पाकिस्तान ने अयोध्या के राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए ध्वजारोहण पर कड़ा विरोध जताया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इसे भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते दबाव और मुस्लिम विरासत को मिटाने की कोशिश का हिस्सा बताया। पाकिस्तान का कहना है कि जिस स्थान पर पहले बाबरी मस्जिद थी, उसी जगह अब राम मंदिर बनाया गया है। उसके मुताबिक, बाबरी मस्जिद सदियों पुरानी धार्मिक संरचना थी, जिसे 6 दिसंबर 1992 को भीड़ ने ध्वस्त कर दिया था।
मंगलवार को PM मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:50 बजे राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर 2 किलो की केसरिया ध्वजा फहराई। इसके बाद पाकिस्तान ने बयान जारी करते हुए न सिर्फ ध्वजारोहण का विरोध किया, बल्कि UN और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए दखल की मांग भी की। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत की अदालतों ने बाबरी मस्जिद गिराने के आरोपियों को बरी किया और उसी जमीन पर मंदिर निर्माण की अनुमति दे दी, जो उसके अनुसार अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का उदाहरण है।
पाकिस्तान ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में मुस्लिम समुदाय पर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है और कई ऐतिहासिक मस्जिदें खतरे में हैं। उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नफरत और मुसलमानों पर हमलों पर ध्यान दें तथा उनके धार्मिक स्थलों और अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाएं।
हालाँकि, पाकिस्तान स्वयं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और हिंसा को लेकर लंबे समय से आलोचना झेलता रहा है। अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले और धमकियों की कई घटनाएँ हुईं, लेकिन सरकार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की। 2023 में एक चर्च जलाने के मामले में गिरफ्तार 10 लोगों को अदालत ने हाल ही में बरी कर दिया। वहीं, पाकिस्तान के सिंध और पंजाब क्षेत्रों में हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और जबरन शादी के मामले लगातार सामने आते रहते हैं।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने राम मंदिर से जुड़े किसी समारोह पर आपत्ति जताई हो। 22 जनवरी 2024 को हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह की भी उसने निंदा की थी। उस समय पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान दिया था कि बाबरी मस्जिद को तोड़कर बनाए गए मंदिर का उद्घाटन भारतीय लोकतंत्र पर कलंक है और बढ़ती ‘हिंदुत्व’ विचारधारा क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है।
इस बीच, इजराइल ने राम मंदिर में ध्वजारोहण पर भारत को बधाई दी है। भारत में इजराइल के राजदूत रूवेन अजार ने X पर तस्वीरें साझा करते हुए इसे सभ्यता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने अपनी पिछली अयोध्या यात्रा की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं।