मेक्सिको में ड्रग माफियाओं पर अमेरिका करेगा एयर स्ट्राइक: बड़ा ऐलान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ड्रग तस्करी पर लगाम लगाने के लिए मेक्सिको में अमेरिकी सेना और खुफिया अधिकारियों को भेजने की तैयारी कर रहे हैं।  इस ऑपरेशन में सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) की भूमिका भी हो सकती है।

दो मौजूदा और दो पूर्व अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि ट्रम्प प्रशासन मेक्सिको के ड्रग कार्टेल्स को निशाना बनाने के लिए एक बड़े मिशन की योजना पर काम कर रहा है। शुरुआती ट्रेनिंग भी शुरू हो चुकी है। योजना के तहत मेक्सिको की जमीन पर ऑपरेशन चलाने की संभावना है, हालांकि सेना भेजने का अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है।

NBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस अभियान में ज्वाइंट स्पेशल ऑपरेशंस कमांड (JSOC) की टीमें शामिल हो सकती हैं, जो CIA के निर्देश में काम करेंगी। मिशन के तहत ड्रग लैब्स और कार्टेल सरगनाओं को निशाना बनाने के लिए ड्रोन और हवाई हमलों की योजना तैयार की जा रही है। कई ड्रोन के संचालन के लिए अमेरिकी ऑपरेटरों की ज़रूरत जमीन पर भी पड़ेगी।

फरवरी में अमेरिकी विदेश विभाग ने छह मेक्सिकन कार्टेल्स, MS-13 गैंग और वेनेज़ुएला के ट्रेन डे अरागुआ संगठन को विदेशी आतंकी समूह घोषित किया था। इसके बाद से CIA और अमेरिकी सेना को इन पर गुप्त ऑपरेशनों की अनुमति मिल गई है। ट्रम्प पहले भी कह चुके हैं कि उन्होंने वेनेज़ुएला में CIA को कार्रवाई की मंजूरी दी थी, और अब ज़रूरत पड़ने पर मेक्सिको में भी कार्टेल्स को “जमीन पर निशाना” बनाया जा सकता है।

मेक्सिको दुनिया के सबसे बड़े ड्रग नेटवर्क्स का गढ़ माना जाता है, जहां से कोकीन, हेरोइन, मेथ और फेंटेनाइल जैसी खतरनाक ड्रग्स अमेरिका तक पहुंचती हैं। अमेरिकी एजेंसियों के अनुसार, देश में ड्रग्स की सबसे बड़ी सप्लाई मेक्सिकन कार्टेल्स के ज़रिए होती है। हर साल लाखों अमेरिकी नशे की लत के शिकार होते हैं और फेंटेनाइल जैसी दवाओं से हजारों मौतें दर्ज की जाती हैं। इस वजह से अमेरिकी सरकार पर लंबे समय से दबाव रहा है कि वह तस्करी के स्रोतों पर सख्त कार्रवाई करे।

दूसरी ओर, मेक्सिको में ये कार्टेल्स इतने शक्तिशाली हो चुके हैं कि कई क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन पर हावी रहते हैं। हथियारबंद गिरोह, धमकी और भ्रष्टाचार के चलते सरकार के लिए उन्हें नियंत्रित करना मुश्किल हो गया है। कई कार्टेल्स तो अपने इलाकों में “शैडो गवर्नमेंट” की तरह शासन चलाते हैं।

अगर यह मिशन अमल में आता है, तो यह 100 साल बाद मेक्सिको में अमेरिकी सेना की पहली तैनाती होगी। आखिरी बार 1916 में जनरल जॉन पर्शिंग ने क्रांतिकारी पैनचो विला का पीछा करने के लिए मेक्सिको में सेना भेजी थी। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक अमेरिका मेक्सिको की अनुमति के बिना वहां सैन्य कार्रवाई नहीं कर सकता। मेक्सिको ने अब तक किसी भी विदेशी सैन्य हस्तक्षेप का सख्त विरोध किया है।