दिल्ली में आज से दूसरे राज्यों के पुराने वाहनों की एंट्री पर बैन

दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सख्त कदम उठाया है। आयोग ने राजधानी में दूसरे राज्यों के BS-3 डीजल ट्रक और माल ढोने वाले वाहनों की एंट्री पर बैन लगा दिया है। यह फैसला 1 नवंबर से लागू हो गया है।

CAQM ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड लाइट, मीडियम और हैवी गुड्स व्हीकल्स (LGVs, MGVs, HGVs) जो BS-6 मानक के तहत नहीं आते, उन्हें अब दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, BS-IV मानक वाले कॉमर्शियल वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक एंट्री की छूट दी गई है। वहीं, दिल्ली में रजिस्टर्ड CNG, LNG और इलेक्ट्रिक वाहनों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

इस कदम का उद्देश्य राजधानी में पुराने डीजल इंजनों से निकलने वाले धुएं को कम करना है। 2022-23 के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में करीब 79.45 लाख कॉमर्शियल वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें से बड़ी संख्या में पुराने डीजल ट्रक और टेम्पो शामिल हैं।

इस फैसले का असर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों के हजारों ट्रांसपोर्टरों पर पड़ेगा, जिनके ट्रक दिल्ली के रास्ते से गुजरते हैं। अब उन्हें या तो रूट बदलने होंगे या अपने वाहनों को BS-6 मानक में अपग्रेड करना होगा।

CAQM ने यह भी कहा कि जब प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा, तब ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत अन्य पाबंदियां भी जारी रहेंगी। हाल ही में NDMC ने GRAP-II लागू होने के बाद दिल्ली में पार्किंग फीस दोगुनी करने की घोषणा की थी।

हालांकि शुक्रवार को दिल्ली की हवा में मामूली सुधार दर्ज किया गया और सुबह AQI 268 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।

CAQM के अनुसार, जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच दिल्ली में आठ सालों में सबसे बेहतर एयर क्वालिटी दर्ज की गई है (2020 के लॉकडाउन को छोड़कर)। इस दौरान औसत AQI 170 रहा, जो 2024 के मुकाबले बेहतर है।

AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स यह बताता है कि हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व हमारी सेहत को किस हद तक प्रभावित कर रहे हैं। इसमें ग्राउंड लेवल ओजोन, पार्टिकुलेट मैटर, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे तत्वों को मापा जाता है।