इजरायल ने युद्ध खत्म करने की पेशकश की है. इजरायल का कहना है कि अगर सभी बंधकों को एक साथ रिहा कर दिया जाए और गाजा को निरस्त्र कर दिया जाए तो हमास नेता यह्या सिनवार को जाने दिया जाएगा. बंधकों के रिश्तेदारों ने योजना की सराहना की, लेकिन हमास के अधिकारी ने इसे 'हास्यास्पद' बताकर तुरंत खारिज कर दिया.
कान न्यूज ने गुरुवार (19 सितंबर) को बताया कि इजरायल ने एक प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत गाजा पट्टी में लड़ाई खत्म की जाएगी और हमास के प्रमुख को सुरक्षित तरीके से वहां से बाहर निकलने का रास्ता दिया जाएगा. इसके बदले में गाजा में बंधक बनाए गए सभी लोगों को तुरंत रिहा किया जाएगा, गाजा पट्टी को सैन्य मुक्त किया जाएगा और वहां एक वैकल्पिक शासकीय सत्ता की स्थापना की जाएगी.
अमेरिकी अधिकारियों के सामने पेश की योजना
इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक इजरायली अधिकारी ने कहा कि बंधकों के मामले में सरकार के प्रतिनिधि गैल हिर्श ने यह योजना अमेरिकी अधिकारियों के सामने पेश की थी, जिनसे यह अपेक्षा की गई थी कि वे इसे अनिर्दिष्ट अरब अधिकारियों को सौंपेंगे. कान न्यूज ने बताया कि हिर्श ने बंधकों के परिवारों को बताया कि यह प्रस्ताव पिछले सप्ताह व्हाइट हाउस और विदेश विभाग के अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक में पेश किया गया था.
कान न्यूज के मुताबिक, प्रस्ताव के तहत गाजा पट्टी में अब भी बंधक बनाए गए सभी 101 बंधकों को तुरंत वापस लौटा दिया जाएगा और इजरायल युद्ध खत्म कर देगा, जिसमें बंधकों की चरणबद्ध रिहाई और सैनिकों की क्रमिक वापसी की बात नहीं की गई है, जिस पर अब तक चर्चा चल रही थी. इजरायल अपनी जेलों से अनिर्दिष्ट संख्या में फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा करेगा, व्यापक रूप से 7 अक्टूबर के हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले हमास नेता सिनवार को गाजा पट्टी छोड़ने की इजाजत देगा.
हमास ने खारिज किया प्रस्ताव
वहीं, हमास पोलित ब्यूरो के सदस्य गाजी हमद ने इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया और अल-अरबी अल-जदीद से कहा, "सिनवार के बाहर निकलने का प्रस्ताव हास्यास्पद है और कब्जे के दिवालियापन की ओर इशारा करता है." हमाद ने कहा, "यह आठ महीने की बातचीत के दौरान जो कुछ हुआ, उससे कब्जेदारों के इनकार की पुष्टि करता है. इजरायल के अड़ियल रुख के कारण बातचीत अटकी हुई है."
कब-कब हुआ इजरायल और खाड़ी देशों के बीच युद्ध
1948-49 में इजरायल और अरब के बीच हुए इस युद्ध को इजरायल में स्वतंत्रता संग्राम और अरब देशों में फिलिस्तीनी नकबा यानि कि तबाही के नाम से जाना जाता है. 1956 में हुए इस युद्ध को स्वेज संकट के नाम से जाना जाना जाता है. इस युद्ध में इजरायल ने मिस्र पर हमला किया था और स्वेज नहर के पूर्व में ज्यादातर प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था. 1967 में अरब और इजरायल के बीच तीसरी बार झड़प हुई. इसके बाद 1973 में योम किप्पुर युद्ध, 1982 का लेबनान युद्ध, 2006 में दूसरा लेबनान युद्ध और 2023 में इजरायल-हमास युद्ध.