साफ हवा नहीं तो एयर प्यूरीफायर पर 18% GST क्यों? दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा सवाल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार गंभीर बनी हुई है और दिसंबर भर हवा रेड जोन में रही। इसी बीच एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस घोषित करने और उसकी खरीद पर टैक्स छूट देने की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र सरकार से एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने को लेकर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के बीच नागरिकों को साफ हवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कम से कम यह कदम तो उठा ही सकती है।

‘एयर प्यूरीफायर लग्जरी आइटम नहीं’

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अधिकारियों के वकील से इस मुद्दे पर निर्देश लेकर दोपहर बाद अदालत को अवगत कराने को कहा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भयावह वायु प्रदूषण से जूझ रहे शहर में एयर प्यूरीफायर को लग्जरी वस्तु नहीं माना जा सकता। अदालत ने टिप्पणी की कि पूरे शहर को स्वच्छ हवा का अधिकार है, लेकिन सरकार यह उपलब्ध कराने में असफल रही है।

इमरजेंसी की तरह देखें प्रदूषण की स्थिति: हाईकोर्ट

अदालत ने कहा कि मौजूदा हालात में एयर प्यूरीफायर साफ हवा का एकमात्र सहारा बन गया है। ऐसे में सरकार कम से कम इस पर जीएसटी में छूट दे सकती है, भले ही यह राहत अस्थायी क्यों न हो। कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक हफ्ते या एक महीने के लिए ही सही, लेकिन इसे आपात स्थिति मानते हुए फैसला लिया जाए। अदालत ने पूछा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक कब होगी और सरकार निर्देशों के साथ कब वापस आएगी। इस मामले को केवल अनुपालन के लिए वेकेशन बेंच के समक्ष रखने की बात भी कही गई।

हम दिन में 21 हजार बार सांस लेते हैं: कोर्ट

सुनवाई के दौरान जस्टिस गेडेला ने कहा कि इंसान एक दिन में करीब 21,000 बार सांस लेता है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बार सांस लेकर हमारे फेफड़ों को कितना नुकसान हो रहा होगा, जबकि यह पूरी तरह अनैच्छिक प्रक्रिया है। कोर्ट ने अधिकारियों से इस पर गंभीरता से विचार कर जरूरी निर्देश लेने को कहा।

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर तस्वीर

यह सुनवाई ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली घातक स्मॉग की चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, ITO और इंडिया गेट समेत कई इलाकों में AQI 350 के पार दर्ज किया गया है। हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है और दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज-IV के प्रतिबंध लागू हैं।

क्यों जरूरी हैं एयर प्यूरीफायर

हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को एयर प्यूरीफायर उपलब्ध कराना कम से कम इतना तो किया ही जाना चाहिए। एयर प्यूरीफायर हवा से धूल, पराग, धुआं और अन्य हानिकारक कणों को हटाने में मदद करता है। यह खासतौर पर अस्थमा, एलर्जी और सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित होता है।


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यूपी के 30 से अधिक जिलों में घना कोहरा, 3 शहरों में भीषण ठंड का अलर्ट जारी

प्रदेश में ठंड का प्रकोप और बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में प्रयागराज, श्रावस्ती, सीतापुर, कानपुर नगर, बाराबंकी और बहराइच में अत्यंत ठंड पड़ने की संभावना है। इसके साथ ही यूपी के 30 से अधिक जिलों में घने से अत्यधिक घने कोहरे का असर बना रहेगा।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अतुल कुमार सिंह के मुताबिक कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मीरजापुर, संत रविदास नगर, जौनपुर, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीननगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, सहारनपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को अत्यधिक कोहरा छाने की संभावना है।

इन जिलों में दृश्यता घटकर 50 मीटर या उसके आसपास रह सकती है। इसके अलावा सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, अमरोहा, संभल, बदायूं समेत कई अन्य जिलों में भी घना कोहरा पड़ने की संभावना है, जिससे दृश्यता में भारी कमी आएगी।

