आर्मेनिया ने भारत से तेजस फाइटर जेट खरीदने की बातचीत रोक दी है। इज़राइली मीडिया ‘येरुशलम पोस्ट’ के अनुसार, यह फैसला दुबई एयरशो में 21 नवंबर को तेजस विमान के क्रैश होने के बाद लिया गया, जिसमें भारतीय पायलट विंग कमांडर नमांश सियाल की मौत हो गई थी। आर्मेनिया लगभग 1.2 बिलियन डॉलर (₹10 हजार करोड़) में 12 तेजस जेट खरीदने के अंतिम चरण में था, जो तेजस की पहली विदेशी डील हो सकती थी। हालांकि, इस पर न तो आर्मेनिया ने और न ही भारत सरकार ने कोई आधिकारिक बयान दिया है। तेजस अपनी चार प्रमुख खूबियों के कारण भारतीय वायुसेना के अन्य लड़ाकू विमानों से अलग माना जाता है—50% कलपुर्जे भारत में बने हैं, इज़राइल का EL/M-2052 रडार इसे एक साथ 10 टारगेट ट्रैक और अटैक करने में सक्षम बनाता है, यह केवल 460 मीटर रनवे से टेकऑफ कर सकता है और वजन में मात्र 6500 किलो का है। तेजस भारतीय वायुसेना के पुराने MiG-21 विमानों की जगह ले रहा है और अब तक 40 तेजस वायुसेना को मिल चुके हैं। इसका उन्नत संस्करण तेजस A1 विकसित किया जा रहा है, जिसमें AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, नया हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले और डर्बी मिसाइलें शामिल होंगी। प्रधानमंत्री मोदी भी 25 नवंबर 2022 को तेजस में उड़ान भर चुके हैं। दुबई एयरशो में हुआ हादसा तब हुआ जब लो-ऐल्टीट्यूड मैन्यूवर के दौरान अचानक विमान की ऊँचाई कम हुई और कुछ सेकंड बाद वह जमीन से टकरा गया, जिससे जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई। इससे पहले मार्च 2024 में जैसलमेर में भी तेजस क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट सुरक्षित बच गए थे, और यह 20 महीने में तेजस का दूसरा बड़ा हादसा है।