हवा के साथ-साथ पानी भी प्रदूषित, लोगों को सांस लेने में हो रही परेशानी, यमुना में दिखा सफेद झाग

राजधानी दिल्ली बढ़ते वायु प्रदूषण से जूझ रही है। वहीं दिल्ली की नदियां भी प्रदूषित हो रही है। शनिवार को कालिंदी कुंज इलाके में यमुना नदी पर जहरीला सफेद झाग तैरता देखा गया। राजधानी में धुंध की एक पतली परत छा गई। सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गिरकर 226 पर आ गया, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 'खराब' श्रेणी में रखा है।

सुबह 8 बजे अक्षरधाम और आनंद विहार क्षेत्र में सबसे अधिक AQI 334 था, जिसे 'बहुत खराब' के रूप में चिह्नित किया गया, इसके बाद एम्स और आसपास के क्षेत्रों में AQI 253 था। इंडिया गेट पर, AQI सुबह 8 बजे गिरकर 251 पर आ गया, जिसे 'खराब' श्रेणी में रखा गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, जब AQI को 'खराब' श्रेणी के तहत चिह्नित किया जाता है, तो लंबे समय तक रहने पर अधिकांश लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है, जबकि, 'बहुत खराब' श्रेणी के तहत लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी बीमारी हो सकती है।

अक्षरधाम क्षेत्र के पास प्रदूषण काफी बढ़ गया

एक निवासी आशीष कुमार मीना ने कहा कि पिछले दो दिनों में अक्षरधाम क्षेत्र के पास प्रदूषण काफी बढ़ गया है जिससे निवासियों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, "पिछले दो दिनों में यहां प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है। इससे गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में भी जलन हो रही है। दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ जाएगा। सरकार को प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। जो लोग आग में प्रदूषित पदार्थ जला रहे हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।"

सार्वजनिक परिवहन का करें प्रयोग

एक अन्य निवासी ने कहा कि लोगों को अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "लोगों को अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए और कारपूलिंग की प्रथा में शामिल होने का प्रयास करना चाहिए। इससे शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी।"

सर्दी आते ही हवा होती है प्रदूषित

इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में सर्दी करीब आते ही हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। वजीरपुर में सबसे ज्यादा AQI दर्ज किया गया। मंत्री ने आगे बताया कि संबंधित अधिकारियों को हवा की बिगड़ती गुणवत्ता के पीछे के स्थानीय स्रोतों का पता लगाने का निर्देश दिया गया है।