कोहरे का असर खासतौर पर सुबह और रात के समय ज्यादा देखने को मिलेगा। गुरुवार को मेरठ और सहारनपुर में अत्यधिक कोहरे के कारण दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई थी। मेरठ में जहां दृश्यता 30 मीटर तक रही, वहीं शाहजहांपुर में यह 40 मीटर तक आंकी गई।

मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिनों तक पूर्वी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। लखनऊ और आसपास के जिलों में भी कहीं-कहीं घना कोहरा छाया रहेगा।

मध्य और पूर्वी यूपी में पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का प्रभाव मैदानी इलाकों में दिखाई देगा। उत्तरी-पछुआ हवाएं चलने से गलन बढ़ेगी और खासतौर पर रात के समय ठंड और ज्यादा महसूस होगी।

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पिता धर्मेंद्र को आखिरी बार बड़े पर्दे पर देखने के लिए ‘इक्कीस’ की स्पेशल स्क्रीनिंग रखेंगे सनी-बॉबी, देओल परिवार हुआ इमोशनल

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र बीते महीने 89 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं. धर्मेंद्र के जाने के गम से अब तक उनके फैंस और फैमिली उबर नहीं पाए हैं. धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में भी एक्टिंग की दुनिया में एक्टिव थे. उनकी फिल्म इक्कीस रिलीज होने वाली थी. धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म इक्कीस अब 1 जनवरी को रिलीज होने वाली है. इस फिल्म की सनी और बॉबी स्पेशल स्क्रीनिंग रखेंगे.

इक्कीस में अगस्त्य नंदा और सिमर भाटिया लीड रोल में नजर आएंगे. ये एक बायोपिक है. जिसमें धर्मेंद्र भी अहम किरदार निभाते नजर आएंगे. धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म देओल परिवार के लिए बहुत स्पेशल है. वो इसे लेकर बहुत इमोशनल हैं. धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल और बॉबी देओल अपने पापा को आखिरी बार बड़े पर्दे पर देखने के लिए इक्कीस की स्पेशल स्क्रीनिंग होस्ट करने वाले हैं.

कब होगी स्पेशल स्क्रीनिंग

रिपोर्ट्स की मानें तो इक्कीस की स्पेशल स्क्रीनिंग अगले हफ्ते मुंबई में होने वाली है. ये पल देओल परिवार के लिए बहुत इमोशनल होने वाला है. धर्मेंद्र को आखिरी बार बड़े पर्दे पर देखना बहुत खास होगा. स्पेशल स्क्रीनिंग किस दिन होगी अभी ये साफ नहीं किया गया है.

धर्मेंद्र ने नहीं देखी पूरी फिल्म

इक्कीस को श्रीराम राघवन ने डायरेक्ट किया है. हाल ही में न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में श्रीराम राघवन ने खुलासा किया है कि धर्मेंद्र ने अपनी फिल्म पूरी नहीं देखी है. उन्होंने फिल्म का सिर्फ पहला पार्ट ही देखा है. सेंकड हाफ वो नहीं देख पाए थे. उन्होंने कहा- 'मैं अक्टूबर में उनसे मिलने गया था. उस समय वह ठीक थे, लेकिन उनकी सेहत बहुत अच्छी नहीं थी. उन्होंने पहला हाफ देख लिया था और दूसरे हाफ का इंतजार कर रहे थे. मैं चाहता था कि वो पूरी फिल्म देखें मगर दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया.'


