आतिशी ने केजरीवाल के लिए CM की कुर्सी खाली छोड़ी

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार (23 सितंबर) को पदभार संभाल लिया। वह आज सुबह करीब 12 बजे सीएम ऑफिस गईं और सभी औपचारिकताएं पूरी कीं। इस दौरान आतिशी ने CM ऑफिस में एक खाली कुर्सी छोड़ी दी और खुद दूसरी कुर्सी में बैठीं।

आतिशी ने कहा- उन्होंने ये खाली कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए छोड़ी है। मुझे पूरा भरोसा है फरवरी में चुनाव बाद दिल्ली के लोग केजरीवाल को फिर से इसी कुर्सी पर बिठाएंगे। तब तक ये कुर्सी इसी कमरे में रहेगी और केजरीवाल जी का इंतजार करेगी।

दिल्ली शराब नीति केस में 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गईं।

आतिशी ने CM पद संभालते हुए कहा...

'भरत ने राम का 14 साल इंतजार किया, उसी तरह 4 महीने दिल्ली सरकार चलाऊंगी। आज मैंने दिल्ली के CM का कार्यभार संभाला है। आज मेरे मन में वही व्यथा है जब जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के लिए अयोध्या से अयोध्या का शासन संभाला। जिस तरह भरत जी ने 14 साल तक भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला। उसी तरह से आने वाले 4 महीने के लिए मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी। भगवान श्री राम ने अपने पिताजी द्वारा दिए गए एक वचन को निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया। इसीलिए हम भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। उनकी जिंदगी हम सबके लिए मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल है। बिल्कुल उसी तरह अरविंद केजरीवाल ने इस देश की राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल कायम की है। पिछले 2 साल से भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी।

दिल्ली में 10 दिन में 3 बड़ी हलचल...

21 सितंबर: आतिशी दिल्ली की नई CM बनी, शपथ के बाद केजरीवाल के पैर छुए

आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनिवास में उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए।

वे दिल्ली की सबसे युवा (43 साल) CM हैं। इससे पहले केजरीवाल 45 साल की उम्र में CM बने थे। आतिशी बतौर महिला सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला CM हैं।

आतिशी ने शिक्षा, PWD और वित्त समेत 13 विभाग अपने पास रखे। वहीं, सौरभ भारद्वाज को हेल्थ समेत 8 प्रमुख विभाग का जिम्मा दिया गया। आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं।

17 सितंबर: केजरीवाल ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को इस्तीफा सौंपा

केजरीवाल ने 17 सितंबर की शाम उपराज्यपाल (LG) को सीएम पद से इस्तीफा सौंपा था। उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद रहे। इसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था।

इसके बाद आतिशी ने कहा कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला- दिल्ली के लोगों की भाजपा के षड्यंत्र से रक्षा करना। दूसरा- केजरीवाल को फिर से सीएम बनाना।

केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों दिया, 3 बातें...

मुख्यमंत्री तो हैं, लेकिन पावर नहीं: दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जमानत पर जेल से बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वे CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रही।

सिर्फ 5 महीने का कार्यकाल बचा: दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे।

ईमानदार नेता की छवि को मजबूत करेंगे: दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे थे। इस्तीफा देने के बाद वे भाजपा नेताओं को सीधे कह सकेंगे कि सिर्फ आरोप रहते उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया। अब उनकी ईमानदारी का फैसला जनता करेगी।

13 सितंबर: शराब नीति केस में केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से रिहा हुए

21 मार्च 2024 को शराब नीति केस में ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।

इस्तीफे के बाद केजरीवाल ने जनता की अदालत शुरु की, बोले- ईमानदार लगूं तो ही वोट देना

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 22 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता की अदालत कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने 2011 में हुए अन्ना आंदोलन और पहली बार चुनाव जीतने की घटना का जिक्र किया। कहा- हम पहली बार में ही ईमानदारी के दम पर सत्ता में आ गए।

इस्तीफे पर केजरीवाल ने कहा- सत्ता और कुर्सी का लालची नहीं हूं। भाजपा ने भ्रष्टाचारी और चोर कहा तो दुख हुआ। लांछन के साथ कुर्सी तो क्या सांस भी नहीं ले सकता हूं, जी भी नहीं सकता। अगला दिल्ली चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा है, अगर ईमानदार लगूं तो ही वोट देना।

दिल्ली विधानसभा 2020 और लोकसभा 2024 में AAP की परफॉर्मेंस


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आतिशी दिल्ली की सबसे युवा सीएम बनीं

आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की 17वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनिवास में उन्हें एलजी विनय सक्सेना ने शपथ दिलाई। आतिशी दिल्ली की सबसे युवा और तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गईं। उनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित CM रह चुकी हैं।

आतिशी के बाद सौरभ भारद्वाज. गोपाल राय, कैलाश गहलोत और इमरान हुसैन ने मंत्री पद की शपथ ली। मुकेश अहलावत मंत्री पद की शपथ लेंगे। कैबिनेट में मुकेश अहलावत एकमात्र नया चेहरा हैं।

