ज्योतिष: विज्ञान या अंधविश्वास?

आज के समय में भी जब हम चाँद पर जाने की बात कर रहे हैं, लोग अब भी अपनी ज़िंदगी के फैसले सितारों और ग्रहों की चाल देखकर लेते हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है — क्या ज्योतिष सच में विज्ञान है या सिर्फ अंधविश्वास?

ज्योतिष क्या है?

ज्योतिष (Astrology) एक प्राचीन विद्या है जिसमें ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति देखकर भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जाता है। जन्म कुंडली, राशिफल, ग्रह गोचर जैसे विषय इसी के भाग हैं।

क्यों कुछ लोग इसे विज्ञान मानते हैं?

1. गणनाएं और गणित:

ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति निकालने के लिए खगोलशास्त्र (astronomy) और गणित का उपयोग होता है। कुंडली बनाना और दशा प्रणाली निकालना एक सटीक गणना पर आधारित होता है।

2. अनुभव और प्रैक्टिस:

कई ज्योतिषियों ने वर्षों तक अभ्यास कर कुछ पैटर्न्स पहचाने हैं जो सही साबित होते हैं।

3. मानसिक शांति:

कई लोग मानते हैं कि ज्योतिष से उन्हें दिशा और मानसिक संतुलन मिलता है, खासकर तब जब वे कठिनाइयों में होते हैं।

क्यों कुछ लोग इसे अंधविश्वास कहते हैं?

1. वैज्ञानिक प्रमाण की कमी:

ज्योतिष के दावे किसी भी वैज्ञानिक प्रयोग या प्रमाण पर खरे नहीं उतरते। यह अनुमान और विश्वास पर आधारित होता है।

2. भय फैलाना और लालच:

कुछ नकली ज्योतिषी डर दिखाकर लोगों से पैसा कमाते हैं। इससे ज्योतिष की छवि खराब होती है।

3. सामान्य बातें सब पर लागू:

राशिफल जैसी चीज़ें इतनी सामान्य होती हैं कि किसी भी व्यक्ति पर लागू हो सकती हैं। इससे यह सिर्फ मनोवैज्ञानिक खेल लगता है।

निष्कर्ष

ज्योतिष को न पूरी तरह से विज्ञान कहा जा सकता है, न ही इसे पूरी तरह अंधविश्वास माना जा सकता है। यह एक पारंपरिक विद्या है जो अनुभव, विश्वास और कुछ हद तक गणना पर आधारित है। लेकिन इसका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए — बिना अंधविश्वास के और बिना किसी डर के।

अगर यह किसी को मानसिक शांति, आत्मविश्वास और दिशा देता है, तो यह उसकी ज़िंदगी का हिस्सा बन सकता है। परंतु किसी भी निर्णय को लेने से पहले तर्क, ज्ञान और समझदारी से काम लेना ज़रूरी है।

Edit by Priya Singh