाम इंडिया और भारत थे।

 74 साल पहले संविधान में लिखा गयाइंडियाजो कि भारत है...
 74 साल पहले 18 सितंबर 1949 को संविधान सभा में देश के नाम पर चर्चा हुई थी। अंबेडकर की ड्राफ्ट कमेटी ने सुझाव दिया था- India, that is, Bharat. इस पर काफी बहस हुई। आखिरकार सारे संशोधन खारिज कर दिए गए और यही नाम स्वीकार कर लिया गया। भारतीय संविधान के हिंदी अनुवाद में लिखा गया है- भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा। 

भारत की पहल पर अफ्रीकन यूनियन G20 मेंबर बनायूनियन लीडर अजाली असोमानी PM से गले मिले

 नई दिल्ली में G20 समिट में PM ने अपने उद्घाटन भाषण में अफ्रीकन यूनियन को G20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा। बतौर अध्यक्ष PM ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी जाकर PM मोदी के गले लग गए। भारत के प्रस्ताव का चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी समर्थन किया। अफ्रीकन यूनियन को G20 की मेंबरशिप मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा। 

कोणार्क चक्र के सामने वर्ल्ड लीडर्स का स्वागत:मोदी ने बाइडेन को इसके बारे में बतायाब्रिटिश PM की पत्नी अक्षता ने फुटबॉल खेली

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के 'भारत मंडपम' में G-20 समिट में आए वर्ल्ड लीडर्स का स्वागत किया। मोदी जिस जगह मेहमानों का स्वागत कर रहे थे, वहां बैकग्राउंड में कोणार्क मंदिर का सूर्य चक्र बना हुआ था। बाइडेन की नजर चक्र पर पड़ी तो PM उनका हाथ पकड़कर सूर्य चक्र के बारे में बताने लगे। बाइडेन भी उनकी बात सुनते नजर आए।

एक दिन पहले शुक्रवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता सुनक ने ब्रिटिश काउंसिल हेडक्वार्टर में एक स्थानीय स्कूल के कुछ बच्चों के साथ कुछ बिताए। उनसे बातचीत की और फुटबॉल भी खेली।  

 

 

 

 

 

 

 

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भारत की पहल पर अफ्रीकन यूनियन G20 का मेंबर बना

नई दिल्ली में G20 समिट की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। PM ने अपने उद्घाटन भाषण में मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा दुख की घड़ी में हम मोरक्को के साथ हैं और लोगों की हरसंभव मदद करेंगे।

समिट के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने अफ्रीकन यूनियन को G20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा। बतौर अध्यक्ष PM ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी ने PM मोदी को गले लगा लिया। अफ्रीकन यूनियन को G20 में शामिल करने के लिए चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी भारत का समर्थन किया।

मोदी बोलेदुनिया में भरोसे का संकट पैदा हुआ
 PM ने कहा कि कोरोना के बाद विश्व में विश्वास का संकट पैदा हो गया है। यूक्रेन युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं। ये सभी के साथ मिलकर चलने का समय है।

 प्रधानमंत्री ने कहा- आज हम जिस जगह इकट्ठा हुए हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ है। इस पर प्राकृत भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने ये संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है।

प्रधानमंत्री ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया
 शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम पहुंचे विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को रिसीव किया। उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को गले लगाया तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारत मंडपम में बने कोणार्क चक्र के बारे में जानकारी दी।

 चीनरूस और स्पेन के राष्ट्रपति नहीं पहुंचे
G20 की इस बेहद अहम समिट में कुछ अहम देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हो रहे हैं। इनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन शामिल हैं। इसके अलावा स्पेन के सांचेज भी इस समिट में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।

ऋषि को ‘जय सियाराम’, मंत्री बोलेदामाद के रूप में भी स्वागत कर रहे
 ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति का स्वागत केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जय सियाराम के उद्घोष के साथ किया। साथ ही कहा- ‘हम आपका स्वागत भारत के दामाद के रूप में भी कर रहे हैं।’ इसके बाद सुनक ने कहा- मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं। 

रूस-यूक्रेन युद्ध पर दोनों पक्षों में सहमति पर सस्पेंस
 पिछले जी-20 समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सदस्य देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। तब रूस और चीन ने अपने आप काे युद्ध के बारे में की गई टिप्पणियों से अलग कर लिया था। एजेंसी के मुताबिक यही चुनौती फिलहाल भारत के सामने भी है। न्यूज एजेंसी कि रिपोर्ट्स के मुताबिक घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग को लेकर अभी तक कोई आम सहमति नहीं बन पाई है।

