श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा के सुरक्षा क्वच को अभेद्य बनाने के लिए जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने पूरे यात्रा मार्ग को नो फ्लाईंग जोन (No Flying Zone at Amarnath Dham) घोषित कर दिया है।
यात्रा मार्ग पर पहली जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक कोई भी व्यक्ति ड्रोन नही उड़ा सकेगा। अलबत्ता, सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों को ही यात्रा मार्ग की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की अनुमति रहेगी।
श्री अमरेश्वर धाम (Shri Amreshwar Dham) जिसे श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के नाम से पुकारा जाता है, की इस वर्ष वार्षिक तीर्थयात्रा तीन जुलाई से शुरु हो रही है। यह तीर्थयात्रा नौ अगस्त 2025 को संपन्न होगी।
अलर्ट मोड पर खुफिया एजेंसियां
श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा कश्मीर में सक्रिय रहे आतंकी संगठनों के निशाने पर रही है। आतंकियों ने एक बार नहीं कई बार यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं पर हमला किया है। जम्मू कश्मीर में विगत कुछ वर्षाें में हालात में आए सुधार से हताश आतंकी व उनके आका इस वर्ष तीर्थयात्रा में गड़बड़ी फैलाने का षड्यंत्र कर सकते हैं।
इस संदर्भ में खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर प्रशासन ने यात्रा की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय कर रहा है। संबधित अधिकारियों ने बताया कि यात्रा मार्ग को किसी भी खतरे से पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए ही यात्रा मार्ग और सभी यात्री शिविरों व उनके आस पास के क्षेत्र केा No Flying Zone बनाया गया है। जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने इस विषय में एक औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया है।
दोनों मार्ग No Flying Zone घोषित
इस संदर्भ में खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर प्रशासन ने यात्रा की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय कर रहा है। संबधित अधिकारियों ने बताया कि यात्रा मार्ग को किसी भी खतरे से पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए ही यात्रा मार्ग और सभी यात्री शिविरों व उनके आस पास के क्षेत्र केा No Flying Zone बनाया गया है। जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने इस विषय में एक औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया है।
दोनों मार्ग No Flying Zone घोषित
उन्होने बताया कि श्री अमरनाथजी यात्रा के सभी मार्गों को पहलगाम अक्ष और बालटाल अक्ष दोनों सहित 'नो फ्लाइंग ज़ोन' घोषित किया गया है और इन क्षेत्रों में यूएवी, ड्रोन, गुब्बारे आदि सहित किसी भी प्रकार के विमानन प्लेटफार्मों और उपकरणों की उड़ान पहली जुलाई, 2025 से 10 अगस्त, 2025 तक प्रतिबंधित है। ये प्रतिबंध चिकित्सा निकासी, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा बलों द्वारा निगरानी के मामलों में लागू नहीं होंगे। ऐसे अपवादों के लिए एक विस्तृत एसओपी बाद में जारी किया जाएगा।