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विजय हजारे ट्रॉफी में विराट कोहली का बल्ला फिर गरजा, गुजरात के खिलाफ 29 गेंदों में जड़ा तूफानी अर्धशतक

भारतीय क्रिकेट के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने विजय हजारे ट्रॉफी 2025–26 में अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए एक और दमदार पारी खेली। दिल्ली और गुजरात के बीच खेले जा रहे एलीट राउंड मुकाबले में विराट ने महज 29 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। उनकी इस पारी ने एक बार फिर दिखा दिया कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनका क्लास और टाइमिंग आज भी बेजोड़ है।

गुजरात के खिलाफ विराट कोहली ने शुरुआत से ही आक्रामक तेवर अपनाए। उन्होंने गेंदबाजों पर दबाव बनाते हुए मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट लगाए। इस पारी में उनके बल्ले से 11 चौके और एक छक्का निकला। खास बात यह रही कि पावरप्ले के दौरान ही विराट ने तेजी से रन बटोरकर दिल्ली को मजबूत शुरुआत दिलाई, जिससे मैच का रुख शुरुआती ओवरों में ही बदल गया।

इस अर्धशतक के साथ विराट कोहली ने लिस्ट-ए क्रिकेट में लगातार छठी बार 50 से अधिक का स्कोर बनाया। यह उपलब्धि उनकी शानदार निरंतरता और बेहतरीन फिटनेस को दर्शाती है। घरेलू क्रिकेट में वापसी के बाद से ही विराट बेहतरीन लय में नजर आ रहे हैं और हर मैच में बड़ी पारी की उम्मीद जगा रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले विराट ने 15 साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी में वापसी की थी। आंध्र प्रदेश के खिलाफ उन्होंने 101 गेंदों पर 131 रन की शानदार पारी खेलते हुए दिल्ली को चार विकेट से जीत दिलाई थी। उस शतकीय पारी ने साफ कर दिया था कि विराट घरेलू मंच पर भी पूरी गंभीरता और जुनून के साथ खेल रहे हैं।

विराट कोहली की मौजूदा फॉर्म दिल्ली टीम के लिए बड़ी ताकत बनकर उभरी है। उनका अनुभव और आक्रामक खेल युवा खिलाड़ियों में भी आत्मविश्वास भर रहा है। पावरप्ले में तेजी से रन बनाकर वह विपक्षी टीम की रणनीतियों को लगातार कमजोर साबित कर रहे हैं।


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आज से महंगा होगा ट्रेन का सफर, रेल मंत्रालय ने जारी की नई टिकट दरों की अधिसूचना; देखें कितनी हुई बढ़ोतरी]

रेल मंत्रालय द्वारा यात्री किराए में की गई बढ़ोतरी शुक्रवार से लागू हो गई है। नई दरों के अनुसार, 215 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा के लिए साधारण श्रेणी में प्रति किलोमीटर एक पैसा और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के नॉन-एसी वर्ग तथा सभी ट्रेनों के एसी वर्ग में प्रति किलोमीटर दो पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

रेल मंत्रालय ने गुरुवार को इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी थी। यह बढ़ा हुआ किराया 26 दिसंबर या उसके बाद बुक किए गए टिकटों पर लागू होगा। हालांकि, 26 दिसंबर से पहले बुक किए गए टिकटों पर नई दरें लागू नहीं होंगी, चाहे यात्रा की तारीख आगे की ही क्यों न हो। गौरतलब है कि मंत्रालय ने 21 दिसंबर को किराया बढ़ाने की घोषणा की थी। यह इस साल दूसरी बार है जब रेल यात्रियों पर किराया बढ़ोतरी का असर पड़ा है। इससे पहले जुलाई में भी किराए में संशोधन किया गया था।

सीजन टिकट और उपनगरीय सेवाएं रहेंगी सस्ती

रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उपनगरीय सेवाओं और सीजन टिकटों के किराए में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। यह छूट उपनगरीय और गैर-उपनगरीय दोनों तरह के सीजन टिकटों पर लागू होगी। गैर-उपनगरीय साधारण नॉन-एसी सेवाओं में सेकेंड क्लास, स्लीपर क्लास और फर्स्ट क्लास साधारण के किराए ग्रेड के अनुसार तय किए गए हैं।

