ओला-उबर में महिलाओं को मिलेगा फीमेल ड्राइवर चुनने का विकल्प

जल्द ही ओला, उबर और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर ऐप्स पर राइड बुक करते समय यात्रियों को सेम-जेंडर ड्राइवर चुनने का विकल्प मिलेगा। खासतौर पर महिला यात्रियों के लिए फीमेल ड्राइवर का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही ट्रिप पूरी होने के बाद यात्रियों को ड्राइवर को टिप देने की सुविधा भी मिलेगी, जिसमें दी गई पूरी राशि सीधे ड्राइवर को ही मिलेगी। इन बदलावों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ाना है।

केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 में संशोधन करते हुए राज्यों को इन्हें लागू करने के निर्देश दिए हैं। नोटिफिकेशन में किसी स्पष्ट प्रभावी तारीख का उल्लेख नहीं है, इसलिए इसे जारी होने की तारीख से लागू माना जा रहा है। इससे पहले जुलाई 2025 में जारी मूल गाइडलाइंस के लिए राज्यों को तीन महीने का समय दिया गया था। संशोधित नियमों के लिए भी इसी तरह की समयसीमा तय की जा सकती है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

कैसे लागू होगा सेम-जेंडर ड्राइवर नियम

ये गाइडलाइंस केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई हैं, जिन्हें राज्य सरकारें अपनी लाइसेंसिंग प्रक्रिया में शामिल करेंगी। कैब एग्रीगेटर कंपनियों को अपने ऐप में तकनीकी बदलाव करने होंगे, ताकि क्लॉज 15.6 के तहत सेम-जेंडर ड्राइवर चुनने का फीचर जोड़ा जा सके। नियमों का पालन न करने पर कंपनियों का लाइसेंस निलंबित या रद्द भी किया जा सकता है। हालांकि, ऐप अपडेट और ग्राउंड लेवल पर इसे लागू करने में कंपनियों को कुछ समय लग सकता है।

महिला ड्राइवरों की कमी बनी चुनौती

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस नियम को व्यावहारिक रूप से लागू करना आसान नहीं होगा। फिलहाल देश में कुल कैब ड्राइवरों में महिला ड्राइवरों की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में सेम-जेंडर ड्राइवर का विकल्प देने से बुकिंग के दौरान वेटिंग टाइम बढ़ सकता है, खासकर देर रात के समय जब ड्राइवरों की उपलब्धता पहले से ही कम रहती है। उबर, ओला और रैपिडो ने फिलहाल इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

टिपिंग नियमों में भी बदलाव

सरकार ने टिपिंग से जुड़े नियमों को भी अधिक पारदर्शी बनाया है। यात्री अब अपनी इच्छा से ड्राइवर को टिप दे सकेंगे, लेकिन यह विकल्प केवल ट्रिप पूरी होने के बाद ही उपलब्ध होगा। बुकिंग या सफर के दौरान टिप का विकल्प नहीं दिखाया जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि दी गई टिप का 100 प्रतिशत हिस्सा ड्राइवर को ही मिलेगा और कैब कंपनियां इसमें कोई कटौती नहीं कर सकेंगी। साथ ही कंपनियों को टिप के लिए किसी भी तरह के भ्रामक या दबाव बनाने वाले तरीके अपनाने की अनुमति नहीं होगी, जो उपभोक्ता संरक्षण कानून के खिलाफ हों।


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3 नई एयरलाइंस को केंद्र की हरी झंडी, देश में हवाई यात्रा को मिलेगा बढ़ावा

केंद्र सरकार ने एविएशन सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और बड़ी एयरलाइनों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से तीन नई एयरलाइंस को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया है। इन एयरलाइंस में शंख एयर, अलहिंद एयर और फ्लाई एक्सप्रेस शामिल हैं। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब हाल के दिनों में कुछ प्रमुख एयरलाइनों के संचालन से जुड़ी समस्याएं सामने आई थीं, जिससे विकल्पों की कमी साफ दिखाई दी।

