धुरंधर की सफलता के बाद अक्षय खन्ना की बढ़ेंगी मुश्किलें, दृश्यम 3 के मेकर्स कोर्ट पहुंचने की तैयारी में

फिल्म धुरंधर की सफलता के बाद अभिनेता अक्षय खन्ना विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। हाल ही में खबर सामने आई थी कि उन्होंने अजय देवगन की बहुप्रतीक्षित फिल्म दृश्यम 3 से खुद को अलग कर लिया है। बताया जा रहा है कि शूटिंग शुरू होने से ठीक कुछ दिन पहले फिल्म छोड़ने के उनके फैसले से मेकर्स काफी नाराज हैं।

अब दृश्यम 3 के निर्माताओं ने अक्षय खन्ना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाने का फैसला किया है। फिल्म के निर्माता कुमार मंगत पाठक ने अभिनेता पर अनप्रोफेशनल रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने शूट से सिर्फ 10 दिन पहले फिल्म से किनारा कर लिया, जबकि एग्रीमेंट साइन हो चुका था और फीस भी तय हो गई थी।

शूट से 10 दिन पहले छोड़ी फिल्म

बॉलीवुड हंगामा से बातचीत में कुमार मंगत पाठक ने बताया कि अक्षय खन्ना ने फिल्म के लिए हामी भर दी थी और उन्हें एडवांस भी दिया गया था। उन्होंने बताया कि अक्षय ने फिल्म में विग पहनने की शर्त रखी थी, लेकिन निर्देशक अभिषेक पाठक ने कंटीन्यूटी के मुद्दे को समझाते हुए इस पर आपत्ति जताई। इस पर अक्षय ने शुरुआत में अपनी मांग वापस ले ली थी, लेकिन बाद में उन्होंने फिल्म से हटने का फैसला कर लिया।

निर्माता का गंभीर आरोप

कुमार मंगत पाठक ने कहा कि एक समय था जब अक्षय खन्ना के पास काम नहीं था और उन्होंने ही उनके साथ सेक्शन 375 जैसी फिल्म बनाई थी। उन्होंने दावा किया कि पहले भी उन्हें अक्षय के व्यवहार को लेकर चेतावनी दी गई थी और सेट पर उनकी एनर्जी को टॉक्सिक बताया गया था। निर्माता के अनुसार, अभिनेता के इस फैसले से उन्हें भारी नुकसान हुआ है।

लीगल नोटिस भेजा गया

निर्माता ने साफ कहा कि अक्षय खन्ना को लीगल नोटिस भेज दिया गया है, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि दृश्यम 3 में अक्षय खन्ना को रिप्लेस कर दिया गया है और अब फिल्म में जयदीप अहलावत नजर आएंगे।

कुमार मंगत पाठक ने कहा, "दृश्यम एक बड़ा ब्रांड है और फिल्म किसी एक कलाकार पर निर्भर नहीं है। भगवान की कृपा से हमें उनसे भी बेहतर अभिनेता मिल गया है।"


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मनरेगा को बचाने के लिए देशव्यापी आंदोलन जरूरी, CWC बैठक में बोले खरगे

कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मनरेगा को खत्म करने की दिशा में कदम उठा रही है और इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है। खरगे ने तीन कृषि कानूनों का उदाहरण देते हुए कहा कि व्यापक विरोध के बाद सरकार को उन्हें वापस लेना पड़ा था।

बैठक को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि देश इस समय गंभीर दौर से गुजर रहा है, जहां लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, संविधान की भावना को ठेस पहुंच रही है और आम नागरिकों के अधिकार लगातार सीमित किए जा रहे हैं। उन्होंने लोकतंत्र, संविधान और मतदाता अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।

SIR को बताया सुनियोजित साजिश

खरगे ने चुनावी सूचियों के विशेष गहन संशोधन (SIR) को लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की एक सुनियोजित साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकार गंभीर खतरे में हैं।

UPA सरकार का दूरदर्शी कानून

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मनरेगा UPA सरकार द्वारा लाया गया एक दूरदर्शी और ऐतिहासिक कानून था, जिसकी सराहना पूरी दुनिया में हुई। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर इसके व्यापक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को देखते हुए रखा गया था।

खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बिना किसी अध्ययन, मूल्यांकन और राज्यों व राजनीतिक दलों से परामर्श किए इस कानून को कमजोर या समाप्त करने का प्रयास किया है, ठीक वैसे ही जैसे पहले कृषि कानूनों के मामले में किया गया था।

देशव्यापी जन आंदोलन की अपील

उन्होंने कहा कि मनरेगा को बचाने के लिए ठोस रणनीति बनाकर देशभर में जन आंदोलन चलाने की जरूरत है। उन्होंने 2015 में भूमि अधिग्रहण कानून में किए गए संशोधनों का हवाला देते हुए कहा कि जनविरोध के कारण सरकार को अपने फैसले वापस लेने पड़े थे। खरगे ने कहा कि मनरेगा को लेकर जन अभियान शुरू करना कांग्रेस की सामूहिक जिम्मेदारी है।

इसके अलावा खरगे ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की और कहा कि यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और RSS से जुड़े संगठनों द्वारा क्रिसमस समारोहों पर किए गए हमलों से सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा है और इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि भी प्रभावित हुई है।


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गाजियाबाद में New Year से पहले सख्ती, धारा 163 लागू; 1 बजे के बाद पार्टी पर पाबंदी

नए साल 2026 के स्वागत को लेकर लोगों में उत्साह तो भरपूर है, लेकिन गाजियाबाद में जश्न के लिए सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं। पुलिस प्रशासन ने 31 दिसंबर की रात सार्वजनिक स्थानों पर जश्न मनाने की समय-सीमा तय करते हुए इसे रात 1 बजे तक ही सीमित कर दिया है। इसके बाद किसी भी तरह की पार्टी या आयोजन की अनुमति नहीं होगी।

मॉल, होटल, रेस्टोरेंट, क्लब और बैंक्वेट हॉल को भी इसी समय-सीमा का पालन करना होगा। इसके साथ ही म्यूजिक सिस्टम की आवाज तय डेसिबल लिमिट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी तरह की अव्यवस्था को रोकने के लिए एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। यह आदेश 30 दिसंबर 2025 से 5 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा। भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है, जबकि शराब की बिक्री भी निर्धारित समय तक ही की जा सकेगी।

पुलिस ने पार्किंग संचालकों को निर्देश दिए हैं कि बिना उचित चेकिंग के किसी भी वाहन को पार्किंग में प्रवेश न दिया जाए। इसके अलावा सड़कों पर शराब पीकर हंगामा करना, तेज रफ्तार में वाहन चलाना या स्टंट करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए पटाखों और आतिशबाजी पर भी पूर्ण रोक लगा दी गई है।

क्या नहीं करना होगा

रात 1 बजे के बाद किसी सार्वजनिक स्थान, मॉल, होटल या क्लब में जश्न मनाना

म्यूजिक सिस्टम तय सीमा से अधिक तेज बजाना

सड़क पर शराब पीना, हंगामा करना या तेज रफ्तार से वाहन चलाना

पटाखे जलाना या किसी भी तरह की आतिशबाजी करना

बिना चेकिंग के वाहनों को पार्किंग में ले जाना

पुलिस प्रशासन का कहना है कि ये सभी प्रतिबंध नागरिकों की सुरक्षा और शहर में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोगों से अपील है कि नए साल का जश्न नियमों के दायरे में रहकर मनाएं, ताकि यह सुरक्षित और यादगार बन सके।


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एक हफ्ते में चांदी ₹27,771 हुई महंगी, निवेशकों में हलचल

चांदी की कीमतों में लगातार पांचवें हफ्ते तेजी दर्ज की गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 19 दिसंबर को एक किलो चांदी की कीमत 2,00,336 रुपये थी, जो एक हफ्ते में 27,771 रुपये बढ़कर 26 दिसंबर को 2,28,107 रुपये प्रति किलो पहुंच गई। इस दौरान चांदी ने लगातार चार दिन ऑल-टाइम हाई बनाया। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को चांदी 9,124 रुपये की तेज बढ़त के साथ बंद हुई।

सोने में भी इसी तरह मजबूती देखने को मिली। 19 दिसंबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 1,31,779 रुपये थी, जो एक हफ्ते में 6,177 रुपये बढ़कर 26 दिसंबर को 1,37,956 रुपये पर पहुंच गई। यह सोने का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।