मंत्रालय के अनुसार, गैर-उपनगरीय यात्राओं में स्लीपर क्लास साधारण और फर्स्ट क्लास साधारण के किराए में एक समान रूप से प्रति किलोमीटर एक पैसे की बढ़ोतरी की गई है, ताकि यात्रियों पर बोझ सीमित और क्रमिक रहे।

मेल-एक्सप्रेस और प्रीमियम ट्रेनों पर ज्यादा असर

मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में नॉन-एसी और एसी दोनों श्रेणियों के किराए में प्रति किलोमीटर दो पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इसमें स्लीपर क्लास, एसी चेयर कार, एसी 3-टियर, एसी 2-टियर और एसी फर्स्ट क्लास शामिल हैं। इस बढ़ोतरी के बाद 500 किलोमीटर की यात्रा पर यात्री को करीब 10 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे।

नई दरें राजधानी, शताब्दी, तेजस, दुरंतो, वंदे भारत, हमसफर, अमृत भारत, गरीब रथ, जन शताब्दी, गतिमान, महामना, अंत्योदय, युवा एक्सप्रेस और अन्य प्रमुख गैर-उपनगरीय ट्रेनों पर लागू होंगी। हालांकि, एसी मेमू और डेमू सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है, जहां लागू नहीं होता।


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Google करने जा रहा बड़ा बदलाव, Gmail यूजर्स बिना अकाउंट एक्सेस खोए बदल सकेंगे अपना ई-मेल एड्रेस

Google एक बड़े और यूजर-फ्रेंडली बदलाव की तैयारी कर रहा है, जिससे लाखों Gmail यूजर्स को राहत मिलने वाली है। कंपनी ने अपने सपोर्ट पेज को अपडेट करते हुए संकेत दिया है कि अब यूजर्स बिना Google अकाउंट का एक्सेस खोए अपना Gmail ई-मेल एड्रेस बदल सकेंगे। इसका मतलब यह है कि यूजर अपने ईमेल एड्रेस का वह हिस्सा बदल पाएंगे जो @gmail.com से पहले आता है, जबकि उनका पूरा Google अकाउंट पहले की तरह ही बना रहेगा। इसमें कॉन्टैक्ट्स, ईमेल, Google Drive फाइल्स, फोटो, सब्सक्रिप्शन और परचेज से जुड़ा डेटा सुरक्षित रहेगा।

अब तक Google केवल थर्ड-पार्टी ईमेल एड्रेस (जो @gmail.com पर खत्म नहीं होते) बदलने की अनुमति देता था। Gmail यूजर्स के पास नया एड्रेस बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। लेकिन 9to5Google की रिपोर्ट के अनुसार, इस नए फीचर को अब चरणबद्ध तरीके से रोलआउट किया जा रहा है और यह Google अकाउंट सेटिंग्स में उपलब्ध होगा।

Google के अनुसार, नया Gmail एड्रेस चुनने के बाद पुराना एड्रेस एलियास के रूप में काम करता रहेगा। यानी पुराने एड्रेस पर भेजे गए ईमेल भी यूजर के इनबॉक्स में मिलते रहेंगे और यूजर पुराने या नए किसी भी Gmail एड्रेस से साइन-इन कर सकेंगे। Gmail, Drive, YouTube और Maps जैसी सेवाओं की साइन-इन एक्सेस पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

हालांकि, इस सुविधा के साथ कुछ शर्तें भी होंगी। यूजर्स हर 12 महीने में केवल एक बार Gmail एड्रेस बदल सकेंगे और अधिकतम तीन बार बदलाव की अनुमति होगी। यानी एक अकाउंट से कुल चार ईमेल एड्रेस जुड़े रह सकते हैं। Google ने यह भी साफ किया है कि पुराना Gmail एड्रेस किसी और को नहीं दिया जाएगा और वह उसी अकाउंट से जुड़ा रहेगा।