वहीं, जी-20 के घोषणा पत्र में भारत के मुख्य मुद्दों को शामिल किया जा रहा है। कर्ज में फंसे देशों की मदद के लिए जी-20 देश 5% योगदान देने पर सहमति दे सकते हैं। जी-20 की पिछली बैठक में इन देशों ने इस बारे में 3900 से अधिक प्रतिबद्धताएं की थीं, उनमें से लगभग 67% ही पूरी हो पाईं। आर्थिक अपराधियों को एक दूसरे के सुपुर्द करने पर भी सहमति होती दिख रही है। कानूनी दस्तावेज को अंतिम रूप देंगे।

भारतीय शेरपा बोलेचुनौतीपूर्ण समय में अध्यक्षता मिली
 समिट शुरू होने से पहले G20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा- भारत को इस संगठन की अध्यक्षता चुनौतीपूर्ण समय में मिली है। दुनिया आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही है। कांत ने आगे कहा- भारत ने महसूस किया कि हमें अपनी अध्यक्षता 'वसुधैव कुटुंबकम'- दुनिया एक परिवार है की थीम के साथ शुरू करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक और महत्वाकांक्षी होनी चाहिए। हम इस पर खरे उतरे हैं।

G20 से जुड़े कुछ अहम अपडेट्स...

  • G20 समिट के डिनर के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी न्योता भेजा गया है। देवेगौड़ा ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
  • भारत आने से पहले स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उनकी जगह वाइस प्रेसिडेंट नादिया कैल्विनो सांतामारिया और विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस समिट में शामिल हो रहे हैं।
  • भारतीय वायुसेना ने चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर चल रही त्रिशूल एक्सरसाइज को रोक दिया है। राफेल, सुखोई, मिग, मिराज और चिनूक जैसे फाइटर्स को G20 समिट की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है।

फाल्कन-अवाक्स एयरक्राफ्ट से निगरानी

  • रक्षा सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना G20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर दिल्ली समेत देशभर के एयर स्पेस पर नजर रखने के लिए अपने फाल्कन अवाक्स एयरक्राफ्ट को ऑपरेट कर रही है। इसे आकाश की आंख कहा जाता है।
  • दिल्ली के आसपास बने एयरपोर्ट हिंडन एयरबेस, अंबाला, सिरसा, भटिंडा डिफेंस एयरबेस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। एयरफोर्स ने फाइटर जेट राफेल, एंटी ड्रोन सिस्टम के अलावा 70 से 80 किलोमीटर दूर तक टारगेट हिट करने वालीं मिसाइलें तैनात की हैं।
  • किसी अनजान एयरक्राफ्ट या मिसाइल का पता लगाने के लिए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम तैनात किए गए हैं। एयरफोर्स का पहला स्वदेशी सर्विलांस विमान 'नेत्र' दिल्ली रीजन के एयर स्पेस की निगरानी करेगा।
  • इमरजेंसी में NSG के ऑपरेशन के लिए भारत मंडपम के पास हेलिकॉप्टर तैनात हैं। 200 से ज्यादा कमांडो को ऐसे ऑपरेशन की ट्रेनिंग दी गई है।

 मेहमानों को सुनाया जाएगामिले सुर मेरा तुम्हारा

G20 शिखर सम्मेलन के इकलौते कल्चरल इवेंट में भारतीय‎ संगीत की समृद्ध विरासत व ताकत‎ दर्शाने के लिए भारत संगीत दर्शनम्‎ कार्यक्रम होगा। ‘गांधर्व‎ आतोद्यम’ नाम का यह कार्यक्रम तीन ‎घंटे का होगा। इसमें हिंदुस्तानी संगीत,‎ कर्नाटक संगीत और भारतीय लोक‎संगीत में इस्तेमाल होने वाले सभी‎ पारंपरिक वाद्यों (ट्रेडीशनल इंस्ट्रूमेंट्स) को एक साथ पेश‎ किया जाएगा।‎78‎ कलाकार भारत के 78 पारंपरिक वाद्य‎ बजाएंगे। 78 वाद्यों में 34 हिंदुस्तानी, 18‎ कर्नाटक व 26 लोक संगीत के वाद्य‎ शामिल हैं।‎ इसमें फिल्मी धुन का इस्तेमाल‎ नहीं होगा। समापन पर सभी 78 वाद्य यंत्रों के साथ मिले सुर मेरा तुम्हारा बजाया जाएगा।

 

 

 

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G20 के दौरान मोदी की 15 देशों से द्विपक्षीय वार्ता

