शाहरुख-अमिताभ स्टाइल में किया प्रचार, ममदानी ने जीता मेयर चुनाव

न्यूयॉर्क के नवनिर्वाचित मेयर जोहरान ममदानी की जीत के बाद उनका चुनाव प्रचार सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। अपने अनोखे प्रचार अंदाज में ममदानी ने बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर डायलॉग और किरदारों की झलक दिखाकर लोगों का दिल जीत लिया।

प्रचार के दौरान वे कभी अमिताभ बच्चन की फिल्म दीवार के अंदाज में नजर आए तो कभी शाहरुख खान के खुले हाथों वाले पोज में। ‘आज मेरे पास बिल्डिंग है, प्रॉपर्टी है, बंगला है, बैंक बैलेंस है...’ वाले डायलॉग के जवाब में ममदानी ने मुस्कुराते हुए कहा – ‘लेकिन मेरे पास आप हैं।’

उनका यह जवाब और स्टाइल सोशल मीडिया पर छा गया।

चुनाव नतीजे आने के बाद जब ममदानी की जीत की घोषणा हुई, तो उनके कैंपेन ऑफिस में बैकग्राउंड में ‘धूम मचाले’ गाना बज रहा था। इस बॉलीवुड थीम वाले जश्न ने उनके समर्थकों में उत्साह दोगुना कर दिया।

इंस्टाग्राम पर धमाकेदार फॉलोइंग

साल की शुरुआत में ममदानी के इंस्टाग्राम पर करीब 44 हजार फॉलोअर्स थे, जो नवंबर तक बढ़कर 84 लाख से अधिक हो गए। यह बढ़त उनके प्रति युवाओं की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है।

सोशल मीडिया बना सफलता का हथियार

ममदानी ने चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का बेहतरीन उपयोग किया। फरवरी में जहां उनके समर्थन में सिर्फ 1% लोग थे, वहीं जुलाई तक यह आंकड़ा 56% तक पहुंच गया। सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए उन्होंने अपनी नीतियों और विज़न को आम लोगों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया — और आखिरकार बॉलीवुड अंदाज में जीत का झंडा फहराया।


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विश्व विजेता बनी उत्तराखंड की बेटी का भव्य स्वागत, घर लौटने पर ‘स्नेह’ और जश्न की धूम

भारत के महिला क्रिकेट विश्व कप जीतने के बाद जब देहरादून की स्नेह राणा अपने घर लौटीं, तो उनका शानदार स्वागत हुआ। देहरादून एयरपोर्ट पर लोगों ने फूल-मालाओं, जयकारों और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से घर पहुंचने तक पूरा रास्ता “भारत माता की जय” और “स्नेह राणा जिंदाबाद” के नारों से गूंज उठा।

स्नेह राणा देहरादून के सनौला गांव की रहने वाली हैं और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की प्रमुख ऑलराउंडर हैं। विश्व कप जीत के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात भी की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्नेह राणा से फोन पर बात कर उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनकी उपलब्धि पर गर्व जताया। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार स्नेह राणा को ₹50 लाख का पुरस्कार देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “स्नेह राणा ने अपनी मेहनत, संकल्प और प्रतिभा से उत्तराखंड का नाम दुनिया भर में रोशन किया है। उनका यह प्रदर्शन हमारे युवाओं, विशेषकर बेटियों के लिए प्रेरणा है।” उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधाएं और प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उत्तराखंड की और भी बेटियां देश का नाम रोशन कर सकें।


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सूर्यकुमार यादव ने टीम में किया बड़ा बदलाव, दोस्त को किया बाहर; रिंकू सिंह की हुई वापसी

भारतीय टीम के लिए टॉस जीतना इस सीरीज में मुश्किल साबित हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे वनडे में सूर्यकुमार यादव ने लंबे समय बाद टॉस जीता था, लेकिन शनिवार को खेले गए पांचवें और निर्णायक टी20 मुकाबले में किस्मत फिर उनका साथ नहीं दे सकी। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मिचेल मार्श ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया है।

