कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप तमिलनाडु के बाद अब मध्य प्रदेश में भी बैन

तमिलनाडु के बाद अब मध्यप्रदेश में भी कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। छिंदवाड़ा जिले में इन सिरपों के सेवन से 9 बच्चों की मौत हुई थी, जिसकी पुष्टि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर की। जांच में सामने आया कि स्थानीय डॉक्टर की सलाह पर बच्चों को यह सिरप दिया गया था। मृतकों में सात बच्चे चार साल या उससे कम उम्र के थे, जबकि दो की आयु पांच साल थी।

सप्लाई चेन की जांच में पता चला कि जबलपुर स्थित कटारिया फार्मास्यूटिकल ने श्री सन फार्मा कंपनी के मैनेजर की मांग पर कुल 660 बोतलें मंगाईं। इनमें से 594 बोतलें छिंदवाड़ा के तीन मेडिकल स्टोर्स में भेजी गईं और 66 बोतलें डीलर ने अपने पास रखीं। घटना के बाद प्रदेशभर में इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है और कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

ड्रग कंट्रोलर के निर्देश पर जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर ने सप्लायर फर्म में छानबीन की, जबकि तीन अलग-अलग जांच टीमें मौतों के कारणों की पड़ताल कर रही हैं। दिल्ली की सीडीएससीओ टीम मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की जांच कर रही है, वहीं छिंदवाड़ा और राज्य स्तरीय टीम भी सक्रिय है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि 2023 में डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस ने साफ निर्देश दिया था कि चार साल से कम उम्र के बच्चों को क्लोरफेनिरामाइन और फिनाइलेफ्राइन युक्त सिरप नहीं दिया जाना चाहिए। बावजूद इसके, कुछ डॉक्टरों द्वारा यह घातक लापरवाही बरती गई।