उत्तर भारत में बारिश से बढ़ेगी ठंड, अगले तीन दिन पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी

अगले दो से तीन दिन में भारत के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। आईएमडी के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश का अनुमान हैं।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने उत्तर भारत के मौसम को लेकर अहम जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस समय उत्तर पाकिस्तान के ऊपर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जिसके प्रभाव से आने वाले दो से तीन दिनों तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।

डॉ. नरेश कुमार के अनुसार, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है। खास तौर पर बुधवार को कश्मीर घाटी में कहीं-कहीं भारी बारिश या बर्फबारी भी हो सकती है। इससे पहाड़ी इलाकों में ठंड और बढ़ने के साथ-साथ जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है।

मैदानी इलाकों की बात करें तो पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के क्षेत्रों में कल बहुत हल्की से हल्की बारिश होने का अनुमान जताया गया है।

मौसम विभाग का कहना है कि इस पश्चिमी विक्षोभ के असर से तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है और ठंड का असर बढ़ सकता है। आने वाले दिनों में मौसम पर नजर रखने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।


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रामनगरी में CM योगी का बड़ा बयान: ‘पूर्व सरकार ने अयोध्या को लहूलुहान किया’

 साल 2025 के अंतिम दिन अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दूसरी वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी रामनगरी पहुंचे हुए हैं।

श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर में 'प्रतिष्ठा द्वादशी' समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व की सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने अयोध्या के साथ षड़यंत्र करके लहूलुहान किया था।

उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के बाद अयोध्या में रामलला का विराजमान होना और मंदिर का यह भव्य रूप देखकर आनंद और गौरव की अनुभूति कर रहे हैं।

बकौल सीएम, स्वतंत्र होने के अयोध्या ने राम आंदोलन के अनेक पड़ाव देखे हैं। अयोध्या के नाम से एहसास होता है कि जहां कभी युद्ध नहीं हुआ, कोई भी दुश्मन यहां के शौर्य और वैभव के कारण यहां टिक नहीं पाया लेकिन कुछ लोगों ने अपने निहित स्वार्थ से मजहबी जुनून और सत्ता के स्वार्थ में पड़कर अयोध्या को भी उपद्रव और संघर्ष का अड्डा बना दिया था। अब लोग बिना डर के 'जय श्रीराम' कहते हैं, जबकि पहले ऐसा करने पर लाठी मिलती थी।


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ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट को झटका, पूर्व बल्लेबाज़ डेमियन मार्टिन कोमा में

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेमियन मार्टिन को मेनिन्जाइटिस (मस्तिष्क झिल्ली में सूजन) के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वे इंड्यूस्ड कोमा में हैं। उनका ब्रिस्बेन के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

बॉक्सिंग डे के दिन अचानक 54 साल के मार्टिन की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें तुरंत ब्रिस्बेन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पूर्व विकेटकीपर गिलक्रिस्ट ने की पुष्टि

मार्टिन की बीमारी की पुष्टि उनके करीबी दोस्त और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने की है। गिलक्रिस्ट ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मार्टिन को बेहतरीन मेडिकल सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी हालत पर नजर बनाए हुए है।

गिलक्रिस्ट के मुताबिक, मार्टिन की पत्नी अमांडा और उनका परिवार इस मुश्किल दौर से गुजर रहा है, लेकिन उन्हें दुनियाभर से मिल रही दुआओं और शुभकामनाओं से हौसला मिल रहा है।

मार्टिन ने 67 टेस्ट और 208 वनडे मैच खेले

डेमियन मार्टिन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 67 टेस्ट और 208 वनडे मैच खेलते हुए शानदार बल्लेबाजी की है। इसके अलावा वे चार टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले में भी खेले हैं। अपने करियर में मार्टिन ने टेस्ट क्रिकेट में 4406 रन बनाए, जबकि वनडे में उनके नाम 5346 रन दर्ज हैं।

2006 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी वे क्रिकेट से जुड़े रहे। मार्टिन 1999 और 2003 की वर्ल्ड कप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम में भी शामिल थे।

भारत के खिलाफ 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में नाबाद 88 रन बनाए

2003 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के खिलाफ उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। मार्टिन ने 84 बॉल पर नाबाद 88 रन बनाए और कप्तान रिकी पोंटिंग के साथ 234 रन की साझेदारी की। इस साझेदारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में 359/2 का बड़ा स्कोर बनाया था ।

मार्टिन 2006 चैंपियंस ट्रॉफी में भी ऑस्ट्रेलिया के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने पांच पारियों में 241 रन बनाए, इसमें दो अर्धशतक शामिल थे।

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लगातार दूसरे दिन फिसले सोने-चांदी के भाव, खरीदारों को राहत

आज यानी बुधवार, 31 दिसंबर को सोने-चांदी के दाम में लगातार दूसरे दिन गिरावट है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव 1,500 रुपए गिरकर 1,33,099 रुपए पर आ गया है। कल यह 1,34,599 रुपए/10g पर था।

वहीं, एक किलो चांदी की कीमत 2,896 रुपए कम होकर 2,29,433 रुपए पर आ गई है। कल इसकी कीमत 2,32,329 रुपए किलो थी। लगातार 5 दिन तक चढ़ने के बाद कल चांदी में गिरावट आई थी, आज गिरावट का लगातार दूसरा दिन है।

इससे पहले 29 दिसंबर को कारोबार के दौरान सोने की कीमत 1,38,161 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी की 2,43,483 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी। ये दोनों का अब तक का सबसे ज्यादा भाव यानी ऑल टाइम हाई रेट है।

एक साल में सोना 75% और चांदी 167% महंगी हुई

बीते एक साल में सोने की कीमत 56,937 रुपए (75%) बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,33,099 रुपए हो गया है।

चांदी का भाव भी इस दौरान 1,43,416 रुपए (167%) बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 2,29,433 रुपए प्रति किलो हो गई है।

अलग-अलग शहरों में रेट्स अलग क्यों होते हैं?

IBJA की सोने की कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज, ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता। इसलिए शहरों के रेट्स इससे अलग होते हैं। इन रेट्स का इस्तेमाल RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के रेट तय करने के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं।

गोल्ड में तेजी के 3 प्रमुख कारण

डॉलर कमजोर – अमेरिका के ब्याज दर घटाने से डॉलर कमजोर हुआ और सोने की होल्डिंग कॉस्ट कम हुई, इससे लोग खरीदने लगे।

जियोपॉलिटिकल – रूस-यूक्रेन जंग और दुनिया में तनाव बढ़ने से निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मानकर खरीद रहे हैं।

रिजर्व बैंक – चीन जैसे देश अपने रिजर्व बैंक में सोना भर रहे हैं, ये सालभर में 900 टन से ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं, इसलिए दाम ऊपर जा रहे हैं।

चांदी में तेजी के 3 प्रमुख कारण

इंडस्ट्रियल डिमांड – सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और EV में भारी इस्तेमाल, चांदी अब सिर्फ ज्वेलरी नहीं, जरूरी कच्चा माल बन गई है।

ट्रंप का टैरिफ डर – अमेरिकी कंपनियां चांदी का भारी स्टॉक जमा कर रही हैं, ग्लोबल सप्लाई में कमी से कीमतें ऊपर चढ़ीं।

मैन्युफैक्चरर होड़ में – प्रोडक्शन रुकने के डर से सभी पहले से खरीद रहे हैं, इसी वजह से आने वाले महीनों में भी तेजी बनी रहेगी।

आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं दाम

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि चांदी की डिमांड में अभी तेजी है जिसके आगे भी बने रहने का अनुमान है। ऐसे में चांदी अगले 1 साल में 2.75 लाख तक जा सकती है। वहीं इस साल के आखिर तक चांदी की कीमत 2.10 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है। वहीं अगर सोने के बात करें इसकी डिमांड में भी तेजी बनी हुई। ऐसे में अगले साल तक ये 1.50 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है।


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कड़ाके की ठंड: मध्य प्रदेश में 1.7° तापमान, छत्तीसगढ़ में ओस जमने लगी