यह मुकाबला सीरीज का नतीजा तय करेगा। भारत फिलहाल 2-1 की बढ़त बनाए हुए है। अगर टीम इंडिया यह मैच जीत जाती है या किसी कारणवश मैच रद्द हो जाता है, तो सीरीज उसके नाम हो जाएगी। वहीं, अगर ऑस्ट्रेलिया को जीत मिलती है, तो सीरीज 2-2 से बराबर समाप्त होगी। ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए अपने घरेलू मैदान पर हार से बचना बड़ी चुनौती है।

भारत ने किया अहम बदलाव

इस निर्णायक मुकाबले में भारत ने एक बड़ा बदलाव किया है। मुंबई इंडियंस में सूर्यकुमार यादव के साथी रहे तिलक वर्मा को प्लेइंग-11 से बाहर कर दिया गया है। तिलक वही खिलाड़ी हैं जिन्होंने एशिया कप 2025 के फाइनल में शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। उनकी जगह टीम में फिनिशर रिंकू सिंह को शामिल किया गया है। ऐसे में संभावना है कि सूर्यकुमार यादव नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने उतरेंगे। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया है।

दोनों टीमों की प्लेइंग-11

भारत: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल, रिंकू सिंह, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), वॉशिंगटन सुंदर, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह।

ऑस्ट्रेलिया: मिचेल मार्श (कप्तान), मैथ्यू शॉर्ट, जोश इंग्लिस (विकेटकीपर), टिम डेविड, जोश फिलिप, मार्कस स्टोइनिस, ग्लेन मैक्सवेल, बेन ड्वारशुइस, जेवियर बार्टलेट, नाथन एलिस, एडम जैम्पा।


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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 65% से ज्यादा मतदान, चुनाव आयोग ने जारी किया अंतिम आंकड़ा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण और उत्साहजनक माहौल में संपन्न हुआ। चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 65.08% मतदान दर्ज किया गया। यह वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव (57.29%) और 2024 के लोकसभा चुनाव (56.28%) की तुलना में क्रमशः 7.79% और 8.8% की वृद्धि दर्शाता है।

चुनाव आयोग ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पहले चरण के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्क्रूटिनी की प्रक्रिया प्रेक्षकों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। किसी भी क्षेत्र में पुनर्मतदान (री-पोल) की आवश्यकता नहीं पाई गई। सभी EVM, कंट्रोल यूनिट और VVPAT मशीनों को त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में सील कर स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रखा गया है। इन स्ट्रॉन्ग रूम्स की 24×7 CCTV निगरानी सुनिश्चित की गई है।

मॉक पोल के दौरान खराब पाई गई या अतिरिक्त बची हुई मशीनों को भी आयोग के निर्देशानुसार अलग स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित किया गया है। सभी प्रत्याशियों को सूचित किया गया है कि वे अपने प्रतिनिधियों को EVM स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी के लिए नियुक्त कर सकते हैं। इसके साथ ही CCTV डिस्प्ले की लाइव फीड भी उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों के लिए उपलब्ध कराई गई है।

चुनाव आयोग ने बताया कि मतगणना 14 नवंबर 2025 को होगी। मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों पर वेबकास्टिंग की प्रभावी व्यवस्था की गई थी।

आयोग के अनुसार, इस चरण में महिलाओं, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैंप, व्हीलचेयर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। सभी मतदान केंद्रों पर EVM-VVPAT मशीनें सुचारु रूप से कार्यरत रहीं और किसी भी केंद्र पर तकनीकी समस्या की सूचना नहीं मिली।


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दिल्ली में प्रदूषण का कहर: बढ़े ड्राई आई सिंड्रोम और एलर्जी के मामले

दिल्ली में प्रदूषण ने न सिर्फ हवा की गुणवत्ता को खराब किया है, बल्कि अब यह लोगों की आंखों की रोशनी के लिए भी खतरा बन गया है। लगातार बिगड़ता एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) आंखों में जलन, सूखापन, लालपन और धुंधलेपन जैसी समस्याओं को बढ़ा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक “अदृश्य महामारी” का रूप ले चुका है, जो धीरे-धीरे दृष्टि को प्रभावित कर रही है।

