मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत देश के 13 राज्यों में सोमवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। यूपी, बिहार, हरियाणा और दिल्ली में हालात सबसे ज्यादा खराब रहे, जहां कई इलाकों में विजिबिलिटी लगभग शून्य दर्ज की गई। सुबह 8:30 बजे तक सड़कों पर 10 मीटर दूर तक भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में अनवरपुर के पास कोहरे के कारण करीब छह वाहन आपस में टकरा गए, जिसमें कई लोग घायल हो गए। वहीं राज्य के अलग-अलग जिलों में रविवार को कोहरे की वजह से हुए छह सड़क हादसों में 22 वाहन आपस में भिड़ गए। इन दुर्घटनाओं में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
हरियाणा में भी कोहरे का असर देखने को मिला। राज्य के 7 जिलों में 14 अलग-अलग जगहों पर सड़क हादसे हुए, जिनमें 58 वाहन आपस में टकरा गए। इन हादसों में 11वीं की एक छात्रा समेत 4 लोगों की जान चली गई। हालात को देखते हुए गुरुग्राम में ट्रैफिक पुलिस ने सड़कों पर वाहन पार्किंग पर रोक लगा दी है।
इधर, जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में रविवार रात हुई बर्फबारी के चलते तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई। पुलवामा में न्यूनतम तापमान -2.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि श्रीनगर में रात का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस रहा।
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता भी बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर 497 तक पहुंचने के बाद सख्ती बढ़ा दी गई है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों और अन्य संस्थानों में बाहर होने वाली खेल गतिविधियों को तुरंत रोका जाए। आयोग ने चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियां बच्चों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन सकती हैं।
उत्तराखंड में इस बार बर्फबारी की कमी चिंता का विषय बनी हुई है। अक्टूबर-नवंबर में हल्की बर्फबारी के दौरान केदारनाथ में करीब डेढ़ फीट बर्फ जमी थी, लेकिन मौसम साफ होते ही वह दो दिनों में पिघल गई। इसके बाद 4 नवंबर से अब तक करीब एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन दोबारा बर्फबारी नहीं हुई है।
11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ के पीछे मेरु-सुमेरु पर्वत श्रृंखलाएं भी बिना बर्फ के नजर आ रही हैं। बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, तुंगनाथ और औली जैसे इलाकों में भी यही हाल है। 12 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ, जहां आमतौर पर इस समय मोटी बर्फ की परत रहती है, वहां भी जमीन खुली दिखाई दे रही है। बर्फ न होने से इन क्षेत्रों में नमी की भारी कमी दर्ज की जा रही है, जिसका असर दुर्लभ वनस्पतियों पर पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में आखिरी बार 4 और 5 नवंबर को अच्छी बारिश और बर्फबारी हुई थी। इससे पहले अक्टूबर के पहले सप्ताह में 2 अक्टूबर को हल्की और 6 अक्टूबर को भारी बर्फबारी दर्ज की गई थी, जब जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल के ऊपरी इलाकों का करीब 80% हिस्सा बर्फ से ढक गया था। अब 18 और 19 दिसंबर को एक बार फिर अच्छी बर्फबारी होने की संभावना जताई गई है।
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