भारत S-400 सुदर्शन चक्र मिसाइल सिस्टम के लिए 10 हजार करोड़ की खरीद करेगा

भारत और रूस के बीच रक्षा से जुड़ी बहुत बड़ी डील होने वाली है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ाने पर काम कर रही है। इसी सिलसिले में भारत और रूस के बीच करीब 10,000 करोड़ रुपए की मिसाइल डील होने वाली है। वायुसेना का S-400 डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान के खिलाफ कमाल दिखा चुका है। इसने पाकिस्तान के कई लड़ाकू विमानों को मार गिराया था।

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक वायुसेना अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए इन मिसाइलों को खरीदना चाहती है। इस सौदे को लेकर भारत और रूस के बीच बात चल रही है। रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परीषद की बैठक 23 अक्टूबर को होने वाली है, जिसमें इस डील को लेकर बातचीत होगी। भारतीय वायुसेना मिसाइलों को सुरदर्शन और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए खरीदने वाली है।

वायुसेना S-400 स्क्वॉड्रन की संख्या बढ़ाने का प्लान कर रही है। उसे रूस से तीन स्क्वॉड्रन पहले ही मिल चुके हैं, जो कि ऑपरेशनल हैं। अब चौथे स्क्वॉड्रन की भी जल्द ही डिलीवरी हो सकती है। दरअसल चौथे स्क्वॉड्रन की डिलीवरी से ठीक पहले रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया था। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच S-500 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर भी बात चल रही है। भारत और रूस नई एयर-टू-एयर मिसाइलों को लेकर भी बात कर रहे हैं।

भारत ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल और उसके नए वेरिएंट को लेकर भी विचार कर रहा है। भारत और रूस के बीच ब्रह्मोस को लेकर भी बात चल रही है। रूस भारत का रक्षा क्षेत्र का बड़ा साझेदार है। वह ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के लिए और भी कई अहम कदम उठाने वाला है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के अंत में भारत दौरे पर आने वाले हैं। उनका भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरान भारत और रूस के बीच कई डीलें हो सकती हैं।


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तमिलनाडु में भारी बारिश से हाहाकार, कई जिलों में रेड अलर्ट के बाद स्कूलों में छुट्टी

तमिलनाडु और पुडुचेरी में पिछले 24 घंटों से लगातार भारी बारिश हो रही है। इसके चलते कई जिलों में जनजीवन प्रभावित है। चेन्नई में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का यह सिलसिला अगले 24 घंटों तक जारी रहने की संभावना है।

चक्रवात के कारण तटीय इलाकों में भारी वर्षा

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के सक्रिय होने के कारण तटीय इलाकों में भारी वर्षा और समुद्र में उफान देखा जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने तमिलनाडु के तटों पर रेड अलर्ट जारी किया है।

कई जिलों में रिकॉर्ड बारिश

स्थानीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह 8:30 बजे से बुधवार सुबह 5:30 बजे तक सबसे अधिक 174 मिमी बारिश कुड्डालोर में दर्ज की गई। पुडुचेरी में 146.5 मिमी, कलावई 100 मिमी, नेवेली 95 मिमी और चेन्नई में 89 मिमी बारिश हुई।

इसके अलावा मदुरै में 41 मिमी, तिरुचिरापल्ली 28 मिमी और सलेम 18.9 मिमी के साथ कई अंदरूनी जिलों में हल्की बारिश हुई।

बिगड़े हालात, मेट्टूर डैम में पानी की अधिकता

लगातार बारिश के कारण तमिलनाडु में तालाबों और डैमों का जलस्तर बढ़ गया है। चेन्नई में रातभर हुई बारिश से पेड़ों की टहनियां गिर गईं। मेट्टूर डैम में पानी अपनी क्षमता से अधिक भर गया है। तटीय जिलों में भी भारी बारिश जारी है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने की समीक्षा बैठक

राज्य में बारिश के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने सतर्क रहने और बचाव व राहत कार्यों के लिए मैदान में सक्रिय रहने का निर्देश दिया।

चेन्नई में स्कूल बंद

चेन्नई की जिला कलेक्टर रश्मि सिद्धार्थ जगड़े ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

IMD की चेतावनी और मछुआरों के लिए सलाह

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों में उत्तरी तटीय तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है।

मछुआरों को समुद्री इलाकों से दूर रहने और बंगाल की खाड़ी में जाने से बचने की सलाह दी गई है। विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि महीने के आखिर में एक और लो-प्रेशर एरिया बन सकता है, जो साइक्लोन में बदल सकता है।




