CBSE बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बदलाव की तैयारी, रटंत विद्या नहीं अब समझ और सोच से तय होगी सफलता

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से वर्ष 2026 से लागू किए जाने वाले नए बोर्ड परीक्षा पैटर्न को माध्यमिक शिक्षा में बड़े बदलाव की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। अब तक अंक केंद्रित और रटंत आधारित परीक्षा प्रणाली की जगह अब समझ, विश्लेषण और व्यवहारिक ज्ञान को प्राथमिकता दी जाएगी।

नए परीक्षा स्वरूप के तहत कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अवधारणा आधारित, स्थिति परक और विश्लेषणात्मक प्रश्नों का अनुपात काफी बढ़ाया जाएगा। प्रश्नपत्र में लगभग 50 प्रतिशत प्रश्न ऐसे होंगे, जिनमें विद्यार्थियों को किसी परिस्थिति को समझकर तार्किक समाधान प्रस्तुत करना होगा। विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में दैनिक जीवन से जुड़े उदाहरण, आंकड़ों की व्याख्या, ग्राफ आधारित प्रश्न और प्रसंग आधारित समस्याएं पूछी जाएंगी। साथ ही आंतरिक मूल्यांकन की भूमिका भी पहले से अधिक मजबूत होगी, जिससे पूरे शैक्षणिक सत्र की पढ़ाई का महत्व बढ़ेगा।

फिलहाल जनपद में बड़ी संख्या में विद्यार्थी पारंपरिक पढ़ाई पद्धति, गाइड पुस्तकों और संभावित प्रश्नों के सहारे परीक्षा की तैयारी करते हैं। ऐसे में यह नया परीक्षा पैटर्न उनकी अध्ययन शैली के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विद्यार्थी समय रहते विषय की मूल अवधारणाओं पर ध्यान नहीं देंगे, तो शुरुआती वर्षों में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

विद्यालय प्रबंधन के सामने भी नई जिम्मेदारियां होंगी। अब केवल पाठ्यक्रम पूरा कराना ही पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि कक्षा शिक्षण को गतिविधि आधारित बनाना, समूह चर्चा, परियोजना कार्य और प्रेजेंटेशन को बढ़ावा देना जरूरी होगा।

एकेडमिक ग्लोबल स्कूल के चेयरमैन इं. संजीव कुमार का कहना है कि यह बदलाव शिक्षकों के लिए भी एक परीक्षा की तरह है। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को नए मूल्यांकन पैटर्न के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि शिक्षण प्रक्रिया को अधिक व्यवहारिक और रोचक बनाया जा सके।

वहीं, प्रधानाचार्य और CBSE सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ. सुनीत कोहली का कहना है कि अब विद्यार्थियों को प्रश्न रटाने के बजाय सोचने और तर्क करने की आदत विकसित करनी होगी। इसके लिए कक्षा में संवाद, उदाहरण आधारित शिक्षण और साप्ताहिक अभ्यास कार्यों को बढ़ाया जा रहा है।

कई विद्यालयों ने अपनी आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली में भी बदलाव शुरू कर दिए हैं। करियर काउंसलर पूर्णेन्दु शुक्ला के अनुसार यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को कौशल आधारित और भविष्य के लिए तैयार बनाना है।

इस बदलाव में अभिभावकों की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभिभावकों को बच्चों पर अतिरिक्त दबाव डालने के बजाय घर में पढ़ाई को लेकर संवाद, चर्चा और समझ आधारित वातावरण तैयार करना चाहिए।


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बांग्लादेश में फिर हिंसा, BNP नेता को सिर में मारी गोली; हादी की मौत के बाद दूसरी बड़ी घटना

बांग्लादेश इस समय राजनीतिक और सामाजिक हिंसा के दौर से गुजर रहा है। हाल ही में इंकलाब मंच के प्रवक्ता और कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद ढाका समेत कई इलाकों में हिंसक घटनाएं देखने को मिली थीं। इसी बीच अब देश में एक और हाई-प्रोफाइल गोलीबारी की घटना सामने आई है।

