मां वैष्णो देवी की यात्रा रविवार, 14 सितंबर से दोबारा शुरू होने जा रही है। 18 दिन के लंबे इंतजार के बाद अब कटड़ा, भवन और यात्रा मार्ग पर एक बार फिर भक्तों की भीड़ और भजन-कीर्तन से माहौल गूंजेगा। यात्रा की बहाली की खबर मिलते ही श्रद्धालु उत्साहित हैं। वहीं, घोड़ा, पिट्ठू और पालकी वालों के साथ-साथ कटड़ा और जम्मू के व्यापारी भी राहत महसूस कर रहे हैं।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्ग की साफ-सफाई तेज कर दी है और श्रद्धालुओं से जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट www.maavaishnodevi.org
का उपयोग करने की अपील की है। गौरतलब है कि 26 अगस्त को आद्कुंवारी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इसके बाद लगातार बारिश और मार्ग की खराब स्थिति के चलते यात्रा स्थगित कर दी गई थी। यह पहली बार है जब भूस्खलन के कारण यात्रा इतने लंबे समय तक बंद रही।
इस दौरान कटड़ा का व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि 18 दिनों में होटल, परिवहन और कारोबार को 800 से 1000 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ा। अकेले होटल इंडस्ट्री को ही लगभग 500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि ड्राई फ्रूट कारोबारियों को करीब 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कई व्यापारियों का कहना है कि बंद दुकानों में रखा माल भी खराब हो गया।
अब जब यात्रा शुरू होने जा रही है, तो कटड़ा में दुकानों के शटर फिर उठने लगे हैं। श्रद्धालु भी लंबे इंतजार के बाद मां के दर्शन के लिए उत्सुक हैं। भंडारा, महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु रामचंद्र ने कहा कि वे अपने साथियों संग 5 सितंबर से कटड़ा में रुके हुए थे और अब मां के दर्शन की खबर से बेहद प्रसन्न हैं।
इस बीच, 22 सितंबर से शुरू होने वाले नवरात्र में इस बार कार्यक्रम सादगी से मनाने का निर्णय लिया गया है। अर्धकुंवारी हादसे को ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय भेंट प्रतियोगिता, शोभा यात्रा और दंगल जैसे कार्यक्रम नहीं होंगे। अंतिम फैसला श्राइन बोर्ड और प्रशासन की बैठक में लिया जाएगा।