अनिल अंबानी की ₹3000 करोड़ की 40 प्रॉपर्टीज जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 40 से ज्यादा प्रॉपर्टीज को अटैच कर दिया है। प्रॉपर्टीज में अनिल अंबानी का पाली हिल वाला घर भी है। अटैच की गई प्रॉपर्टीज की कुल वैल्यू 3,084 करोड़ रुपए बताई जा रही ह

ये एक्शन मनी लॉन्ड्रिंग केस में लिया गया है, जिसमें यस बैंक से लिए लोन का फंड डायवर्जन का मामला शामिल है। ED का कहना है कि ये पब्लिक मनी रिकवर करने के लिए जरूरी हैं।

प्रॉपर्टी अटैच करने का ये आदेश 31 अक्टूबर 2025 को PMLA की धारा 5(1) के तहत जारी किए गए। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ब्लैक मनी को रोकने के लिए 2002 में बना था। इसमें प्रॉपर्टी अटैचमेंट से लेकर कोर्ट ट्रायल तक सब कवर होता है।

ED की जांच में फंड डायवर्जन का खुलासा

ED ने अपनी जांच में पाया है कि रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस (RCFL) में बड़े पैमाने पर फंड्स का गलत इस्तेमाल हुआ। 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL में 2,965 करोड़ और RCFL में 2,045 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया था।

लेकिन दिसंबर 2019 तक ये अमाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) बन गए। RHFL का 1,353 करोड़ और RCFL का 1,984 करोड़ अभी तक बकाया है। कुल मिलाकर यस बैंक को 2,700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ।

ED के मुताबिक, ये फंड्स रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किए गए। लोन अप्रूवल प्रोसेस में भी कई गड़बड़ियां मिलीं। जैसे, कुछ लोन उसी दिन अप्लाई, अप्रूव और डिस्बर्स हो गए। फील्ड चेक और मीटिंग्स स्किप हो गईं। डॉक्यूमेंट्स ब्लैंक या डेटलेस मिले।

ED ने इसे 'इंटेंशनल कंट्रोल फेल्योर' बताया है। जांच PMLA की धारा 5(1) के तहत चल रही है, और 31 अक्टूबर 2025 को अटैचमेंट ऑर्डर जारी हुए।

अटैच प्रॉपर्टीज दिल्ली से चेन्नई तक फैली

अटैच की गई प्रॉपर्टीज दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी जैसे शहरों में हैं। इनमें रेसिडेंशियल यूनिट्स, ऑफिस स्पेस और लैंड पार्सल शामिल हैं। खासकर अनिल अंबानी का पाली हिल रेसिडेंस सबसे हाई-प्रोफाइल है।

ED का फोकस क्राइम प्रोसीड्स को ट्रेस करने पर है, ताकि और प्रॉपर्टीज अटैच की जा सकें। अभी तक 3,084 करोड़ की वैल्यू अटैच हो चुकी है।

अनिल के घर में हेलीपैड से लेकर जिम और लाउंज

अनिल अंबानी अपने पाली हिल वाले घर में पत्नी टीना मुनिम अंबानी और उनके दो बेटों जय अनमोल व जय अनशुल अंबानी के साथ-साथ रहते हैं। इस घर का नाम 'अबोड' है। अनिल ने शुरू में इमारत को 150 मीटर ऊंचा बनाने की सोची थी, लेकिन जरूरी परमिट न मिलने से इसकी ऊंचाई 66 मीटर रह गई।

अबोड में हाई-एंड सुविधाओं का पूरा इंतजाम है, जिसमें स्विमिंग पूल, जिम, हेलीपैड और पार्किंग स्पेस शामिल हैं। इसके साथ ही एक लाउंज एरिया है, जहां अंबानी का बड़ा कार कलेक्शन डिस्प्ले होता है।

उनकी लग्जरी कारों में रिपोर्टेडली रोल्स रॉयस, लेक्सस, पोर्शे, ऑडी और मर्सिडीज जैसे ब्रांड्स हैं। हालांकि, यूके कोर्ट में पेशी के दौरान उन्होंने कहा था कि उनके पास सिर्फ एक कार ही है।

3 सवाल-जवाब में पूरा मामला:

सवाल 1: अनिल अंबानी के खिलाफ ED ने कार्रवाई क्यों की?

जवाब: मामला 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है।

ED की शुरुआती जांच में पता चला कि इन लोन्स को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि यस बैंक के बड़े अधिकारियों को शायद रिश्वत दी गई है।

सवाल 2: ED की जांच में और क्या-क्या सामने आया?

जवाब: ED का कहना है कि ये एक "सोचा-समझा और सुनियोजित" प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं, जैसे:

कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।

कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल।

लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना।

फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करना।

पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने की प्रक्रिया (लोन एवरग्रीनिंग)।

सवाल 3: इस मामले में CBI की क्या भूमिका है?

जवाब: CBI ने दो मामलों में FIR दर्ज की थी। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए गए दो अलग-अलग लोन से जुड़े हैं। दोनों ही मामलों में CBI ने यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम लिया था।

इसके बाद एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ED के साथ जानकारी साझा की। अब ED इस मामले की जांच कर रही है।