जेद्दा–कोझिकोड AI एक्सप्रेस फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, तकनीकी खराबी के बाद कोच्चि में उतरा विमान

जेद्दा से कोझिकोड जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट की गुरुवार को केरल के कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग कराई गई। बताया गया कि उड़ान के दौरान विमान में तकनीकी खराबी सामने आने के बाद एहतियातन इसे कोच्चि डायवर्ट किया गया। शुरुआती जांच में विमान के लैंडिंग गियर और टायर में खराबी पाए जाने की बात सामने आई है। इस विमान में कुल 160 यात्री सवार थे।

कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जेद्दा से कोझिकोड जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-398 ने सुबह करीब 9:07 बजे सुरक्षित रूप से आपात लैंडिंग की। एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार, लैंडिंग गियर और टायर फेल होने के कारण विमान को कोच्चि उतारना पड़ा। लैंडिंग के बाद की जांच में विमान के दाहिनी ओर के टायर फटे पाए गए। राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी यात्री या क्रू मेंबर को कोई चोट नहीं आई और सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं।


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घना कोहरा बना बाधा: बिना एक भी गेंद फेंके रद्द हुआ चौथा टी20, टीम इंडिया सीरीज में 2-1 से आगे

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाने वाला चौथा टी20 मैच बुधवार को घने कोहरे के कारण बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। तय कार्यक्रम के अनुसार टॉस शाम 6:30 बजे होना था, लेकिन खराब विजिबिलिटी के चलते अंपायरों ने बार-बार निरीक्षण किया और परिस्थितियों को खेलने के लिए अनुपयुक्त पाया। आखिरकार रात करीब 9:30 बजे मैच रद्द करने का फैसला लिया गया। इस दौरान भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ‘बहुत घने कोहरे’ को लेकर ऑरेंज अलर्ट, जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया था। दिसंबर में पहली बार टी20 मैच की मेजबानी कर रहा लखनऊ घने कोहरे के कारण निराश फैंस का गवाह बना, जहां स्टेडियम के भीतर भी स्टैंड्स मुश्किल से दिखाई दे रहे थे।

अंपायर केएन पंडित और अनंतपद्मनाभन ने विजिबिलिटी जांच के लिए पिच और डीप मिडविकेट पर ड्रिल कराई, लेकिन गेंद साफ नजर न आने के कारण खेल शुरू नहीं हो सका। मैच के रद्द होने से सीरीज अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। भारतीय टीम फिलहाल 2-1 से आगे है। टीम इंडिया ने कटक में पहला मैच 101 रन से जीता था, जबकि दक्षिण अफ्रीका ने न्यू चंडीगढ़ में दूसरा मुकाबला 51 रन से अपने नाम कर सीरीज 1-1 से बराबर की थी। तीसरे टी20 में धर्मशाला में भारत ने 7 विकेट से जीत दर्ज कर बढ़त हासिल की। अब दोनों टीमों के बीच अंतिम और निर्णायक टी20 मुकाबला 19 दिसंबर को अहमदाबाद में खेला जाएगा, जहां भारत सीरीज 3-1 से जीतने की कोशिश करेगा, जबकि दक्षिण अफ्रीका की नजरें सीरीज 2-2 से बराबर करने पर होंगी।


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ट्रेन में लगेज लिमिट का नया नियम लागू: AC में सिर्फ 70KG फ्री, स्लीपर और जनरल क्लास में भी देना होगा चार्ज

अगर आप ट्रेन से यात्रा करते समय ज्यादा सामान साथ ले जाते हैं, तो अब सतर्क हो जाना जरूरी है। रेलवे यात्रियों के लिए बैगेज नियमों को सख्ती से लागू करने की तैयारी कर रहा है। तय सीमा से अधिक वजन का सामान लेकर सफर करने पर अब यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा, जिससे सीधे तौर पर उनकी जेब पर असर पड़ेगा। रेलवे ने साफ किया है कि ट्रेन यात्रा में भी अब बैगेज नियम हवाई यात्रा की तरह कड़ाई से लागू किए जाएंगे।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि यात्रियों के लिए पहले से ही ट्रैवल क्लास के अनुसार मुफ्त सामान ले जाने की सीमा तय है और इससे अधिक वजन होने पर सरचार्ज देना पड़ता है। रेलवे नियमों के मुताबिक, सेकंड क्लास के यात्रियों को 35 किलो तक सामान मुफ्त ले जाने की अनुमति है, जबकि शुल्क देकर वे अधिकतम 70 किलो तक सामान ले जा सकते हैं। स्लीपर क्लास में यह सीमा 40 किलो मुफ्त और अधिकतम 80 किलो तय की गई है।

