सोना और चांदी की कीमतें लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। घरेलू बाजार में दोनों धातुओं का भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है और तेजी का यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। दिग्गज ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि आने वाले समय में सोना 50% तक और महंगा हो सकता है। कीमतों में उछाल की बड़ी वजह जियो-पॉलिटिकल तनाव और आर्थिक अनिश्चितता मानी जा रही है।
2025 में अब तक का रिकॉर्ड प्रदर्शन
1 जनवरी से 27 सितंबर 2025 तक सोना 49% (करीब ₹37,000 प्रति 10 ग्राम) महंगा हुआ।
इसी अवधि में चांदी 60% (करीब ₹52,000 प्रति किलो) बढ़ गई।
IBJA के मुताबिक, 31 दिसंबर 2024 को 24 कैरेट सोना ₹76,162 प्रति 10 ग्राम था, जो 27 सितंबर 2025 को बढ़कर ₹1,13,262 हो गया।
वहीं चांदी ₹86,017 प्रति किलो से बढ़कर ₹1,38,100 प्रति किलो पहुंच गई।
आगे का अनुमान
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, 2026 के अंत तक सोना 5,000 डॉलर प्रति औंस (लगभग ₹1.55 लाख प्रति 10 ग्राम) तक जा सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का अनुमान है कि चांदी की कीमत अगले 12 महीनों में ₹1.5 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
कीमतों में तेजी की प्रमुख वजहें
केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोने की भारी खरीदारी (2022 से 2024 तक हर साल 1,000 टन से अधिक)।
क्रिप्टो बाजार में अस्थिरता के कारण निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ना।
औद्योगिक मांग और सुरक्षित निवेश के रूप में चांदी की खपत बढ़ना।
वैश्विक स्तर पर टैरिफ और नीतिगत बदलाव से बाजार में अनिश्चितता।