साल 2025 में राजस्थान में 108 सालों के बाद सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। जुलाई से सितंबर के बीच राज्य में 715.2 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से काफी अधिक है। इससे पहले 1917 में मानसून सीजन के दौरान 844.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड था।
वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी बारिश ने अक्टूबर महीने में नया रिकॉर्ड बना दिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, हिमाचल में इस साल अक्टूबर में 68.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य औसत 25.1 मिमी से 173% अधिक है। यह 2005 के बाद सबसे ज्यादा अक्टूबर वर्षा रही।
IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, 4 और 5 नवंबर को हिमाचल में बारिश या बर्फबारी हो सकती है। ठंड भी तेज़ होती जा रही है — कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान माइनस 1.2°C और ताबो में माइनस 0.8°C दर्ज किया गया।
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि इस साल कड़ाके की सर्दी देर से शुरू हो सकती है। नवंबर में देश के ज़्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा या सामान्य बारिश की संभावना है। इसके पीछे ला नीना प्रभाव में देरी को मुख्य कारण बताया गया है।
मौसम विभाग ने बताया कि प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी हिस्से में कमजोर ला नीना की स्थिति बनी हुई है, जो दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक रह सकती है। इस दौरान समुद्र का पानी सामान्य से ठंडा रहता है, जिससे मौसम के पैटर्न पर असर पड़ता है।
IMD के अनुसार, नवंबर में दिन का तापमान सामान्य से नीचे, जबकि रातें सामान्य से गर्म महसूस होंगी। हालांकि, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रह सकता है।
मौसम विभाग ने यह भी बताया कि अक्टूबर में देशभर में औसतन 112.1 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 49% अधिक है। यह 2001 के बाद अक्टूबर महीने में दूसरी सबसे ज्यादा बारिश रही। वहीं, नवंबर में भी देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या उससे अधिक बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि उत्तर-पश्चिम और दक्षिणी भारत के कुछ इलाकों में बारिश सामान्य से कम रह सकती है।