वहीं, एसी थ्री टियर और चेयर कार में नियम और सख्त हैं। इन क्लास में यात्रियों को अधिकतम 40 किलो तक ही सामान ले जाने की अनुमति है और इससे ज्यादा वजन का सामान ले जाना नियमों के तहत स्वीकार्य नहीं होगा। एसी कोचों में फ्री बैगेज अलाउंस 70 किलो तक सीमित है, जिसके बाद अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा।

रेलवे का कहना है कि ज्यादा सामान से यात्रियों की आवाजाही में परेशानी होती है और सुरक्षा व सफाई से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ती हैं। भारी बैगेज के कारण हादसों का खतरा बना रहता है, इसी वजह से बैगेज नियमों को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया गया है।

रेलवे ने यात्रियों को सलाह दी है कि यात्रा से पहले अपने सामान का वजन तय सीमा के अनुसार जांच लें। यदि सामान ज्यादा है, तो पहले से बुकिंग कराएं या अतिरिक्त शुल्क देने के लिए तैयार रहें, ताकि यात्रा के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो।


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इलाहाबाद HC का बड़ा फैसला: लिव-इन रिलेशनशिप गैरकानूनी नहीं, कपल की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि लिव-इन रिलेशनशिप समाज में भले ही सभी को स्वीकार्य न हो, लेकिन इसे गैरकानूनी या अपराध नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति का जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोच्च है, चाहे वह शादीशुदा हो या बिना शादी साथ रह रहा हो। एक बार जब कोई बालिग अपनी मर्जी से सहचर चुन लेता है, तो परिवार सहित किसी भी अन्य व्यक्ति को उनके शांतिपूर्ण जीवन में दखल देने का अधिकार नहीं है।

न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की एकलपीठ ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़ों की पुलिस सुरक्षा की मांग से जुड़ी याचिकाओं को मंजूर करते हुए कहा कि संविधान के तहत नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना राज्य का दायित्व है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि सहमति से साथ रह रहे बालिगों को सुरक्षा देने से राज्य इनकार नहीं कर सकता।

यह आदेश इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले हाई कोर्ट की एक अन्य पीठ ने किरण रावत बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में लिव-इन रिलेशनशिप को ‘सामाजिक समस्या’ बताते हुए ऐसे जोड़ों को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था। हालांकि मौजूदा मामले में कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप को गैरकानूनी नहीं ठहराया जा सकता।

कोर्ट ने लता सिंह और एस. खुशबू जैसे मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने न तो लिव-इन रिलेशनशिप की आलोचना की है और न ही ऐसे जोड़ों को सुरक्षा देने से इनकार किया है। न्यायालय ने कहा कि बालिग व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने का अधिकार है और इसमें बाधा डालना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होगा।

हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि यदि याचिकाकर्ताओं के शांतिपूर्ण जीवन में कोई बाधा आती है तो वे संबंधित पुलिस कमिश्नर, एसएसपी या एसपी से संपर्क कर सकते हैं। पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि याची बालिग हैं और अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं, जिसके बाद उन्हें तत्काल सुरक्षा दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक जोड़ों या उनमें से किसी के खिलाफ किसी अपराध में एफआईआर दर्ज न हो, तब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। जरूरत पड़ने पर उम्र सत्यापन के लिए ऑसिफिकेशन टेस्ट भी कराया जा सकता है।


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बड़ा फैसला: दिल्ली में अब सभी को नहीं मिलेगी CNG, IGL ने किया बड़ा ऐलान