कंपनी ने चेतावनी दी है कि नया Gmail एड्रेस अपनाने पर कुछ सेवाओं में अतिरिक्त सेट-अप की जरूरत पड़ सकती है, खासकर Chromebook, Google के जरिए साइन-इन और Remote Desktop यूज करने वालों को। Google ने यूजर्स को सलाह दी है कि वे बदलाव से पहले अपने डेटा का बैकअप जरूर लें, क्योंकि यह प्रक्रिया नए डिवाइस में साइन-इन करने जैसी हो सकती है।


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दिल्ली में घने कोहरे से रेल यातायात प्रभावित, 50 से ज्यादा ट्रेनें लेट, राजधानी-हमसफर समेत लंबी दूरी की सेवाएं प्रभावित

घने कोहरे के कारण शुक्रवार को दिल्ली आने-जाने वाली राजधानी, हमसफर सहित लंबी दूरी की 50 से अधिक ट्रेनें दो घंटे से लेकर 12 घंटे तक की देरी से चल रही हैं। कई ट्रेनों के दिल्ली देर से पहुंचने के चलते उनके प्रस्थान समय में भी बदलाव करना पड़ा है। कोहरे का असर उपनगरीय और लोकल ट्रेनों पर भी पड़ा है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, दृश्यता बेहद कम होने के कारण ट्रेनों की गति नियंत्रित रखनी पड़ रही है, जिससे विलंब बढ़ रहा है। दिल्ली पहुंचने वाली कई प्रमुख ट्रेनें चार से आठ घंटे तक लेट चल रही हैं, जबकि कुछ ट्रेनें 10 घंटे से ज्यादा की देरी से गंतव्य पर पहुंच रही हैं। राजधानी, हमसफर, वंदे भारत, तेजस और सुपरफास्ट श्रेणी की ट्रेनें भी कोहरे से अछूती नहीं रहीं।

यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे स्टेशन पहुंचने से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति की जानकारी एनटीईएस या रेलवे हेल्पलाइन से जरूर जांच लें, ताकि अनावश्यक इंतजार और असुविधा से बचा जा सके। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों तक सुबह के समय घना कोहरा बने रहने की संभावना है, जिससे रेल यातायात पर असर जारी रह सकता है।


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ओला-उबर में महिलाओं को मिलेगा फीमेल ड्राइवर चुनने का विकल्प

जल्द ही ओला, उबर और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर ऐप्स पर राइड बुक करते समय यात्रियों को सेम-जेंडर ड्राइवर चुनने का विकल्प मिलेगा। खासतौर पर महिला यात्रियों के लिए फीमेल ड्राइवर का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही ट्रिप पूरी होने के बाद यात्रियों को ड्राइवर को टिप देने की सुविधा भी मिलेगी, जिसमें दी गई पूरी राशि सीधे ड्राइवर को ही मिलेगी। इन बदलावों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ाना है।

केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 में संशोधन करते हुए राज्यों को इन्हें लागू करने के निर्देश दिए हैं। नोटिफिकेशन में किसी स्पष्ट प्रभावी तारीख का उल्लेख नहीं है, इसलिए इसे जारी होने की तारीख से लागू माना जा रहा है। इससे पहले जुलाई 2025 में जारी मूल गाइडलाइंस के लिए राज्यों को तीन महीने का समय दिया गया था। संशोधित नियमों के लिए भी इसी तरह की समयसीमा तय की जा सकती है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

कैसे लागू होगा सेम-जेंडर ड्राइवर नियम

ये गाइडलाइंस केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई हैं, जिन्हें राज्य सरकारें अपनी लाइसेंसिंग प्रक्रिया में शामिल करेंगी। कैब एग्रीगेटर कंपनियों को अपने ऐप में तकनीकी बदलाव करने होंगे, ताकि क्लॉज 15.6 के तहत सेम-जेंडर ड्राइवर चुनने का फीचर जोड़ा जा सके। नियमों का पालन न करने पर कंपनियों का लाइसेंस निलंबित या रद्द भी किया जा सकता है। हालांकि, ऐप अपडेट और ग्राउंड लेवल पर इसे लागू करने में कंपनियों को कुछ समय लग सकता है।

