‘बॉर्डर 2’ में अहान शेट्टी की धमाकेदार एंट्री, फर्स्ट-लुक रिलीज

‘बॉर्डर 2’ से अहान शेट्टी का दमदार फर्स्ट-लुक मंगलवार को जारी किया गया। पोस्टर में वह एक नेवी ऑफिसर की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। खून के निशान, दृढ़ नजरें और हाथों में टैंक की गन—इन सबने उनके लुक को काफी प्रभावशाली बना दिया है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स उनकी तुलना सुनील शेट्टी से कर रहे हैं, जिन्होंने पहली ‘बॉर्डर’ फिल्म में महत्वपूर्ण किरदार निभाया था। पोस्टर के कैप्शन में लिखा है— “लहरों से भी मजबूत। तूफान से भी भयानक।” फिल्म 23 जनवरी 2026 को रिलीज होगी।

सोशल मीडिया पर मिल रही प्रतिक्रियाएं:

एक यूजर ने लिखा— “अहान की असली एंट्री अब होगी बॉलीवुड में।” दूसरे ने कहा— “अहान नहीं, बल्कि अन्ना सुनील शेट्टी ही लग रहे हैं।”

बॉर्डर-2 में दिखेंगे सनी देओल, वरुण धवन और दिलजीत

‘बॉर्डर-2’, 1997 की क्लासिक ‘बॉर्डर’ का सीक्वल है। फिल्म में सनी देओल, वरुण धवन और दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिकाओं में हैं। इसमें एयरफोर्स, ग्राउंड बैटल और बड़े पैमाने के वॉर सीक्वेंस शामिल होंगे। मेकर्स इसे देशभक्ति से जुड़ी सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बता रहे हैं।

क्यों बना विवाद?

फिल्म तब विवादों में आई, जब फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने दिलजीत दोसांझ की कास्टिंग पर आपत्ति जताई। संगठन का कहना था कि दिलजीत हाल ही में एक पाकिस्तानी अभिनेत्री के साथ प्रोजेक्ट कर चुके हैं, जबकि पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लागू है। चूंकि ‘बॉर्डर-2’ एक देशभक्ति पर आधारित फिल्म है, इसलिए संगठन ने इसे राष्ट्रीय भावना के खिलाफ बताया और मेकर्स से दिलजीत को फिल्म से हटाने की मांग की।

विवाद कैसे खत्म हुआ?

मेकर्स की लिखित अपील के बाद मामला सुलझ गया। अपील में कहा गया कि दिलजीत का पूरा हिस्सा पहले ही शूट हो चुका है और रिप्लेसमेंट करने पर करोड़ों का नुकसान होगा। इस पर FWICE ने शर्त रखी कि भविष्य में नियमों का पालन किया जाएगा, जिसके बाद बैन हटा लिया गया।


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भारत में 10 साल से टी-20 सीरीज नहीं जीत पाया दक्षिण अफ्रीका

साउथ अफ्रीका ने भारत में पिछली टी-20 सीरीज 2015 में जीती थी। इसके बाद प्रोटियाज टीम तीन बार भारत दौरे पर टी-20 सीरीज खेल चुकी है, लेकिन एक बार भी जीत दर्ज नहीं कर पाई। ओवरऑल सीरीज रिकॉर्ड भी भारत के पक्ष में है। दोनों टीमों के बीच अब तक 10 टी-20 सीरीज खेली गई हैं, जिनमें भारत ने 5 और साउथ अफ्रीका ने 2 जीती हैं, जबकि 3 सीरीज ड्रॉ रहीं।

पांच मैचों की मौजूदा टी-20 सीरीज का पहला मुकाबला आज कटक के बाराबाती स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत इससे पहले वनडे सीरीज 2-1 से जीत चुका है और टी-20 में भी जीत के साथ शुरुआत करना चाहेगा। दूसरी ओर, साउथ अफ्रीका ने टेस्ट सीरीज 2-0 से जीती थी। 2018 के बाद से अफ्रीकी टीम भारत के खिलाफ न तो भारतीय जमीन पर और न ही अपने घरेलू मैदान पर कोई टी-20 सीरीज जीत सकी है। पहला टी-20 शाम 7 बजे शुरू होगा और टॉस 6:30 बजे होगा। इस मैच में उप-कप्तान शुभमन गिल और हार्दिक पंड्या चोट से उबरकर वापसी करेंगे।

