सीजफायर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आज रात 8 बजे संबोधित करेंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को सीजफायर हुआ था। इसके बाद पिछले तीन दिन से तीनों सेनाओं के DGMO प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के हालात पर जानकारी दे सकते हैं।
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 10 मई को रात 11.30 बजे पाकिस्तान की जनता को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन 'बनयान-उन-मर्सूस' की सफलता का दावा किया था। पाकिस्तान में इसके बाद से ही 'यौम-ए-तशक्कुर' मनाया जा रहा है। यौम-ए-तशक्कुर एक उर्दू शब्द है, जिसका अर्थ होता शुक्रिया का दिन।
10 मई को सीजफायर, पाकिस्तान ने 3 घंटे में ही तोड़ा
भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम 5 बजे सीजफायर लागू हुआ था। हालांकि पाकिस्तान ने लागू होने के 3 घंटे बाद ही इसे तोड़ दिया था। पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में 15 जगहों पर ड्रोन अटैक किए गए थे, जिसे भारतीय एयर डिफेंस ने नाकाम कर दिया था।
ट्रम्प ने कहा था- सीजफायर के लिए मध्यस्थता की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार शाम दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता के बाद दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हो गए हैं। इसके बाद भारत और पाकिस्तान ने भी सीजफायर की पुष्टि की थी।
पहलगाम हमले के बाद 4 सार्वजनिक कार्यक्रमों में मोदी के भाषण
अब भारत के हक का पानी भारत में ही रहेगा
6 मई को ABP न्यूज की समिट में पीएम मोदी ने कहा- दशकों तक हमारी नदियों का पानी झगड़े का मुद्दा रहा। हमारी सरकार ने नदियों को जोड़ने का बड़ा फैसला किया है। आजकल मीडिया में पानी को लेकर बहुत बातें चल रही हैं।
पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था। अब भारत का पानी भारत के हक में बहेगा, हक में रुकेगा और भारत के ही काम आएगा।' पीएम ने यह बात सिंधु जल समझौते के संदर्भ में कही।
मधुबनी में PM मोदी ने कहा था- आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का समय आया
पहलगाम अटैक के 2 दिन बाद 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी पहुंचे PM मोदी ने कहा था- पहलगाम के दोषियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। आतंकियों को कल्पना से भी बड़ी सजा मिलकर रहेगी।
आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने भाई, किसी ने जीवन साथी खोया। इनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़, कोई गुजराती था, कोई बिहार का लाल था। आज सभी की मृत्यु पर कारगिल से कन्याकुमारी तक हमारा आक्रोश एक जैसा है।