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी हो रही है। इसका असर मैदानी राज्यों पर नजर आ रहा है। जम्मू-कश्मीर की सोनमर्ग टनल के पास तेज बर्फबारी हुई।

हिमाचल में के लाहौल स्पीति में 30 दिसंबर की शाम से बर्फबारी जारी है। यहां तापमान -10°C तक जा सकता है। मध्य प्रदेश में शहडोल के कल्याणपुर में तापमान 1.7°C रहा।

छत्तीसगढ़ के मैनपाट में रात का तापमान 2°C पहुंचा। अंबिकापुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में ओस जम गई। 4 संभाग कोल्ड वेव की चपेट में हैं। राजस्थान में कड़ाके की सर्दी के बीच 2 दिन बारिश की भी चेतावनी है।

दिल्ली-NCR में बुधवार की सुबह घनी धुंध के साथ हुई। दिल्ली के कई इलाकों में विजिबिलिटी शून्य रही। IGI एयरपोर्ट पर आज 148 फ्लाइट कैंसिल की गई हैं। 150 फ्लाइट देरी से ऑपरेट हो रही हैं।

एयरपोर्ट ने यात्रियों को एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया कि CAT III लागू किया गया है। फ्लाइट्स में देरी हो सकती है। फ्लाइट कैंसिल भी हो सकती हैं।

सर्दी और खराब मौसम का असर

श्रीनगर एयरपोर्ट पर बुधवार को 6 फ्लाइट रद्द की गईं। इनमें इंडिगो की 1, एअर इंडिया की 3 और एअर इंडिया एक्सप्रेस की 1 फ्लाइट शामिल है। स्पाइसजेट की 1 फ्लाइट ऑपरेशनल कारणों से कैंसिल की गई है।

असम के कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले में सर्दी और खराब मौसम के कारण सभी सरकारी और प्रोविंसिलाइज्ड स्कूलों की छुट्टी 6 जनवरी तक के लिए की गई है। प्राइवेट स्कूलों को खुद से फैसला लेने का कहा गया है।

1 जनवरी: बारिश-बर्फबारी के आसार

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में कोहरे का अलर्ट।

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहने के संकेत।

पहाड़ी राज्यों के निचले इलाकों में हल्की बारिश, जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है।

बारिश, बर्फबारी और ठंडी हवाओं के कारण कई इलाकों में सर्दी और शीतलहर का असर बढ़ सकता है।

2 जनवरी: पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ में घने कोहरे का अलर्ट।

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के निचले इलाकों में बारिश हो सकती है।

पहाड़ी राज्यों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के आसार, जिससे सर्दी और बढ़ेगी।


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Google Doodle से शुरू हुआ न्यू ईयर सेलिब्रेशन, काउंटडाउन एनिमेशन ने खींचा ध्यान

साल 2025 को अलविदा कहने और 2026 के जोरदार स्वागत की तैयारियों के बीच गूगल ने न्यू ईयर ईव 2025 के मौके पर एक खास डूडल पेश किया है। दुनियाभर के कई देशों में गूगल के होमपेज पर दिख रहा ये फेस्टिव डूडल नए साल की उलटी गिनती और जश्न के माहौल को दिखा रहा है। ये डूडल पुराने साल के एंड और नए साल की शानदार शुरुआत का प्रतीक बनकर सामने आया है।

गूगल के इस अनोखे डूडल में रंग-बिरंगे गुब्बारे, सजावट और कंफेटी जैसे उत्सव के एलिमेंट्स को ऐड किया है। डूडल के बीच में एक शानदार एनिमेशन दिखाया गया है, जिसमें '2025' बदलकर '2026' में तब्दील होता दिख रहा है। ये ठीक उस पल को दिखा रहा है, जब आधी रात को घड़ी की सुइयां नए साल की शुरुआत का एलान करती हैं।