43 साल की आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं। आतिशी दिल्ली की सबसे युवा CM होने का केजरीवाल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। आतिशी 43 साल की हैं, जबकि 2013 में पहली बार CM बनने के समय केजरीवाल 45 साल के थे। AAP विधायकों ने 17 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी का नाम CM के रूप में फाइनल किया था।

आतिशी के शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी कन्वेनर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और पंजाब CM भगवंत मान शामिल हैं।

CM आतिशी समेत कैबिनेट में ये 6 चेहरे ही क्यों

1. आतिशी: केजरीवाल और सिसोदिया की भरोसेमंद

केजरीवाल और सिसोदिया के जेल में रहते हुए पार्टी का मजबूती से स्टैंड रखती रहीं हैं। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए भी केजरीवाल ने आतिशी के नाम की सिफारिश की थी। 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए आप का घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सदस्य थीं। उसके बाद से ही पार्टी को विस्तार में अहम भूमिका निभाती रही हैं।

2. सौरभ भारद्वाज: पार्टी का मजबूती से पक्ष रखते हैं

2013 से विधायक और मंत्री हैं। केजरीवाल के भरोसेमंद नेता हैं। केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के जेल में रहने के दौरान आतिशी के साथ भाजपा पर लगातार हमलावर रहे हैं। मनीष सिसोदिया के जेल जाने पर आतिशी के बाद महत्वपूर्ण मंत्रालय सौरभ को ही सौंपे गए।

3. गोपाल राय: वर्किंग क्लास कम्युनिटी के बीच अच्छी पकड़

2013 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से AAP सरकार का हिस्सा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। केजरीवाल के भरोसेमंद माने जाते हैं। दिल्ली की वर्किंग क्लास कम्युनिटी के बीच अच्छी पकड़ है। कई मौकों पर पार्टी के लिए संकटमोचक बनकर उभरे हैं। मौजूदा दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री हैं। मंत्री पद संभालने का लंबा अनुभव है।

4. कैलाश गहलोत: जाट परिवार से हैं, पॉलिटिकल फंडिंग के लिए महत्वपूर्ण

LG विवेक सक्सेना के साथ अच्छे रिश्ते हैं। LG ने 15 अगस्त पर आतिशी की जगह झंडा फहराने के लिए गहलोत को चुना था। जाट परिवार से हैं। हरियाणा में जाट BJP से नाराज हैं। हरियाणा चुनाव में पार्टी उन्हें कैबिनेट से ड्रॉप नहीं करना चाहती। वे 2017 से लगातार परिवहन मंत्रालय संभाल रहे हैं। पॉलिटिकल फंडिंग के लिए भी AAP के लिए महत्वपूर्ण हैं।

5. इमरान हुसैन: अकेला मुस्लिम चेहरा, दिल्ली में करीब 11.7% मुस्लिम पॉपुलेशन

केजरीवाल की कैबिनेट में अकेले मुस्लिम चेहरा थे, इसलिए आतिशी की कैबिनेट में भी पार्टी उन्हें रिटेन करना चाह रही है। दिल्ली में करीब 11.7% मुस्लिम पॉपुलेशन है। 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी अल्पसंख्यक वोटबैंक पर पकड़ बनाए रखना चाहती है।

6. मुकेश अहलावत: दलित समुदाय से आते हैं, दिल्ली में 12% दलित पॉपुलेशन

दलित समुदाय से आने वाले मुकेश अहलावत राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। दिल्ली में 12% दलित पॉपुलेशन है। राजकुमार आनंद के BSP में जाने से AAP के दलित वोट बैंक में सेंध लगा है। पहली बार के विधायक अहलावत को मंत्री बनाकर पार्टी दलित वोटबैंक साधना चाहती है।

15 को केजरीवाल का इस्तीफा, 17 को आतिशी के नाम का ऐलान हुुआ

दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिलने के 2 दिन बाद 15 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री मोदी के 74वें जन्मदिन यानी 17 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे से पहले विधायक दल की बैठक में आतिशी को नया मुख्यमंत्री चुना गया। इसके बाद शाम करीब 5 बजे केजरीवाल ने LG को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।

2012 में AAP बनी, 2023 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला

अन्ना आंदोलन के बाद 2 अक्टूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) बनाई। चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल 2023 को उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। पार्टी दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।

दिल्ली के अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पार्टी का संगठन हरियाणा और गुजरात में भी मजबूत है। पार्टी के लोकसभा में तीन जबकि राज्यसभा में 10 सांसद है। देश के अन्य राज्यों में भी AAP के कैडर एक्टिव हैं।

आतिशी 5 महीने से भी कम समय तक CM रहेंगी

दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है। इलेक्शन कमीशन मौजूदा सदन के पांच साल के कार्यकाल के खत्म होने की तारीख से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 15(2) कहती है कि चुनाव की अधिसूचना विधानसभा के कार्यकाल के खत्म होने से 6 महीने से कम समय पहले नहीं की जा सकती है।

