राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में प्रबंधन प्रणाली लागू है, लेकिन यह कैसे और किस स्तर पर हो रही है, इसकी ऑडिट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके तहत छात्र संरचना के साथ-साथ विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन का आकलन किया जाएगा।
शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल प्रबंधन के आकलन के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में विभाग ने राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
शिक्षा विभाग के अनुसार, राज्य में 71 हजार 863 प्रारंभिक और 9360 माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। ऐसे में राज्य के सभी 81,223 सरकारी स्कूलों में 14 जनवरी 2025 को लागू प्रबंधन प्रणाली की अद्यतन स्थिति जानना जरूरी है।
इसके लिए प्रत्येक स्कूल में प्रबंधन प्रणाली पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत छात्र संरचना के साथ-साथ विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन के बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी, जिसमें यह आकलन किया जाएगा कि नई व्यवस्था किस हद तक सफल रही है और यदि किसी विद्यालय में लापरवाही के कारण कोई कमी रह गई है तो उसे भी सुधारा जाएगा।
यह भी देखा जाएगा कि बच्चे यूनिफॉर्म में, विद्यालय समय सारिणी के अनुसार अपने बैग में सभी विषयों की पाठ्यपुस्तकें, नोटबुक, पेंसिल बॉक्स, पीने के पानी की बोतल लेकर, नहा-धोकर और अच्छी तरह से संवारे हुए बालों और कटे हुए नाखूनों के साथ विद्यालय आ रहे हैं या नहीं। विद्यालय प्रबंधन के अंतर्गत शिक्षकों की उपस्थिति विद्यालय समय से कम से कम 10 मिनट पूर्व अनिवार्य कर दी गई है।
वहीं, कक्षा प्रबंधन के अंतर्गत प्रतिदिन उपस्थित और अनुपस्थित बच्चों की तिथि, विषय और संख्या दर्ज की जा रही है या नहीं। कक्षा में अधिक बच्चे होने पर सेक्शन की व्यवस्था की गई है या नहीं। बहुस्तरीय कक्षा में निचली कक्षाओं के बच्चों को पहली पंक्ति में बैठाते समय प्राथमिकता क्रम का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं। शिक्षक पाठ योजना का कड़ाई से पालन कर रहे हैं या नहीं।