गूगल ने डिस्क्रिप्शन पेज पर दी ये जानकारी

वहीं, डूडल के डिस्क्रिप्शन पेज पर कंपनी ने बताया है कि यह एनुअल डूडल दुनिया भर में मनाए जाने वाले न्यू ईयर ईव का जश्न मनाने के लिए बनाया गया है, जब अरबों लोग दोस्तों और अपनी फैमिली के साथ बीते साल को याद करते हैं और नए साल का स्वागत करते हैं। कुछ ही पलों में घड़ी आधी रात का संकेत देगी और 2026 की शुरुआत हो जाएगी।

लोगों के बीच काफी ज्यादा एक्ससिटेमेंट

बता दें कि गूगल डूडल्स लंबे टाइम से खास मौकों, ऐतिहासिक घटनाओं और सांस्कृतिक प्रतीकों को सेलिब्रेट करने के लिए जाने जाते हैं। इसी तरह आज न्यू ईयर ईव भी उन खास मौकों में से एक है, जिसे लेकर दुनियाभर में लोगों के बीच काफी ज्यादा एक्ससिटेमेंट देखने को मिलता है।

इतना ही नहीं जैसे ही आप इस गूगल डूडल पर क्लिक करते हैं तो आप एक New Year's Eve पेज पर पहुंच जाते हैं जहां नीचे की तरफ एक Party Popper दिखाई देता है जिस पर क्लिक करते ही इससे कंफेटी निकलता है जिससे एक जश्न का माहौल बन जाता है।


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नए साल से पहले देशभर के मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, दर्शन के लिए लंबी कतारें

नए साल की पूर्व संध्या पर देश भर के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। ठंड और कोहरे के बावजूद लोग प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर से उत्तर प्रदेश तक धार्मिक स्थलों पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। साल के आखिरी दिन भगवान से नई शुरुआत के लिए आशीर्वाद मांगने वालों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि कई जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।

श्रद्धालु साल के अंतिम दिन मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे थे। जगह-जगह जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी। लोग नए साल में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना लेकर आए थे। सर्द हवाओं और घने कोहरे के बीच भी भक्तों का जोश कम नहीं हुआ है।

माता वैष्णो देवी में भक्तों का सैलाब

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में नए साल 2026 से पहले भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कटरा में भक्तों की लंबी कतारें लगीं। घने कोहरे और ठंड के बावजूद लोग उत्साह के साथ यात्रा कर रहे थे। मंदिर की ओर जाते भक्त खुशी से लबरेज नजर आ रहे हैं।

श्री माता वैष्णो देवी मंदिर की ओर जाते श्रद्धालु पूजा करने के लिए उत्साहित हैं। साल के आखिरी दिन यहां भक्ति का माहौल देखते ही बनता है। प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी ताकि यात्रा सुगम रहे।

अयोध्या में राम मंदिर में विशेष उत्साह

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में साल के अंतिम दिन भक्तों की भारी भीड़ जुटी। यह दिन प्रतिष्ठा द्वादशी का भी है। सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। लोग रामलला के दर्शन कर नए साल की शुरुआत करना चाहते हैं।

मंदिर परिसर में भक्तों की लाइनें लगी है। यहां का माहौल पूरी तरह भक्तिमय है। प्रशासन ने भीड़ संभालने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं।

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में उमड़ा जनसैलाब

मथुरा जिले के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर पर साल के आखिरी दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। लोग बड़े संख्या में बांके बिहारी के दर्शन के लिए आए। पुणे से आए एक भक्त निशांत ने कहा, "मैं यहां भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेने आया हूं। पहली बार आया हूं और बहुत अच्छा लग रहा है।"

एक युवा भक्त ने बताया, "मैं सिर्फ बांके बिहारी से मिलना चाहता हूं। उनसे अच्छी नौकरी और पढ़ाई की दुआ मांगूंगा।" भीड़ ज्यादा होने की वजह से मंदिर में आने वालों को काफी इंतजार करना पड़ रहा था।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

भीड़ प्रबंधन को लेकर मथुरा के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा, "यह अफवाह गलत है कि मंदिर में लोग नहीं आ सकते। हां, वृंदावन में अभी बहुत ज्यादा लोग हैं।"