महिला ड्राइवरों की कमी बनी चुनौती

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस नियम को व्यावहारिक रूप से लागू करना आसान नहीं होगा। फिलहाल देश में कुल कैब ड्राइवरों में महिला ड्राइवरों की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में सेम-जेंडर ड्राइवर का विकल्प देने से बुकिंग के दौरान वेटिंग टाइम बढ़ सकता है, खासकर देर रात के समय जब ड्राइवरों की उपलब्धता पहले से ही कम रहती है। उबर, ओला और रैपिडो ने फिलहाल इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

टिपिंग नियमों में भी बदलाव

सरकार ने टिपिंग से जुड़े नियमों को भी अधिक पारदर्शी बनाया है। यात्री अब अपनी इच्छा से ड्राइवर को टिप दे सकेंगे, लेकिन यह विकल्प केवल ट्रिप पूरी होने के बाद ही उपलब्ध होगा। बुकिंग या सफर के दौरान टिप का विकल्प नहीं दिखाया जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि दी गई टिप का 100 प्रतिशत हिस्सा ड्राइवर को ही मिलेगा और कैब कंपनियां इसमें कोई कटौती नहीं कर सकेंगी। साथ ही कंपनियों को टिप के लिए किसी भी तरह के भ्रामक या दबाव बनाने वाले तरीके अपनाने की अनुमति नहीं होगी, जो उपभोक्ता संरक्षण कानून के खिलाफ हों।


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3 नई एयरलाइंस को केंद्र की हरी झंडी, देश में हवाई यात्रा को मिलेगा बढ़ावा

केंद्र सरकार ने एविएशन सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और बड़ी एयरलाइनों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से तीन नई एयरलाइंस को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया है। इन एयरलाइंस में शंख एयर, अलहिंद एयर और फ्लाई एक्सप्रेस शामिल हैं। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब हाल के दिनों में कुछ प्रमुख एयरलाइनों के संचालन से जुड़ी समस्याएं सामने आई थीं, जिससे विकल्पों की कमी साफ दिखाई दी।

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारतीय एविएशन बाजार में अधिक से अधिक एयरलाइंस को बढ़ावा देना है। नई कंपनियों के आने से यात्रियों को बेहतर सेवाएं, ज्यादा विकल्प और प्रतिस्पर्धी किराए मिलने की उम्मीद है।

एनओसी के बाद भी लंबी प्रक्रिया

एनओसी मिलने के साथ ही इन कंपनियों को एयरलाइन शुरू करने की प्रारंभिक अनुमति मिल गई है, लेकिन अभी उन्हें डीजीसीए से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) लेना होगा। इसके अलावा विमान बेड़ा तैयार करना, पायलट और स्टाफ की नियुक्ति, मेंटेनेंस व्यवस्था और रूट नेटवर्क तय करना जैसी कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी। यह प्रक्रिया आमतौर पर कई महीनों तक चलती है, जिसमें एयरलाइन की आर्थिक मजबूती और संचालन क्षमता का आकलन किया जाता है।

तीनों नई एयरलाइंस का प्रोफाइल

शंख एयर उत्तर प्रदेश आधारित फुल-सर्विस एयरलाइन होगी, जिसका फोकस बड़े शहरों और प्रमुख राज्यों को जोड़ने पर रहेगा। कंपनी चरणबद्ध तरीके से नेटवर्क विस्तार की योजना बना रही है और 2026 की पहली तिमाही में उड़ानें शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। अगले दो से तीन वर्षों में इसके बेड़े में 20 से 25 विमान शामिल किए जाने की योजना है।

