संकट की घड़ी में ही असली रिश्तों की पहचान होती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं के बीच हरियाणा ने न केवल अपने हालात संभाले, बल्कि बाढ़ से जूझ रहे पंजाब के लोगों की मदद कर इंसानियत और भाईचारे की मिसाल पेश की है।
इस बार हरियाणा में औसत से 46% ज्यादा बारिश हुई, जिससे करीब साढ़े पांच हजार गांव प्रभावित हुए। सैकड़ों घर ढह गए और लगभग 30 लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई। लेकिन कठिनाईयों के बीच हरियाणा ने पड़ोसी पंजाब का भी हाथ थामा।
हालांकि दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से जल विवाद और एसवाईएल नहर जैसे मुद्दों पर तनातनी रही है, फिर भी हरियाणा ने सब मतभेद भुलाकर पंजाब को सहारा दिया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने न केवल पांच करोड़ रुपये की मदद भेजी, बल्कि अब तक करीब 700 ट्रक राहत सामग्री भी पंजाब रवाना की जा चुकी है।
पंजाब सरकार का दावा है कि इस बाढ़ से लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार ने भी राहत के तौर पर 1600 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसी बीच हरियाणा सरकार और आम जनता की ओर से लगातार भोजन, कपड़े, दवाइयां, पानी की बोतलें और जरूरी सामान पंजाब के जिलों में पहुंचाया जा रहा है।
भाजपा ने सेवा पखवाड़ा अभियान के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद के साथ स्वच्छता अभियान भी शुरू किया है। गांवों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पंप और मोटर की व्यवस्था की जा रही है।
हरियाणा के ट्रकों में भरी राहत सामग्री केवल सामान ही नहीं, बल्कि यह संदेश भी लेकर जा रही है कि पंजाब इस मुश्किल समय में अकेला नहीं है।