आगरा रेंज के डीआईजी शैलेश पांडेय ने बताया, "देश-विदेश से भक्त मथुरा के मंदिरों में आते हैं। इसके लिए जिले में सुरक्षा अभियान चलाया गया है ताकि भक्तों को कोई परेशानी न हो।" सभी धार्मिक केंद्रों पर प्रशासन अलर्ट रहा। भीड़ को सुचारु रूप से चलाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई।


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दिल्ली-NCR में घना कोहरा बना आफत — 148 फ्लाइट्स कैंसिल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर के शहरों में साल के आखिरी दिन बुधवार को भी लोगों की सुबह घने कोहरे के साथ हुई। घना कोहरा छाए रहने के कारण कई इलाकों में विजिबिलिटी शून्य के करीब रही, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। कोहरे की वजह से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आज कुल 148 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि 150 से अधिक फ्लाइट्स में देरी हुई है। उड़ानें रद्द और लेट होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कड़ाके की ठंड के साथ-साथ राजधानी में प्रदूषण भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। आज सुबह दिल्ली का औसत AQI 384 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। घने कोहरे का असर रेल सेवाओं पर भी देखने को मिला, जहां कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं, जबकि हाईवे पर वाहन रेंगते नजर आए।

इधर, दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि ग्राउंड टीमें मौके पर मौजूद हैं और यात्रियों की हरसंभव मदद की जा रही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी फ्लाइट से जुड़ी ताज़ा जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें। किसी भी असुविधा के लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने खेद जताया है।


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अरावली केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही फैसले पर लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब

सोमवार को अरावली मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस पर्वत श्रृंखला की नई परिभाषा को लेकर पिछले महीने दिए गए अपने ही आदेश पर रोक लगा दी। इससे पहले आए फैसले के बाद पर्यावरण कार्यकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने आशंका जताई थी कि यह निर्णय अरावली के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के बड़े हिस्से को अवैध और अनियमित खनन के लिए खोल सकता है।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि समिति की सिफारिशों और इस न्यायालय के पूर्व निर्देशों को फिलहाल स्थगित रखना आवश्यक है। अदालत ने स्पष्ट किया कि नई समिति के गठन तक यह स्थगन प्रभावी रहेगा।

सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चार संबंधित राज्यों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। साथ ही विशेषज्ञों के एक नए पैनल के गठन का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी।

गौरतलब है कि यह विवाद तब शुरू हुआ था, जब केंद्र सरकार ने अरावली की एक नई परिभाषा को अधिसूचित किया। कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों का आरोप है कि यह परिभाषा बिना पर्याप्त मूल्यांकन और सार्वजनिक परामर्श के तैयार की गई थी। उनका कहना था कि इससे हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में अरावली के बड़े हिस्से खनन के खतरे में आ सकते हैं।

इससे पहले नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि क्षेत्र में किसी भी नई खनन गतिविधि की अनुमति देने से पहले सतत खनन के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जाए। मौजूदा सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि अदालत ने पिछले महीने उस योजना को स्वीकार कर लिया था।

हालांकि, सीजेआई ने इस दावे से असहमति जताते हुए कहा कि समिति की रिपोर्ट और अदालत की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ पहलुओं पर स्पष्टता जरूरी है और किसी भी तरह के कार्यान्वयन से पहले एक निष्पक्ष, तटस्थ और स्वतंत्र विशेषज्ञ की राय पर विचार किया जाना चाहिए।

सीजेआई ने यह भी कहा कि स्पष्ट दिशा-निर्देश देने के लिए यह कदम आवश्यक है। यह तय किया जाना चाहिए कि नई परिभाषा ने कहीं गैर-अरावली क्षेत्रों के दायरे को अनावश्यक रूप से तो नहीं बढ़ा दिया है, जिससे अनियमित खनन को बढ़ावा मिल रहा हो।


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कैंसर के इलाज में नई उम्मीद: वैज्ञानिकों ने पौधों से एंटी-कैंसर दवा का फॉर्मूला खोजा

