जापान की राजनीति में नई क्रांति: पहली महिला प्रधानमंत्री का ऐलान

साने ताकाइची मंगलवार को जापान की प्रधानमंत्री चुनी गईं और वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं। उन्हें संसद के निचले सदन में हुए चुनाव में 237 वोटों से जीत मिली, जबकि मुकाबले में 149 वोटों को समर्थन मिला। इसके बाद उन्हें ऊपरी सदन में भी चुना गया, जहां दूसरे दौर के वोट में 125-46 से जीत हासिल की। प्रधानमंत्री बनने के बाद वैश्विक नेताओं जैसे नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प ने उन्हें बधाई दी।

ताकाइची कमजोर गठबंधन के साथ प्रधानमंत्री बनी हैं। वह दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी समर्थक मानी जाती हैं और मजबूत सेना, कड़े आव्रजन नियम और जापान के शांतिवादी संविधान में संशोधन की वकालत करती हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्हें LDP का नेता चुना गया था। ताकाइची पहले भी 2021 और 2024 में प्रधानमंत्री बनने का प्रयास कर चुकी हैं, लेकिन पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाया था।

शिगेरु इशिबा की जगह प्रधानमंत्री बनने वाली ताकाइची का राजनीतिक रुख चीन विरोधी और राष्ट्रवादी माना जाता है। वह देश में पुरुष प्रधान शासन की समर्थक हैं और रानी के शासन के खिलाफ हैं। साथ ही, उन्होंने हाल ही में अमेरिका के साथ हुए 550 अरब डॉलर के ट्रेड डील पर पुनर्विचार की आवश्यकता जताई और समलैंगिक विवाह, विदेशी आव्रजन और पारिवारिक नामों में अलग-अलग टाइटल रखने के मामले में सख्त रुख अपनाया है।

व्यक्तिगत जीवन में, ताकाइची ने 2004 में पार्टी के ही सांसद ताकू यामामोटो से शादी की थी, लेकिन 2017 में राजनीतिक मतभेद के कारण तलाक ले लिया। चार साल बाद 2021 में दोनों ने पुनः विवाह किया और यामामोटो ने अपना सरनेम ताकाइची रख लिया।

साने ताकाइची का प्रधानमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हुआ है जब जापान महंगाई और विपक्षी असंतोष का सामना कर रहा है, और उनकी नेतृत्व क्षमता पर पूरे देश और दुनिया की निगाहें टिकी हैं।