पाकिस्तान से भी कमजोर हुई टीम इंडिया

साउथ अफ्रीका ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत का 2-0 से सफाया कर दिया। गुवाहाटी टेस्ट में 549 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया पांचवें दिन दूसरी पारी में 140 रन पर ढेर हो गई और 408 रन से मैच गंवा बैठी—यह भारत के 93 साल के टेस्ट इतिहास में रन के अंतर से सबसे बड़ी हार है। पिछले एक साल में भारतीय टीम घरेलू मैदान पर खेले गए 7 में से 5 टेस्ट हार चुकी है, जिनमें न्यूजीलैंड ने अक्टूबर-नवंबर 2024 में 3-0 और अब साउथ अफ्रीका ने 2-0 से क्लीन स्वीप किया। कभी घर में अपराजेय मानी जाने वाली भारत की टीम इस समय दुनिया की सबसे कमजोर घरेलू टेस्ट टीमों में शामिल हो गई है; पिछले 13 महीनों में पाकिस्तान ने भी भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस अवधि में पाकिस्तान ने घरेलू मैदान पर 7 टेस्ट खेले—4 जीते और 3 हारे—जबकि भारत केवल वेस्टइंडीज के खिलाफ दो जीत दर्ज कर सका। पाकिस्तान ने हाल ही में इसी साउथ अफ्रीका के खिलाफ 1-1 से सीरीज ड्रॉ की, जबकि भारत दोनों टेस्ट एकतरफा हार गया। भारत के खराब प्रदर्शन की तीन प्रमुख वजहें मानी जा रही हैं: पहली—कोच गौतम गंभीर का ऑलराउंडर-प्रधान चयन, जिसमें स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों की कमी टीम को महंगी पड़ रही है; दूसरी—यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन, ध्रुव जुरेल, वॉशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी जैसे युवा खिलाड़ियों का लगातार निराशाजनक प्रदर्शन; और तीसरी—भारतीय बल्लेबाजों की पेस और स्पिन, दोनों के खिलाफ असफलता। साउथ अफ्रीका सीरीज में भारत 38 विकेट गंवा बैठा, जिसमें 13 पेसर्स और 25 स्पिनर्स ने लिए। कप्तान शुभमन गिल गर्दन की ऐंठन के कारण दोनों पारियों में नहीं खेल सके, जिससे बैटिंग और कमजोर दिखी। अक्टूबर 2024 से अब तक घरेलू मैचों में भारत 280 विकेट खो चुका है—182 पेसर्स और 97 स्पिनर्स के खाते में गए—जो टीम की तेजी से गिरती क्षमता की तस्वीर पेश करता है।