मिली जानकारी के अनुसार, अज्ञात बंदूकधारियों ने छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) से जुड़े एक नेता पर हमला किया है। बताया जा रहा है कि बीएनपी के खुलना डिविजनल हेड मोतालेब सिकदर को सोमवार को सिर में गोली मारी गई। गोली उनके सिर के बाईं ओर लगी है और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

हिंसा से लगातार बिगड़ते हालात

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद पूरे बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे थे। हादी भारत विरोधी बयानबाजी के लिए जाना जाता था और वह साल 2024 में हुए छात्र विद्रोह के दौरान भी काफी चर्चा में रहा था। उसकी मौत के बाद से देश के कई हिस्सों में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।

चुनाव से पहले बढ़ती अशांति

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद पहली बार आम चुनाव की तैयारी की जा रही है। फरवरी 2026 में प्रस्तावित चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसक प्रदर्शन, गोलीबारी और हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे हालात को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।


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एयर इंडिया विमान का एक इंजन हवा में हुआ बंद, यात्रियों में मची अफरा-तफरी

दिल्ली से मुंबई जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-887 को टेक-ऑफ के कुछ ही देर बाद इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। रिपोर्ट्स के मुताबिक बोइंग 777-300ER विमान का दाहिना इंजन उड़ान भरने के बाद अचानक बंद हो गया, क्योंकि उसमें ऑयल प्रेशर शून्य हो गया था। तकनीकी खराबी का पता चलते ही विमान को एहतियातन दिल्ली एयरपोर्ट वापस लाने का फैसला लिया गया।

फ्लाइट ने सुबह 6:10 बजे दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भरी थी और करीब 40 मिनट बाद 6:52 बजे सुरक्षित रूप से दिल्ली में लैंड कर गई। चूंकि दो इंजन वाले विमान एक इंजन के सहारे भी सुरक्षित लैंडिंग करने में सक्षम होते हैं, इसलिए पायलट ने तुरंत वापसी का निर्णय लिया।

फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24 के अनुसार विमान टेक-ऑफ के बाद कुछ समय तक हवा में रहा। इस फ्लाइट में करीब 335 यात्री सवार थे। सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया और उन्हें वैकल्पिक विमान से गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की गई।

इस घटना पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए एयर इंडिया से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही DGCA को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय ने एयरलाइन को यात्रियों को हर संभव सहायता देने और उन्हें अगली उपलब्ध उड़ानों में समायोजित करने के लिए भी कहा है।

 PTI ने DGCA से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि टेक-ऑफ के बाद फ्लैप रिट्रैक्शन के दौरान क्रू को दाहिने इंजन में ऑयल प्रेशर कम दिखाई दिया, जिसके बाद विमान ने हवा में ही यू-टर्न लिया। सूत्रों के अनुसार विमान के पिछले रिकॉर्ड की भी जांच की गई, लेकिन तेल की खपत से जुड़ी कोई असामान्य बात सामने नहीं आई है।

विशेषज्ञों के मुताबिक इंजन में ऑयल प्रेशर का शून्य होना एक गंभीर तकनीकी स्थिति मानी जाती है, क्योंकि इससे इंजन के मूविंग पार्ट्स तक लुब्रिकेशन नहीं पहुंच पाता। हालांकि आधुनिक विमानों को इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए डिजाइन किया गया होता है। ऐसी परिस्थिति में पायलट इंजन को बंद कर नजदीकी एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग कराते हैं, जिससे बड़ा हादसा टल जाता है।


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वर्ल्ड कप हार पर रोहित शर्मा का बड़ा बयान, बोले—‘मैं पूरी तरह टूट चुका था’

पूर्व भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान 2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल की हार को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि इस हार के बाद वह मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुके थे और एक समय तो उन्होंने क्रिकेट छोड़ने तक का मन बना लिया था।