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारतीय एविएशन बाजार में अधिक से अधिक एयरलाइंस को बढ़ावा देना है। नई कंपनियों के आने से यात्रियों को बेहतर सेवाएं, ज्यादा विकल्प और प्रतिस्पर्धी किराए मिलने की उम्मीद है।

एनओसी के बाद भी लंबी प्रक्रिया

एनओसी मिलने के साथ ही इन कंपनियों को एयरलाइन शुरू करने की प्रारंभिक अनुमति मिल गई है, लेकिन अभी उन्हें डीजीसीए से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) लेना होगा। इसके अलावा विमान बेड़ा तैयार करना, पायलट और स्टाफ की नियुक्ति, मेंटेनेंस व्यवस्था और रूट नेटवर्क तय करना जैसी कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी। यह प्रक्रिया आमतौर पर कई महीनों तक चलती है, जिसमें एयरलाइन की आर्थिक मजबूती और संचालन क्षमता का आकलन किया जाता है।

तीनों नई एयरलाइंस का प्रोफाइल

शंख एयर उत्तर प्रदेश आधारित फुल-सर्विस एयरलाइन होगी, जिसका फोकस बड़े शहरों और प्रमुख राज्यों को जोड़ने पर रहेगा। कंपनी चरणबद्ध तरीके से नेटवर्क विस्तार की योजना बना रही है और 2026 की पहली तिमाही में उड़ानें शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। अगले दो से तीन वर्षों में इसके बेड़े में 20 से 25 विमान शामिल किए जाने की योजना है।

अलहिंद एयर केरल स्थित अलहिंद ग्रुप से जुड़ी है, जो अब तक ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में सक्रिय रहा है। यह एयरलाइन रीजनल और लो-कॉस्ट मॉडल पर काम करेगी और छोटे विमानों के जरिए टियर-2 और टियर-3 शहरों को जोड़ने पर जोर देगी।

फ्लाई एक्सप्रेस का फोकस पैसेंजर के साथ-साथ कार्गो सेवाओं पर रहेगा। घरेलू एयर-कार्गो की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी लॉजिस्टिक्स के जरिए स्थिर आय का अतिरिक्त स्रोत विकसित करना चाहती है।

बाजार में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

सरकार का मानना है कि भारत का घरेलू एविएशन बाजार दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। अधिक एयरलाइंस के आने से उड़ानों और सीटों की संख्या बढ़ेगी, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी और टिकट के दाम प्रतिस्पर्धा के चलते नियंत्रित रहेंगे।

एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि नई एयरलाइंस के लिए असली चुनौती अब शुरू होगी—पूंजी जुटाना, मजबूत नेटवर्क बनाना और भरोसेमंद संचालन सुनिश्चित करना। यदि ये कंपनियां इसमें सफल रहती हैं, तो इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा और देश की एयर कनेक्टिविटी को नई मजबूती मिलेगी।


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यूपी में प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, बिजली विभाग ने बिल में छूट का किया ऐलान

स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को अब बिजली बिल की जानकारी एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। बिजली विभाग ने नवंबर माह का बिल भेजते हुए बताया है कि यदि गलत मोबाइल नंबर के कारण किसी उपभोक्ता को बिल नहीं मिला है, तो वे 1912 पर कॉल कर या संबंधित डिवीजन काउंटर पर जाकर अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा सकते हैं। एसएमएस के जरिए उपभोक्ताओं को शेष बैलेंस की जानकारी भी समय-समय पर दी जाती है, जिससे समय पर रिचार्ज करने में सुविधा होती है। इसके साथ ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में दो प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है।

प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहे विरोध के बीच बिजली विभाग उपभोक्ताओं को इसके फायदे भी समझा रहा है। रिचार्ज की गई राशि 30 प्रतिशत और 10 प्रतिशत शेष रहने पर तथा बैलेंस शून्य होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को एसएमएस अलर्ट भेजा जाता है। बैलेंस समाप्त होने के बाद भी रिचार्ज के लिए तीन दिन की मोहलत दी जाती है। इसके अलावा शाम छह बजे से सुबह आठ बजे तक, रविवार और सार्वजनिक अवकाश के दौरान बिजली कनेक्शन नहीं काटा जाता है।

