भारत को आज कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी मिल सकती है। शाम 6 बजे इस आयोजन के होस्ट शहर का औपचारिक ऐलान होगा। स्कॉटलैंड के ग्लासगो में कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक चल रही है, जिसमें भारत की ओर से गुजरात के उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल पहुंच चुका है।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने 15 अक्टूबर को अहमदाबाद को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए आधिकारिक रूप से नॉमिनेट किया था। भारत को नाइजीरिया के अबुजा से चुनौती मिली थी, लेकिन बोर्ड ने नाइजीरिया को 2034 गेम्स के लिए समर्थन देने का भरोसा दिया, जिससे अहमदाबाद की दावेदारी और मजबूत हो गई। कॉमनवेल्थ की टीम दो बार गुजरात का दौरा कर चुकी है, जहाँ उन्होंने अहमदाबाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर और तैयारियों का निरीक्षण किया।
7 जून 2025 को भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा लंदन में तीसरी प्रेजेंटेशन के बाद केंद्र सरकार ने 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की बोली लगाने को मंजूरी दी। 29 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय खेल दिवस पर हर्ष संघवी, पीटी उषा और अन्य अधिकारियों ने लंदन में आधिकारिक बोली जमा की। इस बोली में अहमदाबाद को एक आधुनिक, कॉम्पैक्ट और उच्च-स्तरीय गेम्स सिटी के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जहाँ खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। मुख्य वेन्यू के तौर पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम, नारणपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव प्रस्तावित हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी किसी भी देश के लिए केवल एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि, विकास की क्षमता और इन्फ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक मानी जाती है। अब तक ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित कुल 9 देश यह आयोजन कर चुके हैं। सबसे ज़्यादा 5 बार मेजबानी का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है।
यदि भारत को 2030 की मेजबानी मिलती है, तो ओलिंपिक गेम्स 2036 की दावेदारी और मजबूत हो जाएगी। भारत पहले ही ओलिंपिक की मेजबानी की तैयारी कर रहा है, जिसका ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं।
भारत का कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़ा इतिहास भी खास है। 2010 दिल्ली गेम्स में 71 देशों के 6081 खिलाड़ी आए थे। 2022 बर्मिंघम गेम्स में भारत ने कुल 61 मेडल जीते — 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज। 2026 ग्लासगो गेम्स में शूटिंग, कुश्ती, हॉकी और टी20 क्रिकेट जैसे इवेंट्स शामिल न होने से भारत को झटका मिला है। 2030 में किन खेलों को शामिल किया जाएगा, इसका फैसला मेजबान देश करेगा, इसलिए भारत को उम्मीद है कि उसके मजबूत इवेंट्स वापस जोड़े जाएंगे।
अगर अहमदाबाद को मेजबानी मिलती है, तो यह पहली बार होगा जब भारत में कोई बड़ा इंटरनेशनल मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट दिल्ली के बाहर होगा। इससे पहले भारत ने 1951 और 1982 एशियन गेम्स तथा 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी—ये सभी दिल्ली में आयोजित हुए थे।
कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास भी दिलचस्प है। 1930 में कनाडा के हैमिल्टन से शुरू हुए इस आयोजन में आज 54 देश शामिल होते हैं। पहले इसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता था, जिसे 1978 में ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ नाम दिया गया। 2030 का आयोजन कॉमनवेल्थ गेम्स के 100 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक होगा।