रविवार को आयोजित कार्यक्रम में रोहित ने कहा कि वर्ल्ड कप फाइनल हारने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि अब वह इस खेल को आगे नहीं खेलना चाहते। उन्होंने कहा कि उस हार ने उनसे सब कुछ छीन लिया था और उनके भीतर खेलने की ऊर्जा ही खत्म हो गई थी।

गौरतलब है कि रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2023 वनडे वर्ल्ड कप में लगातार 10 मैच जीतते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था। हालांकि अहमदाबाद में खेले गए खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली।

रोहित ने कहा कि यह हार उनके लिए बेहद निजी थी, क्योंकि 2022 में कप्तान बनने के बाद उन्होंने इस वर्ल्ड कप की तैयारी में अपना सब कुछ झोंक दिया था। उन्होंने स्वीकार किया कि पूरी टीम बेहद निराश थी और उन्हें खुद यकीन नहीं हो रहा था कि फाइनल मुकाबला हाथ से निकल गया।

उन्होंने आगे बताया कि फाइनल के बाद उनके शरीर और मन में कोई ऊर्जा नहीं बची थी और खुद को संभालने में उन्हें कई महीने लग गए। हालांकि खुद से संवाद और क्रिकेट के प्रति अपने प्यार को याद करके उन्होंने वापसी की। इसका नतीजा यह रहा कि रोहित ने 2024 टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को चैंपियन बनाया।

रोहित ने कहा कि समय के साथ उन्हें समझ आया कि जिंदगी वहीं खत्म नहीं होती। यह अनुभव उन्हें सिखा गया कि निराशा से कैसे उबरा जाए और नई शुरुआत कैसे की जाए। उन्होंने माना कि उस वक्त हालात बेहद कठिन थे, लेकिन आज वह इसे एक सीख के तौर पर देखते हैं।

वर्तमान में 38 वर्षीय रोहित शर्मा टेस्ट और टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और वनडे टीम की कप्तानी भी नहीं कर रहे हैं, हालांकि वह अभी वनडे क्रिकेट खेलते रहेंगे।

2023 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को अहमदाबाद में 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम 240 रन पर सिमट गई थी। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 43 ओवर में 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। ट्रैविस हेड ने 137 रन की शानदार शतकीय पारी खेली, जबकि मार्नस लाबुशेन 58 रन बनाकर नाबाद रहे। मिचेल स्टार्क ने 3 विकेट लिए, वहीं पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को 2-2 सफलता मिली। ट्रैविस हेड को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।


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हिंदू युवक की हत्या पर दिल्ली प्रदर्शन को भारत ने बताया भ्रामक, बांग्लादेश को दिया करारा जवाब

बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या के विरोध में नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर हुए प्रदर्शन को लेकर ढाका की ओर से उठाए गए सवालों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। बांग्लादेश ने सवाल किया था कि सुरक्षित राजनयिक क्षेत्र में स्थित उच्चायोग के इतने पास प्रदर्शनकारियों को कैसे आने दिया गया, जिसे भारत ने भ्रामक और तथ्यहीन करार दिया।

भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस घटना को लेकर बांग्लादेशी मीडिया के कुछ वर्गों में गलत और भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान न तो सुरक्षा में कोई सेंध लगी और न ही राजनयिक मिशन को किसी तरह का खतरा उत्पन्न हुआ।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि मयमनसिंह जिले में दीपू चंद्र दास की हत्या के विरोध और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग को लेकर केवल 20 से 25 लोग कुछ समय के लिए उच्चायोग के बाहर एकत्र हुए थे। मौके पर मौजूद पुलिस ने कुछ ही मिनटों में स्थिति को नियंत्रित कर लिया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया। किसी भी समय मिशन की सुरक्षा भंग नहीं हुई।

मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने परिसर में घुसपैठ की कोशिश की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी सभी रिपोर्टें निराधार हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने केवल नारे लगाए और कोई अव्यवस्था पैदा नहीं हुई। इस पूरे घटनाक्रम के दृश्य प्रमाण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।