इसका मतलब चुनाव आयोग को 5 महीने के अंदर दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने ही होंगे। हालांकि, केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा के समय कहा था कि वे दिल्ली में जल्दी चुनाव कराने की मांग करेंगे। उपराज्यपाल और चुनाव आयोग तैयार हुआ तो विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले भी दिल्ली में चुनाव कराए जा सकते हैं। इस हिसाब से आतिशी 5 महीने से भी कम समय तक CM रहेंगी।


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CM आतिशी की शपथ आज शाम 4.30 बजे

आतिशी दिल्ली की 9वीं और सबसे युवा मुख्यमंत्री के तौर पर राजभवन में शनिवार शाम 4:30 बजे शपथ लेंगी। वे दिल्ली की तीसरी महिला CM होंगी। उनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित CM रह चुकी हैं। शपथ ग्रहण समारोह में केजरीवाल, सिसोदिया और पंजाब CM भगवंत मान शामिल होंगे।

43 साल की आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं। आतिशी दिल्ली की सबसे युवा CM होने का केजरीवाल का रिकॉर्ड भी तोड़ेंगी। आतिशी 43 साल की हैं, जबकि 2013 में पहली बार CM बनने के समय केजरीवाल 45 साल के थे।

AAP विधायकों ने 17 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी का नाम CM के रूप में फाइनल किया था। राष्ट्रपति मुर्मू ने 20 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे को स्वीकार करने के साथ आतिशी को CM नियुक्त करने की इजाजत दी।

आतिशी के साथ AAP के 5 विधायक- गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत मंत्री पद की शपथ लेंगे। कैबिनेट में मुकेश अहलावत एकमात्र नया चेहरा होंगे। बाकी 4 नेता केजरीवाल कैबिनेट में भी मंत्री रह चुके हैं।

अहलावत को AAP विधायक राजकुमार आनंद की जगह कैबिनेट में जगह मिली है। आनंद ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा जॉइन कर ली थी। वे केजरीवाल कैबिनेट में सामाजिक कल्याण मंत्री थे।

CM आतिशी और कैबिनेट में ये 6 चेहरे ही क्यों

1. आतिशी: केजरीवाल और सिसोदिया की भरोसेमंद

केजरीवाल और सिसोदिया के जेल में रहते हुए पार्टी का मजबूती से स्टैंड रखती रहीं हैं। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए भी केजरीवाल ने आतिशी के नाम की सिफारिश की थी। 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए आप का घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सदस्य थीं। उसके बाद से ही पार्टी को विस्तार में अहम भूमिका निभाती रही हैं।

2. सौरभ भारद्वाज: पार्टी का मजबूती से पक्ष रखते हैं

2013 से विधायक और मंत्री हैं। केजरीवाल के भरोसेमंद नेता हैं। केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के जेल में रहने के दौरान आतिशी के साथ भाजपा पर लगातार हमलावर रहे हैं। मनीष सिसोदिया के जेल जाने पर आतिशी के बाद महत्वपूर्ण मंत्रालय सौरभ को ही सौंपे गए।

3. गोपाल राय: वर्किंग क्लास कम्युनिटी के बीच अच्छी पकड़

2013 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से AAP सरकार का हिस्सा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। केजरीवाल के भरोसेमंद माने जाते हैं। दिल्ली की वर्किंग क्लास कम्युनिटी के बीच अच्छी पकड़ है। कई मौकों पर पार्टी के लिए संकटमोचक बनकर उभरे हैं। मौजूदा दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री हैं। मंत्री पद संभालने का लंबा अनुभव है।

4. कैलाश गहलोत: जाट परिवार से हैं, पॉलिटिकल फंडिंग के लिए महत्वपूर्ण

LG विवेक सक्सेना के साथ अच्छे रिश्ते हैं। LG ने 15 अगस्त पर आतिशी की जगह झंडा फहराने के लिए गहलोत को चुना था। जाट परिवार से हैं। हरियाणा में जाट BJP से नाराज हैं। हरियाणा चुनाव में पार्टी उन्हें कैबिनेट से ड्रॉप नहीं करना चाहती। वे 2017 से लगातार परिवहन मंत्रालय संभाल रहे हैं। पॉलिटिकल फंडिंग के लिए भी AAP के लिए महत्वपूर्ण हैं।

5. इमरान हुसैन: अकेला मुस्लिम चेहरा, दिल्ली में करीब 11.7% मुस्लिम पॉपुलेशन

केजरीवाल की कैबिनेट में अकेले मुस्लिम चेहरा थे, इसलिए आतिशी की कैबिनेट में भी पार्टी उन्हें रिटेन करना चाह रही है। दिल्ली में करीब 11.7% मुस्लिम पॉपुलेशन है। 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी अल्पसंख्यक वोटबैंक पर पकड़ बनाए रखना चाहती है।

6. मुकेश अहलावत: दलित समुदाय से आते हैं, दिल्ली में 12% दलित पॉपुलेशन

दलित समुदाय से आने वाले मुकेश अहलावत राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। दिल्ली में 12% दलित पॉपुलेशन है। राजकुमार आनंद के BSP में जाने से AAP के दलित वोट बैंक में सेंध लगा है। पहली बार के विधायक अहलावत को मंत्री बनाकर पार्टी दलित वोटबैंक साधना चाहती है।