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच अब तक 31 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले जा चुके हैं। इनमें भारत ने 18 जीत हासिल की हैं, जबकि साउथ अफ्रीका 12 मैचों में विजयी रहा है। एक मैच बेनतीजा रहा। भारत में दोनों टीमों के बीच 12 मुकाबले हुए हैं, जिनमें अफ्रीका 6 मैच जीतकर आगे है, जबकि भारत ने 5 मैच जीते हैं और एक मैच का परिणाम नहीं निकला।

इस साल टी-20 में भारत के लिए अभिषेक शर्मा सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे हैं। उन्होंने 17 मैचों में 756 रन बनाए हैं, वह भी 196 से अधिक के स्ट्राइक रेट के साथ। उनके नाम 1 शतक और 5 अर्धशतक दर्ज हैं। वे वर्तमान में भारत के नंबर-1 टी-20 बल्लेबाज हैं। गेंदबाजी में वरुण चक्रवर्ती भारत के सबसे प्रभावशाली गेंदबाज साबित हुए हैं। उन्होंने 16 मैचों में 26 विकेट लिए और 5/24 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। लगभग 7 की इकोनॉमी से गेंदबाजी करते हुए उन्होंने मिडिल ओवर्स में लगातार विकेट चटकाए।

साउथ अफ्रीका के लिए इस सीरीज में डेवाल्ड ब्रेविस पर नजरें रहेंगी। उन्होंने इस साल 13 मैचों में 395 रन बनाए और 183.72 के स्ट्राइक रेट से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की है। उनके नाम इस वर्ष एक शतक और एक अर्धशतक दर्ज है। गेंदबाजी में कॉर्बिन बॉश सबसे प्रभावशाली रहे हैं। उन्होंने 11 मैचों में 17 विकेट चटकाए हैं, 4/14 उनका सर्वश्रेष्ठ स्पेल रहा है। लगभग 7.5 की इकोनॉमी के साथ वे मिडिल ओवर्स में महत्वपूर्ण विकेट लेने की क्षमता रखते हैं।

कटक के बाराबाती स्टेडियम की लाल मिट्टी की पिच तेज गेंदबाजों को स्पिनर्स के मुकाबले ज्यादा सहायता देती है। शाम के समय ओस गिरने से बल्लेबाजी आसान हो जाती है, इसलिए यहां टीमें लक्ष्य का पीछा करना अधिक पसंद करती हैं। यह मैदान आमतौर पर हाई-स्कोरिंग नहीं माना जाता। यहां भारत का सर्वाधिक टी-20 स्कोर 180 रन है, जो श्रीलंका के खिलाफ बना था। अब तक यहां 3 टी-20 मैच खेले गए हैं, जिनमें भारत को एक जीत और दो हार मिली हैं—दोनों बार साउथ अफ्रीका ने ही भारत को हराया। इस मैदान पर आखिरी टी-20 जून 2022 में खेला गया था, जिसमें अफ्रीका ने भारत को 4 विकेट से हराया था। भारत को यहां एकमात्र जीत 2017 में श्रीलंका के खिलाफ मिली थी।

मौसम की बात करें तो कटक में मंगलवार को मौसम साफ रहने की उम्मीद है। रात के समय तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, जिससे ठंड का असर रहेगा। मैच के दौरान ओस भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर होगी।

दोनों टीमों की संभावित प्लेइंग-XI इस प्रकार है—

भारत: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, हार्दिक पंड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह।

साउथ अफ्रीका: ऐडन मार्करम (कप्तान), क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), डेविड मिलर, ट्रिस्टन स्टब्स, डेवाल्ड ब्रेविस, डोनोवन फरेरा, जॉर्ज लिंडे, मार्को यानसन, कॉर्बिन बॉश, एनरिक नॉर्त्या और क्वेना मफाका।