इस साल सोना और चांदी ने दिए रिकॉर्ड रिटर्न

2025 में अब तक सोने की कीमत 61,794 रुपये यानी करीब 81.13 फीसदी बढ़ चुकी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपये का था, जो अब 1,37,956 रुपये हो गया है।

वहीं, चांदी की कीमत में 1,42,090 रुपये यानी करीब 165.18 फीसदी की तेजी आई है। साल की शुरुआत में एक किलो चांदी 86,017 रुपये थी, जो अब 2,28,107 रुपये प्रति किलो पहुंच चुकी है।

शहरों में अलग-अलग क्यों होते हैं सोने-चांदी के रेट

IBJA द्वारा जारी किए गए रेट्स में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता। इसी वजह से अलग-अलग शहरों में सोने-चांदी की कीमतें अलग होती हैं। IBJA के रेट्स का इस्तेमाल RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के भाव तय करने और कई बैंक गोल्ड लोन के रेट निर्धारित करने में करते हैं।

सोने में तेजी के 3 बड़े कारण

डॉलर में कमजोरी: अमेरिका में ब्याज दरें घटने से डॉलर कमजोर हुआ, जिससे सोने की होल्डिंग कॉस्ट कम हुई और निवेश बढ़ा।

जियोपॉलिटिकल तनाव: रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक तनाव के चलते निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मानकर खरीद रहे हैं।

रिजर्व बैंक की खरीदारी: चीन जैसे देश अपने रिजर्व बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिला है।

चांदी में तेजी के 3 कारण

इंडस्ट्रियल डिमांड: सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में चांदी की मांग तेजी से बढ़ी है।

टैरिफ का डर: अमेरिका में संभावित टैरिफ को लेकर कंपनियां पहले से चांदी का स्टॉक कर रही हैं, जिससे सप्लाई दबाव में है।

मैन्युफैक्चरिंग होड़: उत्पादन रुकने की आशंका के चलते मैन्युफैक्चरर पहले से खरीदारी कर रहे हैं।

आगे और बढ़ सकते हैं दाम

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक, चांदी की मजबूत मांग आगे भी बनी रह सकती है। अनुमान है कि 2026 तक चांदी 2.75 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है, जबकि सोना 1.50 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है।

सोना खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: BIS हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड सोना ही लें, जिससे शुद्धता की गारंटी मिलती है।

कीमत जरूर जांचें: खरीदारी से पहले IBJA जैसी विश्वसनीय वेबसाइट से उस दिन का भाव क्रॉस-चेक करें, क्योंकि अलग-अलग कैरेट में कीमत अलग होती है।


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उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया पूरी, 2.89 करोड़ वोटरों के नाम हटे, 9.57 लाख ने नहीं जमा किए फॉर्म

उत्तर प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके तहत फाइनल आंकड़े और ड्राफ्ट मतदाता सूची 31 दिसंबर को जारी की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में 2.89 करोड़ मतदाता अनकलेक्टेबल कैटेगरी में पाए गए हैं, यानी इन सभी के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। एसआईआर से पहले प्रदेश में कुल 15 करोड़ 44 लाख मतदाता पंजीकृत थे।

लखनऊ में करीब 12 लाख वोटर घटे

एसआईआर की अंतिम तिथि के बाद प्रदेश में कुल 2.89 करोड़ यानी करीब 18.7 प्रतिशत मतदाताओं के नाम दर्ज नहीं हो सके। राजधानी लखनऊ में ही लगभग 12 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कट गए हैं।

1.25 करोड़ मतदाता कर चुके हैं स्थायी रूप से स्थानांतरण

जिन 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम सूची से हटे हैं, उनमें से 1.25 करोड़ ऐसे हैं जिन्होंने स्थायी रूप से स्थानांतरण की जानकारी स्वयं बीएलओ को दी थी। इसके अलावा 45.95 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 23.59 लाख मतदाता डुप्लीकेट पाए गए हैं।

84 लाख वोटर लापता, 9.57 लाख ने नहीं भरे फॉर्म

करीब 9.57 लाख मतदाताओं ने एसआईआर फॉर्म जमा नहीं किए, जबकि लगभग 84 लाख मतदाता लापता श्रेणी में रखे गए हैं। लखनऊ में पहले करीब 40 लाख मतदाता थे, जिनमें से अब तक लगभग 70 प्रतिशत यानी 28 लाख लोगों ने एसआईआर फॉर्म भरे हैं। शेष करीब 12 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, जिनमें 5.36 लाख डुप्लीकेट वोटर शामिल हैं।