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ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा बने मानद लेफ्टिनेंट कर्नल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख ने किया सम्मानित

ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को बुधवार को भारतीय सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि प्रदान की गई। यह सम्मान समारोह दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में आयोजित हुआ। नीरज को यह सम्मान एथलेटिक्स में असाधारण उपलब्धियों और देश के युवाओं को प्रेरित करने में उनके योगदान के लिए दिया गया है। इसके साथ ही वह उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं जिन्हें खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सेना में मानद पद से नवाजा गया है।

‘द गैजेट ऑफ इंडिया’ के अनुसार, यह नियुक्ति 16 अप्रैल से प्रभावी हुई है। नीरज ने 26 अगस्त 2016 को भारतीय सेना में नायब सूबेदार के रूप में कमीशन प्राप्त किया था। इसके बाद शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें 2018 में अर्जुन अवॉर्ड और 2021 में खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ओलंपिक में लहराया था भारत का परचम

टोक्यो ओलंपिक 2020 में नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर के थ्रो के साथ ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। इसके बाद उन्हें सेना में सूबेदार के पद पर प्रमोट किया गया। 2022 में भारतीय सेना ने उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया और बाद में सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया। इसी वर्ष उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से भी नवाजा गया।

पेरिस ओलंपिक में मिला सिल्वर

पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 89.45 मीटर के थ्रो से सिल्वर मेडल जीता। इस प्रतियोगिता में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड अपने नाम किया।



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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बाल-बाल बचीं, हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान हेलीपैड का हिस्सा धंसा

पुलिस और अग्निशमन दल ने हाथ से धक्का देकर निकाला, बड़ी दुर्घटना टली

केरल के सबरीमाला दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ बुधवार सुबह एक हादसा होते-होते टल गया।

उनका हेलीकॉप्टर प्रमादम स्थित राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम में उतरते समय अचानक कंक्रीट के गड्ढे में धंस गया।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी और अग्निशमन बल के जवान मिलकर हेलीकॉप्टर को हाथ से धक्का देकर बाहर निकालते नजर आ रहे हैं।

बाल-बाल बचीं राष्ट्रपति, सड़क मार्ग से रवाना हुईं पंबा

घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने स्थिति को संभाल लिया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी को कोई चोट नहीं आई।

हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद राष्ट्रपति सड़क मार्ग से पंबा स्थित सबरीमाला मंदिर के लिए रवाना हो गईं।

कैसे धंसे हेलीकॉप्टर के पहिए?

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पहले राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर पंबा के पास निलक्कल में उतरने वाला था,

लेकिन खराब मौसम के कारण स्टेडियम में आपात रूप से लैंडिंग की व्यवस्था की गई।

उन्होंने बताया कि मंगलवार देर रात स्टेडियम में हेलीपैड तैयार किया गया था,

मगर सुबह तक कंक्रीट पूरी तरह सूखा नहीं था।

जब हेलीकॉप्टर उतरा, तो उसका वजन सहन न कर पाने के कारण कंक्रीट धंस गया और चॉपर के पहिए उसमें फंस गए।

दक्षिणी राज्यों के चार दिवसीय दौरे पर राष्ट्रपति

राष्ट्रपति मुर्मू इन दिनों दक्षिण भारत के चार दिवसीय दौरे पर हैं।

मंगलवार शाम को वह केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुंचीं थीं।

बुधवार सुबह उन्होंने पथानामथिट्टा जिले के सबरीमाला मंदिर के दर्शन के लिए रवाना होना था,

जहां यह घटना होते-होते टल गई।


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दीपिका पादुकोण-रणवीर सिंह ने दिखाई बेटी की पहली झलक

सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तस्वीरें, सेलेब्स ने की तारीफों की बौछार

दिवाली के खास मौके पर बॉलीवुड कपल दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने अपनी बेटी दुआ पादुकोण सिंह का चेहरा रिवील किया है।

कपल ने दिवाली सेलिब्रेशन की कई खूबसूरत तस्वीरें साझा कीं, जिनमें दोनों अपनी बेटी दुआ को गोद में लिए नजर आ रहे हैं।

पोस्ट के साथ दीपिका और रणवीर ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा— “दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।”