यूबीसी ओकनागन के वैज्ञानिकों ने यह अहम खोज की है कि पौधे एक दुर्लभ प्राकृतिक यौगिक माइट्रैफिलीन कैसे बनाते हैं, जिसे कैंसर-रोधी प्रभावों से जोड़ा जा रहा है। शोध में दो ऐसे प्रमुख एंजाइमों की पहचान की गई है, जो अणुओं को सही आकार देने और अंतिम रूप में मोड़ने का काम करते हैं। इस खोज ने उस वैज्ञानिक पहेली को सुलझा दिया है, जो वर्षों से शोधकर्ताओं को उलझाए हुए थी।

इस उपलब्धि से माइट्रैफिलीन और इससे जुड़े अन्य यौगिकों का उत्पादन भविष्य में कहीं अधिक आसान हो सकता है। साथ ही यह भी सामने आया है कि पौधे अप्रयुक्त चिकित्सीय क्षमता के साथ अत्यंत कुशल “प्राकृतिक रसायनज्ञ” की तरह काम करते हैं। माइट्रैफिलीन एक दुर्लभ प्राकृतिक पदार्थ है, जो अपनी संभावित एंटी-कैंसर भूमिका के कारण वैज्ञानिकों का ध्यान खींच रहा है।

माइट्रैफिलीन एक विशेष रासायनिक समूह स्पाइरोऑक्सिंडोल एल्कलॉइड्स का हिस्सा है। इन अणुओं की पहचान उनके अनोखे मुड़े हुए रिंग स्ट्रक्चर से होती है, जो इन्हें शक्तिशाली जैविक गुण प्रदान करता है। इन्हीं गुणों के कारण इनमें एंटी-ट्यूमर और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव देखे जाते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों को लंबे समय से इन यौगिकों के महत्व का अंदाजा था, लेकिन पौधों में इनके बनने की सटीक प्रक्रिया अब तक स्पष्ट नहीं थी।

जैविक रहस्य का समाधान

2023 में यूबीसी ओकनागन के इरविंग के. बार्बर फैकल्टी ऑफ साइंस में डॉ. थू थुई डांग के नेतृत्व में एक टीम ने उस पहले एंजाइम की पहचान की थी, जो इन अणुओं में मौजूद विशेष स्पाइरो संरचना बनाने में सक्षम है। इसी शोध को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टोरल छात्र तुआन आन्ह गुयेन ने माइट्रैफिलीन के निर्माण में शामिल दो अहम एंजाइमों की पहचान की। इनमें से एक एंजाइम अणु को सही त्रि-आयामी संरचना देता है, जबकि दूसरा उसे उसके अंतिम स्वरूप में बदल देता है।

डॉ. डांग के अनुसार, यह खोज किसी असेंबली लाइन की गायब कड़ियों को ढूंढने जैसी है। इससे यह समझने में मदद मिलती है कि प्रकृति इतने जटिल अणुओं का निर्माण कैसे करती है और अब वैज्ञानिक उसी प्रक्रिया को प्रयोगशाला में दोहराने के नए रास्ते तलाश सकते हैं।

माइट्रैफिलीन प्राप्त करना क्यों है मुश्किल

कई प्राकृतिक यौगिक पौधों में बेहद कम मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे उनका उत्पादन महंगा और कठिन हो जाता है। माइट्रैफिलीन भी ऐसा ही यौगिक है, जो उष्णकटिबंधीय पेड़ों जैसे माइट्रागाइना (क्रैटम) और अनकारिया (कैट्स क्लॉ) में बहुत ही कम मात्रा में मौजूद होता है। यही वजह है कि अब तक इसका बड़े पैमाने पर उपयोग संभव नहीं हो पाया था।

इको-फ्रेंडली दवा उत्पादन की ओर कदम

तुआन आन्ह गुयेन का कहना है कि इस खोज से माइट्रैफिलीन जैसे यौगिकों तक पहुंचने के लिए ग्रीन केमिस्ट्री आधारित तरीके अपनाए जा सकते हैं। इससे न केवल पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचेगा, बल्कि दवा उत्पादन भी अधिक टिकाऊ और किफायती हो सकेगा। उन्होंने इस शोध को एक ऐसे सहयोगी वातावरण का परिणाम बताया, जहां छात्र और वैज्ञानिक मिलकर वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान पर काम कर रहे हैं।


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