रणधीर जायसवाल ने दोहराया कि भारत वियना कन्वेंशन के तहत विदेशी राजनयिकों और उनके मिशनों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली में हुआ यह विरोध प्रदर्शन किसी भी तरह की सुरक्षा चूक नहीं बल्कि एक शांतिपूर्ण और अल्पकालिक घटना थी।


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‘धुरंधर’ की सफलता से गदगद रणवीर सिंह, एयरपोर्ट पर पत्नी दीपिका का थामा हाथ

बॉक्स ऑफिस पर इस समय फिल्म धुरंधर (Dhurandhar) जबरदस्त कमाई कर रही है। फिल्म ने वर्ल्डवाइड 845 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि रणवीर सिंह की दमदार एक्टिंग की हर तरफ तारीफ हो रही है। इसी बीच रणवीर सिंह को हाल ही में एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया, जहां वह अपनी पत्नी दीपिका पादुकोण के साथ नजर आए।

दीपिका का हाथ थामे दिखे रणवीर सिंह

दरअसल, धुरंधर की बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता के बीच रविवार शाम रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण को एक साथ एयरपोर्ट पर देखा गया। इस दौरान रणवीर हमेशा की तरह दीपिका का हाथ थामे नजर आए। दोनों ग्रे-ब्लैक आउटफिट में ट्विनिंग करते दिखे और उन्होंने ब्लैक आउटफिट के साथ ग्रे ओवरकोट कैरी किया था। इस लुक में दोनों काफी स्टाइलिश लग रहे थे। रणवीर के चेहरे की मुस्कान साफ बयां कर रही थी कि वह फिल्म की सक्सेस से कितने खुश हैं। एयरपोर्ट पर दोनों की तस्वीरें सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और फैंस रणवीर की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

1000 करोड़ का आंकड़ा करेगी पार?

अगर फिल्म की कमाई की बात करें तो धुरंधर इंडियन बॉक्स ऑफिस पर अब तक 555 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है। फिल्म की रफ्तार अभी थमी नहीं है। 21 दिसंबर, रविवार को फिल्म ने तीसरे हफ्ते में 38 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि यह फिल्म भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 800 करोड़ का आंकड़ा आसानी से पार कर लेगी। वहीं वर्ल्डवाइड कलेक्शन की बात करें तो धुरंधर जल्द ही 1000 करोड़ क्लब में भी शामिल हो सकती है।

फिल्म में रणवीर सिंह के साथ-साथ अक्षय खन्ना की भी जमकर तारीफ हो रही है। अक्षय ने फिल्म में रहमान डकैत का किरदार निभाया है, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया है। धुरंधर का निर्देशन आदित्य धर ने किया है और फिल्म के अगले पार्ट को 19 मार्च 2026 को रिलीज करने की घोषणा भी कर दी गई है।


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दिल्ली से बिहार तक शीतलहर का कहर, यूपी में ठंड से दो की मौत

पूरा उत्तर भारत इस समय कड़ाके की ठंड की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक तापमान लगातार गिरता जा रहा है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी साफ नजर आ रहा है, जिससे ठिठुरन बढ़ गई है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों में सोमवार को घना कोहरा छाया रहा, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

उत्तर प्रदेश में भी शीतलहर और भीषण ठंड का प्रकोप जारी है। ठंड की वजह से बांदा जिले में एक किसान और एक युवक की मौत की खबर सामने आई है। वहीं, घने कोहरे के चलते सड़क, रेल और हवाई यातायात पर भी असर पड़ा है। सोमवार को कानपुर, बाराबंकी, अयोध्या, लखनऊ समेत प्रदेश के 40 से अधिक जिलों में कोहरा छाया रहा।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी सोमवार सुबह कड़ाके की ठंड ने लोगों को कंपकंपा दिया। गलन वाली सर्दी के कारण कई इलाकों में लोग अलाव तापते नजर आए। हालांकि घना कोहरा नहीं दिखा, लेकिन ठंडी हवाओं की वजह से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार 25 दिसंबर तक ठंड में और इजाफा हो सकता है।