लखनऊ की विधानसभा सीटों पर फॉर्म भरने की स्थिति

लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों में मलिहाबाद और मोहनलालगंज में सबसे अधिक 83-83 प्रतिशत एसआईआर फॉर्म भरे गए हैं। अन्य सीटों पर स्थिति इस प्रकार रही—

बक्शी का तालाब: 78%

लखनऊ पश्चिम: 70%

सरोजनीनगर: 69%

लखनऊ मध्य: 65%

लखनऊ पूर्वी: 63%

लखनऊ उत्तरी: 62%

लखनऊ कैंट: 61%

आगे की प्रक्रिया

एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद 31 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की जाएगी। इसके बाद 31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दाखिल की जा सकेंगी। अंतिम मतदाता सूची 28 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।


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लेवल 1 से 18 तक कर्मचारियों की सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी

7वां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होने जा रहा है, ऐसे में 1 जनवरी से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिल सकता है। 8वां वेतन आयोग जब अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा, तभी यह साफ़ होगा कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी और यह बढ़ोतरी किस फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय की जाएगी।

हर 10 साल में एक वेतन आयोग का गठन किया जाता है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का लाभ मिलता है। छठे वेतन आयोग में 1.92 के फिटमेंट फैक्टर के चलते सैलरी 1.92 गुना बढ़ी थी, जबकि सातवें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जिससे वेतन में बड़ी बढ़ोतरी हुई।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कुल 18 लेवल में बांटा गया है। लेवल-1 में ग्रुप डी के कर्मचारी आते हैं, जबकि लेवल-18 सबसे उच्च स्तर होता है, जिसमें कैबिनेट सचिव जैसे शीर्ष अधिकारी शामिल होते हैं। लेवल 1 से 18 के बीच कुल 16 अन्य लेवल होते हैं, जो ग्रुप ए, बी, सी और डी के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में 8वें वेतन आयोग में अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर हर लेवल की सैलरी में अलग-अलग बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?

8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यह 1.92, 2.15 या 2.57 में से किसी एक के आसपास हो सकता है। इन्हीं फिटमेंट फैक्टर्स के आधार पर लेवल 1 से 18 तक के कर्मचारियों की संभावित सैलरी में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है।

फिटमेंट फैक्टर को लेकर नेक्सडिग्म के डायरेक्टर (पेरोल सर्विसेज) रामचंद्रन कृष्णमूर्ति का कहना है कि इसे तय करते समय कई आर्थिक और संगठनात्मक पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है। आमतौर पर एम्प्लॉयर, वेतन आयोग या कंपनसेशन कमेटी इन सभी कारकों का आकलन कर फिटमेंट फैक्टर तय करती है।

वहीं, ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लॉइज़ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के लिए संभावित फिटमेंट फैक्टर 2.13 हो सकता है। इसमें मौजूदा 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक DA में संभावित बढ़ोतरी, सालाना वेतन वृद्धि और परिवार इकाइयों की औसत संख्या (3.6) को शामिल किया गया है।


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सीरीज गंवाने के बाद इंग्लैंड का पलटवार, चौथे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ध्वस्त

एशेज सीरीज के शुरुआती तीन मुकाबले गंवाने के बाद इंग्लैंड ने आखिरकार जोरदार वापसी करते हुए जीत का स्वाद चखा। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से करारी शिकस्त दी। इसके साथ ही 5 मैचों की सीरीज में इंग्लैंड की जीत का खाता खुल गया है। हालांकि इस हार के बावजूद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 की अंक तालिका में ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर बना हुआ है।

पहली पारी में 152 पर सिमटी ऑस्ट्रेलिया

मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, जो सही साबित हुआ। बल्लेबाजी करने उतरी कंगारू टीम पहली पारी में 152 रन पर ही ढेर हो गई। माइकल नेसर ने सर्वाधिक 35 रन बनाए, जबकि उस्मान ख्वाजा ने 29 और एलेक्स कैरी ने 20 रन जोड़े। इंग्लैंड की ओर से जोश टंग ने शानदार गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट झटके, जबकि गस एटकिंसन को दो सफलता मिली।