दुआ की खूबसूरती पर फिदा हुए सेलेब्स

दुआ की तस्वीरें सामने आते ही बॉलीवुड सेलेब्स ने कमेंट्स की झड़ी लगा दी।

राजकुमार राव ने कमेंट कर दुआ की क्यूटनेस की तारीफ की, वहीं प्रियंका चोपड़ा ने भी पोस्ट पर आशीर्वाद भेजते हुए लिखा, “गॉड ब्लेस हर।”

पहले भी वायरल हुआ था दुआ का एयरपोर्ट वीडियो

इससे पहले अगस्त में दुआ का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उनका चेहरा पहली बार साफ नजर आया था।

यह वीडियो एयरपोर्ट का था, जहां एक फैन ने चोरी-छिपे दीपिका की गोद में बैठी दुआ का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया था।

इस दौरान दीपिका नाराज नजर आईं और फैन को रिकॉर्ड न करने की हिदायत दी थी। हालांकि, वीडियो तेजी से वायरल हो गया था, जिसके बाद एक्ट्रेस की टीम ने उसे इंटरनेट से हटवाया।

सोशल मीडिया पर हो रही तुलना

दुआ की तस्वीरें सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर उनके लुक की तुलना दीपिका और रणवीर दोनों से की जा रही है।

फैंस का कहना है कि दुआ में रणवीर सिंह की झलक सबसे ज्यादा नजर आती है, जबकि कुछ लोगों को उसमें दीपिका की मुस्कान दिख रही है।

प्यार, शादी और पैरेंटहुड का सफर

दीपिका और रणवीर की लव स्टोरी साल 2012 में “गोलियों की रासलीलाः रामलीला” के सेट से शुरू हुई थी।

करीब तीन साल के रिलेशन के बाद 2015 में रणवीर ने दीपिका को शादी के लिए प्रपोज किया। दोनों ने चुपचाप सगाई की और 2018 में इटली के विला डेल बालबियानो में डेस्टिनेशन वेडिंग की थी।

दीपिका ने 8 सितंबर 2024 को बेटी दुआ को जन्म दिया था।

गूगल पर ट्रेंड कर रही हैं दुआ पादुकोण सिंह

दुआ का चेहरा सामने आने के बाद से ही इंटरनेट पर उनकी चर्चा जोरों पर है।

गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक, “Dua Padukone Singh” नाम लगातार सर्च लिस्ट में ऊपर बना हुआ है।

फैंस उनकी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हुए दुआ को “स्टार किड ऑफ द ईयर” बता रहे हैं।


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दिवाली की खुशियों के बाद सांस लेना मुश्किल: दिल्ली की हवा फिर जहरीली

AQI ‘गंभीर’ स्तर पर, कई इलाकों में 400 पार; सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ी धज्जियां

दिवाली के दूसरे दिन बुधवार को भी दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण की धुंध छाई हुई है। हवा की गुणवत्ता अब भी जहरीली बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 345 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ कैटेगरी में आता है।

राजधानी के कई इलाकों में AQI 400 पार बना हुआ है। पंजाबी बाग में AQI 433 और वजीरपुर में 401 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली के 38 में से 34 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर पॉल्यूशन का स्तर अब भी रेड जोन में है, यानी हवा की क्वालिटी ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर पर बनी हुई है।

हरियाणा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित

दिवाली के बाद देश में हरियाणा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही है। CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे प्रदूषित 10 शहरों में से 8 हरियाणा के हैं और 1 राजस्थान का है। दिल्ली इस सूची में 10वें स्थान पर है।

सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बावजूद दिवाली पर फूटे पटाखे

सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को दिल्ली-NCR में 18 से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखे बेचने और फोड़ने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा था कि इन 4 दिनों में सुबह 6 से 7 बजे और रात में 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे।

हालांकि, दीवाली की रात कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं। लोगों ने सुबह से देर रात तक पटाखे फोड़े, जिससे मंगलवार सुबह दिल्ली घने धुएं की चादर में लिपटी दिखी। रात में भारी मात्रा में पटाखे फोड़ने के कारण एयर क्वालिटी रेड जोन में पहुंच गई।

मंत्री ने पंजाब की पराली को बताया प्रदूषण की वजह

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब में पराली जलाने को प्रदूषण का बड़ा कारण बताया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने वीडियो दिखाते हुए कहा कि पंजाब की AAP सरकार ने किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर किया, जिससे दिल्ली की हवा और खराब हो गई।

GRAP के स्टेज और लागू नियम

दिल्ली-NCR में प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP (Graded Response Action Plan) लागू है:

स्टेज I: खराब (AQI 201–300)