15 को केजरीवाल का इस्तीफा, 17 को आतिशी के नाम का ऐलान हुुआ

दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिलने के 2 दिन बाद 15 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री मोदी के 74वें जन्मदिन यानी 17 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे से पहले विधायक दल की बैठक में आतिशी को नया मुख्यमंत्री चुना गया। इसके बाद शाम करीब 5 बजे केजरीवाल ने LG को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।

2012 में AAP बनी, 2023 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला

अन्ना आंदोलन के बाद 2 अक्टूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) बनाई। चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल 2023 को उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। पार्टी दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।

दिल्ली के अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पार्टी का संगठन हरियाणा और गुजरात में भी मजबूत है। पार्टी के लोकसभा में तीन जबकि राज्यसभा में 10 सांसद है। देश के अन्य राज्यों में भी AAP के कैडर एक्टिव हैं।

आतिशी 5 महीने से भी कम समय तक CM रहेंगी

दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है। इलेक्शन कमीशन मौजूदा सदन के पांच साल के कार्यकाल के खत्म होने की तारीख से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 15(2) कहती है कि चुनाव की अधिसूचना विधानसभा के कार्यकाल के खत्म होने से 6 महीने से कम समय पहले नहीं की जा सकती है।

इसका मतलब चुनाव आयोग को 5 महीने के अंदर दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने ही होंगे। हालांकि, केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा के समय कहा था कि वे दिल्ली में जल्दी चुनाव कराने की मांग करेंगे। उपराज्यपाल और चुनाव आयोग तैयार हुआ तो विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले भी दिल्ली में चुनाव कराए जा सकते हैं। इस हिसाब से आतिशी 5 महीने से भी कम समय तक CM रहेंगी।


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आतिशी के साथ पांच नेता भी लेंगे मंत्री पद की शपथ, मंत्रिमंडल में एक नया चेहरा होगा शामिल

दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी और उनका मंत्रिमंडल 21 सितंबर को शपथ लेंगे। आतिशी मार्लेना अरविंद केजरीवाल की जगह लेंगी। कहा जा रहा है कि आतिशी के साथ 5 मंत्री शपथ ले सकते हैं।

कैबिनेट में शामिल होने वाले संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा जोरों पर है। इन नामों में गोपाल राय (Gopal Rai), कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot), सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj), इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत (Mukesh Ahlawat) शपथ ले सकते हैं।

फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे केजरीवाल- आतिशी

दिल्ली (Delhi News) के अगले मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने इससे पहले मंगलवार को कहा था कि वह निवर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा उन पर जताए गए भरोसे से खुश हैं, लेकिन इस बात से भी दुखी हैं कि भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता फिर से केजरीवाल को सीएम चुनेगी।

दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी

43 साल की आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम रह चुकी हैं। आतिशी, मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के शिक्षा मंत्री रहते हुए उनकी सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं।


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अरविंद केजरीवाल आठ दिन बाद छोड़ेंगे अपना घर-गाड़ी

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के कार्यकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को अपना इस्तीफा उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxsena) को सौंपा।

जिसके बाद आज आप नेता संजय सिंह (Sanjay Singh) ने कहा कि इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल जनता के बीच रहेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि अभी तय नहीं है कि वह(केजरीवाल) कहां रहेंगे।

जनता के बीच रहेंगे केजरीवाल-संजय सिंह

मगर केजरीवाल (Kejriwal News) ने कहा है कि जनता के बीच रहेंगे। इस्तीफा स्वीकार होने के आठ दिन बाद केजरीवाल अपना सरकारी आवास छोड़ देंगे। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने जनता की सेवा ईमानदारी से की है।

केजरीवाल की सुरक्षा खतरा-सांसद

केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर चिंता हैं। केजरीवाल की सुरक्षा को खतरा है। राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते सरकारी आवास के लिए केजरीवाल के अधिकृत होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में अभी बात नहीं हुई है कुछ होगा तो बताया जाएगा।

आतिशी कैबिनेट में होगा फेरबदल

Delhi Cabinet Ministers दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के एलान के साथ ही दिल्ली कैबिनेट में भी बड़े फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। आम आदमी पार्टी नेतृत्व चाहता है कि दिल्ली कैबिनेट में बदलाव कर दिल्ली के विकास को रफ्तार दी जाए। आतिशी (Atishi Marlena) के कैबिनेट में दो नए चेहरे को शामिल किया जा सकता है। तीन नेताओं के नाम आगे चल रहे हैं। जिन्हें शामिल किया जा सकता है।



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आतिशी मार्लेना होंगी दिल्ली की नई सीएम, आप विधायक दल की बैठक में फैसला