इंग्लैंड की पहली पारी भी रही कमजोर

ऑस्ट्रेलिया के बाद इंग्लैंड की पहली पारी भी कुछ खास नहीं रही और पूरी टीम 29.5 ओवर में महज 110 रन पर सिमट गई। इंग्लैंड के केवल तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके। जो रूट खाता खोलने में नाकाम रहे। हैरी ब्रूक ने सबसे ज्यादा 41 रन बनाए, जबकि गस एटकिंसन ने 28 और कप्तान बेन स्टोक्स ने 16 रन का योगदान दिया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से माइकल नेसर ने चार और स्कॉट बोलैंड ने तीन विकेट चटकाए।

दूसरी पारी में भी लड़खड़ाई कंगारू टीम

दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने टिक नहीं सके और टीम 34.3 ओवर में 132 रन पर ऑलआउट हो गई। ट्रेविस हेड अर्धशतक से चूक गए और 67 गेंदों पर 46 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान स्टीव स्मिथ ने 24 और कैमरन ग्रीन ने 19 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से ब्रायडन कार्स ने चार और कप्तान बेन स्टोक्स ने तीन विकेट झटके। इस तरह इंग्लैंड को जीत के लिए 175 रन का लक्ष्य मिला।

लक्ष्य हासिल कर इंग्लैंड ने दर्ज की जीत

175 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड को जैक क्रॉली और बेन डकेट की सलामी जोड़ी ने शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों के बीच अर्धशतकीय साझेदारी हुई। क्रॉली ने 37 और डकेट ने 34 रन बनाए। इसके बाद जैकब बेथल ने 40 रन की अहम पारी खेलकर टीम को जीत के करीब पहुंचाया। पहली पारी में फ्लॉप रहे जो रूट ने 15 रन बनाए। अंत में हैरी ब्रूक 18 और जेमी स्मिथ 3 रन बनाकर नाबाद रहे, जिससे इंग्लैंड ने 4 विकेट से मुकाबला अपने नाम कर लिया।


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न्यू ईयर से पहले जगन्नाथ मंदिर में भारी भीड़, सुरक्षा के लिए 60 प्लाटून फोर्स तैनात

शनिवार सुबह श्री जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। प्रशासन का अनुमान है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को श्रद्धालुओं की संख्या में और इज़ाफ़ा होगा। रिपोर्ट के अनुसार बीते कुछ दिनों से प्रतिदिन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।

दर्शन व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए श्रीनहर से बगला धर्मशाला तक व्यापक बैरिकेडिंग की गई है, जिससे बड़दांड और आसपास के इलाकों में भीड़ और यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।

मंदिर से समुद्र तट तक कड़ी सुरक्षा

नए साल के दौरान संभावित भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने श्रीमंदिर परिसर से लेकर समुद्र तट तक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। तैनाती योजना के तहत पुलिस की कई प्लाटून और वरिष्ठ अधिकारियों को शहर के प्रमुख और संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है।

पुरी के पुलिस अधीक्षक प्रतीक सिंह ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि नए साल के दिन करीब 60 प्लाटून पुलिस बल तैनात रहेगा, जो मंदिर के द्वारों, बड़दांड और समुद्र तट क्षेत्रों में भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान देगा।

विशेष दर्शन व्यवस्था लागू

श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दर्शन के लिए सिंहद्वार को प्रवेश द्वार बनाया गया है, जबकि अन्य तीन द्वारों से निकासी की व्यवस्था की गई है, ताकि आमने-सामने की आवाजाही से बचा जा सके। श्रद्धालुओं की आवाजाही नियंत्रित करने के लिए निर्धारित मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। पुलिस प्रशासन के अनुसार भीड़ की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्थाओं में तत्काल बदलाव किया जाएगा।


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साफ हवा नहीं तो एयर प्यूरीफायर पर 18% GST क्यों? दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा सवाल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार गंभीर बनी हुई है और दिसंबर भर हवा रेड जोन में रही। इसी बीच एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस घोषित करने और उसकी खरीद पर टैक्स छूट देने की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र सरकार से एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने को लेकर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के बीच नागरिकों को साफ हवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कम से कम यह कदम तो उठा ही सकती है।