दिल्ली सरकार ने सीएनजी वाहन चालकों के लिए बड़ा और सख्त फैसला लिया है। गुरुवार, 18 दिसंबर 2025 से दिल्ली में केवल उन्हीं वाहनों को सीएनजी दी जाएगी, जिनके पास वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट होगा। इस फैसले की पुष्टि इंड्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने अपने आधिकारिक बयान में की है। IGL के अनुसार, दिल्ली सरकार की अधिसूचना के तहत अब बिना वैध PUC वाले किसी भी वाहन को सीएनजी नहीं दी जाएगी। कंपनी ने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे रिफ्यूलिंग के समय अपना PUC प्रमाणपत्र साथ रखें, अन्यथा उन्हें ईंधन नहीं मिल पाएगा। यह कदम राजधानी में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया गया है।

यह पहली बार है जब सीएनजी से चलने वाले वाहनों को भी प्रतिबंधों के दायरे में लाया गया है। बुधवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्पष्ट किया कि दिल्ली के बाहर पंजीकृत BS-VI मानक से कम किसी भी वाहन को, फ्यूल टाइप की परवाह किए बिना, राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने दोहराया कि यह प्रतिबंध पेट्रोल, डीजल और सीएनजी सभी वाहनों पर समान रूप से लागू रहेगा। मंत्री ने बताया कि 17 दिसंबर तक एक दिन की छूट दी गई है, लेकिन इसके बाद दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड BS-VI से कम कोई भी वाहन राजधानी में प्रवेश नहीं कर सकेगा।

अब तक BS-VI से कम पेट्रोल और डीजल वाहनों पर ही रोक लगती थी, जबकि सीएनजी गाड़ियों को छूट मिलती रही है। इसी वजह से इस बार सीएनजी वाहन चालकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। हालांकि पुलिस हेल्पलाइन नंबर 011-25844444 और 1095 से संपर्क करने पर साफ कर दिया गया है कि यह प्रतिबंध सभी फ्यूल टाइप के वाहनों पर लागू होगा, चाहे वाहन पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलता हो।


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प्रदूषण पर लगाम: दिल्ली सरकार के सख्त कदम, दफ्तर जाने वालों के लिए जरूरी सावधानियां

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हालात इमरजेंसी जैसे हो गए हैं। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण और यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए कई सख्त फैसले लिए हैं। बृहस्पतिवार (18 दिसंबर) से बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) वाली गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा, जबकि दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-बीएस-6 वाहनों की राजधानी में एंट्री पर रोक रहेगी। इसके साथ ही सभी सरकारी और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। ये पाबंदियां सीएक्यूएम (CAQM) की ओर से एनसीआर में लागू ग्रेप-4 प्रतिबंधों के अतिरिक्त हैं।

प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार एक कार पूलिंग ऐप विकसित करेगी, ताकि लोग साझा सवारी को अपनाएं और सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या घटे। इसके अलावा ट्रैफिक जाम की स्थिति में सिग्नलों के रेड टाइम को कम करने की व्यवस्था पर काम किया जा रहा है। सरकार पीयूसीसी सर्टिफिकेशन सिस्टम की जांच और ऑडिट कराएगी और बिना पीयूसीसी के किसी भी वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा। गूगल मैप्स के डेटा से दिल्ली के 100 सबसे अधिक जाम वाले स्थानों की पहचान की जाएगी, जबकि पॉटहोल मैपिंग कर हर गड्ढे को 72 घंटे के भीतर ठीक करने का लक्ष्य रखा गया है। अगले दस वर्षों में दिल्ली नगर निगम को 2,700 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही राजधानी में प्रदूषण के 62 नए हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं और गैर-बीएस-6 वाहनों की एंट्री रोकने के लिए बॉर्डर इलाकों में विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।


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ट्रंप ने 7 देशों और फलस्तीनियों पर लगाया यात्रा प्रतिबंध, अमेरिका में प्रवेश पर रोक

ट्रंप ने सात और देशों के साथ-साथ फलस्तीनियों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं। 16 दिसंबर 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा और वेटिंग प्रक्रिया में कमियों का हवाला देते हुए अमेरिका में प्रवेश पर लगे यात्रा प्रतिबंधों का विस्तार कियाहै। यह कदम उनके पहले कार्यकाल की नीतियों की बहाली का हिस्सा है और हाल की सुरक्षा घटनाओं के बाद लिया गया।

