आधार अब जन्म प्रमाणपत्र के तौर पर मान्य नहीं: यूपी और महाराष्ट्र सरकारों का बड़ा निर्णय

महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अब आधार कार्ड को जन्मतिथि प्रमाण पत्र के रूप में मान्य नहीं माना जाएगा। इस संबंध में दोनों राज्यों ने आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए हैं।

आदेश में बताया गया है कि आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि किसी प्रमाणित दस्तावेज के आधार पर निर्धारित नहीं होती, इसलिए इसे आधिकारिक जन्मतिथि प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

यूपी सरकार का आदेश

नियोजन विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह बंसल ने यूआईडीएआई के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि आधार कार्ड के साथ जन्मतिथि का कोई सत्यापित दस्तावेज संलग्न नहीं होता है। इसलिए इसे नियुक्ति, प्रमोशन, सेवा रजिस्टर संशोधन या किसी भी संवेदनशील सरकारी प्रक्रिया में जन्मतिथि प्रमाण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

सरकार ने निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में जन्म प्रमाणपत्र, हाईस्कूल मार्कशीट, नगर निकाय या स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रमाणपत्र जैसे मूल दस्तावेज ही मान्य होंगे। गौरतलब है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण भी नहीं माना जाता, इसलिए इसे नागरिकता संबंधी दस्तावेजों में भी उपयोग नहीं किया जाता।

महाराष्ट्र में भी सख्त कार्रवाई के निर्देश

महाराष्ट्र सरकार ने भी आधार आधारित जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों पर सख्ती बरतने का आदेश दिया है। राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि केवल आधार कार्ड के आधार पर जारी किए गए सभी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र तुरंत रद्द किए जाएं। यदि ऐसे प्रमाणपत्र संदिग्ध पाए जाते हैं, तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाए।

सरकार का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी प्रमाणपत्र गंभीर चिंता का विषय हैं। 11 अगस्त 2023 के संशोधन के बाद नायब तहसीलदारों द्वारा जारी केवल आधार आधारित प्रमाणपत्रों को दोषपूर्ण माना जाएगा, क्योंकि केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार आधार को न जन्म का और न ही जन्मस्थान का प्रमाण माना जा सकता है।