विभाग ने समय से बिल और भुगतान से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया है। इस एप के जरिए उपभोक्ता बकाया राशि, रिचार्ज स्थिति और बिजली की रोजाना खपत की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। uppcl smart app पर उपभोक्ता घंटे-घंटे की बिजली खपत देख सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि कौन-से उपकरण अधिक बिजली खर्च कर रहे हैं, जिससे खपत नियंत्रित कर बिल कम किया जा सकता है।

प्रदेश में अब तक करीब 56 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 36 लाख प्रीपेड हैं। बिजली विभाग के अनुसार, पारदर्शिता और उपभोक्ता संतुष्टि के लिए पांच प्रतिशत पुराने नॉन-स्मार्ट मीटर चेक मीटर के रूप में लगाए गए हैं और अब तक किसी भी स्मार्ट मीटर के तेज चलने की शिकायत प्रमाणित नहीं हुई है। विभाग का दावा है कि इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट मीटर समान रूप से वास्तविक खपत दर्ज करते हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि स्मार्ट मीटर में रीडिंग और बिलिंग पूरी तरह ऑनलाइन और स्वचालित होती है, जिससे बाहरी हस्तक्षेप की संभावना समाप्त हो जाती है।


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3500 किमी रेंज और 17 टन वजन… भारत ने पनडुब्बी से K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण

भारत ने 23 दिसंबर 2025 को एक पनडुब्बी-प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का सफल और गोपनीय परीक्षण किया। यह परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया, जिसकी पहले से कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई थी। जानकारी के अनुसार, यह परमाणु-सक्षम के-4 मिसाइल का परीक्षण था, जिसे अरिहंत-क्लास परमाणु पनडुब्बी से लॉन्च किया गया। गोपनीयता बनाए रखने के लिए इस परीक्षण से जुड़ा NOTAM भी जारी नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि परीक्षण क्षेत्र में चीनी निगरानी जहाजों की मौजूदगी के चलते यह रणनीतिक कदम उठाया गया।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह सफल परीक्षण भारत की समुद्र आधारित परमाणु क्षमता को और मजबूत करता है। इससे भारत की न्यूक्लियर ट्रायड को मजबूती मिलती है और सेकंड स्ट्राइक क्षमता सुनिश्चित होती है, यानी दुश्मन के पहले हमले के बाद भी प्रभावी जवाबी कार्रवाई की गारंटी रहती है।

के-4 मिसाइल की खासियतें

के-4 मिसाइल स्वदेशी ‘के-सीरीज’ की एक उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। इसे विशेष रूप से अरिहंत-क्लास परमाणु पनडुब्बियों के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 3500 किलोमीटर है। इसकी लंबाई करीब 12 मीटर और व्यास लगभग 1.3 मीटर है। मिसाइल का वजन 17 से 20 टन के बीच है और यह करीब 2 टन तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है।

तकनीकी तौर पर के-4 मिसाइल में कोल्ड लॉन्च सिस्टम, उन्नत 3डी मैन्यूवरिंग क्षमता और बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की विशेषता मौजूद है, जो इसे भारत की रणनीतिक ताकत का अहम हिस्सा बनाती है।


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धुरंधर ने एक तीर से किए दो बड़े शिकार, बुधवार को 1000 करोड़ क्लब में शामिल होने के बेहद करीब

‘धुरंधर’ भले ही 2025 के आखिरी महीने में रिलीज़ हुई हो, लेकिन रणवीर सिंह और अक्षय खन्ना स्टारर इस स्पाई थ्रिलर ने पूरे साल के बॉक्स ऑफिस का समीकरण ही बदल दिया है। 5 दिसंबर को सिनेमाघरों में आई इस फिल्म को रिलीज़ हुए 20 दिन पूरे हो चुके हैं और क्रिसमस से पहले ही यह कई बड़े रिकॉर्ड ध्वस्त कर चुकी है। घरेलू बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ फिल्म ने बुधवार को वर्ल्डवाइड कलेक्शन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की।

