यूपी के इस शहर में बनेगा 170 KM का ऑर्बिटल रेलवे कॉरिडोर

राजधानी लखनऊ में यातायात सुधारने को लेकर बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है. पहले आउटर रिंग रोड बनाया गया और अब ट्रेनों के जरिए भी इस पर काम किया जाएगा. रेलवे ने लखनऊ में आर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाने के लिए फाइनल लोकेशन का सर्वे कराने की मंजूरी दे दी है. आर्बिटल रेल का मतलब है कि लखनऊ शहर के चारों तरफ एक रिंग की तरह रेलमार्ग बनाया जाएगा. जिससे शहर के अंदर मार्ग पर ट्रेन का दबाव कम होगा. इसके लिए रेलवे 4.25 करोड़ रुपये खर्च करेगा.

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से इस योजना पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. आर्बिटल रेल कॉरिडोर करीब 170 किमी लंबा होगा जो पूरे शहर को बाहरी ओर से एक गोल घेरे की तरह कवर करेगा, जैसे ज्यादातर बड़े शहरों में रिंग रोड बनाई जाती है. इस कॉरिडोर में लखनऊ के चारों ओर से रेलवे स्टेशन होंगे जो पूरे शहर को जोड़ेंगे. इस कॉरिडोर के बनने से शहर में रेलवे का भार काम होगा. 

कॉरिडोर के सभी प्रमुख स्टेशनों से जोड़ा जाएगा

इस योजना के तहत शहर के प्रमुख इलाकों आलमनगर, मानकनगर, उतरेटिया, मल्हौर, महोबुल्लापुर, सुल्तानपुर, अनूपगंज या बक्कास और बादशाह नगर जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों को जोड़ा जाएगा. इस कॉरिडोर के बनने से बाहर से आने वाली मालगाड़ियों और कुछ ट्रेनों को चारबाग रेलवे स्टेशन तक आने की जरुरत नहीं पड़ेगी. रेलवे की ओर से इस कॉरिडोर के लिए स्वीकृति मिल ही गई है. उम्मीद का जा रही है कि जल्द ही इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो जाएगा. 

इस कॉरिडोर के बनने से जहां लखनऊ की यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा तो वहीं दूसरी तरफ रेलगाड़ियों के परिचान में विलंब को कम करके प्रति गाड़ी लगभग एक घंटे का समय बचेगा. ये कॉरिडोर वाई कनेक्शन के माध्यम से जुड़ा होगा जो रेल ऑन रेल पुलों से प्रमुख मार्गों से गुजरेगा. इसमें एक नया ग्रीनफील्ड मेगा पैसेंजर टर्मिनल विकसित किया जाएगा, जिसमें 30 से ज्यादा लाइनें और 20 प्लेटफॉर्म होंगे.