स्टेज II: बहुत खराब (AQI 301–400)

स्टेज III: गंभीर (AQI 401–450)

स्टेज IV: गंभीर प्लस (AQI 450 से अधिक)

वर्तमान में GRAP-I लागू है। इसके तहत NCR की एजेंसियों को 27 निवारक उपायों को सख्ती से लागू करना होगा — जिनमें एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव, सड़क निर्माण और रखरखाव में धूल नियंत्रण जैसे कदम शामिल हैं।

विशेषज्ञों की सलाह: बाहर निकलते समय मास्क जरूरी

गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने लोगों को सलाह दी है कि बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनें। प्रदूषण से बचाव के लिए सुबह की वॉक और आउटडोर एक्सरसाइज से परहेज़ करने की भी सलाह दी गई है।

पराली जलाने पर सख्त कानून

उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे प्रदूषण तेजी से बढ़ता है। दिल्ली के पास हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है।

2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था। बाद में केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत नियम बनाए। इसके अनुसार:

2 एकड़ तक की जमीन पर पराली जलाने पर ₹5,000 जुर्माना।

2 से 5 एकड़ पर ₹10,000 जुर्माना।

5 एकड़ से ज्यादा पर ₹30,000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है।


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मध्यप्रदेश में हर जिले में दवाओं की जांच की तैयारी

जहरीले सिरप से 26 बच्चों की मौत के बाद सरकार सख्त, 211 करोड़ का प्रस्ताव तैयार

मध्यप्रदेश में जहरीले सिरप से 26 बच्चों की मौत के बाद अब राज्य सरकार दवाओं में होने वाली मिलावट की जांच माइक्रो लेवल पर कराने की तैयारी में है। इसके लिए दवाओं की जांच के पूरे सिस्टम को अपग्रेड करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

दावा है कि जिलों में मोबाइल लैब की मदद से जांच की जाएगी। इस बदलाव पर करीब 211 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह प्रस्ताव राज्य औषधि सुरक्षा और नियामक सुदृढ़ीकरण योजना (SSDRS 2.0) के तहत केंद्र सरकार को भेजा गया है।

अब हर जिले में ड्रग इंस्पेक्टर का स्वतंत्र कार्यालय

अब तक दवाओं की जांच सिर्फ भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर तक सीमित थी। अब हर जिले में ड्रग इंस्पेक्टर का स्वतंत्र कार्यालय बनाया जाएगा, जिस पर 110 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

अभी छोटे जिलों में ड्रग इंस्पेक्टर्स अस्थायी रूप से अन्य कार्यालयों में बैठते हैं, लेकिन नए ऑफिस में आधुनिक आईटी सिस्टम, सर्वर, कंप्यूटर और प्रशिक्षण हॉल जैसे सभी जरूरी इंतजाम होंगे। दवा निरीक्षण, लाइसेंसिंग और रिपोर्टिंग प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे सैंपलिंग, मॉनिटरिंग और जांच की रफ्तार बढ़ेगी। इसके साथ ही नए ड्रग इंस्पेक्टर्स के पदों पर भर्ती भी की जाएगी।

लैब अपग्रेडेशन और नई तकनीक पर जोर

राज्य की चारों स्टेट ड्रग लैब्स — भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर — को 50 करोड़ रुपए की लागत से अपग्रेड किया जाएगा। इन लैब्स में अब माइक्रोबायोलॉजी और स्टेरिलिटी टेस्टिंग यूनिट्स स्थापित होंगी, जो यह जांचेंगी कि किसी दवा में फंगस, बैक्टीरिया या किसी अन्य रासायनिक मिलावट की मौजूदगी तो नहीं है।

लैब्स को NABL मान्यता दिलाने की प्रक्रिया भी इस प्रस्ताव में शामिल है। साथ ही एक नई माइक्रोबायोलॉजी लैब भी बनाई जाएगी, जहां अब तक संभव न रही जांचें भी की जा सकेंगी।

मोबाइल लैब और हैंडहेल्ड डिवाइस से होगी मौके पर जांच

राज्य सरकार 4 करोड़ रुपए की लागत से हैंडहेल्ड डिवाइस खरीदेगी, जिनसे मौके पर ही दवा की जांच की जा सकेगी। इसके अलावा मोबाइल लैब्स भी तैयार की जाएंगी ताकि जिलों में तुरंत सैंपल टेस्टिंग की जा सके।