सैकनिल्क डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, ‘धुरंधर’ ने 20 दिनों में दुनियाभर में कुल 935.75 करोड़ रुपये का कारोबार कर लिया है। इसके साथ ही फिल्म ने 2023 की ब्लॉकबस्टर ‘एनिमल’ का घरेलू और वर्ल्डवाइड लाइफटाइम कलेक्शन रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिसका कुल कलेक्शन 915 करोड़ रुपये था। यही नहीं, बुधवार को 33 करोड़ रुपये की कमाई के साथ फिल्म ने सलमान खान की 2015 में रिलीज़ हुई ‘बजरंगी भाईजान’ (918.18 करोड़) को भी पीछे छोड़ दिया।

वर्ल्डवाइड कमाई के मामले में अब ‘धुरंधर’ 1000 करोड़ क्लब में शामिल होने से सिर्फ 65 करोड़ रुपये दूर है। अगर फिल्म की मौजूदा रफ्तार बरकरार रहती है, तो जल्द ही यह पठान, जवान और दंगल जैसी फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए बॉक्स ऑफिस की नंबर-1 फिल्मों की सूची में शामिल होने की दावेदार बन सकती है।


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दिल्ली-एनसीआर में टोल नाकों पर जाम बना बड़ी मुसीबत, बढ़ते प्रदूषण के बीच समाधान की तलाश

दिल्ली-एनसीआर एक ओर गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर राजधानी के सभी प्रवेश द्वारों पर बने टोल नाके जाम की बड़ी वजह बने हुए हैं। वाहनों से निकलने वाला धुआं पहले ही प्रदूषण बढ़ा रहा है, ऐसे में टोल वसूली के कारण लगने वाले लंबे जाम स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं। एनसीआर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहन चालकों को सुबह और शाम व्यस्त समय में आधे से एक घंटे तक जाम में फंसना पड़ता है।

बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने इसी समस्या को गंभीर मानते हुए नगर निगम को कुछ टोल नाकों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। पर्यावरणविद लंबे समय से टोल नाकों को स्थायी रूप से हटाने की मांग कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि आरएफआईडी और फास्टैग जैसी स्वचालित प्रणालियां लागू होने के बावजूद दिल्ली के 13 प्रमुख प्रवेश द्वारों पर जाम की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

टोल नाकों पर लगने वाले जाम से न केवल लोगों का कीमती समय बर्बाद होता है, बल्कि ईंधन की खपत बढ़ने से प्रदूषण भी अधिक फैलता है। सवाल यह है कि जब टोल वसूली पूरी तरह स्वचालित की जा सकती है या वैकल्पिक राजस्व मॉडल अपनाए जा सकते हैं, तो फिर मानव आधारित टोल संग्रह क्यों जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि टोल हटाने से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई केंद्रीय या राज्य वित्त आयोग के माध्यम से की जा सकती है।

दिल्ली नगर निगम पहले भी सरकार के समक्ष प्रस्ताव रख चुका है कि टोल के बदले उसे वार्षिक अनुदान या हस्तांतरण शुल्क दिया जाए। इसके अलावा गैंट्री सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीक से बिना वाहन रोके टैक्स वसूली संभव है, जिससे जाम और प्रदूषण दोनों से राहत मिल सकती है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय भी इस तरह की तकनीकी व्यवस्था की वकालत कर चुका है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर एक इकाई की तरह काम करता है। लाखों लोग रोज़ाना एक राज्य से दूसरे राज्य में काम के लिए आवाजाही करते हैं। ऐसे में अलग-अलग टोल वसूली न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि जीएसटी जैसे एकल कर प्रणाली की भावना के भी विपरीत है। दिल्ली के पांचवें वित्त आयोग ने भी एमसीडी के टोल टैक्स को समाप्त करने की सिफारिश की है।