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मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड: तापमान 4.2°C, शीतलहर अलर्ट जारी

मध्य प्रदेश में बर्फीली हवाओं ने सर्दी बढ़ा दी है। कई शहरों में सोमवार रात तापमान 6 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। शहडोल के कल्याणपुर में सबसे कम पारा 4.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। भोपाल, इंदौर सहित नौ जिलों में मंगलवार को शीतलहर का अलर्ट जारी है। अनुमान है कि कई शहरों में तापमान 5 डिग्री से भी नीचे जा सकता है।

राजस्थान में भी ठंड ने दस्तक दे दी है। सोमवार को राज्य के 19 शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया। फतेहपुर सबसे ठंडा रहा, जहाँ न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने 10 दिसंबर से राज्य में शीतलहर चलने की संभावना जताई है।

उधर, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का दौर तेज हो गया है। उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ सहित कई जिलों में सोमवार दोपहर भारी बर्फबारी हुई, जिससे पहाड़ सफेद चादर से ढक गए। कश्मीर के गांदरबल जिले के सोनमर्ग में सीजन की पहली बर्फबारी हुई, जहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय लोग बर्फ का लुत्फ उठाते दिखाई दिए।

हिमाचल प्रदेश में भी बर्फबारी ने रफ्तार पकड़ ली है। कुल्लू जिले में रोहतांग दर्रे पर बर्फबारी होने से मनाली–लेह मार्ग को बंद कर दिया गया है।


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विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए नया नियम: निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से भरना होगा यह फॉर्म

विदेश में रहने वाले बेटों द्वारा एसआईआर फार्म भरने के मामले में नूरजहां समेत तीनों पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अब विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक प्रारूप-6क भर सकते हैं। प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि रोजगार, शिक्षा या अन्य कारणों से विदेश में रहने वाले ऐसे भारतीय नागरिक, जिन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त नहीं की है और जो मतदाता बनने के योग्य हैं, वे निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 के अंतर्गत प्रारूप-6क भरकर आवेदन कर सकते हैं।

सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप कुमार वर्मा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के दौरान बीएलओ द्वारा मतदाताओं से गणना प्रपत्र लेकर डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। इसी प्रक्रिया में पात्र नागरिक प्रारूप-6क दाखिल कर सकते हैं। यह प्रारूप उन सभी विदेश-निवासी भारतीयों के लिए लागू है, जिन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ली है और जो संबंधित वर्ष की 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। आवेदन पासपोर्ट में उल्लिखित भारत स्थित स्थायी निवास के आधार पर किया जाएगा।

उदाहरणस्वरूप, यदि आवेदन 1 जनवरी 2026 की अर्हक तिथि के लिए किया जा रहा है, तो आवेदक की आयु 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष पूरी होना आवश्यक है। प्रारूप-6क चुनाव रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ), सहायक ईआरओ के कार्यालयों तथा अधिकृत केंद्रों पर उपलब्ध है। इसे एनवीएसपी पोर्टल (www.nvsp.in

) या भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट (www.eci.nic.in

) से भी डाउनलोड किया जा सकता है।

प्रारूप-6क आवेदन सीधे उस निर्वाचन क्षेत्र के ईआरओ को प्रस्तुत किया जाना चाहिए, जहाँ आवेदक का सामान्य निवास स्थान (पासपोर्ट में दर्ज) स्थित है। आवेदन व्यक्तिगत रूप से या डाक द्वारा भेजा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, आवेदक एनवीएसपी पोर्टल या संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।


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जापान में तेज भूकंप से 33 घायल, प्रधानमंत्री ने आपात टास्क फोर्स गठित की