AAP ने आतिशी को सीएम बनने पर दी दो सीख

गोपाल राय ने आगे कहा कि आज विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि चुनाव अक्टूबर नवंबर में या जल्द से जल्द कराए जाए। जब तक चुनाव नहीं होता है, दिल्ली की जनता केजरीवाल को प्रचंड बहुमत से फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाती है, तब तक आतिशी को सीएम बनाने का प्रस्ताव पास किया गया है। दो जिम्मेदारी दी गई है उन्हें - पहला दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर बीजेपी की सारी रुकावटों के बावजूद काम जारी रखें। दूसरा, बीजेपी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली के लोगों के लिए जितने काम किए गए, उन सबको रोकना चाहती है। इसलिए उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि बीजेपी के कामों के रोकने के षड़यंत्रों को रोकना है और काम जारी रखना है। नए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है संघर्ष को जारी रखना, ताकि दिल्ली की जनता के काम जारी रहें।

आतिशी के सीएम बनने के बाद आ गया AAP का पहला रिएक्शन

दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जेल से आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने यह निर्णय लिया कि सुप्रीम अदालत ने भले ही उन्हें जेल से बाहर कर दिया है, लेकिन हम जनता की अदालत में जाएंगे और जब तक दिल्ली की जनता उन्हें दोबारा चुनकर अपना समर्थन नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। साढ़े 4 बजे मुख्यमंत्री अपना इस्तीफा देने एलजी के पास जाएंगे और उसके बाद नई सरकार बनाने की दावेदारी विधायक मंडल की तरफ से प्रस्तुत की जाएगी।

आतिशी को विषम परिस्थितियों में यह जिम्मेदारी देनी पड़ी है-AAP

आतिशी को दिल्ली का अगला सीएम बनाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी की ओर से पहला रिएक्शन आया है। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आतिशी को विषम परिस्थितियों में सीएम बनाया गया है। गोपाल राय ने आगे कहा कि आतिशी को सर्वसम्मति से उन्हें सीएम चुना गया है। मोदी सरकार का दिल्ली सरकार को तोड़ने का प्रयास फेल हो गया। अरविंद केजरीवाल ने जेल से भी सरकार चलाई। मंत्री गोपाल राय ने आगे कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव जल्द से जल्द कराएं जाएं।

चेहरा बदल गया है लेकिन AAP का भ्रष्टाचारी चरित्र वही: बीजेपी

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाए जाने की खबरों पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मजबूरी में बनाया है क्योंकि वे चाह कर भी अपनी मन मर्जी का मुख्यमंत्री नहीं बनवा सकें। मनीष सिसोदिया के कहने पर आतिशी को सारे विभाग दिए गए और मनीष सिसोदिया के दवाब में ही आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया है, मैं कह रहा हूं कि चेहरा बदल गया है लेकिन AAP का भ्रष्टाचारी चरित्र वही हैअरविंद केजरीवाल की खास हैं आतिशी

दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना आम आदमी पार्टी की सीनियर नेताओं में से एक हैं। आतिशी ने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। आतिशी फिलहाल दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनके पास दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में काम कर रही हैं। आतिशी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का खास माना जाता है। अब वो केजरीवाल की जगह दिल्ली की नई सीएम बनने वाली हैं।

आतिशी मार्लेना होंगी दिल्ली की नई सीएम

आप की कद्दावर नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई सीएम होंगी। आप विधायक दल की बैठक में इसका फैसला किया गया। दिल्ली के मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल आज शाम अपने पद से इस्तीफा देंगे।

अरविंद केजरीवाल के घर में विधायक दल की बैठक शुरू

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक के बाद नए सीएम का ऐलान हो जाएगा। विधायक दल की बैठक की शुरुआत संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने विधायकों को संबोधित करके की है। माना जा रहा है कि मंत्री आतिशी को नया मुख्यमंत्री चुना जा सकता है।

सीएम की रेस में आतिशी का नाम सबसे आगे, सुनीता केजरीवाल इच्छुक नहीं

दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने की रेस में अब सबसे ऊपर आतिशी का नाम सामने आ रहा है। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने सीएम पद लेने से मना कर दिया है। इसके अलावा दिल्ली का मुख्यमंत्री तय होने के बाद 26 और 27 सितंबर को विधानसभा सत्र भी बुलाया जाएगा। बता दें कि आतिशी के अलावा सौरभ भारद्वाज और कैलाश गहलोत का नाम भी सामने आया है

100 दिन में 3 लाख करोड़ की योजनाएं लागू की गईं। किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना के तहत 20 हजार करोड़ दिए गए। सरकार किसानों के हित को समर्पित है। भारत आज उत्पादन का बड़ा केंद्र बन गया है।

अमित शाह, गृह मंत्री

मोदी सरकार गरीब कल्याण के लिए समर्पित है। पीएम मोदी ने भारत को दुनिया में सम्मान दिलाया। बीते 10 सालों में देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत हुई है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का भविष्य सुरक्षित है।

अमित शाह, गृह मंत्री

 अब तक की सबसे खूबसूरत महिलाओं को देखें

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठता है क्योंकि जनादेश अरविंद केजरीवाल का है। जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है। उन्होंने कहा है कि जब तक जनता उन्हें दोबारा नहीं चुनेगी, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे... चुनाव होने तक हममें से कोई एक उस कुर्सी पर बैठे।

