देश में आज से नवंबर का महीना भले शुरू हो गया है लेकिन दिल्ली में अक्टूबर के आखिर में भी भीषण गर्मी देखी गई। अगर हम यह कहें की अक्टूबर का पूरा महीना गर्मी में ही बीता तो कोई गलत नहीं होगा।
दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र ने साल 1951 के बाद इस बार के अक्टूबर महीने को सबसे गर्म बताया। अक्टूबर महीने के लिए सफदरजंग में मासिक अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 35.1 डिग्री सेल्सियस और 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
ग्लोबल वार्मिंग और कई पर्यावरणीय परिवर्तनों को मान रहे वजह
न्यूनतम तापमान की जब जांच की गई तो पता चला कि 1915 और 1951 दोनों में उच्चतम औसत 22-3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। वहीं पर 1941 में यह 22-1 डिग्री सेल्सियस के करीब देखा गया। इससे अब कहा जा सकता है कि उन सालों में रातें भी काफी गर्म होती थीं।
इस साल अक्टूबर के महीने में तापमान में अत्यधिक बढ़ोतरी ने जलवायु वैज्ञानिकों के लिए भी चिंता को बढ़ावा दिया है। वो इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग और कई पर्यावरणीय परिवर्तनों को मान रहे हैं। जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि यह रिकार्ड ना सिर्फ किसी व्यक्ति के हर रोज के जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि बदलतब जलवायु के बारे में वार्निंग भी देती है।
पश्चिमी विक्षोभ नहीं आने और कमोबेश हर रोज ही पूरे पूरे दिन तेज धूप निकलने के कारण इस बार अक्टूबर महीने ने गर्मी से लोगों को परेशान किया। आलम यह रहा कि अधिकतम एवं न्यूनतम दोनों तापमान अंतर देखा गया।
राजधानी में अभी अगले सप्ताह भर तक इस स्थिति में अधिक बदलाव के आसार भी नहीं हैं। ऐसे हालात बीते एक दशक में पहली बार बन रहे हैं। गर्मी की चुभन से बचने के लिए अभी तक एसी एवं पंखे भी चल रहे हैं।
हवा में नमी का स्तर 94 से 48 प्रतिशत
दिन भर तेज धूप खिली रही। बुधवार को दिल्ली (Delhi Weather in hindi) का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री ऊपर 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री ऊपर 21.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।
इस महीने के अंत में इतना अधिक तापमान पिछले दशक भर में कभी नहीं गया। वहीं हवा में नमी का स्तर 94 से 48 प्रतिशत दर्ज किया गया।