बीती रात जापान में आए 7.5 तीव्रता के भूकंप ने पूरे देश में दहशत फैला दी। भूकंप के तुरंत बाद तटीय इलाकों में सुनामी की लहरें उठीं, जिससे हालात और गंभीर हो गए। सड़कों के धंसने और इमारतों के क्षतिग्रस्त होने जैसी कई चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। फायर और आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक अब तक 33 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 1 की हालत नाजुक है।

स्थिति को संभालने के लिए प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने इमरजेंसी टास्क फोर्स का गठन किया है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है और सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा जांच तुरंत शुरू कर दी गई है।

रात करीब 11:15 बजे आए इस भूकंप का केंद्र जापान के होन्शू आइलैंड के पास था। झटके इतने तेज थे कि समुद्र में ऊँची लहरें उठने लगीं और जापान सहित प्रशांत महासागर के कई देशों के लिए सुनामी अलर्ट जारी किया गया। भूकंप का केंद्र आओमोरी प्रांत के तट से लगभग 80 किमी दूर और 50 किमी की गहराई पर था। जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि होक्काइडो के उराकावा और आओमोरी के मुत्सु ओगावारा में करीब 40 सेंटीमीटर ऊँची सुनामी दर्ज की गई। एनएचके के अनुसार, आओमोरी के हाचिनोहे शहर के एक होटल में भी कई लोग घायल हुए हैं।


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IndiGo की उड़ानों में कटौती, एयरपोर्ट पर अधिकारियों की तैनाती का आदेश

पिछले सात दिनों में 4,500 से अधिक फ्लाइट्स रद्द करना इंडिगो पर भारी पड़ सकता है। यात्रियों को हुई परेशानी के बाद सरकार सख्त कार्रवाई के मूड में है और एयरलाइन के स्लॉट्स में कटौती की तैयारी कर रही है। ये खाली स्लॉट्स दूसरी एयरलाइंस को भी आवंटित किए जा सकते हैं।

केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि इंडिगो देश में 2,200 से ज्यादा उड़ानें संचालित करती है, जिनमें कटौती की जाएगी। विशेष रूप से सर्दियों के लिए तय फ्लाइट शेड्यूल में स्लॉट कम किए जा सकते हैं। साथ ही एयरपोर्ट्स पर केंद्रीय अधिकारियों की नियुक्ति पर भी विचार किया जा रहा है।

स्लॉट कटौती पर सरकार का प्लान

नायडू ने राज्यसभा में कहा कि इंडिगो द्वारा हजारों फ्लाइट्स रद्द करना एयरलाइन के आंतरिक संकट का संकेत है। उनके बयान के बाद अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि सरकार इंडिगो के लगभग 5% स्लॉट्स अन्य एयरलाइंस को दे सकती है, जिससे लगभग 110 उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं।

DGCA नोटिस पर इंडिगो का जवाब

इंडिगो ने DGCA को दिए अपने जवाब में अफसोस जताते हुए कहा कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) में बदलाव और सर्दियों की उड़ानों के शेड्यूल में किए गए समायोजनों के कारण बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं।

केंद्रीय मंत्री ने दी स्पष्टता

मंत्री नायडू ने संसद में बताया कि सरकार ने दो साल पहले ही नए फ्लाइट सेफ्टी नियम लागू करने की घोषणा कर दी थी। इन नियमों के तहत सभी एयरलाइंस को अतिरिक्त पायलट्स और क्रू की भर्ती करनी थी। लेकिन 2,200 से अधिक उड़ानें संचालित करने वाली इंडिगो ने क्रू बढ़ाने को प्राथमिकता नहीं दी। परिणामस्वरूप जब नियमों को सख्ती से लागू किया गया, तो इंडिगो को बड़ा झटका लगा और उसे हजारों फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं।


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भारतीय फैंस को झटका: T20 वर्ल्ड कप मैच देश में नहीं होंगे प्रसारित

भारत और श्रीलंका में होने वाले मेन्स T20 वर्ल्ड कप से तीन महीने पहले बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ब्रॉडकास्टर जियोस्टार ने मैच प्रसारण से पीछे हटने का फैसला किया है। ऐसे में अगर जल्द नया ब्रॉडकास्टर नहीं मिला, तो भारत में मैच देखने में दिक्कत आ सकती है। यह जानकारी ईटी की एक रिपोर्ट में सामने आई है।

