पाकिस्तान में रेड अलर्ट: जल, थल और नभ में मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर

भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे युद्धाभ्यास को लेकर पाकिस्तान में खौफ और बेचैनी का माहौल है। भारतीय सैनिकों की गतिविधियों से चिंतित पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पूरे देश में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सेनाओं के इस बड़े पैमाने के अभ्यास के बीच मुनीर ने सभी सैन्य कमांडरों को रियल-टाइम अपडेट देने के निर्देश जारी किए हैं। पाकिस्तान की थल, जल और वायु सेनाएँ पूरी तरह सतर्क मोड पर हैं। एयर बेस और समुद्री तैनाती में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के युद्धाभ्यास से पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व की चिंता झलकती है। पाकिस्तान को आशंका है कि यह अभ्यास सीमा क्षेत्रों में रणनीतिक संदेश देता है। पाकिस्तानी सेना ने अपनी नई मिसाइल कमांड को भी सक्रिय कर दिया है ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके। फिलहाल, ये तैयारियाँ रक्षात्मक प्रकृति की बताई जा रही हैं।

मुनीर का कार्यकाल बढ़ने की संभावना

जैसे-जैसे पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की सेवानिवृत्ति की तारीख (28 नवंबर 2025) नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे शहबाज शरीफ सरकार उन्हें संवैधानिक सुरक्षा देने की दिशा में काम कर रही है। सरकार 27वां संशोधन लाने की तैयारी में है, जिससे मुनीर का कार्यकाल 2027 तक बढ़ाया जा सकता है और उन्हें अतिरिक्त शक्तियाँ प्राप्त होंगी।

थल, जल और नभ — तीनों मोर्चों पर सतर्कता

पाक थल सेना ने अपनी रॉकेट फोर्स कमांड को एक्टिव कर दिया है और लॉन्च वाहनों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया है। वहीं, वायुसेना ने लगभग 20 लड़ाकू विमानों को लगातार गश्त पर तैनात किया है। औसतन 50 से 60 जेट रोजाना सीमा क्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं।

नौसेना की बात करें तो ग्वादर पोर्ट और अरब सागर तट पर अत्यधिक सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान की नौसेना आकार में भारत की विशाल ब्लू-वॉटर नेवी से छोटी होने के कारण तटीय रक्षा रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

चीन से मिलेगा पनडुब्बियों का सहारा

रक्षा स्रोतों के मुताबिक, पाकिस्तान को अगले वर्ष 8 उन्नत चीनी हैंगर-श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियाँ मिलने वाली हैं, जिनमें आधुनिक एयर इंडिपेंडेंट प्रपल्शन (AIP) प्रणाली होगी। वहीं भारत के पास पहले से ही 6 स्कॉर्पीन, 6 किलो और 4 एचडीडब्ल्यू पनडुब्बियाँ मौजूद हैं, जिससे नौसैनिक संतुलन स्पष्ट रूप से भारत के पक्ष में है।