नेपाल में हाल ही में युवाओं (Gen Z) ने सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया। प्रदर्शन इतना उग्र हुआ कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। दरअसल, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया था। इसके खिलाफ युवाओं ने देशभर में प्रदर्शन किए और सरकारी दफ्तरों में भी तोड़फोड़ की। भारी दबाव के चलते सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा और सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
पेरू में क्यों भड़के युवा?
इस साल कई देशों में Gen Z का गुस्सा देखने को मिला। शुरुआत इंडोनेशिया से हुई और अब पेरू में हजारों युवा सड़कों पर उतर आए हैं। 27 सितंबर को राजधानी लीमा में युवाओं ने राष्ट्रपति दीना बोलुआर्ते के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और युवाओं में झड़पें हुईं। आंसू गैस और लाठीचार्ज के जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया।
आंदोलन की वजह पेंशन प्रणाली में हाल ही में हुए बदलाव हैं। नए नियम के तहत पेरू में 18 साल से ऊपर हर व्यक्ति को किसी पेंशन कंपनी से जुड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा राष्ट्रपति और संसद के खिलाफ पहले से ही जनता में असंतोष बढ़ रहा था।
किन-किन देशों में उठा Gen Z का तूफान?
इंडोनेशिया (31 अगस्त – 1 सितंबर): सांसदों के भत्ते बढ़ाए जाने के खिलाफ आंदोलन हुआ, जिसमें 8 लोगों की मौत हुई। दबाव में राष्ट्रपति प्रबोवो को फैसला रोकना पड़ा।
नीदरलैंड (1 सितंबर): सरकार की इजरायल समर्थक नीति के खिलाफ युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। आंदोलन के बाद सरकार को नीति पर पुनर्विचार का आश्वासन देना पड़ा।
नेपाल से लेकर पेरू तक हो रहे ये प्रदर्शन इस बात का संकेत हैं कि नई पीढ़ी अब सरकारों की नीतियों को आंख मूंदकर स्वीकार करने के मूड में नहीं है।