भारत को मिलने वाला है शक्तिशाली Rafale-M विमान; फ्रांस से हो गई डील साइ

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते लगातार बिगड़ रहे हैं। ऐसे में भारत रक्षा के क्षेत्र में खुद को मजबूत करने में जुटा है। इसी कड़ी में भारत और फ्रांस के बीच ऐतिहासिक राफेल डील साइन हो चुकी है। इस समझौते के तहत भारत, फ्रांस से 26 राफेल मरीन विमान खरीदेगा, जिसमें 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान शामिल होंगे।

भारत और फ्रांस के रक्षा मंत्रियों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हथियारों के खरीद के मामले में यह भारत की फ्रांस के साथ अब तक की सबसे बड़ी डील है, जिसकी कीमत लगभग 63,000 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।

कैसे साइन हुआ समझौता?

पहले इस सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु को रविवार को भारत आना था, लेकिन निजी कारणों से उनकी यात्रा रद कर दी गई है। हालांकि, वह अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ वार्ता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए। नई दिल्ली में हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ भी उपस्थित रहे।

INS विक्रांत पर होंगे तैनात

राफेल मरीन विमानों को INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। फ्रांस की विमान कंपनी दसॉ एविएशन भारत की जरूरत के हिसाब से इन विमानों में कुछ बदलाव करेगी। इसमें एंटी शिप स्ट्राइक, 10 घंटे तक फ्लाइट रिकॉर्ड करने और न्यूक्लियर हथियार लॉन्च करने जैसे फीचर मौजूद रहेंगे।

कब तक होगी डिलीवरी?

भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल-एम विमानों की डील साइन हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन विमानों की डिलीवरी 2028-29 में शुरू हो सकती है। वहीं 2031-32 तक फ्रांस सारे विमान भारत पहुंचा सकता है।

राफेल से ज्यादा एडवांस है राफेल-एम

भारत और फ्रांस पहले भी 36 राफेल जेट की डील कर चुके हैं। यह डील 2016 में 58,000 करोड़ रुपए में साइन हुई थी। फ्रांस ने 2022 तक सारे राफेल विमान भारत भेज दिए थे। इन राफेल विमानों को अंबाला और हाशिनारा एयरबेस से संचालित किया जाता है। हालांकि, राफेल मरीन विमान के फीचर राफेल विमान से बेहद एडवांस हैं।