सौरभ भारद्वाज, मंत्री दिल्ली सरकार

केजरीवाल के घर पहुंचे मनीष सिसोदिया, थोड़ी देर में बैठक

दिल्ली के नए सीएम के नाम का ऐलान कुछ देर में हो जाएगा। विधायक दल की बैठक दोपहर 12 बजे बुलाई गई है। अभी पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पहुंच गए हैं। आज शाम अरविंद केजरीवाल अपना इस्तीफा सौंप देंगे।

दोपहर 12 बजे होगा सीएम के नाम का ऐलान

आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक थोड़ी देर में शुरू होगी। बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। विधायक दल की बैठक में दिल्ली के अगले सीएम के नाम को लेकर चर्चा होगी। बैठक के बाद दोपहर 12 बजे नए सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा।

अक्टूबर में चुनाव कराइए, हम तैयार: BJP

बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना 'मर्यादा' का पालन नहीं, बल्कि 'मजबूरी' में लिया गया फैसला है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल के शासन में दिल्ली सरकार का कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है।

कल PAC की मीटिंग में CM पर चर्चा हुई

सोमवार शाम को सीएम आवास पर AAP की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की बैठक भी बुलाई गई। इसमें नए सीएम के नाम को लेकर चर्चा हुई। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस बैठक में सीएम ने सभी मौजूद नेताओं और मंत्रियों से वन टु वन यानी अकेले में नए मुख्यमंत्री के विषय में चर्चा की और उनका फीडबैक लिया।

दिल्ली विधानसभा भंग क्यों नहीं कर रहे केजरीवाल?

दिल्ली विधानसभा को भंग नहीं करने के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि दिल्ली में चुनाव को लेकर समय तय करना दिल्ली सरकार के हाथों में नहीं है। बता दें कि दिल्ली की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। दिल्ली में फरवरी 2025 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है। केजरीवाल ने रविवार को मांग की थी कि दिल्ली में नवंबर में महाराष्ट्र के साथ विधानसभा चुनाव कराए जाएं। अगर दिल्ली में समय पूर्व चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इसके कारण बताने पड़ सकते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव कब कराना हैं, इस संबंध में अंतिम फैसला चुनाव आयोग ही करेगा।

सुबह विधायक दल की बैठक, शाम को मिल सकता है नया सीएम

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। नए मुख्यमंत्री का नाम भी आज तय हो जाएगा। आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए सोमवार को बताया कि केजरीवाल ने एलजी वी.के. सक्सेना से मिलने का समय मांगा था, जिसके बाद एलजी ने उन्हें मंगलवार शाम 4:30 बजे का समय दिया है। एलजी ऑफिस में होने वाली इस मीटिंग में केजरीवाल एलजी को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। उनकी जगह दिल्ली का नया सीएम कौन बनेगा, इसके बारे में भी वह एलजी को जानकारी दे सकते है। संभावना है कि सीएम पद का दावेदार भी उन्हीं के साथ एलजी ऑफिस जाकर अपनी दावेदारी भी पेश करे, ताकि जैसे ही एलजी और राष्ट्रपति केजरीवाल का इस्तीफा स्वीकार करें, वैसे ही नए सीएम और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी जल्द से जल्द शपथ ग्रहण करके काम शुरू सकें।

पहले नाम का ऐलान फिर इस्तीफा,आज का पूरा शेड्यूल जानिए

शाम को एलजी वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपने से पहले अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार सुबह 11:30 बजे अपने सरकारी आवास पर आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। ऐसी संभावना है कि विधायकों के साथ चर्चा के बाद मनीष सिसोदिया या खुद अरविंद केजरीवाल बैठक में से कोई एक नए सीएम के नाम का प्रस्ताव पेश कर देगा, फिर विधायक उस पर मुहर लगाएंगे। कहा जा रहा है कि नए सीएम के रूप में कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है। इससे पहले सोमवार की सुबह नए सीएम के नाम और आगे की चुनावी रणनीति पर चर्चा करने के लिए मनीष सिसोदिया अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंचे थे। इस दौरान कुछ अन्य नेता भी वहां मौजूद थे। कहा जा रहा है कि नए सीएम के नाम पर केजरीवाल ने सिसोदिया से भी राय जानी है। इस्तीफे के ऐलान के बाद अब आगे पार्टी इस फैसले को किस तरीके से अपने पक्ष में भुना सकती है, इसको लेकर भी बातचीत हुई।

PAC की मीटिंग में CM के नाम पर वन टू वन हुई चर्चा

सोमवार शाम को सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर AAP की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की बैठक भी बुलाई गई थी। इसमें नए सीएम के नाम को लेकर चर्चा हुई। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बैठक के बाद बताया कि इस मीटिंग में अरविंद केजरीवाल ने सभी मौजूद नेताओं और मंत्रियों से वन टु वन यानी अकेले में नए मुख्यमंत्री के विषय में चर्चा की और उनका फीडबैक भी लिया। आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसने दिल्ली में समय से पहले यानी नवंबर में चुनाव कराने की मांग करके इस मामले में गेंद बीजेपी के पाले में डाल दी है। अब यह भाजपा पर निर्भर करता है कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सामना करने के लिए तैयार है या नहीं। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लोग जल्दी से जल्दी मतदान करना चाहते हैं।

