पेड़ गिरे, ट्रेनें रद्द, बिजली ठप,'मोंथा' तूफान की तबाही

भारत के पूर्वी तट पर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने भारी तबाही मचाई है। आंध्र प्रदेश और ओडिशा के कई तटीय जिलों में 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और मूसलाधार बारिश हुई, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना यह गहरा दबाव सोमवार देर रात भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल गया। मंगलवार को यह तूफान आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराया, जिसके दौरान तेज हवाओं के साथ भीषण बारिश हुई। विभाग ने तटीय इलाकों के लिए गंभीर चक्रवात की चेतावनी जारी की है। आने वाले कुछ घंटों में इसके गहरे अवदाब में बदलने और धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है।

तूफान के कारण कई क्षेत्रों में पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे गिर गए और सड़कें जलमग्न हो गईं। बिजली आपूर्ति बाधित होने से कई जिलों में अंधेरा छा गया। अब तक की जानकारी के अनुसार, आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले में एक बुजुर्ग महिला की पेड़ गिरने से मौत हो गई, जबकि एक लड़का और एक ऑटो चालक घायल हुए हैं।

तेज हवाओं और बारिश के चलते कई स्थानों पर राजमार्ग बंद हो गए और तटीय इलाकों में 10 फीट ऊंची समुद्री लहरें उठीं। हालात को देखते हुए कई ट्रेनें और उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक सतर्कता बरतने की सलाह दी है, क्योंकि तूफान का असर उत्तर भारत के कुछ हिस्सों तक पहुंचने की संभावना है।

आईएमडी के मुताबिक, मंगलवार सुबह 5:30 बजे तक चक्रवात मोंथा नरसापुर (आंध्र प्रदेश) से लगभग 80 किमी उत्तर-पश्चिम में केंद्रित था। यह धीरे-धीरे तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से होते हुए उत्तर-उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है।

वहीं, पूर्व-मध्य अरब सागर में एक अन्य अवदाब भी सक्रिय है, जो मुंबई से लगभग 410 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम दिशा में स्थित है। मौसम विभाग ने इसके अगले 36 घंटों में उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ने की संभावना जताई है।