नई दिल्ली में 9 से 10 सितंबर को होने वाली G20 समिट की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। G20 मेंबर्स के मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जियो मेलोनी भारत पहुंच चुकी हैंं। उन्हें कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने रिसीव किया है। इस समिट में 19 देशों और यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा, 9 और देशों को समिट में गेस्ट के तौर पर बुलाया गया है।G20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी 15 वर्ल्ड लीडर्स से बाइलेट्रल बातचीत करेंगे। आज अमेरिका, बांग्लादेश और मॉरिशस से द्विपक्षीय बातचीत होगी। G20 में शामिल होने के लिए अफ्रीकन यूनियन के चेयरपर्सन अजाली असौमानी भी भारत पहुंच चुके हैं। इस बीच खबर है कि चीन और EU ने अफ्रीकन यूनियन को G20 का मेंबर बनाने के लिए भारत का समर्थन किया है।वहीं, भारत आने से पहले स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज कोरोना संक्रमित हो गए। उनकी जगह वाइस प्रेसिडेंट नादिया कैल्विनो सांतामारिया और विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस समिट में शामिल होंगे। ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक आज दोपहर 1.40 बजे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शाम 6:55 बजे भारत आ रहे हैं।

 राष्ट्राध्यक्ष आज दिल्ली पहुंचेंगे
 जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए आज यानी 8 सितंबर की रात तक 4 बड़े देशों के 5 राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली पहुंच जाएंगे। सबसे पहले ब्रिटिश PM ऋषि सुनक दोपहर 1.40 बजे दिल्ली पहुंचेंगे। इनके अलावा, जापान के PM फुमियो किशिदा दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शाम 6 बजकर 55 मिनट पर, चीन के प्रधानमंत्री ली कीयांग शाम को 7 बजकर 45 मिनट पर, UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान रात 8 बजे लैंड करेंगे।वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनिपिंग G20 समिट में शामिल होने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं। पुतिन की जगह उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे।अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज आज सुबह भारत पहुंचे। वहीं, मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ और नाइजीरिया के राष्ट्रपति अहमद तिनुबु भी पहले आ चुके हैं। राष्ट्रपति अहमद तिनुबु का स्वागत मराठी धुनों के साथ किया गया। वो G20 के गेस्ट के तौर पर शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। 

 G20 से जुड़े दूसरे अहम अपडेट्स

  • G20 समिट के डिनर के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी न्योता भेजा गया है।
  • समिट में शामिल होने के लिए आ रहे सभी मेहमानों को डिजिटली एक हजार रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है।
  • चीन और यूरोपियन यूनियन ने अफ्रीकन यूनियन को G20 में शामिल करने के लिए भारत का समर्थन किया है।
  • भारतीय वायुसेना ने चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर चल रही त्रिशूल एक्सरसाइज को रोक दिया है। एजेंसी ANI के मुताबिक, एक्सरसाइज में शामिल राफेल, सुखोई, मिग, मिराज और चिनूक जैसे फाइटर्स को G20 समिट की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है।

 फाल्कन अवाक्स एयरक्राफ्ट से एयरफोर्स करेगा निगरानी

 रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस बीच भारतीय वायुसेना G20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर दिल्ली समेत देशभर के एयर स्पेस पर नजर रखने के लिए अपने फाल्कन अवाक्स एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करेगी। इसे आकाश की आंख कहा जाता है।

दिल्ली के आसपास बने एयरपोर्ट हिंडन एयरबेस, अंबाला, सिरसा, भटिंडा डिफेंस एयरबेस को अलर्ट मोड पर रखा गया है एयरफोर्स ने फाइटर जेट राफेल, एंटी ड्रोन सिस्टम के अलावा 70 से 80 किलोमीटर दूर तक टारगेट हिट करने वालीं मिसाइलें तैनात की हैं।किसी अनजान एयरक्राफ्ट या मिसाइल का पता लगाने के लिए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम तैनात किए जा रहे हैं। एयरफोर्स का पहला स्वदेशी सर्विलांस विमान 'नेत्र' दिल्ली रीजन के एयर स्पेस की निगरानी करेगा।इमरजेंसी में NSG के ऑपरेशन के लिए भारत मंडपम के पास हेलिकॉप्टर तैनात हैं। 200 से ज्यादा कमांडो को ऐसे ऑपरेशन की ट्रेनिंग दी गई है।

G20 में आए मेहमानों को सुनाया जाएगा-मिले सुर मेरा तुम्हारा

 G20 शिखर सम्मेलन के इकलौते कल्चरल इवेंट में भारतीय‎ संगीत की समृद्ध विरासत व ताकत‎ दर्शाने के लिए भारत संगीत दर्शनम्‎ कार्यक्रम होगा। ‘गांधर्व‎ आतोद्यम’ नाम का यह कार्यक्रम तीन ‎घंटे का होगा। इसमें हिंदुस्तानी संगीत,‎ कर्नाटक संगीत और भारतीय लोक‎संगीत में इस्तेमाल होने वाले सभी‎ पारंपरिक वाद्यों (ट्रेडीशनल इंस्ट्रूमेंट्स) को एक साथ पेश‎ किया जाएगा।‎78‎ कलाकार भारत के 78 पारंपरिक वाद्य‎ बजाएंगे। 78 वाद्यों में 34 हिंदुस्तानी, 18‎ कर्नाटक व 26 लोक संगीत के वाद्य‎ शामिल हैं।‎ इसमें फिल्मी धुन का इस्तेमाल‎ नहीं होगा। समापन पर सभी 78 वाद्य यंत्रों के साथ मिले सुर मेरा तुम्हारा बजाया जाएगा।

