कर्नाटक में 5 साल की बच्ची से रेप की कोशिश, फिर उसकी हत्या करने के आरोपी को पुलिस ने रविवार रात एनकाउंटर में मार गिराया। मुठभेड़ में एक सब इंस्पेक्टर समेत 3 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
घटना हुबली की है। आरोपी ने दिन में बच्ची को उसके घर के पास से ही अगवा किया था। वह उसे एक सुनसान जगह बने शेड में ले गया। यहां रेप की कोशिश की। बच्ची की चीख सुनकर लोग इकट्ठा हो गए। घबराकर आरोपी ने गला घोंटकर बच्ची की हत्या कर दी और फरार हो गया।
कुछ ही घंटों में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। हुबली पुलिस कमिश्नर शशि कुमार ने कहा- पुलिस आरोपी को कुछ डॉक्यूमेंट्स और आइडेंटिटी वेरिफिकेशन के लिए उसके घर ले गई थी। उसने भागने की कोशिश की और पुलिस टीम पर पत्थर से हमला किया।
पुलिस ने हवाई फायर किए, तब भी वह भागने की कोशिश करता रहा। पुलिस ने उस पर दो राउंड फायर और किए, जिसमें वह घायल हो गया। उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आरोपी की पहचान बिहार के रितेश (35) के रूप में हुई है।
जांच के लिए पटना भेजी गई टीम
पुलिस ने कहा- रितेश पिछले 3 महीने से हुबली में रह रहा था और पिछले कई सालों से घर से दूर था। यहां कंस्ट्रक्शन और होटलों में काम करता था। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। जानकारी जुटाने के लिए एक टीम पटना भी भेजी गई है। इधर, घटना सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। कई लोग ने पुलिस थाने के सामने न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
पीड़ित परिवार को 10 लाख मुआवजा
हुबली से कांग्रेस विधायक अब्बय्या प्रसाद ने बताया कि सीनियर लीडर सलीम अहमद ने CM से बात करने के बाद पीड़ित के परिवार को हर साल 10 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही स्लम बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर मैं उन्हें यहां एक घर भी मुहैया करा रहा हूं।
2019 में हैदराबाद से ऐसा ही मामला सामने आया था
तेलंगाना में 27 नवंबर 2019 को अस्पताल से घर लौट रही वेटरनरी डॉक्टर से गैंगरेप हुआ था। इसके बाद डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी और शव को जला दिया था। मामले के चारों आरोपियों का एनकाउंटर हुआ। एनकाउंटर शादनगर स्थित चतनपल्ली में वहीं हुआ, जहां आरोपियों ने डॉक्टर की लाश को जला दिया था।
जैसे ही यह खबर फैली, सड़क से लेकर संसद और सोशल मीडिया तक लोगों ने पुलिस की तारीफ की। लेकिन पुलिस के तरीके पर भी सवाल उठने लगे। घटना के करीब 10 घंटे बाद तेलंगाना के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने कहा था- कानून ने अपना काम किया। यह एनकाउंटर नहीं था। हम चाहते थे कि आरोपी सरेंडर करें, लेकिन वे नहीं माने और क्रॉस फायरिंग में मारे गए।
मार्च में लखनऊ गैंगरेप के आरोपी का एनकाउंटर हुआ
लखनऊ के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के गांव में 14 मार्च को दिव्यांग युवती से गैंगरेप हुआ था। इस मामले में 16 मार्च को लखनऊ में गैंगरेप के आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में गोली मारकर पकड़ा था। DCP निपुण अग्रवाल ने बताया- मुखबिर से हमें सूचना मिली थी कि गैंगरेप के दोनों आरोपी जंगल की तरफ भाग रहे हैं। इसके बाद पुलिस टीम ने उनकी घेराबंदी की।
खुद को घिरता देख आरोपी संदीप यादव ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में उसके पैर में गोली लग गई, जिससे वह जमीन पर गिर पड़ा। पुलिस ने उसे KGMU अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं, दूसरे आरोपी मायाराम को पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ लिया।