भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने मौजूदा टीम इंडिया की मानसिकता और तैयारी को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू धरती पर आयोजित होने वाले टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए टीम जवाबदेही, ईमानदारी और नतीजा आधारित सोच के साथ आगे बढ़ रही है।
हाल ही में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को टी20 सीरीज़ में 2-1 से हराया था और अब टीम को घर में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ना है। बीसीसीआई ने सोमवार को गौतम गंभीर के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू का टीज़र जारी किया, जिसमें उन्होंने अपनी कोचिंग फिलॉसफी और टीम की सोच पर विस्तार से बात की।
गंभीर ने स्पष्ट किया कि वह बहानों की बजाय लचीलेपन और सीखने की प्रवृत्ति को महत्व देते हैं। उन्होंने कहा, “एक देश और एक खिलाड़ी के रूप में हम कभी सीरीज़ हार का जश्न नहीं मनाते।” उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर टीम के प्रति कड़े अनुशासन और समर्पण का संदेश माना गया।
खिलाड़ियों के विकास और नेतृत्व पर बात करते हुए गंभीर ने कहा कि दबाव की स्थिति में ही खिलाड़ी का असली परीक्षण होता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि शुभमन गिल को टेस्ट कप्तान बनाना इसी सोच का हिस्सा था — “लड़कों को गहरे समुद्र में फेंक दो, यही उन्हें मजबूत बनाता है,” गंभीर ने कहा।
उन्होंने बताया कि टीम मैनेजमेंट का फोकस ड्रेसिंग रूम में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने पर है। “यह बहुत ईमानदार ड्रेसिंग रूम है, और हम इसे इसी तरह बनाए रखना चाहते हैं,” उन्होंने जोड़ा।
2026 टी20 वर्ल्ड कप पर बात करते हुए गंभीर ने माना कि टीम अभी “वर्क इन प्रोग्रेस” है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि आने वाले महीनों में खिलाड़ी सही लय हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा, “हम अभी वहां नहीं पहुंचे हैं जहां होना चाहिए, लेकिन फिटनेस और समर्पण के साथ लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।”
अपने जोश और स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ गंभीर ने भारत के अगले क्रिकेटिंग अध्याय की नींव रख दी है — जहां अनुशासन, जवाबदेही और जीत की ललक टीम इंडिया की असली ताकत होगी।