 G20 के मेहमानों का स्वागत करेगी AI एंकर

G20 देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे ही भारत मंडपम में एंट्री लेंगे, सबसे पहले AI एंकर भारतीय अंदाज में उनका स्वागत करेगी। आगे बढ़ते ही एक दीवार दिखती है। इसे ‘भारत: वॉल ऑफ डेमोक्रेसी’ नाम दिया गया है। प्रदर्शनी के दूसरे हिस्से में डिजिटल इंडिया एक्सपीरियंस जोन और तीसरे हिस्से में गीता AI है।

G20 समिट की सिक्योरिटी में 1.30 लाख जवान

दिल्ली पुलिस के 50 हजार जवान, NSG, CRPF, CAPF और आर्मी के करीब 80 हजार जवान, बुलेट प्रूफ गाड़ियां, एंटी ड्रोन सिस्टम, एयर डिफेंस सिस्टम, फाइटर जेट राफेल, एयरफोर्स और सेना के हेलिकॉप्टर, हवा में 80 किमी तक मार करने वाली मिसाइल, चेहरा पहचानने वाले कैमरे, दिल्ली के आसपास के 4 एयरपोर्ट अलर्ट मोड पर… ये सब G20 समिट की सुरक्षा के लिए हैं। 

 


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चंद्रमा की सतह पर आधा किमी घूमेगा, 23 अगस्त को लैंडिंग हुई थी

नई दिल्ली : छह पहियों और 26 किलो वाले प्रज्ञान रोवर का वीडियो इसरो ने शुक्रवार को शेयर किया। इसने गुरुवार को चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू किया है। चंद्रयान-3 के लैंडर की लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह ISRO ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की।

चांद की सतह पर आते ही रोवर ने सबसे पहले अपने सोलर पैनल खोले। ये 1 सेमी/सेकेंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। रोवर 12 दिनों में करीब आधा किमी का सफर तय करेगा।

चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और इसरो लोगो की छाप
प्रज्ञान रोवर के पीछे के दो पहियों पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और इसरो लोगो के इंडेंट हैं। जैसे ही रोवर चंद्रमा पर उतरा तो उसके पहियों ने चांद की मिट्टी पर इन प्रतीकों की छाप छोड़ी। रोवर में दो पेलोड भी लगे हैं जो पानी और अन्य कीमती धातुओं की खोज करेंगे।

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ली गई तस्वीरों पर कंफ्यूजन
इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीरें शेयर की थी। इसरो ने शुक्रवार को अपने X हैंडल पर इसकी एक फोटो शेयर की, लेकिन बाद में डिलीट कर दी। इसमें विक्रम लैंडर चांद की सतह पर दिख रहा है।

इन तस्वीरों को ऑर्बिटर पर लगे हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा (OHRC) से लिया गया है। ये चंद्रमा की ऑर्बिट में वर्तमान में मौजूद सबसे अच्छे रिजॉल्यूशन वाला कैमरा है। नासा का ऑर्बिटर भी चांद की कक्षा में है, उसका कैमरा भी इतना पावरफुल नहीं है।

इसरो ने लैंडिंग का वीडियो भी शेयर किया था
गुरुवार को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने लैंडिंग का वीडियो भी शेयर किया था। इस वीडियो में चांद की सतह पर शुरुआत में लहरों जैसा नजारा दिखा, पास पहुंचते ही वहां काफी सारे बड़े और छोटे गड्‌ढे नजर आए। 

शनिवार को इसरो वैज्ञानिकों से मिलेंगे PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बेंगलुरु में ISRO के हेडक्वार्टर पहुंचेंगे। वहां वो वैज्ञानिकों से मिलकर उन्हें चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की बधाई देंगे। चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इसे चांद की सतह पर लैंड करने में 41 दिन लगे। लैंडर बुधवार शाम 6:04 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था। 

चंद्रयान-3 के साथ कुल 7 पेलोड भेजे गए हैं
चंद्रयान-3 मिशन के तीन हिस्से है। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। इन पर कुल 7 पेलोड लगे हैं। एक पेलोड जिसका नाम शेप है वो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर लगा है। ये चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर धरती से आने वाले रेडिएशन की जांच कर रहा है।

वहीं लैंडर पर तीन पेलोड लगे हैं। रंभा, चास्टे और इल्सा। प्रज्ञान पर दो पेलोड हैं। एक इंस्ट्रूमेंट अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का भी है जिसका नाम है लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर अरे। ये चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगा हुआ है। ये चंद्रमा से पृथ्वी की दूसरी मापने के काम आता है।