वैज्ञानिक रिपोर्टों ने जताई चिंता

‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स 2025’ के अनुसार, पीएम 2.5 के स्तर में हर 1% की वृद्धि से देश में करीब ढाई लाख नए नेत्र रोगी सामने आ रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि भारत के प्रदूषित शहरों में करीब 10 करोड़ लोग ड्राई आई सिंड्रोम से जूझ रहे हैं। दिल्ली के अस्पतालों में पिछले दो हफ्तों में आंखों के मरीजों की संख्या में 60% तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनमें सबसे ज्यादा मामले ड्राई आई सिंड्रोम, एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस और कॉर्निया डैमेज के हैं। अनुमान है कि दिल्ली में फिलहाल लगभग 10 लाख लोग इन तकलीफों से पीड़ित हैं, जिनमें करीब 2 लाख बच्चे शामिल हैं।

एम्स विशेषज्ञ की चेतावनी

एम्स के सामुदायिक नेत्र विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. प्रवीण वशिष्ठ ने बताया कि “प्रदूषित हवा दिल्लीवासियों की आंखों की नमी छीन रही है, जिससे संक्रमण, जलन और कॉर्निया क्षति का खतरा दोगुना हो गया है। लगातार संपर्क में रहने से रेटिना और मैक्युला की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं, जिससे दृष्टि स्थायी रूप से धुंधली पड़ सकती है।”

उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर में जब एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर था, तब आंखों के संक्रमण के मामले अचानक दोगुने हो गए थे। इस साल मोतियाबिंद (कैटरेक्ट) के मामलों में 30% और ग्लूकोमा के खतरे में 8% की बढ़ोतरी देखी गई है।

मुख्य आंकड़े

दिल्ली की हवा में पीएम2.5 का स्तर ग्रामीण इलाकों से 24 गुना अधिक पाया गया।

ट्रैफिक, औद्योगिक धुआं और निर्माण कार्य आंखों के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक साबित हो रहे हैं।

राजधानी के अस्पतालों में रोजाना 800 से 1000 मरीज आंखों की जलन या सूखापन की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।

लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से कॉर्निया की सतह पर महीन दरारें पड़ रही हैं, जिससे संक्रमण और दृष्टि क्षति का खतरा बढ़ जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह

स्मॉग और धूल भरे दिनों में पारदर्शी सुरक्षात्मक चश्मा पहनें।

दिन में दो बार ठंडे पानी से आंखें धोएं और आइ ड्रॉप्स का प्रयोग करें।

घर और ऑफिस में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें।

व्यावसायिक चालकों के लिए नियमित नेत्र जांच अनिवार्य हो।

इलेक्ट्रिक वाहनों और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता दें।

खुले में कूड़ा या बायोमास जलाने पर सख्त कार्रवाई हो।

विशेषज्ञों का कहना है कि आंखों की सुरक्षा अब सिर्फ व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन जानी चाहिए।


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डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए मुश्किल हुआ अमेरिकी वीजा हासिल करना

अमेरिका में अब डायबिटीज, मोटापा और कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को वीजा मिलना मुश्किल हो सकता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को दुनियाभर के अपने दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को निर्देश दिया कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को अमेरिका आने या वहां रहने की अनुमति न दी जाए।

यह कदम ‘पब्लिक चार्ज’ (सार्वजनिक बोझ) नीति के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य ऐसे अप्रवासियों को रोकना है जो भविष्य में अमेरिकी सरकारी संसाधनों पर निर्भर हो सकते हैं।

वीजा अधिकारी जांचेंगे स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति

नए दिशा-निर्देशों के तहत वीजा अधिकारी अब आवेदक की उम्र, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति का आकलन करेंगे। अगर किसी व्यक्ति के भविष्य में महंगे इलाज या सरकारी सहायता पर निर्भर होने की संभावना दिखती है, तो उसका वीजा खारिज किया जा सकता है।

अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे यह तय करें कि क्या आवेदक अमेरिकी सरकार पर बोझ बन सकता है। इसमें डायबिटीज, हार्ट डिजीज, कैंसर, मोटापा, मेटाबॉलिक या न्यूरोलॉजिकल बीमारियों जैसी स्थितियों को शामिल किया गया है, जो लंबे इलाज और भारी खर्च की मांग करती हैं।

स्वास्थ्य जांच में बढ़ेगी सख्ती

पहले वीजा प्रक्रिया में सिर्फ संक्रामक रोगों जैसे टीबी और एचआईवी की जांच होती थी। अब अधिकारियों को आवेदक की पुरानी बीमारियों, इलाज के खर्च और आर्थिक स्थिति का पूरा रिकॉर्ड देखने को कहा गया है।

इस दौरान उनसे यह भी पूछा जाएगा कि क्या वे बिना सरकारी सहायता के अपना इलाज खुद करा सकते हैं, क्या उनके परिवार के सदस्य (बच्चे या बुजुर्ग माता-पिता) बीमार हैं, और क्या उनकी देखभाल का खर्च आवेदक उठा सकता है।

विशेषज्ञों ने जताई चिंता

इमिग्रेशन विशेषज्ञों ने इस नीति पर चिंता जताई है। लीगल इमिग्रेशन नेटवर्क के वकील चार्ल्स व्हीलर का कहना है कि “वीजा अधिकारी स्वास्थ्य स्थितियों का मूल्यांकन करने में प्रशिक्षित नहीं हैं।” वहीं, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की इमिग्रेशन वकील सोफिया जेनोवेस ने कहा कि “डायबिटीज या हार्ट प्रॉब्लम किसी को भी हो सकती है। यदि हर बीमारी के आधार पर वीजा अस्वीकृत होने लगा तो इंटरव्यू प्रक्रिया बेहद जटिल हो जाएगी।”

किस पर पड़ेगा असर?

नया नियम सभी वीजा कैटेगरी—जैसे B-1/B-2 (पर्यटन/व्यवसाय) और F-1 (छात्र)—पर लागू हो सकता है। इसका सबसे अधिक असर उम्रदराज माता-पिता, विकलांग बच्चों वाले परिवारों और क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे पेशेवरों पर पड़ने की संभावना है।

भारतीयों पर बड़ा असर

भारत पर इस नियम का खासा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि यहां डायबिटीज और मोटापे के सबसे अधिक मामले हैं। हर साल करीब 1 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, जिनमें से लगभग 70% आईटी और हेल्थकेयर प्रोफेशनल होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस नीति से भारतीय आवेदनों की अस्वीकृति दर 20-30% तक बढ़ सकती है।

भारत: ‘डायबिटीज कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’

अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन (IDF) के मुताबिक, भारत में वर्तमान में 10.1 करोड़ वयस्क डायबिटीज से पीड़ित हैं, और यह संख्या 2045 तक 13.4 करोड़ तक पहुंच सकती है। ऐसे में बड़ी संख्या में भारतीय अप्रवासी इस नए नियम से प्रभावित होंगे।

संभावित परिणाम

वीजा और ग्रीन कार्ड रिजेक्शन बढ़ेगा।

लोग बीमारियों को छिपाने या इलाज टालने लगेंगे।

अप्रवासी परिवार सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं से दूर रहेंगे।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कुशल श्रमिकों की कमी हो सकती है।

नए नियम के चलते अमेरिका जाने के इच्छुक कई भारतीय पेशेवरों को अब अपने स्वास्थ्य और आर्थिक दस्तावेजों की पहले से ज्यादा तैयारी करनी होगी।


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सोने के दाम में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट दर्ज

इस हफ्ते सोने-चांदी के दाम में गिरावट देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, 31 अक्टूबर को 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,20,770 थी, जो 7 नवंबर तक 670 रुपए घटकर ₹1,20,100 रह गई। यह लगातार तीसरा हफ्ता है जब सोने के भाव में गिरावट आई है। 17 अक्टूबर को सोना ₹1,29,584 प्रति 10 ग्राम था।

चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। 31 अक्टूबर को 1 किलो चांदी ₹1,49,125 की थी, जो 7 नवंबर तक 850 रुपए घटकर ₹1,48,275 प्रति किलो रह गई।

सोना-चांदी के दाम में गिरावट के कारण

त्योहारी खरीदारी का खत्म होना: दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के बाद सोने-चांदी की मांग में कमी आई है।

ग्लोबल तनाव में कमी: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालात स्थिर होने से सेफ-हेवन निवेश में कमी आई है।

प्रॉफिट बुकिंग और टेक्निकल इंडिकेटर्स: लगातार बढ़त के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू की है। RSI जैसे संकेतक ओवरबॉट जोन दिखा रहे थे, जिससे बिकवाली तेज हुई।

इस साल बड़ी बढ़ोतरी के बावजूद गिरावट का दौर

2024 में अब तक सोना ₹43,938 महंगा हो चुका है — 31 दिसंबर 2024 को इसकी कीमत ₹76,162 प्रति 10 ग्राम थी, जो अब ₹1,20,100 हो गई है।

इसी तरह, चांदी ₹62,258 बढ़ी है — पिछले साल के अंत में यह ₹86,017 प्रति किलो थी, जो अब ₹1,48,275 हो गई है।

अलग-अलग शहरों में सोने के दाम अलग होने की वजहें

ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट: सोने को एक जगह से दूसरी जगह भेजने का खर्च दामों पर असर डालता है।

डिमांड में अंतर: दक्षिण भारत में सोने की मांग सबसे ज्यादा होती है, जिससे थोक खरीद पर दाम कुछ कम रहते हैं।

लोकल एसोसिएशन: हर राज्य या शहर का ज्वेलर्स एसोसिएशन अपने हिसाब से दाम तय करता है।

खरीद मूल्य: ज्वेलर्स ने कब और कितने दाम पर स्टॉक खरीदा, इससे रिटेल प्राइस बदल जाता है।

सोना खरीदते समय ध्यान रखें ये दो बातें

सर्टिफाइड गोल्ड खरीदें: हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सोना ही लें। हॉलमार्किंग से कैरेट की शुद्धता की पुष्टि होती है।

कीमत की जांच करें: सोने का वजन और रेट कई भरोसेमंद स्रोतों (जैसे IBJA वेबसाइट) से जरूर क्रॉस-चेक करें, क्योंकि 24K, 22K और 18K के रेट अलग-अलग होते हैं।


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ऑस्ट्रेलिया में अजेय रिकॉर्ड कायम! भारत अब तक नहीं हारा कोई टी-20 सीरीज

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी-20 सीरीज का पांचवां और निर्णायक मुकाबला आज ब्रिस्बेन के गाबा स्टेडियम में खेला जाएगा। मैच दोपहर 1:45 बजे से शुरू होगा, जबकि टॉस 1:15 बजे होगा। टीम इंडिया के पास इस मैच को जीतकर सीरीज अपने नाम करने का सुनहरा मौका है। भारत ने अब तक ऑस्ट्रेलिया में कोई भी टी-20 सीरीज नहीं गंवाई है और आज तीसरी बार इतिहास दोहराने का अवसर है।

मैक्सवेल की वापसी से ऑस्ट्रेलिया को उम्मीदें

ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने इंजरी से उभरने के बाद चौथे टी-20 में वापसी की थी और अब वे आज के मैच में भी खेलेंगे। फिलहाल सीरीज में भारत 2-1 से आगे है, जबकि पहला मुकाबला बेनतीजा रहा था।

टी-20 में भारत का दबदबा कायम

दोनों टीमों के बीच अब तक 36 टी-20 मुकाबले हुए हैं, जिनमें भारत ने 22 जबकि ऑस्ट्रेलिया ने केवल 12 जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 16 मैचों में भारत ने 9 में जीत हासिल की है। भारत ने तीसरे और चौथे मैच में जीत दर्ज कर सीरीज में अजेय बढ़त बनाई है।

अभिषेक शर्मा ने दिलाई तूफानी शुरुआत

सीरीज में अभिषेक शर्मा शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने 4 मैचों में 159.09 के स्ट्राइक रेट से 140 रन बनाए हैं। वरुण चक्रवर्ती 5 विकेट लेकर भारत के टॉप बॉलर बने हुए हैं। शुभमन गिल को आराम देने की संभावना है और उनकी जगह संजू सैमसन को मौका मिल सकता है, क्योंकि शुभमन 14 नवंबर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलेंगे।

ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी रही फीकी

ऑस्ट्रेलिया की ओर से कोई भी बल्लेबाज 100 रन नहीं बना सका है। टिम डेविड 89 रन बनाकर टीम के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर हैं। कप्तान मिचेल मार्श भी लय में नहीं दिखे हैं। गेंदबाजी में नाथन एलिस और एडम जम्पा पर उम्मीदें टिकी हैं।