व्हाइट हाउस की एक घोषणा में कहा गया है कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसे विदेशियों को भी रोकना चाहता है जो "हमारी संस्कृति, सरकार, संस्थानों या संस्थापक सिद्धांतों को कमजोर या अस्थिर कर सकते हैं"।

ट्रंप का यह कदम सीरिया में दो अमेरिकी सैनिकों और एक नागरिक की मौत के कुछ दिनों बाद आया है, जिसे ट्रंप ने लंबे समय तक शासक रहे बशर अल-असद के पतन के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुनर्स्थापित करने के प्रयास किए हैं। सीरियाई अधिकारियों ने कहा कि अपराधी सुरक्षा बलों का एक सदस्य था जिसे "चरमपंथी इस्लामी विचारों" के कारण बर्खास्त किया जाना था।

व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप जो लंबे समय से आव्रजन को प्रतिबंधित करने के लिए अभियान चला रहे हैं और लगातार कड़े शब्दों में बोल रहे हैं, ने उन विदेशियों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम बढ़ाया है जो अमेरिकियों को "धमकाने का इरादा रखते हैं"।

ट्रंप प्रशासन ने पहले ही अनौपचारिक रूप से फलस्तीनी प्राधिकरण पासपोर्ट धारकों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि वह फ्रांस और ब्रिटेन सहित अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों द्वारा फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने के खिलाफ इजरायल के साथ एकजुटता दिखा रहा था।

जिन अन्य देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें अफ्रीका के कुछ सबसे गरीब देश - बुर्किना फासो, माली, नाइजर, सिएरा लियोन और दक्षिण सूडान - के साथ-साथ दक्षिणपूर्व एशिया का लाओस भी शामिल हैं।

व्हाइट हाउस ने कहा कि नए कदमों की एक श्रृंखला में, ट्रंप अन्य अफ्रीकी देशों के नागरिकों पर भी आंशिक यात्रा प्रतिबंध लगा रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक आबादी वाला देश नाइजीरिया और साथ ही अश्वेत बहुल कैरेबियन देश शामिल हैं।


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IPL 2026 की मिनी ऑक्शन में मुंबई इंडियंस ने डिकॉक सहित इन 5 खिलाड़ियों को किया शामिल

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 19वें सीजन के लिए 16 दिसंबर 2025 को अबू धाबी के एतिहाद एरीना में मिनी ऑक्शन आयोजित हुआ। इस नीलामी में मुंबई इंडियंस सबसे कम पर्स के साथ उतरी थी। फ्रेंचाइज़ी ने ऑक्शन से पहले ही रिटेंशन और ट्रेड के जरिए अपनी टीम की रूपरेखा काफी हद तक तैयार कर ली थी। आमतौर पर नीलामी में टीम संयोजन योजना के अनुसार नहीं बन पाता, लेकिन मुंबई इंडियंस ने इस बार अलग रणनीति अपनाई और ट्रेड के जरिए कम कीमत में खिलाड़ियों को शामिल कर अपनी कमियों को काफी हद तक दूर करने में सफलता हासिल की।

ऑक्शन में मुंबई इंडियंस ने इन खिलाड़ियों को किया शामिल

IPL 2026 की मिनी ऑक्शन में मुंबई इंडियंस ने कुल पांच खिलाड़ियों को अपनी टीम में जोड़ा। टीम को एक विदेशी सहित पांच खिलाड़ियों की जरूरत थी, जिसे उसने सफलतापूर्वक पूरा किया। दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक को मुंबई ने 1 करोड़ रुपये में खरीदा। इसके अलावा चार युवा भारतीय खिलाड़ियों को बेस प्राइस पर टीम में शामिल किया गया। इनमें दानिश मालेवार (30 लाख), बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद इजहार (30 लाख), ऑलराउंडर अथर्व अंकोलेकर (30 लाख) और ऑलराउंडर मयंक रावत (30 लाख) शामिल हैं। 25 खिलाड़ियों का स्क्वॉड पूरा होने के बाद भी मुंबई इंडियंस के पर्स में 55 लाख रुपये शेष रहे।

