अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर उठे सवालों पर भारत सरकार ने सफाई दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की कोई भूमिका नहीं थी और यह कार्यक्रम पूरी तरह अफगानिस्तान के दूतावास द्वारा आयोजित किया गया था।
दरअसल, शुक्रवार को दिल्ली में मुत्तकी की प्रेस वार्ता के दौरान महिला पत्रकारों को शामिल होने से रोके जाने की खबर सामने आई, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। महिला पत्रकारों की एंट्री पर रोक की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया।
विदेश मंत्रालय का स्पष्टीकरण
MEA ने शनिवार को कहा कि अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार की कोई संलिप्तता नहीं थी। मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मुत्तकी के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद कोई संयुक्त प्रेस वार्ता नहीं की गई।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगान दूतावास परिसर में स्वतंत्र रूप से आयोजित की गई, जिसमें केवल चुनिंदा पुरुष पत्रकार और अफगान दूतावास के अधिकारी मौजूद थे।
मुत्तकी ने इस दौरान भारत-अफगानिस्तान संबंधों, मानवीय सहायता, व्यापार मार्गों और सुरक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
महिला पत्रकारों के प्रति भेदभाव पर आलोचना
अगस्त 2021 में सत्ता संभालने के बाद से “तालिबान 2.0” शासन के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों पर गंभीर संकट गहराया है। संयुक्त राष्ट्र ने इसे दुनिया का सबसे भीषण महिला अधिकार संकट बताया है।
ऐसे में भारत में हुई इस घटना ने महिला पत्रकारों के प्रति भेदभाव की नई बहस छेड़ दी है।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस घटना पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने एक्स (X) पर लिखा—
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया तालिबान प्रतिनिधि की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति बताएं। अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता केवल चुनावी दिखावा नहीं है, तो यह भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया गया?”
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा—
“जब पुरुष पत्रकारों को यह पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को बाहर रखा गया है, तो उन्हें भी प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर निकल जाना चाहिए था।”
MEA ने विवाद से किया किनारा
विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि अफगान दूतावास की प्रेस वार्ता के आयोजन या प्रबंधन में भारत की कोई भूमिका नहीं थी, और महिला पत्रकारों को शामिल न करने के विवाद से खुद को अलग कर लिया है।