दिवाली के बाद दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के आसपास की हवा जहरीली हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर बैन वाले आदेश के बाद भी राजधानी दिल्ली में जमकर आतिशबाजी हुई. दिवाली के बाद देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों की बात करें तो दिल्ली से ज्यादा उत्तर प्रदेश के शहरों में सांस लेने में समस्याएं हो रही है. आतिशबाजी की वजह से दिल्ली और उत्तर प्रदेश की हवा की क्वालिटी बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है.
टॉप टेन प्रदूषित शहर में दिल्ली का नाम नहीं
उत्तर प्रदेश के कई शहर ऐसे हो गए हैं, जहां प्रदूषण की वजह से हर तरफ धुएं के बादल छाए हुए हैं. यूपी के संभल की हवा सबसे अधिक प्रदूषित है, यहां का AQI 423 दर्ज किया गया है. इसके बाद दूसरे नंबर पर यूपी के मुरादाबाद का एक्यूआई 414, तीसरे नंबर पर रामपुर का एक्यूआई 407, चौथे पर सहारनपुर का एक्यूआई 387, पांचवें नंबर पर बदायूं का एक्यूआई 383, छठे नंबर परपीलीभीत का एक्यूआई 383, सातवें पर शाहजहांपुर AQI 383, आठवें नंबर पर बरेली एक्यूआई 383, नौवें नंबर पर अंबाला एक्यूआई 379 और 10वें नंबर मेरठ, जिसका एक्यूआई 374 है.
दिल्ली में रातभर होती रही आतिशबाजी
इस लिस्ट में खराब हवा के मामले में दिल्ली 11वें स्थान पर है. दिल्ली का एक्यूआई 353 दर्ज किया गया है. प्रदूषण को लेकर जारी यह एक्यूआई 1 नवंबर 2024 सुबह 10 बजे का है. दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध का अनुपालन कराने के लिए 377 प्रवर्तन दल गठित किए थे और स्थानीय संघों के माध्यम से जागरूकता फैलाई थी. इसके बावजूद पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों का उल्लंघन होने की खबरें आईं. धुंध से भरे आसमान ने 2020 के ‘गंभीर’ प्रदूषण की यादें ताजा कर दीं, क्योंकि रात नौ बजे पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमश: 145.1 और 272 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक बढ़ गया.
बढ़ते प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें साल भी राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की थी, लेकिन इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला.