लाल आतंक को करारा जवाब: 26 नक्सली हमलों में शामिल टॉप कमांडर हिड़मा ढेर

नक्सलवाद के खात्मे के लिए चलाए गए ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। कुख्यात नक्सली माड़वी हिड़मा (Madvi Hidma) को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है। हिड़मा के साथ 5 अन्य नक्सलियों को भी मार गिराया गया है।

सुकमा से सटे आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीताराम जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी। इसी मुठभेड़ में 45 लाख के इनामी हिड़मा, उसकी पत्नी राजे और 25 लाख के इनामी एसजेडसीएम टेक शंकर मारे गए। कई घंटों की भारी फायरिंग के बाद कुल 6 नक्सली ढेर कर दिए गए, जबकि सुकमा में भी एक नक्सली मारा गया। इस तरह कुल संख्या 7 हो गई है।

पुलिस का बयान

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह एनकाउंटर आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर हुआ। पुलिस को इस इलाके के जंगलों में बड़ी संख्या में नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। सुबह से ही दोनों ओर से गोलाबारी जारी थी। सुकमा में 1 और आंध्र प्रदेश में 6 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।

अल्लुरी सीताराम जिले के एसपी अमित बरदार के मुताबिक,

सुबह करीब 6:30–7 बजे मारेडुमिल्ली मंडल के जंगल में एनकाउंटर शुरू हुआ। अब तक 6 नक्सलियों के ढेर होने की सूचना है। यह ऑपरेशन पुलिस और सुरक्षाबलों का संयुक्त अभियान था।

हिड़मा की पत्नी भी मारी गई

माड़वी हिड़मा को सबसे खूंखार और हाई-प्रोफाइल नक्सलियों में गिना जाता था। उसके कई हमलों में आम नागरिकों के साथ 26 सुरक्षाबलों की भी मौत हुई थी। पुलिस ने उस पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। एनकाउंटर में उसकी पत्नी राजे भी मारी गई।

कौन था हिड़मा?

हिड़मा का जन्म 1981 में सुकमा जिले में हुआ था। पीपुल्स लिब्रेशन गुरिल्ला बटालियन का नेतृत्व करने के बाद वह सीपीआई-माओवादी की केंद्रीय कमेटी तक पहुंच गया। झीरम घाटी हमले के बाद उसका नाम पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर उभरा था। इसके बाद उसने कई बड़े नक्सली हमलों को अंजाम दिया और लंबे समय तक बस्तर इलाके में उसकी दहशत बनी रही।

हिड़मा देश की एकमात्र माओवादी बटालियन नंबर-1 का कमांडर था, जो अपने बड़े और संगठित हमलों के लिए कुख्यात है। हाल ही में संगठन ने उसे केंद्रीय समिति का सदस्य बनाते हुए बटालियन नंबर-1 का प्रभारी बनाया था। अब उसकी जगह उसके ही गांव के बारसे देवा को नया कमांडर नियुक्त किया गया है।


...

नीतीश कुमार की नई सरकार के सामने बड़ी चुनौतियाँ, अगले 5 साल आसान नही

बिहार में बुनियादी ढांचा, शिक्षा, रोजगार और महिला सशक्तीकरण जैसे मुद्दों पर पिछली सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। अब नई सरकार के सामने चुनाव के दौरान किए गए संकल्पों को पूरा करने की चुनौती होगी। इन वादों पर प्रभावी तरीके से अमल करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर रोडमैप तैयार किया जा रहा है। नीतीश कुमार की एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर वापसी को बिहार की राजनीति में नई शुरुआत का संकेत भी माना जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नई सरकार को आर्थिक और सामाजिक विकास की रफ्तार तेज करने के लिए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर तुरंत काम करना होगा। पलायन, शिक्षा, रोजगार, कानून-व्यवस्था और महिला सशक्तीकरण जैसे मुद्दे चुनाव में भी प्रमुख रहे थे।

एनडीए ने अपने संकल्प पत्र को ‘बिहार की नई कहानी’ बताया था, जिसमें रोजगार, शिक्षा, उद्योग, सुरक्षा और विकास का साफ़ रोडमैप शामिल है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, सरकार स्थिर और विकास आधारित मॉडल पर काम करेगी। बुनियादी ढांचा, नौकरी-रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं को नए रास्तों के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

रोज़गार और पलायन

बिहार में रोज़गार की कमी और बड़े पैमाने पर पलायन लंबे समय से चुनावी मुद्दा रहे हैं। नई सरकार के लिए एक करोड़ नौकरी/रोजगार देने का वादा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर तीन में से दो घरों का कम से कम एक सदस्य दूसरे राज्यों में काम करता है, जो बड़े पैमाने पर पलायन की स्थिति को दर्शाता है।

श्रम संसाधन विभाग के अनुसार, बिहार के 54% श्रमिक अब भी कृषि पर निर्भर हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 46% है। वहीं सिर्फ 5% श्रमिकों को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार मिला है, जबकि देश में यह औसत 11% है।

शिक्षा में सुधार

बेहतर शिक्षा और अवसरों की कमी के कारण प्रतिभाशाली युवाओं को बिहार से बाहर जाना पड़ता है। इससे राज्य की आर्थिक क्षमता पर असर पड़ता है। पूर्व कुलपति डॉ. रासबिहारी सिंह के अनुसार, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं में सुधार के बावजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश का सबसे गरीब राज्य बना हुआ है। देश में जहां प्रति व्यक्ति आय 1.89 लाख रुपए से ऊपर है, वहीं बिहार में यह केवल 60 हजार रुपए के आसपास है। ऐसे में नई सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और रोजगार योग्य युवाओं को बेहतर अवसर देने पर जोर देना होगा।

स्कूलों में ड्रॉप आउट

सुविधाओं और शिक्षकों की नियुक्ति के बावजूद शिक्षा की गुणवत्ता और ड्रॉप आउट रेट चिंता का विषय बना हुआ है। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मिडिल स्कूल के बाद पढ़ाई जारी नहीं रख पाते। नई सरकार के लिए इस चुनौती से निपटना बेहद जरूरी होगा।

कानून-व्यवस्था

नीतीश कुमार को बिहार में जंगलराज खत्म करने का श्रेय दिया जाता है, लेकिन इस बार कानून-व्यवस्था चुनाव में अहम मुद्दा बनी रही। NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2015 से 2024 के बीच राज्य में अपराध दर में तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2023 में अपराध दर 2022 की तुलना में 1.63% बढ़ी। माना जा रहा है कि नई सरकार इस क्षेत्र में सख्ती बरतेगी।

पंचामृत गारंटी और लखपति दीदी

एनडीए की पंचामृत गारंटी में गरीबों के लिए कई बड़ी योजनाएं शामिल हैं—मुफ्त राशन, प्रति परिवार 125 यूनिट मुफ्त बिजली, 5 लाख तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा, 50 लाख पक्के मकानों का निर्माण और पात्र परिवारों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन।

महिलाएं, जिन्होंने इस चुनाव में बड़ी भूमिका निभाई, सरकार की प्राथमिकता में रहेंगी। नई सरकार का लक्ष्य एक करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाना है, यानी ऐसी महिलाएं जो सालाना एक लाख रुपये से अधिक कमाई करें।


...

धुरंधर का धमाकेदार ट्रेलर हुआ रिलीज़

रणवीर सिंह की मोस्ट अवेटेड फिल्म धुरंधर का ट्रेलर आज रिलीज हो गया है। 4 मिनट 7 सेकंड का यह दमदार ट्रेलर एक्शन, जोरदार डायलॉग्स और खून-खराबे से भरपूर है। ट्रेलर में अर्जुन रामपाल का बेहद इंटेंस लुक खास ध्यान खींचता है।

ट्रेलर की शुरुआत ISI के मेजर इकबाल के रूप में अर्जुन रामपाल के शक्तिशाली डायलॉग से होती है, जहां वह एक व्यक्ति को टॉर्चर करते नजर आते हैं। उनका डायलॉग— "मेजर इकबाल जिस पर मेहरबान हो जाएं, उसका मुस्तकबिल बदल जाता है"—टोन सेट कर देता है।

इसके बाद एंट्री होती है रणवीर सिंह की, जो फिल्म में एक खुफिया एजेंट की भूमिका निभा रहे हैं। आर. माधवन अजय सान्याल के किरदार में दिखाई देते हैं, जिनका दमदार डायलॉग— "मुंह तोड़ने के लिए मुट्ठी बंद करना जरूरी है"—काफी प्रभाव छोड़ता है।

अक्षय खन्ना रहमत डकैत का किरदार निभा रहे हैं। उनका डायलॉग— "जो वादा किया गया, उसे भूलने की गुस्ताखी मत करना… रहमत डकैत की दी हुई मौत बड़ी कसाईनुमा होती है"—ट्रेलर में एक खतरनाक इंटेंसिटी जोड़ता है।

ट्रेलर में संजय दत्त की एंट्री शानदार तरीके से दिखाई गई है, और इसके साथ बैकग्राउंड म्यूजिक स्कोर भी जबरदस्त असर छोड़ता है।


...

सलीम खान और सलमा खान की 61वीं सालगिरह का शानदार सेलिब्रेशन

राइटर सलीम खान और उनकी पहली पत्नी सलमा (पूर्व नाम सुशीला चरक) की शादी की 61वीं सालगिरह आज मनाई जा रही है। इस खास अवसर पर सोमवार को उनके बेटे सोहेल खान ने घर पर एक पार्टी का आयोजन किया, जिसमें खान परिवार के सदस्यों के साथ कई सेलेब्स भी शामिल हुए।

बता दें कि सलीम खान ने 18 नवंबर 1964 को सुशीला चरक से विवाह किया था, जिनका नाम शादी के बाद बदलकर सलमा खान रखा गया। इस शादी से दंपति के चार बच्चे—सलमान, अरबाज, सोहेल और अलवीरा—हैं।


...

अमेरिका ने भारत के चाय, कॉफी और मसालों पर 50% टैरिफ हटाया

अमेरिका ने भारत से आने वाली कॉफी, चाय, मसाले, ट्रॉपिकल फलों और फलों के जूस जैसे उत्पादों पर लगाए गए 50% रेसिप्रोकल टैरिफ को हटा दिया है। वाणिज्य मंत्रालय ने 17 नवंबर को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम से भारतीय निर्यातकों को वैश्विक बाजार में एक समान प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा। DGFT के अनुसार, यह निर्णय एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए बड़ा लाभ साबित होगा।

वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को 2.5 अरब डॉलर (करीब ₹22 हजार करोड़) का कृषि निर्यात किया था। अब इनमें से लगभग ₹9 हजार करोड़ के उत्पाद टैक्स-फ्री हो गए हैं। अमेरिका ने यह टैरिफ भारत के रूसी तेल ख़रीदने के चलते लगाया था, लेकिन खाद्य महंगाई बढ़ने के कारण ट्रम्प प्रशासन ने इसे वापस लेने का फैसला किया।

ट्रम्प का नया आदेश

शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत बीफ, कॉफी और फलों समेत कई कृषि उत्पादों पर लगे शुल्क हटा दिए गए। प्रशासन के मुताबिक, महंगाई बढ़ने और उपभोक्ताओं पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 2.7% की वृद्धि हुई है—जिसमें बीफ 7% और केले 7% महंगे हुए। बढ़ती कीमतों से अमेरिकियों की मासिक खर्च में 9 हजार से 66 हजार रुपये तक का इजाफा हुआ है।

ट्रेड डील भी अंतिम चरण में

भारत और अमेरिका के बीच नई व्यापार वार्ता अपने अंतिम चरण में है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल का कहना है कि 25% रेसिप्रोकल टैरिफ और कच्चे तेल पर अतिरिक्त 25% ड्यूटी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर लगभग सहमति बन चुकी है। फरवरी से जारी चर्चा जल्द ही समापन की ओर बढ़ सकती है।

FY25 में भारत का मजबूत निर्यात

भारत ने FY25 में अमेरिका को कुल 86.51 अरब डॉलर (करीब ₹7.66 लाख करोड़) का सामान निर्यात किया। इनमें से लगभग 48.2 अरब डॉलर (₹4.3 लाख करोड़) के एक्सपोर्ट पर ऊंचे टैरिफ लागू थे। टेक्सटाइल, ज्वेलरी और इंजीनियरिंग गुड्स जैसी टॉप 5 कैटेगरी alone लगभग 60 अरब डॉलर (₹5.3 लाख करोड़) की हिस्सेदारी रखती हैं।


...

माउंट आबू में पारा शून्य पर, ओस की बूंदें जमीं बर्फ में तब्दील

पहाड़ी क्षेत्रों से चल रही बर्फीली हवाओं ने उत्तर भारत में ठिठुरन बढ़ा दी है। दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों में तापमान तेज़ी से गिर रहा है। उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में पारा माइनस 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसके चलते झरने और झीलें जम गई हैं।

राजस्थान में 2021 के बाद पहली बार नवंबर में तापमान 5 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया है। पिछले 24 घंटों में फतेहपुर सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। राज्य के 15 शहरों में तापमान 5 से 10 डिग्री के बीच रहा। माउंट आबू में 15 साल बाद नवंबर में ही पारा शून्य पर पहुंच गया, जिससे ओस की बूंदें जमकर बर्फ में बदल गईं। पिछले वर्ष यहाँ ओस दिसंबर 2024 में जमी थी।

मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर और राजगढ़ सहित 26 जिलों में मंगलवार को शीतलहर की चेतावनी जारी की गई है। इंदौर में स्कूलों का समय आज से बदलकर सुबह 9 बजे कर दिया गया है, जबकि भोपाल में नर्सरी से 8वीं तक के स्कूल सुबह 8:30 बजे के बाद खुलेंगे।

दिल्ली में सोमवार की सुबह इस सीजन की सबसे ठंडी रही, जहां न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नवंबर में इससे पहले सबसे कम तापमान 29 नवंबर 2022 को 7.3 डिग्री रहा था। मंगलवार को भी राजधानी में घना कोहरा छाया रहा।


...

जनता की फेवरेट बनी ‘दे दे प्यार दे 2’, वर्ल्डवाइड कमाई ने सबको चौंकाया

हिंदी सिनेमा की ताज़ा रिलीज़ दे दे प्यार दे 2 इन दिनों दर्शकों की पहली पसंद बनी हुई है। इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोग सिनेमाघरों का रुख कर रहे हैं। अजय देवगन और आर. माधवन की यह रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा दर्शकों को खूब पसंद आ रही है और मनोरंजन के मामले में पूरी तरह खरी उतर रही है।

इसी कारण फिल्म वर्ल्डवाइड कमाई के लिहाज़ से भी शानदार प्रदर्शन कर रही है। ओपनिंग वीकेंड के बाद सोमवार को भी दे दे प्यार दे 2 ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखी। आइए जानें इसकी कमाई का पूरा हाल।

ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर धमाल

शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर रिलीज़ हुई दे दे प्यार दे 2 ने कमाई के मामले में बेहतरीन रफ्तार पकड़ी है। घरेलू बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ इंटरनेशनल मार्केट में भी इस फिल्म ने अपनी मौजूदगी मजबूती से दर्ज कराई है। सोमवार को कलेक्शन में गिरावट तो आई, लेकिन आंकड़े इतने कम नहीं रहे कि चिंता पैदा करें।

सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलीज़ के चौथे दिन फिल्म ने वर्ल्डवाइड 8 करोड़ से ज्यादा की ग्रॉस कमाई की, जिससे कुल ग्लोबल कलेक्शन 65 करोड़ के पार पहुंच गया। भले ही रविवार की तुलना में आंकड़े कम रहे हों, लेकिन वीकडे के हिसाब से यह प्रदर्शन मजबूत माना जा रहा है।

इस तरह दे दे प्यार दे 2 ने वर्ल्डवाइड कमाई के लिहाज़ से ‘मंडे टेस्ट’ आसानी से पास कर लिया है। अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में फिल्म अपनी इसी गति को बनाए रख पाती है या नहीं।

2019 के बाद आया सीक्वल

करीब छह साल पहले 2019 में रिलीज़ हुई दे दे प्यार दे पहली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी। अब इसका सीक्वल भी सफलता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।


...

शेख हसीना को सजा के बाद बांग्लादेश में बवाल, हिंसा में 50 से अधिक घायल

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में रातभर उग्र प्रदर्शन और हमले हुए। कम से कम पांच जिलों में वाहनों में आग लगाई गई। अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने पिछले वर्ष जुलाई में हुए प्रदर्शनों से जुड़े मानवता के खिलाफ अपराधों में हसीना को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई। अदालत ने उनके दो करीबी सहयोगियों—पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून—को भी दोषी ठहराया। मामून को क्षमादान मिला है, लेकिन अदालत ने गंभीर आरोपों को देखते हुए उन्हें हल्की सजा देने की बात कही।

फैसले के बाद ढाका के धानमंडी-32 इलाके में सबसे अधिक हिंसा हुई, जहाँ शेख मुजीबुर रहमान का आवास भी स्थित है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुरक्षाकर्मियों सहित कम से कम 50 लोग घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कई हाईवे जाम कर दिए और सुरक्षा बलों से झड़पें हुईं। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज, साउंड ग्रेनेड और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। पिछले एक सप्ताह में 50 से ज्यादा आगजनी और देसी बम हमले हुए, जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई। सोमवार देर रात किशोरगंज में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हमीद के घर पर भीड़ ने धावा बोलकर तोड़फोड़ की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हसीना की सजा के बाद इलाके में जुलूस निकाला जा रहा था, तभी 20–30 लोगों के समूह ने हमले को अंजाम दिया।


...

दिल्ली ब्लास्ट के बाद लाल किले का मुख्य मार्ग फिर से खुला, पार्किंग में फंसे वाहनों को लौटाया गया

लाल किला धमाके के बाद सुरक्षा कारणों से बंद किया गया घटनास्थल मार्ग अब आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। शनिवार सुबह से यहाँ से वाहन गुजरते दिखाई दिए, जिससे पुरानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को राहत मिली।

10 नवंबर 2025 की शाम लाल किला के पास Hyundai i20 कार में हुए तेज धमाके से इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। विस्फोट में कई लोग घायल हुए और कुछ की मौत भी हुई। घटना के तुरंत बाद पुलिस व FSL टीम ने क्षेत्र को सील कर दिया था और सभी मार्ग बंद कर दिए गए थे। मेट्रो स्टेशन के गेटों की मरम्मत अब भी जारी है, खासकर गेट नंबर 1 के शीशे पूरी तरह टूट गए थे।

मार्ग खुलने के बाद यातायात धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है। वाहन मालिक सड़क से गुजरते दिखे और आम लोगों की आवाजाही भी बहाल हो गई। लाजपत राय मार्केट के दुकानदार कमल ने बताया कि उन्हें आज ही अपना वाहन वापस मिल पाया। वहीं, प्रीति, जो अपने परिवार के साथ शादी का सामान लेने आई थीं, कहती हैं कि धमाके के समय उनकी मोटरसाइकिल पार्किंग में ही रह गई थी और तब से वहीं खड़ी थी। अब मार्ग खुलने के बाद वे इसे घर ले जा सकी हैं।


...

डेटा लेने से पहले कंपनियों को बताना होगा क्यों ले रहीं और उसका क्या उपयोग होगा

भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट 2023 अब पूरी तरह लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इसके नियम नोटिफाई कर दिए, जिससे आम लोगों की प्राइवेसी और डिजिटल सुरक्षा को नई मजबूती मिली है। यह कानून डिजिटल पर्सनल डेटा को हैंडल करने वाली सभी कंपनियों (डेटा फिड्यूशरी) की जिम्मेदारियां तय करता है और नागरिकों को डेटा से जुड़े अधिकार देता है।

बच्चों और दिव्यांगों के लिए कड़े नियम

18 साल से कम उम्र के बच्चों का डेटा इस्तेमाल करने के लिए अब पेरेंट्स की अनुमति जरूरी होगी। हेल्थ, एजुकेशन और इमरजेंसी से जुड़े मामलों में ही राहत मिलेगी। दिव्यांग, जो स्वयं निर्णय नहीं ले सकते, उनके लिए वेरिफाइड लीगल गार्जियन की कंसेंट जरूरी होगी।

DPDP एक्ट की 5 बड़ी बातें

1. बिना कंसेंट डेटा नहीं

कोई ऐप या कंपनी आपका डेटा लेने से पहले यह बताएगी कि वह इसका क्या उपयोग करेगी। आपकी अनुमति बिना डेटा लिया या प्रोसेस नहीं किया जाएगा।

2. डेटा का सीमित उपयोग

कंपनियां आपका डेटा सिर्फ उसी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर सकेंगी, जिसकी जानकारी उन्होंने दी है। उदाहरण: शॉपिंग ऐप ऑर्डर के लिए डेटा ले सकती है, लेकिन आपकी इजाजत बिना मार्केटिंग के लिए नहीं।

3. डेटा पर आपका पूरा नियंत्रण

आप अपनी पर्सनल जानकारी कभी भी देख सकते हैं, सुधार सकते हैं या डिलीट करवाने का अधिकार रखते हैं। कंपनियों को 90 दिनों में जवाब देना अनिवार्य है।

4. डेटा लीक पर तुरंत सूचना

अगर डेटा ब्रेक होता है, तो कंपनी को तुरंत आसान भाषा में यह बताना होगा कि क्या हुआ, जोखिम क्या हैं और क्या सावधानी रखनी है।

5. शिकायत आसान, डिजिटल बोर्ड

अगर कोई समस्या हो तो डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड पर ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है। निर्णय से असंतुष्ट होने पर TDSAT में अपील का विकल्प होगा

डेटा ब्रेक और शिकायतों का प्रोसेस

किसी डेटा ब्रेक की स्थिति में कंपनियों को प्रभावित लोगों को तुरंत जानकारी देनी होगी। लोग अपना डेटा एक्सेस, करेक्ट, अपडेट या इरेज कराने का अधिकार रखते हैं—और इन रिक्वेस्ट्स का जवाब 90 दिनों में देना पड़ेगा। बोर्ड पूरी तरह डिजिटल होगा और शिकायतें ऐप/ऑनलाइन पोर्टल से दर्ज होंगी।

अब 8 महत्वपूर्ण सवालों के आसान जवाब

1. क्या पहले ऐसी सुविधा नहीं थी?

पहले IT एक्ट 2000 और IT रूल्स 2021 थे, जिनका फोकस कंटेंट और चाइल्ड सेफ्टी पर था। लेकिन ‘वेरिफायबल पैरेंटल कंसेंट’ का कोई सख्त नियम नहीं था—सिर्फ उम्र बताना काफी माना जाता था।

2. अब क्या बदला?

DPDP 2025 के तहत अब बच्चों के किसी भी प्रकार के डेटा के लिए पैरेंटल कंसेंट अनिवार्य है। ट्रैकिंग, टारगेटेड ऐड और बिहेवियर मॉनिटरिंग पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। उम्र की जांच अब AI या ID वेरिफिकेशन से होगी।

3. अब पैरेंट्स को क्या करना होगा?

यदि बच्चा सोशल मीडिया अकाउंट बनाना चाहता है, तो पैरेंट्स को लॉगिन करके ईमेल/फोन वेरिफाई करना होगा और डिजिटल कंसेंट देना होगा। कंसेंट कभी भी वापस लिया जा सकता है।

4. फायदे क्या हैं?

बच्चों की प्राइवेसी और सुरक्षा बढ़ेगी

पैरेंट्स को डेटा पर पूरा कंट्रोल मिलेगा

साइबरबुलिंग और टारगेटेड स्कैम्स कम होंगे

भारत का डेटा लॉ वैश्विक स्तर के बराबर होगा

5. अगर बच्चा झूठी उम्र डाल दे?

ऐप संदेह होने पर अतिरिक्त वेरिफिकेशन मांगेगा। बाद में पता चलने पर डेटा डिलीट करना पड़ेगा और कंपनी पर जुर्माना लग सकता है। बच्चे पर कानूनी जिम्मेदारी नहीं होगी।

6. अगर फोन फॉर्मेट हो जाए?

ऐसे में पुरानी कंसेंट इनवैलिड मानी जा सकती है। दोबारा लॉगिन पर नया कंसेंट लेना होगा। कंपनियों को डेटा का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना पड़ेगा।

7. क्या नियम पूरी तरह सफल होगा?

पूरी तरह नहीं।

बच्चे आसानी से फेक एज डाल सकते हैं

ग्रामीण इलाकों में पैरेंटल वेरिफिकेशन मुश्किल

AI हमेशा सटीक नहीं

8. नियम तोड़ने पर सजा?

कंपनी पर ₹250 करोड़ तक जुर्माना लग सकता है। जांच डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड करेगा।

अगर आप चाहें तो मैं इसे न्यूज़ रिपोर्ट,


...