कुल मिलाकर, टोल नाकों पर लगने वाला जाम केवल यातायात की समस्या नहीं, बल्कि प्रदूषण, समय और आर्थिक नुकसान का भी बड़ा कारण है। अब जरूरत इस बात की है कि संबंधित एजेंसियां इच्छाशक्ति दिखाएं और स्थायी, तकनीकी व पारदर्शी समाधान लागू करें, ताकि राजधानी और एनसीआर के लोगों को जाम व प्रदूषण से राहत मिल सके।


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क्रिसमस पर दिल्ली के चर्च में विशेष प्रार्थना सभा में शामिल हुए पीएम मोदी, देशवासियों को दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को क्रिसमस के अवसर पर दिल्ली स्थित द कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में भाग लिया। इस दौरान दिल्ली और उत्तर भारत से बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग मौजूद रहे। प्रार्थना सभा में कैरोल, भजन और सामूहिक प्रार्थनाओं के साथ दिल्ली के बिशप राइट रेवरेंड पॉल स्वरूप द्वारा प्रधानमंत्री के लिए विशेष प्रार्थना की गई।

इस मौके की जानकारी पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। उन्होंने लिखा कि क्रिसमस की सुबह की यह प्रार्थना सभा प्रेम, शांति और करुणा के शाश्वत संदेश से ओत-प्रोत रही। उन्होंने कामना की कि क्रिसमस की भावना समाज में सद्भाव और सौहार्द को और मजबूत करे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यीशु मसीह की शिक्षाएं समाज में शांति, करुणा और आशा का संचार करती रहें।


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2025 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी ‘धुरंधर’

रणवीर सिंह की फिल्म धुरंधर बॉक्स ऑफिस पर लगातार नए रिकॉर्ड कायम कर रही है। रिलीज के 18वें दिन तक फिल्म का कुल वर्ल्डवाइड कलेक्शन 877 करोड़ रुपये पहुंच चुका है। इसके साथ ही धुरंधर 2025 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड ऋषभ शेट्टी की कन्नड़ फिल्म कांतारा: द लीजेंड – चैप्टर 1 के नाम था, जिसने 850 करोड़ रुपये की कमाई की थी। हालांकि, भारतीय सिनेमा के ऑल-टाइम ग्रॉसर्स की सूची में धुरंधर फिलहाल 11वें स्थान पर है।

भारत में 598 करोड़ की कमाई

भारत में फिल्म ने अब तक 598 करोड़ रुपये का कारोबार कर लिया है। सोमवार को फिल्म ने 19.70 करोड़ रुपये की कमाई की, जबकि दूसरे रविवार को इसका कलेक्शन 40 करोड़ रुपये रहा। दूसरे वीकेंड की कमाई के मामले में धुरंधर ने रणबीर कपूर की सुपरहिट फिल्म एनिमल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। एनिमल ने रिलीज के 17वें दिन 14.5 करोड़ रुपये कमाए थे, जबकि धुरंधर ने उसी दिन 38.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया।

बॉलीवुड की छठी सबसे ज्यादा कमाऊ हिंदी फिल्म

रिलीज के महज 18 दिनों में ही धुरंधर ने स्त्री 2, सीक्रेट सुपरस्टार, सुल्तान और छावा जैसी फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए बॉलीवुड की छठी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म का दर्जा हासिल कर लिया है। फिलहाल ऑल-टाइम लिस्ट में आमिर खान की फिल्म 1968 करोड़ रुपये के साथ पहले स्थान पर है। मौजूदा रफ्तार को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि क्रिसमस के आसपास धुरंधर बजरंगी भाईजान और एनिमल को पछाड़कर चौथे स्थान पर पहुंच सकती है।



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BCCI ने महिला क्रिकेटरों की घरेलू मैच फीस बढ़ाई

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने महिला क्रिकेटरों की घरेलू मैच फीस में बड़ी बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, अब महिला खिलाड़ियों को फर्स्ट क्लास और वनडे मैचों में प्रति दिन 50 हजार रुपये जबकि टी-20 मैच खेलने पर 25 हजार रुपये की फीस मिलेगी। इससे पहले महिला खिलाड़ियों को घरेलू मुकाबलों में काफी कम भुगतान किया जाता था। BCCI पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महिला खिलाड़ियों की मैच फीस पुरुषों के बराबर कर चुका है।

