चीन ने दोबारा खोला अमेरिकी सोयाबीन के लिए बाजार के दरवाजे

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील का फ्रेमवर्क तय हो गया है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि दोनों देशों ने चीनी आयात पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने से बचने के लिए एक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर सहमति बना ली है। इस समझौते के तहत चीन फिर से अमेरिकी सोयाबीन की खरीद शुरू करेगा।

बेसेंट ने कहा कि चीन पर लागू होने वाला 100% अतिरिक्त टैरिफ अब नहीं लगेगा। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आगामी मुलाकात से पहले लिया गया है। दोनों नेता इस हफ्ते गुरुवार को साउथ कोरिया में मिलेंगे और फ्रेमवर्क पर आगे चर्चा करेंगे।

ट्रम्प इन दिनों एशियाई देशों के दौरे पर हैं। उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत मलेशिया से की, जहां उन्होंने आसियान समिट के दौरान थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर समारोह में हिस्सा लिया। इसके बाद वे जापान के लिए रवाना हो गए।

चीन ने 5 नए रेयर अर्थ मटेरियल्स के निर्यात पर लगाया नियंत्रण

चीन ने अपने दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Materials) पर नियंत्रण और सख्त कर दिया है। अब वह 17 में से 12 खनिजों पर एक्सपोर्ट लाइसेंस के बिना निर्यात की अनुमति नहीं देगा।

हाल ही में चीन ने 5 नए खनिज—होल्मियम, एर्बियम, थुलियम, यूरोपियम और यटरबियम— को प्रतिबंधित सूची में शामिल किया है। इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और डिफेंस सेक्टर में होता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कदम अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सप्लाई चेन पर बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि चीन दुनिया की 70% आपूर्ति और 90% प्रोसेसिंग को नियंत्रित करता है।

शीर्ष व्यापार वार्ताकार को हटाया गया

चीन ने अपने शीर्ष व्यापार वार्ताकार ली चेंगगैंग को पद से हटा दिया है। वे हाल ही में अमेरिका के साथ हुई चार दौर की वार्ताओं में शामिल थे।

सरकार ने बताया कि उन्हें विश्व व्यापार संगठन (WTO) में चीन के स्थायी प्रतिनिधि पद से हटाया गया है और उनकी जगह ली योंगजीए को नियुक्त किया गया है।

यह बदलाव तब हुआ जब अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने ली चेंगगैंग के व्यवहार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि ली बिना निमंत्रण के वॉशिंगटन आए और धमकी दी कि अगर अमेरिका ने बंदरगाह शुल्क लगाया, तो चीन "वैश्विक अव्यवस्था" फैलाएगा।

अब दोनों देशों के बीच नई वार्ता की तैयारी चल रही है। अमेरिकी और चीनी अधिकारी जल्द ही मलेशिया में बैठक कर सकते हैं ताकि ट्रम्प-जिनपिंग शिखर सम्मेलन से पहले सहमति बन सके।

एक्सपर्ट बोले— अमेरिका ने पहले हमला किया, अब मासूम बन रहा

बीजिंग की रेनमिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिन कनरोंग ने कहा, "अमेरिका ने पहले चीन पर हमला किया और अब खुद को निर्दोष दिखाने की कोशिश कर रहा है।"

वहीं, फुडान यूनिवर्सिटी, शंघाई के प्रोफेसर वू शिनबो ने कहा, "ट्रम्प प्रशासन के कदम उसकी गलत मंशा उजागर करते हैं। उसने चिप्स और तकनीक पर रोक लगाई, अब चीन उसका जवाब दे रहा है।"

प्रोफेसर वू ने यह भी कहा कि ट्रम्प को रिश्ते सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, क्योंकि "चीन अब दबाव झेलने को तैयार नहीं है।"

रेनमिन यूनिवर्सिटी के ही प्रोफेसर वांग यिवेई ने कहा, "चीन ट्रम्प की रणनीति को समझ चुका है। इस बार अमेरिका ज्यादा परेशान दिख रहा है। हमारा संदेश साफ है— अमेरिका को चीन के साथ सहयोग करना होगा।"