ब्रिस्बेन की पिच पर पहले बल्लेबाजी फायदेमंद

गाबा स्टेडियम में अब तक खेले गए 11 टी-20 इंटरनेशनल में 8 बार पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती है। ऑस्ट्रेलिया ने यहां 8 मुकाबले खेले हैं, जिनमें से सिर्फ 1 हारा है। भारत ने 2018 में यहां एक मैच खेला था, जिसमें उसे 4 रन से हार का सामना करना पड़ा था।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर पर कभी सीरीज नहीं गंवाई

अब तक भारत ऑस्ट्रेलिया में 2 से अधिक मैचों की कोई भी टी-20 सीरीज नहीं हारा है। दोनों टीमों के बीच 2 सीरीज ड्रॉ रहीं, जबकि 2 भारत ने जीती हैं। 2008 में खेले गए एकमात्र टी-20 मैच में ऑस्ट्रेलिया विजेता रहा था।

3 बड़े रिकॉर्ड्स पर नजरें

जसप्रीत बुमराह एक विकेट लेते ही टी-20 में 100 विकेट पूरे कर लेंगे।

ऑस्ट्रेलिया ने जुलाई 2021 के बाद लगातार 3 टी-20 मैच नहीं गंवाए हैं।

भारत ने जनवरी 2016 में आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया को लगातार 3 टी-20 मैचों में हराया था।

बारिश बन सकती है विलेन

ब्रिस्बेन में मैच के दौरान बारिश की संभावना है। शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक 35% हिस्सों में बारिश की भविष्यवाणी की गई है, जिससे मुकाबले में बाधा आ सकती है।

संभावित प्लेइंग-11

ऑस्ट्रेलिया: मिचेल मार्श (कप्तान), मैथ्यू शॉर्ट, जोश इंग्लिस (विकेटकीपर), टिम डेविड, मिचेल ओवेन, मार्कस स्टोयनिस, ग्लेन मैक्सवेल, जैवियर बार्टलेट, बेन ड्वारशस, नाथन एलिस, एडम जम्पा।

भारत: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल/संजू सैमसन, तिलक वर्मा, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), शिवम दुबे, अर्शदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह।


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मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान जोरदार धमाका, 50 से ज्यादा लोग घायल

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। नॉर्थ जकार्ता के केलापा गाडिंग इलाके में स्थित एक स्कूल कॉम्प्लेक्स की मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान जोरदार धमाका हो गया। घटना के तुरंत बाद अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

धमाके में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। सभी घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस प्रमुख असेप एडी सुहेरी ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है और धमाके के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, घायलों में से कई को जलने की चोटें आई हैं। राहत और बचाव दल मौके पर पहुंच चुके हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद की इमारत को बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन अंदर के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हुए हैं। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: 8 हफ्तों में रेलवे स्टेशन, अस्पताल और सार्वजनिक स्थलों से हटाए जाएं आवारा कुत्ते

देश के कई राज्यों में सड़कों और हाईवे पर खुले घूम रहे आवारा मवेशियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों से ऐसे मवेशियों को तुरंत हटाया जाए।

यह टिप्पणी अदालत ने आवारा कुत्तों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने आदेश दिया कि शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस अड्डों, खेल परिसरों और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों व अन्य पशुओं को हटाकर उन्हें आश्रय गृहों में रखा जाए। इस आदेश को लागू करने के लिए अदालत ने 8 हफ्तों की समय सीमा तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे राजमार्ग गश्ती दल गठित करें, जो सड़कों पर घूमने वाले पशुओं को पकड़कर सुरक्षित आश्रय गृहों में भेजें, जहां उनकी उचित देखभाल की जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आवारा कुत्तों को उसी स्थान पर वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा कि न्यायमित्र की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया जाए और यह आदेश का हिस्सा होगी।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस निर्देश को भी बरकरार रखा, जिसमें राज्य सरकार, नगर निकायों और सड़क परिवहन विभाग के अधिकारियों को राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों को हटाकर उन्हें आश्रय स्थलों में पुनर्वासित करने का आदेश दिया गया था।


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