घरेलू क्रिकेट में पुरुषों के बराबर फीस

22 दिसंबर को हुई BCCI की ऑनलाइन बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। इसके तहत अब घरेलू क्रिकेट में महिला और पुरुष खिलाड़ियों को समान मैच फीस मिलेगी। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में प्लेइंग-11 का हिस्सा रहने वाली खिलाड़ी को प्रति दिन 50 हजार रुपये मिलेंगे, जबकि बेंच पर बैठने वाली खिलाड़ियों को 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। वनडे मैचों में भी प्लेइंग-11 की खिलाड़ियों को 50 हजार और अतिरिक्त खिलाड़ियों को 25 हजार रुपये मिलेंगे।

टी-20 में भी बढ़ी फीस

टी-20 मुकाबलों में प्लेइंग-11 में शामिल महिला खिलाड़ियों को 25 हजार रुपये मिलेंगे, जबकि बेंच पर बैठने वाली खिलाड़ियों को 12,500 रुपये दिए जाएंगे। इससे पहले तीनों फॉर्मेट में प्लेइंग-11 की खिलाड़ियों को केवल 20 हजार रुपये और बेंच खिलाड़ियों को 10 हजार रुपये ही मिलते थे।

जूनियर महिला खिलाड़ियों को भी फायदा

BCCI ने स्टेट और जोनल टीमों से खेलने वाली जूनियर महिला खिलाड़ियों की मैच फीस भी बढ़ा दी है। अब वनडे और फर्स्ट क्लास मैचों में प्लेइंग-11 का हिस्सा बनने पर 25 हजार रुपये और बेंच खिलाड़ियों को 12,500 रुपये मिलेंगे। टी-20 में प्लेइंग-11 की खिलाड़ियों को 12,500 और अतिरिक्त खिलाड़ियों को 6,250 रुपये दिए जाएंगे।

एक सीजन में बढ़ेगी कमाई

BCCI के मुताबिक, पहले सीनियर महिला खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट के एक सीजन में लीग स्टेज खेलने पर करीब 2 लाख रुपये मिलते थे। अब चार वनडे मैच खेलने पर ही खिलाड़ी इतनी राशि कमा लेंगी। पूरे सीजन में खिलाड़ियों की कमाई 5 से 7 लाख रुपये तक पहुंच सकती है, जो मैचों की संख्या बढ़ने के साथ और ज्यादा होगी।

अंपायर्स और मैच रेफरी की फीस में भी इजाफा

महिला क्रिकेट के साथ-साथ BCCI ने अंपायर्स और मैच रेफरी की फीस बढ़ाने का भी फैसला किया है। अब लीग स्टेज में अंपायर्स को एक दिन की अंपायरिंग के लिए 40 हजार रुपये मिलेंगे, जबकि नॉकआउट मुकाबलों में यह फीस 50 से 60 हजार रुपये तक होगी। देश के 79 मैच रेफरी की फीस भी अंपायर्स के बराबर तय की गई है।


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दिल्ली एयरपोर्ट पर घना कोहरा, विजिबिलिटी घटने से 270 उड़ानें लेट; 10 रद्द

मंगलवार को घने कोहरे और बेहद कम दृश्यता के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा। हालात ऐसे रहे कि 10 उड़ानों को रद्द करना पड़ा, जबकि 270 से अधिक फ्लाइट्स तय समय से देरी से संचालित हुईं।

एक अधिकारी के अनुसार, रद्द की गई उड़ानों में 6 आगमन और 4 प्रस्थान शामिल हैं। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटरडार24 के मुताबिक, दिनभर में 270 से ज्यादा उड़ानों में देरी दर्ज की गई, जबकि प्रस्थान उड़ानों में औसतन 29 मिनट की देरी हुई।

दिल्ली हवाई अड्डे के संचालक दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि दृश्यता में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, हालांकि कुछ गंतव्यों के लिए उड़ानों के प्रस्थान में अब भी देरी हो सकती है। गौरतलब है कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रतिदिन लगभग 1,300 उड़ानों का आवागमन होता है।


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