उत्तर प्रदेश में मौसम की मार को देखते हुए कई जिलों में जिला प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। लोगों से बेवजह घर से बाहर न निकलने की अपील की गई है। घने कोहरे के कारण हाईवे पर वाहनों की रफ्तार सीमित कर दी गई है।

उधर, पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी का सिलसिला जारी है। बर्फ से ढकी वादियों ने सैलानियों को आकर्षित किया है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी बर्फबारी जारी रहने की संभावना है। कश्मीर में रविवार को बारिश और बर्फबारी के साथ 40 दिन की भीषण ठंड ‘चिल्लै कलां’ की शुरुआत हो गई। घाटी के मैदानी इलाकों में हल्की जबकि गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी दर्ज की गई। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी बर्फबारी जारी रहने का अनुमान है।

घने कोहरे और बढ़ती ठंड का सीधा असर यातायात पर पड़ा है। सड़क, रेल और हवाई सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। देशभर के कई एयरपोर्ट से सैकड़ों उड़ानें रद करनी पड़ी हैं, जबकि 100 से अधिक ट्रेनें देरी से चल रही हैं। कम दृश्यता के कारण सड़कों पर वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


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गीला–सूखा कचरा अलग न किया तो 5 लाख तक जुर्माना, गाजियाबाद में नए नियम

गीला और सूखा कचरा अलग-अलग न करने पर नगर निगम ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई तेज करते हुए आरडीसी स्थित गौर मॉल के एक रेस्टोरेंट पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश ने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम–2016 के उल्लंघन पर होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, फार्म हाउस और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ जुर्माना वसूली की जा रही है। नियमों के अनुसार, पहली बार उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये, दूसरी बार 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बावजूद नियमों का पालन न करने पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने के साथ ही संबंधित प्रतिष्ठान का ट्रेड लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा।

इसके अलावा आईपीसी की धारा 269 के तहत संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई भी की जाएगी। नगर निगम की टीमें डोर-टू-डोर जाकर चल रही कचरा पृथक्करण मुहिम का औचक निरीक्षण भी कर रही हैं।

क्या होता है गीला और सूखा कचरा?

गीला कचरा वह जैविक अपशिष्ट होता है जो सड़-गलकर खाद में बदल सकता है। इसमें सब्जियों और फलों के छिलके, बचा हुआ खाना, फूल-पत्तियां, अंडे के छिलके और चाय पत्ती शामिल हैं। गीले कचरे को हरे डस्टबिन में डालना चाहिए।

वहीं सूखे कचरे में प्लास्टिक, कागज और धातु जैसी चीजें आती हैं, जो खाद में परिवर्तित नहीं होतीं, बल्कि रिसाइकिल की जाती हैं। इस कचरे को नीले डस्टबिन में रखना चाहिए।

नगर निगम का कहना है कि गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने से बीमारियों के फैलाव को रोका जा सकता है और कचरे का सही तरीके से निपटान संभव हो पाता है।


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फतेहपुर–माउंट आबू में 4° तापमान, दिल्ली में कोहरे ने बढ़ाई परेशानी

उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश समेत देश के 8 राज्यों में शनिवार सुबह भीषण सर्दी के साथ घना कोहरा छाया रहा। राजस्थान के सीकर स्थित फतेहपुर और सिरोही के माउंट आबू में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड और कोहरे के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा।

मध्य प्रदेश के करीब 20 जिले घने कोहरे की चपेट में रहे, जिसका असर रेल और हवाई यातायात पर भी पड़ा। दिल्ली से भोपाल और इंदौर आने-जाने वाली कई ट्रेनें देरी से चलीं। वहीं दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) पर शनिवार को कोहरे के कारण 129 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं।