ट्रेड के जरिए टीम में आए ये खिलाड़ी

मुंबई इंडियंस ने ट्रेड विंडो का भी भरपूर इस्तेमाल किया। ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को लखनऊ सुपर जायंट्स से 2 करोड़ रुपये में और वेस्टइंडीज के बल्लेबाज शेरफेन रदरफोर्ड को गुजरात टाइटंस से 2.6 करोड़ रुपये में कैश डील के जरिए ट्रेड किया गया। इसके अलावा लेग स्पिन विकल्प को मजबूत करने के लिए मयंक मार्कंडे को कोलकाता नाइट राइडर्स से 30 लाख रुपये में टीम में शामिल किया गया।

IPL 2026 के लिए मुंबई इंडियंस की पूरी स्क्वॉड

रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव, तिलक वर्मा, रॉबिन मिंज, रेयान रिकल्टन, हार्दिक पांड्या (कप्तान), नमन धीर, मिचेल सेंटनर, विल जैक्स, कार्बिन बॉश, राज अंगद बावा, ट्रेंट बोल्ट, जसप्रीत बुमराह, दीपक चाहर, अश्विनी कुमार, रघु शर्मा, अल्लाह गजनफर, मयंक मार्कंडे (KKR से ट्रेड), शार्दुल ठाकुर (LSG से ट्रेड), शेरफेन रदरफोर्ड (GT से ट्रेड), क्विंटन डिकॉक, दानिश मालेवार, मोहम्मद इजहार, अथर्व अंकोलेकर और मयंक रावत।


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शेफाली वर्मा को मिला ICC का बड़ा पुरस्कार, महिला विश्व कप फाइनल में बनी थीं प्लेयर ऑफ द मैच

भारतीय बल्लेबाज शेफाली वर्मा को विश्व कप फाइनल में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए नवंबर के लिए आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ के लिए नामांकित किया गया है। वर्मा को सेमीफाइनल से पहले प्रतिका रावल की चोट के कारण भारतीय टीम में शामिल किया गया था, लेकिन वह अपने पहले मैच में प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर पाईं।

हालांकि, उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में 111.53 की औसत से 78 गेंद पर 87 रन बनाए। इसके चलते भारत 298/7 का अच्छा स्कोर बनाने में सफल रहा। बाद में, उन्होंने अपने सात ओवरों में 36 रन देकर सुन लुस और मारिजाने कैप के महत्वपूर्ण विकेट लिए।

इन दो खिलाड़ियों के साथ टक्कर

उनके हरफनमौला प्रदर्शन की बदौलत, भारत ने फाइनल मुकाबले में 52 रनों से जीत दर्ज कर अपना पहला वर्ल्ड कप खिताब जीता। शेफाली वर्मा को संयुक्त अरब अमीरात की ईशा ओजा और थाईलैंड की थिपाचा पुथावोंग के साथ नामांकित किया गया है।

ओजा ने आईसीसी महिला इमर्जिंग नेशंस ट्रॉफी के दौरान एक बार फिर अपनी मैच जिताऊ प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस महीने सात टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 137.50 के स्ट्राइक रेट से 187 रन बनाए, जिससे एंकरिंग और तेज गेंदबाजी का संतुलन बना रहा।

थिपाचा भी नामांकित

उन्होंने गेंदबाजी में भी दमदार प्रदर्शन किया और 18.14 की औसत से 7 विकेट लेकर अपनी ऑलराउंड क्षमता की पहचान कराई। दूसरी ओर, थाईलैंड की बाएं हाथ की स्पिनर थिपाचा पुथावोंग ने भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी टीम को आईसीसी महिला इमर्जिंग नेशंस ट्रॉफी जीतने में मदद की और 15 विकेट लेकर टूर्नामेंट में संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं।













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यूपी लेखपाल भर्ती का नोटिफिकेशन जारी, 7 हजार से ज्यादा पदों पर होगी सीधी भर्ती

उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। यूपी लेखपाल भर्ती 2025 का इंतजार अब खत्म हो गया है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने राजस्व लेखपाल के 7,994 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस भर्ती में वही अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने पीईटी 2025 की परीक्षा दी है।

लेखपाल भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन 29 दिसंबर 2025 से शुरू होंगे और आवेदन करने की अंतिम तारीख 28 जनवरी 2026 तय की गई है। यदि आवेदन में किसी प्रकार की गलती हो जाती है, तो उम्मीदवार 4 फरवरी 2026 तक उसमें संशोधन कर सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और इसके लिए अभ्यर्थियों को आयोग की आधिकारिक वेबसाइट upsssc.gov.in पर जाना होगा।

पीईटी 2025 स्कोर से होगी शॉर्टलिस्टिंग

यूपी लेखपाल भर्ती की सबसे अहम शर्त यह है कि उम्मीदवार का पीईटी 2025 में शामिल होना अनिवार्य है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थियों की शॉर्टलिस्टिंग केवल पीईटी 2025 के स्कोर के आधार पर ही की जाएगी। जिन उम्मीदवारों को पीईटी में शून्य या नकारात्मक अंक मिले हैं, उन्हें शॉर्टलिस्ट नहीं किया जाएगा।

कितने पद किस वर्ग के लिए

इस भर्ती के तहत कुल 7,994 पद भरे जाएंगे। इनमें अनारक्षित वर्ग के लिए 4,165 पद, अनुसूचित जाति के लिए 1,446 पद, अनुसूचित जनजाति के लिए 150 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1,441 पद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 792 पद निर्धारित किए गए हैं।

इसके अलावा महिला उम्मीदवारों के लिए 1,592 पद, भूतपूर्व सैनिकों के लिए 391 पद, उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए 152 पद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों के लिए 152 पद आरक्षित किए गए हैं। दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए भी अलग-अलग श्रेणियों में पद सुरक्षित रखे गए हैं।

शैक्षणिक योग्यता

यूपी लेखपाल भर्ती के लिए उम्मीदवार का इंटरमीडिएट (12वीं) पास होना अनिवार्य है। यह परीक्षा यूपी बोर्ड या किसी अन्य मान्यता प्राप्त बोर्ड से उत्तीर्ण होनी चाहिए। आवेदन के समय सभी आवश्यक शैक्षणिक प्रमाण पत्र होना जरूरी है।

आयु सीमा

लेखपाल भर्ती के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष तय की गई है। आरक्षित वर्गों जैसे एससी, एसटी और अन्य पात्र श्रेणियों को सरकार के नियमों के अनुसार ऊपरी आयु सीमा में छूट दी जाएगी।

आवेदन शुल्क

इस भर्ती में सभी वर्गों के लिए आवेदन शुल्क समान रखा गया है। सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को 25 रुपये शुल्क देना होगा। फीस का भुगतान यूपीआई या एसबीआई ई-चालान के माध्यम से किया जा सकेगा।

चयन प्रक्रिया और परीक्षा पैटर्न

यूपी लेखपाल भर्ती में चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। लिखित परीक्षा में कुल 100 प्रश्न पूछे जाएंगे, जो 100 अंकों के होंगे। परीक्षा की अवधि 2 घंटे होगी और सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ (ऑब्जेक्टिव) प्रकार के होंगे। इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी लागू होगी। अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार करने के लिए आयोग नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला का उपयोग करेगा।

परीक्षा का सिलेबस

लिखित परीक्षा में भारत का इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन, भारतीय संविधान, भूगोल, अर्थव्यवस्था, सामाजिक विकास, ग्राम समाज और समसामयिक घटनाओं से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा सामान्य हिंदी, कंप्यूटर ज्ञान, डाटा इंटरप्रिटेशन, पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन और उत्तर प्रदेश से संबंधित सामान्य ज्ञान भी परीक्षा का हिस्सा रहेगा। यूपी से जुड़े विषयों का इसमें विशेष महत्व होगा।

सैलरी कितनी होगी

यूपी लेखपाल पद पर चयनित उम्मीदवारों को 21,700 रुपये से 69,100 रुपये तक का वेतन मिलेगा। इसके साथ ही अन्य सरकारी भत्तों का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।

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