जियोस्टार ने ICC के साथ 2024-27 के इंडिया मीडिया राइट्स के लिए 25,000 करोड़ रुपए की डील की थी। कंपनी का कहना है कि उसे भारी नुकसान हो रहा है, इसलिए वह बचे हुए दो साल पूरे नहीं कर पाएगी। रियल मनी गेमिंग ऐप्स पर बैन के बाद विज्ञापन राजस्व में भारी गिरावट आई, जिससे नुकसान और बढ़ गया है। कंपनी ने अपने खातों में इस घाटे के लिए 25,760 करोड़ रुपए तक की प्रोविजन कर ली है।

ICC ने अब सोनी, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो से संपर्क किया है, लेकिन कीमत अधिक होने के कारण किसी भी प्लेटफॉर्म ने अभी तक रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में ICC के लिए आगे की रणनीति स्पष्ट नहीं है। हालांकि उसने 2026-29 के इंडिया मीडिया राइट्स की बिक्री प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसकी कीमत 2.4 अरब डॉलर रखी गई है।

भारत ICC की कमाई में 80% योगदान देता है। ICC ने 2024 में करीब 4,000 करोड़ रुपए का सरप्लस कमाया है, लेकिन जियोस्टार को मैच दिखाने से अपेक्षा के मुताबिक विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन नहीं मिले।

भारत का स्पोर्ट्स मीडिया मार्केट अब ज्यादातर जियोस्टार और सोनी पर निर्भर है। सोनी पहले ही कई क्रिकेट बोर्ड्स के राइट्स खरीद चुका है और ICC डील में रुचि नहीं दिखा रहा। दूसरी तरफ नेटफ्लिक्स और अमेजन का भी क्रिकेट में निवेश सीमित है।

कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक जियोस्टार 2027 तक बाध्य है, यानी नया पार्टनर न मिलने पर उसे ही प्रसारण करना होगा, चाहे नुकसान कितना भी हो।

टी-20 वर्ल्ड कप 7 फरवरी से शुरू होगा। भारत और पाकिस्तान का मुकाबला 15 फरवरी को कोलंबो में खेला जाएगा। टूर्नामेंट भारत और श्रीलंका के 7 शहरों के 8 वेन्यू पर 29 दिनों में 55 मैचों के साथ आयोजित होगा।


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धर्मेंद्र की 90वीं बर्थ एनिवर्सरी पर ईशा देओल का इमोशनल पोस्ट वायरल

हिंदी फिल्मों के ही-मैन कहे जाने वाले धर्मेंद्र का आज 90वां जन्मदिन है। इस मौके पर उनकी बेटी ईशा देओल ने सोशल मीडिया पर एक बेहद भावुक पोस्ट साझा किया। ईशा ने लिखा कि उन्हें अपने पिता के साथ बिताए वे पल बहुत याद आते हैं—जब वे साथ हंसते थे, बातें करते थे और एक-दूसरे के साथ अपना समय बिताते थे। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने पापा का प्यार आगे भी उनके सभी चाहने वालों तक पहुंचाती रहेंगी।

ईशा देओल ने इंस्टाग्राम पर धर्मेंद्र के साथ कई अनमोल तस्वीरें भी शेयर कीं। कैप्शन में उन्होंने लिखा, “मेरे प्यारे पापा। हमारा वादा हमारा सबसे मजबूत रिश्ता है। हम हर जन्म, हर दुनिया और उससे भी आगे तक हमेशा साथ हैं। चाहे स्वर्ग हो या धरती—हम एक हैं।”