केजरीवाल के इस्तीफे से दिल्ली के नुकसान की भरपाई नहीं होगी: मनोज तिवारी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है। भाजपा सांसद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली का इतना नुकसान कर चुके हैं, कि अब उनके इस्तीफा देने से इसकी भरपाई नहीं हो सकती है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों को शराबी बनाया, यहां की टूटी सड़कें और सड़कों में गड्ढ़े, बिजली का भारी बिल, बुजुर्गों की पेंशन बंद, आयुष्मान योजना लागू नहीं होने दी। बरसात की वजह से जलभराव होने से बच्चों की मौत हुई। दिल्ली के लोगों से अरविंद केजरीवाल को किसी बात की सहानुभूति नहीं मिलनी चाहिए।

केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला मजबूरी में लिया: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सोमवार को कहा कि आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना 'मर्यादा' का पालन नहीं, बल्कि 'मजबूरी' में लिया गया फैसला। सचदेवा ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल के शासन में दिल्ली सरकार का कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है।आबकारी नीति मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के दो दिन बाद रविवार को केजरीवाल ने कहा था कि वह 48 घंटे के भीतर अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में समय पूर्व चुनाव कराने की मांग करेंगे।

  


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आज केजरीवाल सीएम पद से देंगे इस्तीफा, दिल्ली को मिलेगा नया सीएम

केजरीवाल सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक दल की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव रखा। आतिशी के नाम का ऐलान थोड़ी देर में किया जाएगा।

शाम 4:30 बजे केजरीवाल उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना को इस्तीफा सौंपेंगे। इसी हफ्ते नए CM और कैबिनेट का शपथ ग्रहण भी होगा। 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया गया है।

13 सितंबर को शराब नीति केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि, 'अब जनता तय करे कि मैं ईमानदार हूं या बेईमान। जनता ने दाग धोया और विधानसभा चुनाव जीता तो फिर से कुर्सी पर बैठूंगा।'

CM आतिशी ही क्यों....

केजरीवाल-सिसोदिया की करीबी और सबसे भरोसेमंद महिला नेता।

केजरीवाल-सिसोदिया के जेल में रहते पार्टी का मजबूती से स्टैंड रखा।

सिसोदिया जेल गए तो शिक्षा समेत 6 महत्वपूर्ण मंत्रालय इन्हें ही मिला।

2013 विधानसभा चुनाव में पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने वाली कमेटी में थीं।

स्वाति मालीवाल केस के बाद महिला CM बनाकर पार्टी डैमेज कंट्रोल कर सकेगी।




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एक देश-एक चुनाव 2029 तक लागू हो सकता है

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने रविवार को अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मोदी सरकार 2029 तक देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव, यानी 'वन नेशन वन इलेक्शन' करवा सकती है। भाजपा के घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र है।

15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से दिए अपनी स्पीच में भी प्रधानमंत्री ने वन नेशन-वन इलेक्शन की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा पैदा कर रहे हैं।

वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है।

पैनल का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। यह रिपोर्ट स्टेकहोल्डर्स-एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है। कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है।

पैनल के 5 सुझाव...

सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।

हंग असेंबली (किसी को बहुमत नहीं), नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।

पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं।

चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा।

कोविंद पैनल ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।

कमेटी में 8 सदस्य, सितंबर 2023 में बनी थी

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अगुआई में 8 मेंबर की कमेटी पिछले साल 2 सितंबर को बनी थी। 23 सितंबर 2023 को दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी की पहली बैठक हुई थी। इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं।

अभी ऐसी है वन नेशन-वन इलेक्शन की संभावना

एक देश-एक चुनाव लागू करने के लिए कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घटेगा। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के आखिर में हुए हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे।

पहला चरणः 6 राज्य, वोटिंगः नवंबर 2025 में

बिहारः मौजूदा कार्यकाल पूरा होगा। बाद का साढ़े तीन साल ही रहेगा।

असम, केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल और पुडुचेरी मौजूदा कार्यकाल 3 साल 7 महीने घटेगा। उसके बाद का कार्यकाल भी साढ़े 3 साल होगा।

दूसरा चरणः 11 राज्य, वोटिंगः दिसंबर 2026 में

उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब व उत्तराखंडः मौजूदा कार्यकाल 3 से 5 महीने घटेगा। उसके बाद सवा दो साल रहेगा।

गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुराः मौजूदा कार्यकाल 13 से 17 माह घटेगा। बाद का सवा दो साल रहेगा।

इन दो चरणों के बाद देश की सभी विधानसभाओं का कार्यकाल जून 2029 में समाप्त होगा। सूत्रों के अनुसार, कोविंद कमेटी विधि आयोग से एक और प्रस्ताव मांगेगी, जिसमें स्थानीय निकायों के चुनावों को भी शामिल करने की बात कही जाएगी।

क्या है वन नेशन वन इलेक्शन

भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हों। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे।

आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।


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केजरीवाल कल दिल्ली CM पद से इस्तीफा देंगे

केजरीवाल ने 15 सितंबर को घोषणा की है कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और तब तक CM की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं दे देती।