चांद पर भारत का यह तीसरा मिशन था, पहले मिशन में पानी खोजा था
2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिसमें चांद पर पानी के बारे में पता चला। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 2023 में चंद्रयान-3 चांद पर लैंड कर गया। चांद पर सकुशल पहुंचने का संदेश भी चंद्रयान-3 ने भेजा। कहा- 'मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं।' 

चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग 4 फेज में हुई
ISRO ने 30 किमी की ऊंचाई से शाम 5 बजकर 44 मिनट पर ऑटोमैटिक लैंडिंग प्रोसेस शुरू की और अगले 20 मिनट में सफर पूरा किया।

चंद्रयान-3 ने 40 दिन में 21 बार पृथ्वी और 120 बार चंद्रमा की परिक्रमा की। चंद्रयान ने चांद तक 3.84 लाख किमी दूरी तय करने के लिए 55 लाख किमी की यात्रा की।

1. रफ ब्रेकिंग फेज:

  • लैंडर लैंडिंग साइट से 750 Km दूर था। ऊंचाई 30 Km और रफ्तार 6,000 Km/hr।
  • ये फेज साढ़े 11 मिनट तक चला। इस दौरान विक्रम लैंडर के सेंसर्स कैलिब्रेट किए गए।
  • लैंडर को हॉरिजॉन्टल पोजिशन में 30 Km की ऊंचाई से 7.4 Km दूरी तक लाया गया।

2. एटीट्यूड होल्डिंग फेज:

  • विक्रम ने चांद की सतह की फोटो खींची और पहले से मौजूद फोटोज के साथ कंपेयर किया।
  • चंद्रयान-2 के टाइम में ये फेज 38 सेकेंड का था इस बार इसे 10 सेकेंड का कर दिया गया था।
  • 10 सेकेंड में विक्रम लैंडर की चंद्रमा से ऊंचाई 7.4 Km से घटकर 6.8 Km पर आ गई।

3. फाइन ब्रेकिंग फेज:

  • ये फेज 175 सेकेंड तक चला जिसमें लैंडर की स्पीड 0 हो गई।
  • विक्रम लैंडर की पोजिशन पूरी तरह से वर्टिकल कर दी गई।
  • सतह से विक्रम लैंडर की ऊंचाई करीब 1 किलोमीटर रह गई

4. टर्मिनल डेसेंट:

  • इस फेज में लैंडर को करीब 150 मीटर की ऊंचाई तक लाया गया।
  • सब कुछ ठीक होने पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंड कराया गया।
  • अब चंद्रयान मिशन से जुड़े 3 जरूरी सवालों के जवाब...
    1. इस मिशन से भारत को क्या हासिल होगा
    ISRO के एक्स साइंटिस्ट मनीष पुरोहित कहते हैं कि इस मिशन के जरिए भारत दुनिया को बताना चाहता है कि उसके पास चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को वहां चलाने की काबिलियत है। इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ेगा जो कॉमर्शियल बिजनेस बढ़ाने में मदद करेगा।

    2. साउथ पोल पर ही मिशन क्यों भेजा गया?
    चंद्रमा के पोलर रीजन दूसरे रीजन्स से काफी अलग हैं। यहां कई हिस्से ऐसे हैं जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती और तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक चला जाता है। ऐसे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां बर्फ के फॉर्म में अभी भी पानी मौजूद हो सकता है। भारत के 2008 के चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का संकेत दिया था

    3. दक्षिणी ध्रुव पर पानी की खोज इस मिशन का लक्ष्य
    चंद्रयान-3 का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की खोज है। यहां पानी की मौजूदगी बर्फ के रूप में हो सकती है। चंद्रयान-1 मिशन में इस बात का संकेत मिला था। यहां मिली बर्फ भविष्य के चंद्रमा मिशनों और चंद्रमा कॉलोनी के लिए ऑक्सीजन, ईंधन और पानी का सोर्स हो सकती है।

  • धरती के बाहर चांद इकलौता ऐसा खगोलीय पिंड है, जहां इंसान पहुंचा है। चंद्रमा नहीं होता तो धरती भी टिकी नहीं होती। अब तक 100 से ज्यादा अंतरिक्ष यान चांद पर भेजे जा चुके हैं। 24 इंसानों ने चांद की सैर की है, इनमें से 12 लोग तो इसकी सतह पर भी चले हैं। चांद से अब तक 382 किलो मिट्टी और पत्थर धरती पर एक्सपेरिमेंट के लिए लाए जा चुके हैं।

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सीमा हैदर की राष्ट्रपति के नाम दया याचिका, पढ़ें 5 बड़ी बातें

