राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार गंभीर बनी हुई है और दिसंबर भर हवा रेड जोन में रही। इसी बीच एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस घोषित करने और उसकी खरीद पर टैक्स छूट देने की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र सरकार से एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने को लेकर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के बीच नागरिकों को साफ हवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कम से कम यह कदम तो उठा ही सकती है।
‘एयर प्यूरीफायर लग्जरी आइटम नहीं’
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अधिकारियों के वकील से इस मुद्दे पर निर्देश लेकर दोपहर बाद अदालत को अवगत कराने को कहा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भयावह वायु प्रदूषण से जूझ रहे शहर में एयर प्यूरीफायर को लग्जरी वस्तु नहीं माना जा सकता। अदालत ने टिप्पणी की कि पूरे शहर को स्वच्छ हवा का अधिकार है, लेकिन सरकार यह उपलब्ध कराने में असफल रही है।
इमरजेंसी की तरह देखें प्रदूषण की स्थिति: हाईकोर्ट
अदालत ने कहा कि मौजूदा हालात में एयर प्यूरीफायर साफ हवा का एकमात्र सहारा बन गया है। ऐसे में सरकार कम से कम इस पर जीएसटी में छूट दे सकती है, भले ही यह राहत अस्थायी क्यों न हो। कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक हफ्ते या एक महीने के लिए ही सही, लेकिन इसे आपात स्थिति मानते हुए फैसला लिया जाए। अदालत ने पूछा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक कब होगी और सरकार निर्देशों के साथ कब वापस आएगी। इस मामले को केवल अनुपालन के लिए वेकेशन बेंच के समक्ष रखने की बात भी कही गई।
हम दिन में 21 हजार बार सांस लेते हैं: कोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस गेडेला ने कहा कि इंसान एक दिन में करीब 21,000 बार सांस लेता है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बार सांस लेकर हमारे फेफड़ों को कितना नुकसान हो रहा होगा, जबकि यह पूरी तरह अनैच्छिक प्रक्रिया है। कोर्ट ने अधिकारियों से इस पर गंभीरता से विचार कर जरूरी निर्देश लेने को कहा।
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर तस्वीर
यह सुनवाई ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली घातक स्मॉग की चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, ITO और इंडिया गेट समेत कई इलाकों में AQI 350 के पार दर्ज किया गया है। हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है और दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज-IV के प्रतिबंध लागू हैं।
क्यों जरूरी हैं एयर प्यूरीफायर
हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को एयर प्यूरीफायर उपलब्ध कराना कम से कम इतना तो किया ही जाना चाहिए। एयर प्यूरीफायर हवा से धूल, पराग, धुआं और अन्य हानिकारक कणों को हटाने में मदद करता है। यह खासतौर पर अस्थमा, एलर्जी और सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित होता है।