सोमवार को आप नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा अभी CM के नाम पर चर्चा नहीं हुई है। इस पर फैसला केजरीवाल के इस्तीफे के बाद विधायक दल लेगा।

मनीष सिसोदिया आज केजरीवाल से मिलेंगे। दोनों दिल्ली के अगले CM के नाम पर चर्चा कर सकते हैं। बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी। साथ ही आज पार्टी की PAC (राजनीतिक मामलों की कमेटी) की बैठक भी होगी।

केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े केस में 13 सितंबर को जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। पार्टी ऑफिस में केजरीवाल ने कहा था उनकी पार्टी का कोई सहयोगी ही CM बनेगा।

केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद उनकी पत्नी सुनीता, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी और गोपाल राय के नामों पर चर्चा तेज हो गई है।

केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आगे क्या...

मुख्यमंत्री कौन होगा: केजरीवाल ने कहा कि जनता को तय करना है कि केजरीवाल ईमानदार है या बेईमान। चुनाव के बाद जनता ने चुना तो पद पर बैठूंगा। चुनाव होने तक पार्टी दो-तीन दिन में नया मुख्यमंत्री चुनेगी। सूत्रों के मुताबिक, आतिशी, कैलाश गहलोत, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज और सुनीता केजरीवाल में से कोई एक मुख्यमंत्री बन सकता है।

केजरीवाल क्या करेंगे: 5 अक्टूबर को हरियाणा में वोटिंग है। राज्य में कांग्रेस से AAP का गठबंधन नहीं हुआ है। इसके बाद यहां सभी 90 सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी उतारे हैं। केजरीवाल का पूरा फोकस अब हरियाणा में चुनाव प्रचार पर होगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भी केजरीवाल प्रचार कर सकते हैं।

शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर केजरीवाल को 21 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद उन्हें 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था।

शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में CBI ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया। 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। इस तरह से वे 156 दिन तिहाड़ जेल में बिता चुके हैं, लेकिन उन्हें रिहाई 177 दिन बाद मिली है।

केजरीवाल के इस्तीफे के मायने, 3 बातें...

CM, लेकिन पावर नहीं: दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से जमानत पर बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वो CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रहा। सरकार कैबिनेट भरोसे चलेगी।

5 महीने का कार्यकाल बचा: दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे।

भाजपा ने इस्तीफा मांगा था, उसका भी जवाब दे सकेंगे: दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल ने अब इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। अब वे भाजपा नेताओं के हर हमले का जवाब दे सकेंगे कि मैंने तो इस्तीफा दे दिया।

दिल्ली में 2013 से केजरीवाल की सरकार, लगातार 3 बार CM बने

दिल्ली में फरवरी 2025 में केजरीवाल सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला है। केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी 2013 से दिल्ली की सत्ता में हैं।

दिल्ली में 4 दिसंबर, 2013 को कुल 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए थे। 8 दिसंबर 2013 को नतीजे आए। इसमें भाजपा 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हालांकि, बहुमत नहीं मिला।

AAP को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं। कांग्रेस के समर्थन से अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनते हुए सरकार बनाई। हालांकि, 49 दिन बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया।

7 फरवरी, 2015 को दिल्ली में फिर से विधानसभा चुनाव हुए। इसमें AAP ने 67 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गई थी।

पांच साल बाद 8 फरवरी, 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने कुल 70 सीटों में 62 सीटों पर जीत हासिल की है। 8 सीटें भाजपा के खाते में गईं।


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177 दिनों बाद केजरीवाल को शराब नीति से जुड़े CBI केस में SC से मिली जमानत

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और जमानत पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। दो जजों की बेंच ने सुनवाई शुरू की। इससे पहले जस्टिस सूर्य कांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने पांच सितंबर को मामले पर बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

ईडी मामले में केजरीवाल को मिल चुकी है जमानत

केजरीवाल को अगर सीबीआई के केस में जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे क्योंकि ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें पहले ही सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। सीबीआइ ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया था। उस वक्त वह मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में थे।

केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने उनकी सीबीआई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी और जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था। केजरीवाल ने दोनों ही आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने सीबीआई की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए रिहाई और जमानत देने की मांग की है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी पर उठाए गंभीर सवाल

केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए दलील दी थी कि सीआरपीसी की धारा-41ए में पूछताछ का नोटिस भेजे बिना सीधे गिरफ्तार करना गैरकानूनी है। सिंघवी ने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपने कई फैसलों में कह चुका है कि जमानत नियम और जेल अपवाद है। केजरीवाल संवैधानिक पद पर हैं, जमानत मिलने पर उनके भागने की संभावना नहीं है।

आप से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक 'उम्मीद' हैं और हम उनकी जमानत पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दिल्ली के केजरीवाल की जमानत की मांग करने वाली और आबकारी नीति 'घोटाले' में  सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 13 सितंबर की वाद सूची के अनुसार न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ फैसला सुनाएगी।चड्ढा ने कहा कि हम बहुत आशान्वित हैं। हम कल का इंतजार कर रहे हैं।


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