उपभोक्ता जनघोष नई दिल्ली: जाने आलम: (Janu choudhary):  सीमा हैदर की तबीयत बिगड़ गई है। शनिवार (22 जुलाई) सुबह उसे डिहाइड्रेशन की दिक्कत हुई। डॉक्टरों ने उसे ग्लूकोज चढ़ाया। वहीं, सीमा हैदर ने शुक्रवार (21 जुलाई) को राष्ट्रपति को 38 पेज की दया याचिका भेजी। इसमें अपील की कि उसको भारत में ही रहने दिया जाए। भारत की नागरिकता दी जाए, क्योंकि अब वह भारत की बहू है। उसकी और सचिन की शादी हो चुकी है। वह हिंदू धर्म भी अपना चुकी है।

उसने अपनी दलीलों में कहा कि प्यार के सिवा उसकी जिंदगी का कोई मकसद नहीं है। सीमा ने दया याचिका में हीर-रांझा, लैला-मजनूं, शीरीं-फरहाद की लव स्टोरी का जिक्र किया है। याचिका में ये भी कहा कि वह सचिन से प्यार की खातिर पाकिस्तान से भारत आई है और यहीं रहना चाहती है।

सिर्फ यही नहीं, उसने बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्‌ट, अक्षय कुमार का भी नाम लिखते हुए सवाल किया कि जब विदेशी नागरिकता होने के बावजूद ये लोग भारत में रह सकते हैं तो वह क्यों नहीं?

सीमा ने लिखा कि वह हिंदू धर्म अपना चुकी है। उसने कभी भी झूठ नहीं बोला। एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) अभी उसकी जांच कर रहा है, लेकिन आगे वह CBI, रॉ, NIA किसी से भी जांच के लिए तैयार है। यही नहीं, पॉलीग्राफ टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट, लाई डिटेक्टर टेस्ट और DNA टेस्ट के लिए भी वह तैयार है।

सीमा मामले की जांच ATS कर रही है। दो दिन में 18 घंटे तक ATS ने सीमा से पूछताछ की। हालांकि, जासूसी एंगल में कुछ ठोस हाथ नहीं लगा। इस बीच, उसे पाकिस्तान वापस भेजने की बात भी चल रही है। सीमा पाकिस्तान वापस जाएगी, भारत में रहेगी या जेल जाएगी? फिलहाल, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

अब आपको सीमा की मर्सी पिटीशन की 5 बड़ी बातें पढ़ाते हैं...

1. जिस एजेंसी से मन हो उससे जांच करा लीजिए
सीमा ने मर्सी पिटीशन में कहा, "बेल पर आने के बाद मैं सभी कानून का पालन कर रही हूं। जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग कर रही हूं। ATS ने जांच की, लेकिन जासूसी का कोई सबूत नहीं मिला। CBI, NIA, RAW किसी भी एजेंसी से जांच के लिए मैं तैयार हूं। चाहे तो पॉलीग्राफ टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट, लाई डिक्टेटर टेस्ट करवा लीजिए। चारों बच्चे मेरे ही हैं, इसके लिए DNA टेस्ट करवाने को तैयार हूं। सरकार चाहे तो किसी भी तरह से सच पता कर सकती है। मैं कभी झूठ नहीं बोलती हूं। मैंने कभी झूठ नहीं कहा।''

2. पाक-अफगानिस्तान की महिलाएं भारत में रह रहीं, मुझे भी परमिशन मिले
सीमा ने अपनी मर्सी पिटीशन में बार-बार प्यार का जिक्र किया है। वह यह दावा कर रही है कि वह सिर्फ और सिर्फ सचिन से प्यार की वजह से भारत आई है। यही नहीं, मर्सी पिटीशन में उसने अपना नाम सीमा मीणा पत्नी सचिन मीणा लिखा है। सीमा ने शीरीं-फरहाद, लैला-मजनूं, हीर-रांझा और सोनी-महिवाल की अमर प्रेम कहानी का भी जिक्र किया। कहा कि पाकिस्तान या अफगानिस्तान में रहने वाली कई महिलाएं हैं, जिनकी शादी भारत में हुई है, वे लंबे समय से यहां रह रहीं हैं। उनको लॉन्ग टर्म वीजा भी दिया गया है। सीमा ने सवाल उठाया कि फिर उसे यह (लॉन्ग टर्म वीजा) क्यों नहीं मिल रहा है।

3. सचिन से शादी की, धर्म बदला...इसलिए दया की जाए
सीमा ने कहा कि उसने सचिन मीणा से धर्म बदलकर शादी की है। वह अब हिंदू है। गंगा स्नान और तुलसी की पूजा भी की है। पिटीशन के साथ सीमा ने सचिन के साथ शादी के कई फोटो भी राष्ट्रपति को भेजे हैं। इन फोटो में सीमा-सचिन एक दूसरे को माला पहनाते हुए सजे-धजे दिखाई दे रहे हैं। उसने यह भी तर्क दिया कि सचिन से मेरी शादी नेपाल में हुई है। नेपाल से भारत का रोटी-बेटी का नाता रहा है। इन बातों को ध्यान में रहते हुए उस पर दया की जाए और यहीं की नागरिकता दे दी जाए। 