ईशा ने आगे लिखा, “अभी के लिए मैंने आपको बहुत प्यार से, बहुत संभालकर और बेहद कीमती तरह से अपने दिल में रख लिया है—इतनी गहराई में कि इस पूरी जिंदगी आपको अपने साथ लेकर चल सकूं। आपके साथ बिताई सभी जादुई यादें, आपकी सीख, आपका मार्गदर्शन, आपका स्नेह, आपकी मर्यादा और आपकी मजबूती—यह सब कुछ जो आपने मुझे अपनी बेटी होने के नाते दिया है, उसकी न कोई तुलना है और न ही उसे कोई बदल सकता है।”

उन्होंने पिता को याद करते हुए कहा, “आपकी बहुत याद आती है, पापा—आपकी गर्म और सुरक्षित झप्पियां, जो सबसे आराम देने वाले कंबल जैसी लगती थीं। आपके नर्म लेकिन मजबूत हाथ, जिनकी पकड़ में छुपा प्यार और अनकहे संदेश होते थे। आपकी आवाज में मेरा नाम पुकारना, हमारी लंबी बातें, हमारी हंसी और शायरियां—सब कुछ याद आता है।”

ईशा ने अपने पिता के जीवन-मंत्र का भी जिक्र किया—“हमेशा विनम्र रहो, खुश रहो, स्वस्थ और मजबूत रहो।” पोस्ट के अंत में उन्होंने वादा किया कि वह अपने पिता की विरासत को गर्व और सम्मान के साथ आगे बढ़ाएंगी और उनकी मोहब्बत उन लाखों लोगों तक पहुंचाएंगी जो उन्हें उतना ही प्यार करते हैं जितना वह स्वयं करती हैं।

24 नवंबर को हुआ था धर्मेंद्र का निधन

धर्मेंद्र पिछले कुछ समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। 10 नवंबर को सांस लेने में दिक्कत के बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। इस दौरान उनके निधन की खबरें भी सामने आईं, जिन्हें परिवार ने सिरे से खारिज कर दिया था। 12 नवंबर को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया और घर पर उपचार जारी रहा। लेकिन 24 नवंबर को धर्मेंद्र का निधन हो गया।


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रेलवे का नया नियम: स्टेशन व ट्रेन में ब्लॉगिंग-वीडियोग्राफी पर बैन, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

रेलवे प्रशासन ने ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने, ब्लॉगिंग करने या किसी भी प्रकार का कंटेंट तैयार करने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है।

गार्डेन रीच, कोलकाता के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि ड्यूटी समय में ऐसी गतिविधियां गंभीर सेवा आचरण का उल्लंघन होने के साथ ही सुरक्षा और गोपनीयता के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं।

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि रेलवे के किसी भी परिसर—जैसे स्टेशन, कार्यशाला, कंट्रोल रूम, कार्यालय, ट्रेन, यार्ड या किसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र—में ब्लॉगिंग, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी या सोशल मीडिया के लिए किसी भी प्रकार की रिकॉर्डिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है।

रेलवे प्रशासन का कहना है कि कुछ कर्मचारी ड्यूटी पर रहते हुए ट्रेन संचालन, मेंटेनेंस, सुरक्षा व्यवस्था और संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़े वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर रहे थे। इससे रेलवे की पेशेवर छवि प्रभावित हो रही थी और सुरक्षा प्रोटोकॉल भी खतरे में पड़ रहे थे।

मोबाइल फोन उपयोग पर भी सख्ती

निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि व्यक्तिगत मोबाइल फोन का उपयोग केवल आवश्यक संचार के लिए किया जा सकता है, वह भी निर्धारित ब्रेक टाइम के दौरान। ड्यूटी के समय मोबाइल से वीडियो शूट करना, कंटेंट एडिट करना या किसी भी प्लेटफॉर्म पर साझा करना पूरी तरह वर्जित है।

रेलवे के आधिकारिक उपकरण, कंप्यूटर, नेटवर्क या संसाधनों का उपयोग कर किसी भी प्रकार का सोशल मीडिया कंटेंट बनाना भी गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।

अधिकारियों को कड़े निर्देश

सभी नियंत्रक अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और विभागीय प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि उनके अधीन कार्यरत कर्मचारी इन प्रावधानों का सख्ती से पालन करें। साथ ही, कर्मचारियों को नई नियमावली के प्रति जागरूक कराने और नियमित रूप से निगरानी करने को भी कहा गया है।

उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई

रेलवे ने चेतावनी दी है कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें निलंबन, चार्जशीट, वेतन कटौती, सेवा अभिलेख में प्रतिकूल टिप्पणी सहित अन्य दंड भी शामिल हो सकते हैं।

रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह कदम रेलवे परिसरों की सुरक्षा, परिचालन गोपनीयता और कार्यकुशलता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। आदेश जारी होने के बाद विभागीय स्तर पर निगरानी और सख्ती बढ़ा दी गई है।



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जहरीली हवा से बढ़ रहा लंग कैंसर का खतरा, इन 8 लक्षणों को बिल्कुल न करें नजरअंदाज

लंग कैंसर दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों के सबसे बड़े कारणों में शामिल है। भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें बढ़ते प्रदूषण की बड़ी भूमिका है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण PM2.5 फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और इस कारण लंग कैंसर (Lung Cancer) का जोखिम बढ़ जाता है।

ऐसे में प्रदूषण से बचाव के साथ-साथ लंग कैंसर के शुरुआती लक्षणों (Symptoms of Lung Cancer) की जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाया जा सके और प्रभावी इलाज मिल सके। आइए जानें कि लंग कैंसर के संकेत कैसे नजर आते हैं और प्रदूषण किस तरह इसके खतरे को बढ़ा देता है।

लंग कैंसर के लक्षण कैसे नजर आते हैं?

शुरुआती स्टेज में लंग कैंसर के संकेत आमतौर पर स्पष्ट नहीं होते, जिससे बीमारी की पहचान देरी से होती है। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, निम्न लक्षण दिखने लगते हैं—

लगातार खांसी – तीन सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहने वाली और धीरे-धीरे बढ़ती खांसी।

खांसी में खून – बलगम के साथ खून आना।

सांस लेने में दिक्कत – सामान्य गतिविधियों में भी सांस फूलना या घरघराहट।

सीने में दर्द – गहरी सांस, खांसने या हंसने पर छाती में दर्द या जकड़न।

आवाज में बदलाव – आवाज भारी या कर्कश होना।

बिना वजह वजन घटना – अचानक और अनइक्सप्लेंड वेट लॉस।

थकान महसूस होना – लगातार कमजोरी और थकावट।

बार-बार फेफड़ों का इन्फेक्शन – निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का बार-बार होना।

ये संकेत कई अन्य सांस संबंधी बीमारियों जैसे लग सकते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। खास बात यह है कि नॉन-स्मोकर्स भी इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं, इसलिए इन लक्षणों को कभी हल्के में न लें।

प्रदूषण कैसे बढ़ाता है लंग कैंसर का खतरा?

PM2.5 कणों का गहराई तक प्रवेश – वाहन, फैक्ट्री और निर्माण कार्यों से निकलने वाले बेहद सूक्ष्म कण सीधे फेफड़ों की गहराई तक पहुंचकर सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर से जुड़ी म्यूटेशन की शुरुआत कर सकते हैं।

कार्सिनोजेनिक केमिकल्स – प्रदूषित हवा में मौजूद बेंजीन, फॉर्मलडिहाइड, आर्सेनिक और PAHs जैसे तत्व डीएनए को नुकसान पहुंचाकर कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।

लगातार सूजन – लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से फेफड़ों में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन होता है, जो सेल डैमेज और अनकंट्रोल्ड सेल बढ़ोतरी को बढ़ावा देता है।

इम्युनिटी कमजोर होना – प्रदूषण शरीर की प्राकृतिक कैंसर-रोधी क्षमता को प्रभावित कर असामान्य कोशिकाओं को बढ़ने का मौका देता है।

धूम्रपान के दुष्प्रभाव को दोगुना करना – प्रदूषण और स्मोकिंग का संयोजन फेफड़ों पर कई गुना अधिक खतरनाक असर डालता है।


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