देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 को पूरा हो गया है, भारत के सीजेआई संजीव खन्ना रिटायर हो गए हैं और उनका सुप्रीम कोर्ट में फेरवल भी कर दिया गया है. इसी के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस बीआर गवई ने देश के नए CJI का कार्यभार संभाल लिया है. वहीं 14 मई 2025 को भारत के नए सीजेआई के रूप में सीनियर मोस्ट जज जस्टिस बीआर गवई शपथ ले ली है. नए CJI जस्टिस बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट के 52वें CJI हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि BR गवई के प्रमोशन होने पर अब उनकी सैलरी कितनी बढ़ जाएगी.
भारत के नए CJI जस्टिस बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज थे और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज को 2.5 लाख रुपये सैलरी मिलती है. इसके अलावा 8 लाख रुपये फर्निशिंग भत्ता, मूल वेतन का 24 प्रतिशत, 34,000 रुपये प्रति माह सत्कार भत्ता, 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी और 15 लाख रुपये प्रति वर्ष पेंशन और साथ में महंगाई राहत भी मिलती है.
वहीं भारत के CJI को हर महीने 2.80 लाख रुपए वेतन मिलता है, साथ ही 45000 रुपए सत्कार भत्ता मिलता है, 10 लाख रुपए फर्निशिंग अलाउंस के तौर पर मिलते हैं और CJI को बंगला, गाड़ी, नौकर और 24 घंटे सिक्योरिटी के अलावा कई सुविधाएं मिलती हैं. ऐसे में अब भारत के नए CJI जस्टिस बीआर गवई सुप्रीम को प्रमोशन के बाद 30 हजार रुपये ज्यादा सैलरी, अन्य भत्ते और कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी.
भारत के नए CJI बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज हैं. साथ ही वे देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश हैं. जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था. वे 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट के बॉम्बे हाई कोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त किए गए थे . रिपोर्ट्स के अनुसार, अब बीआर गवई जस्टिस गवई का भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में छह महीने से ज्यादा का कार्यकाल होगा.
भारत के नए CJI बीआर गवई जस्टिस गवई को रिटायरमेंट के बाद भी पेंशन, भत्ते और कई सुविधाएं मिलेंगी. जिसमें CJI को रिटायरमेंट के बाद 16.80 लाख रुपये प्रति वर्ष पेंशन और साथ में महंगाई राहत और 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी मिलती है. CJI को रिटायरमेंट के बाद सरकारी आवास, सुरक्षा गार्ड्स, नौकर और ड्राइवर के साथ रिटायरमेंट के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में अन्य कानूनी मामलों में मदद, सलाह देने का अधिकार और अन्य सुविधाएं मिलती रहती हैं.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सैलरी, ग्रेच्युटी, पेंशन, भत्ते जैसे सभी चीजों के लिए देश में सुप्रीम कोर्ट सैलरी एंड कंडीशन्स ऑफ सर्विस अधिनियम-1958 के तहत है. वहीं हाई कोर्ट की न्यायाधीशों सैलरी, ग्रेच्युटी, पेंशन, भत्ते आदि अधिनियम-1954 के तहत तय किए जाते है. इसके साथ ही समय समय पर सैलरी, पेंशन और भत्ते आदि पर संशोधन भी किया जाता है.