युवाओं में Heart Attack के बढ़ रहे मामले, AIIMS के नए शोध से खुलेंगे राज़

कोविड-19 वैक्सीन को लेकर देशभर में उठ रहे सवालों के बीच एम्स ने स्पष्ट किया है कि अब तक के अध्ययनों में कोविड वैक्सीनेशन और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है। हालांकि, एम्स ने युवाओं में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों के कारण जानने के लिए दो नए अध्ययन शुरू किए हैं।

युवाओं में अचानक हार्ट अटैक पर दो अध्ययन शुरू

गुरुवार को एम्स की ओर से इस मामले को लेकर एक प्रेस वार्ता की गई। इसमें बताया गया कि 18 से 45 वर्ष के युवाओं में हार्ट अटैक से हो रही अचानक मौतों को गंभीरता से लिया गया है। पैथोलॉजी और फॉरेंसिक विभाग की ओर से ‘युवाओं में अचानक और अज्ञात कारणों से मौत के कारण जानना’ नाम से एक अध्ययन किया जा रहा है।

पांच साल का डेटा और जेनेटिक जांच

एम्स के डॉ. सुधीर कुमार अराबा ने बताया कि भारत में यह चिंता बढ़ रही है कि 18 से 45 साल के युवा अचानक हार्ट अटैक (कोरोनरी आर्टरी डिजीज) से क्यों मर रहे हैं। पहले यह बीमारी 45 साल से ऊपर के लोगों में अधिक देखी जाती थी। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं या नहीं, इसे समझने के लिए पिछले पांच साल के आंकड़ों से तुलना की जा रही है।

अध्ययन के लिए ICMR द्वारा फंड

डॉ. कुमार ने बताया कि इस अध्ययन में उन युवाओं की पूरी जेनेटिक जांच की जा रही है जो पहले स्वस्थ थे और अचानक हार्ट अटैक से मर गए। अब तक 100 लोगों की जांच हो चुकी है, लेकिन दिल में कोई ऐसी अधिक सूजन नहीं पाई गई जिससे मौत को सीधे जोड़ा जा सके।

यह अध्ययन ICMR द्वारा फंड किया गया है। पहली रिपोर्ट समीक्षा के लिए भेज दी गई है और अगले चरण में 300 और मरीजों की जांच होगी, जिसकी रिपोर्ट अगले साल आएगी।

कोविड और वैक्सीन पर अलग अध्ययन

एम्स के हेमेटोलॉजी विभाग की ओर से दूसरा अध्ययन किया जा रहा है जिसमें कोविड और वैक्सीन के दीर्घकालिक प्रभावों को देखा जाएगा। डॉ. तुलिका सेठ ने बताया कि यह अध्ययन लंबा चलेगा और अभी मरीजों का डेटा एकत्र किया जा रहा है। रिपोर्ट अगले साल तक आने की उम्मीद है।

वैक्सीन से हार्ट अटैक का सीधा लिंक नहीं : डॉ. राय

डॉ. संजय राय ने भी बताया कि पिछले अध्ययनों में वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है।

पिछले अध्ययन में क्या निष्कर्ष निकला था

पिछले साल अक्टूबर में ICMR और एम्स के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक बड़े अध्ययन में कहा गया था कि कोविड वैक्सीन से युवाओं में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ता। बल्कि पहले कोविड से अस्पताल में भर्ती होना, परिवार में अचानक मौत का इतिहास और कुछ गलत जीवनशैली की आदतें इसके मुख्य कारण हो सकते हैं।

सरकार ने भी साफ किया स्थिति को

दो जुलाई को स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा था कि कोविड वैक्सीन से युवाओं की अचानक मौत का कोई प्रमाण नहीं मिला है। यह अध्ययन मई से अगस्त 2023 के बीच देश के 19 राज्यों के 47 बड़े अस्पतालों में किया गया था।