लद्दाख में कर्फ्यू के बाद हालात गंभीर, लोगों को खाने तक के लाले

लद्दाख का पर्यटन उद्योग इस समय गहरी मुश्किलों से जूझ रहा है। लेह में हाल ही में हुए प्रदर्शनों और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। पहले से ही अप्रैल में हुए पहलगाम हमले के बाद पर्यटकों की संख्या घट गई थी, लेकिन पिछले हफ्ते हुए प्रदर्शनों ने स्थिति को और खराब कर दिया। बड़ी संख्या में बुकिंग रद्द हो गई है।

24 सितंबर को लेह शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया, जिसके कारण कई सैलानी वहीं फंस गए और उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेह एपेक्स बॉडी से जुड़े एक संगठन ने बंद का आह्वान किया था। इस दौरान हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा लोग घायल हुए।

हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू के साथ मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दीं। इससे व्यापार और पर्यटन दोनों पर गहरा असर पड़ा है। स्थानीय होटल संचालक नसीब सिंह का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से हर दिन अग्रिम बुकिंग कैंसिल हो रही हैं और जरूरी सामान की भी कमी हो गई है। उन्होंने कहा कि 10 साल के अनुभव में उन्होंने ऐसा माहौल पहली बार देखा है। वहीं, स्थानीय ट्रांसपोर्टर रिगजिन डोरजे ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से ही पर्यटन प्रभावित था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद धीरे-धीरे सैलानी लौट रहे थे, लेकिन ताजा घटनाओं ने हालात फिर बिगाड़ दिए।

पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए रोजमर्रा का सामान जुटाना भी मुश्किल हो गया है। एक होटल मालिक ने बताया कि हर दिन की अनिश्चितता हजारों परिवारों की रोज़ी-रोटी छीन रही है। ताइवान से आई पर्यटक शीना ने कहा कि वह लद्दाख घूमने आई थीं, लेकिन यहां पहुंचते ही उन्हें बंद बाज़ार और खाने तक की किल्लत का सामना करना पड़ा।