36 करोड़ रुपए ड्रग इंस्पेक्टर, लैब असिस्टेंट, केमिस्ट और डेटा एंट्री ऑपरेटर की भर्ती और वेतन के लिए।

2 करोड़ रुपए से प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा, जहां अफसरों को आधुनिक जांच तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी।

जहरीले सिरप से 26 बच्चों की मौत के बाद कार्रवाई तेज

प्रदेश में जहरीला कफ सिरप पीने से अब तक 26 बच्चों की मौत हो चुकी है। शुरुआती जांच में मौत की वजह किडनी फेल होना बताई गई थी, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार सिरप में मौजूद डायएथिलीन ग्लाइकॉल केमिकल ने बच्चों के अन्य अंगों — जैसे लिवर, फेफड़े और ब्रेन — को भी नुकसान पहुंचाया था।

इस हादसे के बाद सरकार ने राज्यभर में दवाओं की गुणवत्ता जांचने की दिशा में बड़ी कार्रवाई शुरू की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।


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अमेरिका में फूड डिलीवरी करके गुजारा कर रहे सरकारी कर्मचारी

22 दिन से जारी सरकारी शटडाउन बना दूसरा सबसे लंबा

अमेरिका में 1 अक्टूबर से शुरू हुआ सरकारी शटडाउन अब 22वें दिन में पहुंच गया है। इससे लाखों फेडरल कर्मचारियों की सैलरी रुकी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई सरकारी कर्मचारी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने और ईएमआई भरने के लिए फूड डिलीवरी या दूसरी अस्थायी नौकरियां कर रहे हैं।

सीनेट में 11वीं बार फेल हुआ फंडिंग बिल

20 अक्टूबर को संसद के ऊपरी सदन सीनेट में फंडिंग बिल पर 11वीं बार वोटिंग हुई, लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रस्ताव को फिर से खारिज कर दिया गया। इस कारण यह अमेरिकी इतिहास का दूसरा सबसे लंबा शटडाउन बन गया है।

हेल्थ केयर प्रोग्राम पर अड़ी दोनों पार्टियां

डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों के बीच ओबामा हेल्थ केयर सब्सिडी प्रोग्राम को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।

डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि हेल्थ केयर की सब्सिडी बढ़ाई जाए, जबकि रिपब्लिकन का कहना है कि इससे सरकारी खर्च बढ़ेगा और बाकी विभागों के कामकाज प्रभावित होंगे।

एयर ट्रैफिक कंट्रोलर सबसे ज्यादा प्रभावित

CNN की रिपोर्ट के अनुसार, शटडाउन का सबसे बुरा असर एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों पर पड़ रहा है। इन्हें जरूरी कर्मचारी माना जाता है, इसलिए शटडाउन शुरू होने के बावजूद इन्हें लगातार काम करना पड़ रहा है — लेकिन बिना वेतन के।

कई कंट्रोलर अब अपनी नियमित शिफ्ट खत्म करने के बाद दूसरी नौकरियां करने को मजबूर हैं। वे गुजारा करने के लिए Uber चला रहे हैं, खाना डिलीवर कर रहे हैं या रेस्टोरेंट में काम कर रहे हैं।

नेशनल एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स एसोसिएशन (NATCA) के अध्यक्ष निक डेनियल्स ने कहा कि हालात बेहद गंभीर हैं। उनके मुताबिक, “हमें बताया जाता है कि हमें पैसे दे दिए जाएंगे, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।”

उड़ानों में देरी और रद्द होने की घटनाएं बढ़ीं

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक आर्थिक तनाव और थकान का असर उड़ानों के संचालन पर पड़ सकता है।

FlightAware के मुताबिक, अकेले रविवार को ही 7,800 से अधिक उड़ानें देरी से हुईं और 117 उड़ानें रद्द की गईं। इस महीने की शुरुआत में एक सप्ताह में हुई 23,000 उड़ानों की देरी में से आधे से अधिक की वजह कर्मचारियों की कमी थी।

यह शटडाउन चार वजहों से अलग है

डेमोक्रेट्स का ट्रम्प पर वार: वे स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी बचाना चाहते हैं और ट्रम्प की फंडिंग रोकने की पावर को चुनौती दे रहे हैं।

रिपब्लिकन्स का मौका: ट्रम्प इसे सरकारी नौकरियों और डेमोक्रेटिक प्रोग्राम्स में कटौती का अवसर मानते हैं।