‘एयर प्यूरीफायर लग्जरी आइटम नहीं’

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अधिकारियों के वकील से इस मुद्दे पर निर्देश लेकर दोपहर बाद अदालत को अवगत कराने को कहा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भयावह वायु प्रदूषण से जूझ रहे शहर में एयर प्यूरीफायर को लग्जरी वस्तु नहीं माना जा सकता। अदालत ने टिप्पणी की कि पूरे शहर को स्वच्छ हवा का अधिकार है, लेकिन सरकार यह उपलब्ध कराने में असफल रही है।

इमरजेंसी की तरह देखें प्रदूषण की स्थिति: हाईकोर्ट

अदालत ने कहा कि मौजूदा हालात में एयर प्यूरीफायर साफ हवा का एकमात्र सहारा बन गया है। ऐसे में सरकार कम से कम इस पर जीएसटी में छूट दे सकती है, भले ही यह राहत अस्थायी क्यों न हो। कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक हफ्ते या एक महीने के लिए ही सही, लेकिन इसे आपात स्थिति मानते हुए फैसला लिया जाए। अदालत ने पूछा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक कब होगी और सरकार निर्देशों के साथ कब वापस आएगी। इस मामले को केवल अनुपालन के लिए वेकेशन बेंच के समक्ष रखने की बात भी कही गई।

हम दिन में 21 हजार बार सांस लेते हैं: कोर्ट

सुनवाई के दौरान जस्टिस गेडेला ने कहा कि इंसान एक दिन में करीब 21,000 बार सांस लेता है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बार सांस लेकर हमारे फेफड़ों को कितना नुकसान हो रहा होगा, जबकि यह पूरी तरह अनैच्छिक प्रक्रिया है। कोर्ट ने अधिकारियों से इस पर गंभीरता से विचार कर जरूरी निर्देश लेने को कहा।

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर तस्वीर

यह सुनवाई ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली घातक स्मॉग की चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, ITO और इंडिया गेट समेत कई इलाकों में AQI 350 के पार दर्ज किया गया है। हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है और दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज-IV के प्रतिबंध लागू हैं।

क्यों जरूरी हैं एयर प्यूरीफायर

हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को एयर प्यूरीफायर उपलब्ध कराना कम से कम इतना तो किया ही जाना चाहिए। एयर प्यूरीफायर हवा से धूल, पराग, धुआं और अन्य हानिकारक कणों को हटाने में मदद करता है। यह खासतौर पर अस्थमा, एलर्जी और सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित होता है।


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यूपी के 30 से अधिक जिलों में घना कोहरा, 3 शहरों में भीषण ठंड का अलर्ट जारी

प्रदेश में ठंड का प्रकोप और बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में प्रयागराज, श्रावस्ती, सीतापुर, कानपुर नगर, बाराबंकी और बहराइच में अत्यंत ठंड पड़ने की संभावना है। इसके साथ ही यूपी के 30 से अधिक जिलों में घने से अत्यधिक घने कोहरे का असर बना रहेगा।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अतुल कुमार सिंह के मुताबिक कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मीरजापुर, संत रविदास नगर, जौनपुर, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीननगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, सहारनपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को अत्यधिक कोहरा छाने की संभावना है।

इन जिलों में दृश्यता घटकर 50 मीटर या उसके आसपास रह सकती है। इसके अलावा सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, अमरोहा, संभल, बदायूं समेत कई अन्य जिलों में भी घना कोहरा पड़ने की संभावना है, जिससे दृश्यता में भारी कमी आएगी।

कोहरे का असर खासतौर पर सुबह और रात के समय ज्यादा देखने को मिलेगा। गुरुवार को मेरठ और सहारनपुर में अत्यधिक कोहरे के कारण दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई थी। मेरठ में जहां दृश्यता 30 मीटर तक रही, वहीं शाहजहांपुर में यह 40 मीटर तक आंकी गई।

मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिनों तक पूर्वी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। लखनऊ और आसपास के जिलों में भी कहीं-कहीं घना कोहरा छाया रहेगा।

मध्य और पूर्वी यूपी में पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का प्रभाव मैदानी इलाकों में दिखाई देगा। उत्तरी-पछुआ हवाएं चलने से गलन बढ़ेगी और खासतौर पर रात के समय ठंड और ज्यादा महसूस होगी।

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