4.आलिया-अक्षय कुमार को परमिशन, फिर मुझे क्यों नहीं?
सीमा ने कहा कि कई सेलिब्रिटी को भारत की नागरिकता दी गई है। पाकिस्तानी गायक अदनाम सामी को भारतीय नागरिकता दी गई। वहीं, आलिया भट्‌ट, अक्षय कुमार जैसे कई नाम हैं, जिनकी नागरिकता भारत की नहीं है। फिर भी अपने टैलेंट की वजह से वो यहां पर रह रहे हैं। श्रीलंका के 95 हजार से ज्यादा रिफ्यूजी तमिलनाडु में रह रहे हैं। उनको सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट की ओर से राशन भी दिया जाता है। उसने यह भी कहा कि जिस बलूचिस्तान से वह ताल्लुक रखती है, वह कभी भारत का अंग था। आज उसे पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर कहा जाता है। वहां रहने वाले लोग अपने को इंडियन कहते हैं।

इसके अलावा, पिटीशन में सीमा ने कहा कि बांग्लादेशी, पाकिस्तानी या अन्य मुल्कों के कई लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है। पिटीशन में एक RTI का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में 5220 विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दी गई। सीमा ने तर्क दिया कि इसी आधार पर उसको भी नागरिकता मिलनी चाहिए।

5. पाकिस्तान में बुरी मौत इंतजार कर रही है
सीमा ने कहा कि करीब 4 साल पहले उसके पति गुलाम हैदर से तलाक हो चुका है। वह उससे अलग अपने पिता के साथ रह रही थी। उसके बच्चों तक को गुलाम ने अपने पास नहीं रखा। इस दौरान सीमा को एक नए साथी की जरूरत थी और जो उसे चुनने का पूरा अधिकार भी है। सीमा ने कहा कि पाकिस्तान में उसके लिए बुरी मौत इंतजार कर रही है। उसके बच्चों को जान का खतरा है। इसलिए उसे अब पाकिस्तान वापस न भेजा जाए। यहीं भारत में रहने की अनुमति दी जाए। 

पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर से UP ATS ने 2 दिन तक पूछताछ की। इसके बाद सीमा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा- मेरी जिंदगी सचिन के लिए है। मैं भारत की जेल में जिंदगी गुजार दूंगी, लेकिन पाकिस्तान नहीं जाऊंगी। मैंने सिर्फ एक गुनाह किया, नेपाल से भारत आई।


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चंद्रयान-3 एक और ऑर्बिट ऊपर गया

उपभोक्ता जनघोष : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के वैज्ञानिकों ने सोमवार को चंद्रयान-3 की दूसरी ऑर्बिट रेजिंग प्रोसेस सक्सेसफुली पूरी की। अब स्पेसक्राफ्ट 41603 Km x 226 Km ऑर्बिट में है। इसका मतलब है कि चंद्रयान-3 अब ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है जो पृथ्वी से सबसे करीब 226 Km और सबसे दूर 41,603 Km है। स्पेसक्राफ्ट की हेल्थ भी नॉर्मल है।

कक्षा बढ़ाने के लिए अगली फायरिंग मंगलवार दोपहर 2 से 3 बजे के बीच प्लान की गई है। इसके बाद पृथ्वी के ऑर्बिट में दो बार और फायरिंग की जाएगी। स्पेसक्राफ्ट 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि को पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। 5 तारीख को चंद्रमा की ग्रैविटी स्पेसक्राफ्ट को कैप्चर करेगी। 23 तारीख को ये चंद्रमा पर लैंड करेगा।

चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।

भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा
अगर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिली यानी मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और रूस दोनों के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने से पहले कई स्पेस क्राफ्ट क्रैश हुए थे। चीन 2013 में चांग'ई-3 मिशन के साथ अपने पहले प्रयास में सफल होने वाला एकमात्र देश है। 

1. इस मिशन से भारत को क्या हासिल होगा?
इसरो के एक्स साइंटिस्ट मनीष पुरोहित कहते हैं कि इस मिशन के जरिए भारत दुनिया को बताना चाहता है कि उसके पास चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को वहां चलाने की काबिलियत है। इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ेगा जो कॉमर्शियल बिजनेस बढ़ाने में मदद करेगा। भारत ने अपने हेवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM3-M4 से चंद्रयान को लॉन्च किया है। इस व्हीकल की काबिलियत भारत पहले ही दुनिया को दिखा चुका है।

बीते दिनों अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की कंपनी 'ब्लू ओरिजिन' ने इसरो के LVM3 रॉकेट के इस्तेमाल में अपना इंटरेस्ट दिखाया था। ब्लू ओरिजिन LVM3 का इस्तेमाल कॉमर्शियल और टूरिज्म पर्पज के लिए करना चाहता है। LVM3 के जरिए ब्लू ओरिजिन अपने क्रू कैप्सूल को प्लान्ड लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) स्पेस स्टेशन तक ले जाएगा।