अलहिंद एयर केरल स्थित अलहिंद ग्रुप से जुड़ी है, जो अब तक ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में सक्रिय रहा है। यह एयरलाइन रीजनल और लो-कॉस्ट मॉडल पर काम करेगी और छोटे विमानों के जरिए टियर-2 और टियर-3 शहरों को जोड़ने पर जोर देगी।

फ्लाई एक्सप्रेस का फोकस पैसेंजर के साथ-साथ कार्गो सेवाओं पर रहेगा। घरेलू एयर-कार्गो की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी लॉजिस्टिक्स के जरिए स्थिर आय का अतिरिक्त स्रोत विकसित करना चाहती है।

बाजार में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

सरकार का मानना है कि भारत का घरेलू एविएशन बाजार दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। अधिक एयरलाइंस के आने से उड़ानों और सीटों की संख्या बढ़ेगी, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी और टिकट के दाम प्रतिस्पर्धा के चलते नियंत्रित रहेंगे।

एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि नई एयरलाइंस के लिए असली चुनौती अब शुरू होगी—पूंजी जुटाना, मजबूत नेटवर्क बनाना और भरोसेमंद संचालन सुनिश्चित करना। यदि ये कंपनियां इसमें सफल रहती हैं, तो इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा और देश की एयर कनेक्टिविटी को नई मजबूती मिलेगी।


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यूपी में प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, बिजली विभाग ने बिल में छूट का किया ऐलान

स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को अब बिजली बिल की जानकारी एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। बिजली विभाग ने नवंबर माह का बिल भेजते हुए बताया है कि यदि गलत मोबाइल नंबर के कारण किसी उपभोक्ता को बिल नहीं मिला है, तो वे 1912 पर कॉल कर या संबंधित डिवीजन काउंटर पर जाकर अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा सकते हैं। एसएमएस के जरिए उपभोक्ताओं को शेष बैलेंस की जानकारी भी समय-समय पर दी जाती है, जिससे समय पर रिचार्ज करने में सुविधा होती है। इसके साथ ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में दो प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है।

प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहे विरोध के बीच बिजली विभाग उपभोक्ताओं को इसके फायदे भी समझा रहा है। रिचार्ज की गई राशि 30 प्रतिशत और 10 प्रतिशत शेष रहने पर तथा बैलेंस शून्य होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को एसएमएस अलर्ट भेजा जाता है। बैलेंस समाप्त होने के बाद भी रिचार्ज के लिए तीन दिन की मोहलत दी जाती है। इसके अलावा शाम छह बजे से सुबह आठ बजे तक, रविवार और सार्वजनिक अवकाश के दौरान बिजली कनेक्शन नहीं काटा जाता है।

विभाग ने समय से बिल और भुगतान से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया है। इस एप के जरिए उपभोक्ता बकाया राशि, रिचार्ज स्थिति और बिजली की रोजाना खपत की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। uppcl smart app पर उपभोक्ता घंटे-घंटे की बिजली खपत देख सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि कौन-से उपकरण अधिक बिजली खर्च कर रहे हैं, जिससे खपत नियंत्रित कर बिल कम किया जा सकता है।

प्रदेश में अब तक करीब 56 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 36 लाख प्रीपेड हैं। बिजली विभाग के अनुसार, पारदर्शिता और उपभोक्ता संतुष्टि के लिए पांच प्रतिशत पुराने नॉन-स्मार्ट मीटर चेक मीटर के रूप में लगाए गए हैं और अब तक किसी भी स्मार्ट मीटर के तेज चलने की शिकायत प्रमाणित नहीं हुई है। विभाग का दावा है कि इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट मीटर समान रूप से वास्तविक खपत दर्ज करते हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि स्मार्ट मीटर में रीडिंग और बिलिंग पूरी तरह ऑनलाइन और स्वचालित होती है, जिससे बाहरी हस्तक्षेप की संभावना समाप्त हो जाती है।


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