दिवाली से पहले दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 1 जनवरी 2025 तक पटाखों को बैन कर दिया है।
सरकार के आदेश के मुताबिक पटाखे बनाने, उन्हें स्टोर करने, बेचने और इस्तेमाल पर बैन है। इतना ही नहीं पटाखों की ऑनलाइन डिलीवरी भी प्रतिबंधित रहेगी। इसमें ग्रीन पटाखे भी शामिल हैं।
इस बैन को सख्ती से लागू कराने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है। दिल्ली पुलिस रोज इसकी रिपोर्ट DPCC को सौंपेगी।
हालांकि, दिल्ली भाजपा ने पटाखों पर बैन के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाया। साथ ही आम आदमी पार्टी सरकार पर बिना कोई वैज्ञानिक सबूत पेश किए इसे लागू करने का आरोप लगाया।
पंजाब में केवल ग्रीन पटाखे फोड़ने की परमिशन
इधर, पंजाब सरकार ने कहा है कि दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान केवल ग्रीन पटाखे फोड़ने की परमिशन दी जाएगी। ग्रीन पटाखे, जो बेरियम लवण या एंटीमनी, लिथियम, पारा, आर्सेनिक, सीसा या स्ट्रोंटियम क्रोमेट के कम्पाउंड्स से मुक्त हैं। केवल उनके इस्तेमाल की परमिशन है।
BJP का सवाल- पटाखों प्रदूषण फैलाते हैं AAP रिपोर्ट पेश करे
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण कपूर ने दावा किया- दिल्ली सरकार ने पटाखों को प्राथमिक प्रदूषक के रूप में पहचानने वाली कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। AAP सरकार ने पहले एक सुरक्षित विकल्प के रूप में हरित पटाखों के उपयोग को बढ़ावा दिया था, लेकिन तब से उसने खुद को उस पहल से दूर कर लिया है।
कपूर ने कहा, दिल्ली सरकार ने अभी तक कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट पेश नहीं की है जो साबित करती हो कि दिवाली की रात जलाए गए पटाखे सर्दियों के प्रदूषण की वजह हैं।
कमीशन ऑफ एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट ने दिल्ली में लागू किया ग्रैप-1
सोमवार को दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 200 पार होने के बाद दिल्ली NCR में ग्रैप-1 लागू कर दिया है। होटलों और रेस्तरां में कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर बैन लगाया गया है। आयोग ने एजेंसियों को पुराने पेट्रोल और डीजल गाड़ियों (बीएस -III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल) के संचालन पर सख्त निगरानी के आदेश दिए है।
आयोग ने एजेंसियों से सड़क बनाने, रेनोवेशन प्रोजेक्ट और मेन्टेनेन्स एक्टिविटीज में एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव और डस्ट रिपीलेंट तकनीकों के उपयोग को बढ़ाने के लिए भी कहा है।