2. साउथ पोल पर ही मिशन क्यों भेजा जा रहा?
चंद्रमा के पोलर रीजन दूसरे रीजन्स से काफी अलग हैं। यहां कई हिस्से ऐसे हैं जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती और तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक चला जाता है। ऐसे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां बर्फ के फॉर्म में अभी भी पानी मौजूद हो सकता है। भारत के 2008 के चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का संकेत दिया था।

इस मिशन की लैंडिंग साइट चंद्रयान-2 जैसी ही है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 70 डिग्री अक्षांश पर। लेकिन इस बार एरिया बढ़ाया गया है। चंद्रयान-2 में लैंडिंग साइट 500 मीटर X 500 मीटर थी। अब, लैंडिंग साइट 4 किमी X 2.5 किमी है।

अगर सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला स्पेसक्राफ्ट बन जाएगा। चंद्रमा पर उतरने वाले पिछले सभी स्पेसक्राफ्ट भूमध्यरेखीय क्षेत्र में, चंद्र भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में कुछ डिग्री अक्षांश पर उतरे हैं।

3. इस बार लैंडर में 5 की जगह 4 इंजन क्यों?
इस बार लैंडर में चारों कोनों पर लगे चार इंजन (थ्रस्टर) तो हैं, लेकिन पिछली बार बीचो-बीच लगा पांचवां इंजन हटा दिया गया है। फाइनल लैंडिंग दो इंजन की मदद से ही होगी, ताकि दो इंजन आपातकालीन स्थिति में काम कर सकें। चंद्रयान 2 मिशन में आखिरी समय में पांचवां इंजन जोड़ा गया था। इंजन इसलिए हटाया गया है, ताकि ज्यादा फ्यूल साथ ले जाया जा सके।

4. 14 दिन का ही मिशन क्यों होगा?
मनीष पुरोहित ने बताया कि चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। जब यहां रात होती है तो तापमान -100 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो जाता है। चंद्रयान के लैंडर और रोवर अपने सोलर पैनल्स से पावर जनरेशन करेंगे। इसलिए वो 14 दिन तो पावर जनरेट कर लेंगे, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे।


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अमेरिका में शूटिंग के दौरान घायल हुए शाहरुख खान

नई दिल्ली; शाहरुख खान पिछले कुछ दिनों से अमेरिका के लॉस एंजिल्स में अपनी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। शूटिंग के दौरान हुए हादसे से शाहरुख खान घायल हो गए हैं। उनकी नाक और चेहरे में गहरी चोट आई है। हादसे के बाद खून रोकने के लिए शाहरुख की अमेरिका में ही एक माइनर सर्जरी हुई थी। ई-टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार हालत में थोड़ा सुधार होने के बाद उन्हें मुंबई वापस लाया गया है।

दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने जब शाहरुख खान की टीम से इस बात का कन्फर्मेशन मांगा, तो उन्होंने भी इस बारे में जानकारी न होने की बात कही है।

रईस फिल्म की शूटिंग के दौरान भी लगी थी चोट

31 साल के इस लंबे करियर में शाहरुख खान कई बार शूटिंग के दौरान चोटिल हुए हैं। 2017 में रईस की शूटिंग के दौरान उनके घुटने और चेहरे में चोट लग गई थी, जिसके बाद उन्हें माइनर सर्जरी करवानी पड़ी थी। 2013 में फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस की शूटिंग खत्म हो जाने के बाद उन्होंने 8 सर्जरी करवाई थीं। 2009 में भी चोट लगने पर उनके बाएं कंधे की सर्जरी हुई थी।

शाहरुख खान के पास कई बड़ी फिल्में, इनमें एटली की जवान भी

इस साल की सबसे बड़ी ओपनर फिल्म पठान देने के बाद शाहरुख खान की 3 बड़ी फिल्में 2023 में ही रिलीज होंगीं। इनमें जवान, डंकी शामिल हैं। वहीं सलमान खान की टाइगर 3 में भी शाहरुख खान का कैमियो होने वाला है। फिल्म जवान की शूटिंग पूरी हो चुकी है, जिसका पोस्ट प्रोडक्शन जारी है। ये फिल्म हिंदी, तमिल, तेलुगु भाषा में 7 सितंबर को वर्ल्डवाइड रिलीज होने वाली है।

पठान ने तोड़े थे कमाई के सारे रिकॉर्ड

225 करोड़ के बजट में बनी फिल्म पठान 25 जनवरी 2023 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने 1050 करोड़ का ग्रॉस कलेक्शन कर कई रिकॉर्ड कायम किए थे। ये फिल्म 2023 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है, वहीं ये दंगल के बाद भारतीय सिनेमा की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म है। साथ ही भारत में ये दंगल, बाहुबली 2, RRR, KGF 2 के बाद 5वीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली इंडियन फिल्म है।

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