उत्तर प्रदेश के 50 जिलों में घना कोहरा छाया रहा। सुबह 9 बजे तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और दृश्यता इतनी कम थी कि 10 मीटर दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा था। संभल में कोहरे के कारण ट्रक और बाइक की टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई। हालात को देखते हुए यूपी के 8 जिलों में 19 और 20 दिसंबर को स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है।

बिहार के 24 जिलों में कोल्ड डे जैसे हालात बने हुए हैं। पिछले दो दिनों से कई इलाकों में धूप नहीं निकली है। सारण, दरभंगा और मुंगेर में स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। अररिया में घने कोहरे के कारण तेज रफ्तार कार और बाइक की टक्कर में दो युवकों की जान चली गई।

दिल्ली में ठंड और धुंध का सबसे ज्यादा असर हवाई सेवाओं पर पड़ा। शुक्रवार को IGI एयरपोर्ट पर 79 डिपार्चर और 73 अराइवल फ्लाइट्स रद्द की गईं, जिनमें कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल थीं। इसके अलावा नई दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से चलने वाली कई ट्रेनें भी देरी से रवाना हुईं।


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AQI पर सरकार का बयान, फेफड़ों की बीमारी से सीधा संबंध नहीं

केंद्र सरकार ने कहा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ऊंचे स्तर और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधा संबंध साबित करने वाले ठोस वैज्ञानिक प्रमाण फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, यह जरूर माना गया है कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी रोगों को बढ़ाने वाले प्रमुख कारणों में से एक है। यह जानकारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब के जरिए दी। भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सवाल उठाया था कि क्या दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय तक खतरनाक AQI रहने से लोगों की फेफड़ों की क्षमता प्रभावित हो रही है।

सरकार के इस बयान के बीच मेडिकल जर्नल ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खराब हवा के कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो रही है। इस अध्ययन में दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान के कुछ इलाकों में 15 से 29 वर्ष के युवाओं को शामिल किया गया था।

दिल्ली में सांस की बीमारियों के बढ़ते मामले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 दिसंबर को राज्यसभा में बताया कि 2022 से 2024 के बीच दिल्ली के छह बड़े सरकारी अस्पतालों में सांस से जुड़ी समस्याओं के 2,04,758 मामले दर्ज किए गए। इनमें से करीब 35 हजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। मंत्रालय के अनुसार, इन मामलों की एक बड़ी वजह वायु प्रदूषण रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त अभियान

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि 18 दिसंबर की शाम शुरू हुए विशेष अभियान के तहत 24 घंटे में 11,700 से अधिक चालान काटे गए। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) सहित कई विभाग उत्सर्जन स्रोतों पर नियंत्रण के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। सरकार ने वाहन प्रवर्तन, धूल नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और सड़क सफाई को मिलाकर मल्टी-लेवल रणनीति अपनाई है, जिससे पिछली सर्दियों की तुलना में वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार देखा गया है।

धूल नियंत्रण के तहत नगर एजेंसियों ने 12,164 मीट्रिक टन से अधिक कचरा हटाया। 2,068 किलोमीटर सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और 1,830 किलोमीटर सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया। मोबाइल एंटी-स्मॉग गन ने 5,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर किया, जबकि प्रमुख निर्माण स्थलों पर करीब 160 एंटी-स्मॉग गन तैनात की गईं।

मंत्री के अनुसार, बीते 24 घंटे में औसतन करीब 30,000 मीट्रिक टन पुराने कचरे की बायो-माइनिंग की गई। नागरिक शिकायत निवारण के तहत 311 हेल्पलाइन, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर और सोशल मीडिया के माध्यम से मिली 57 शिकायतों का समाधान किया गया।

ट्रकों की एंट्री पर रोक

प्रदूषण नियंत्रण के तहत शहर में प्रवेश करने से 542 ट्रकों को रोका और डायवर्ट किया गया, जबकि 34 ट्रैफिक जाम वाले स्थानों को खाली कराया गया। मंत्री ने नागरिकों और संस्थानों से अपील की कि वायु प्रदूषण से निपटने और हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सभी की सामूहिक जिम्मेदारी जरूरी है।


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