विश्वास की कमी: पहले देर रात बातचीत से समझौते हो जाते थे, अब दोनों एक-दूसरे पर इल्जाम लगा रहे हैं।

अर्थव्यवस्था पर जोखिम: 7.5 लाख कर्मचारी बिना वेतन छुट्टी पर हैं, जिससे खर्च घटा है और GDP में हर हफ्ते 0.2% की गिरावट आ रही है।

कर्मचारियों और सेवाओं पर असर

करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी बिना सैलरी के छुट्टी पर हैं। सेना, पुलिस, बॉर्डर सिक्योरिटी और एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसे आवश्यक कर्मचारियों को बिना सैलरी काम करना पड़ रहा है।

हवाई यात्रा प्रभावित हो रही है, लोअर-इनकम परिवारों को फूड सहायता न मिलने का खतरा है और टूरिज्म पर भी असर दिखने लगा है।

परमाणु सुरक्षा एजेंसी में भी संकट

नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एजेंसी ने 1,400 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा है। एनर्जी सेक्रेटरी क्रिस राइट ने कहा, “ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इससे परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।”

ट्रम्प के लिए फायदा या नुकसान?

शटडाउन के दौरान ट्रम्प प्रशासन यह तय करता है कि कौन सी सेवाएं जरूरी हैं और कौन सी नहीं। इससे वे डेमोक्रेट समर्थित प्रोग्राम जैसे शिक्षा, पर्यावरण और स्वास्थ्य सब्सिडी को ‘गैर-जरूरी’ घोषित कर सकते हैं।

हालांकि लंबे शटडाउन से आर्थिक नुकसान बढ़ेगा, जो ट्रम्प की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।

शटडाउन क्या है?

अमेरिका का वित्तीय वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होता है। अगर इस तारीख तक नया बजट पास नहीं होता, तो सरकारी कामकाज ठप हो जाता है — इसे ही सरकारी शटडाउन कहा जाता है।

पुराने शटडाउन की घटनाएं

2013: कनाडा सीमा की साफ-सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ एक कर्मचारी पर रह गई थी।

2013: अमेरिकी सैनिकों के कब्रिस्तान बंद कर दिए गए थे।

2018: वेतन न मिलने के कारण कई एयरपोर्ट कर्मचारी काम पर नहीं गए, जिससे उड़ानें रद्द हुईं।

2018: FBI डायरेक्टर ने कहा था कि पैसे खत्म हो चुके हैं, जिससे एजेंसी के कामकाज पर असर पड़ा।


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दीवाली के बाद दम घोंटने लगी दिल्ली की हवा, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना राजधानी

 दीवाली पर पटाखों के इस्तेमाल के बाद दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। इस बात की जानकारी स्विस ग्रुप आईक्यूएयर ने दी। इसके मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई और इसकी रीडिंग दुनिया में सबसे ज्यादा थी।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों पटाखों पर बैन में ढील दी थी और सिर्फ ग्रीन पटाखों फोड़ने के इस्तेमाल की इजाजत दी थी। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट की तय समय सीमा के बाद भी पटाखे फोड़े गए।

कितनी रही दिल्ली की एयर क्वालिटी?

नई दिल्ली के लिए IQAir की रीडिंग 442 थी, जिससे भारतीय राजधानी दुनिया का सबसे प्रदूषित बड़ा शहर बन गई। इसका PM 2.5 कंसंट्रेशन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की बताई गई सालाना गाइडलाइन से 59 गुना ज्यादा था। पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ होता है, जिसका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है और ये फेफड़ों में जा सकता है। इसका स्तर बढ़ने पर धुंध बढ़ती है और दिल की समस्याओं का खतरा होता है।

आने वाले दिनों में भी दिल्ली को नहीं मिलेगी राहत

इसके अलावा भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने भी शहर की एयर क्वालिटी को "बहुत खराब" बताया है, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 रहा। CPCB 0-50 के AQI को अच्छा मानता है। आने वाले दिनों में दिल्ली को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि अर्थ साइंसेज मिनिस्ट्री का अनुमान है कि एयर क्वालिटी "बहुत खराब से खराब" कैटेगरी में रहेगी और AQI लेवल 201 से 400 के बीच रहेगा।


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ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू होगी शीतकालीन पूजा, श्रद्धालुओं के लिए खास अवसर

विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट भाई दूज पर्व यानी 23 अक्‍टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बुधवार को विशेष पूजा अर्चना के बाद केदारबाबा की पंचमुखी डोली को मंदिर में विराजमान किया जाएगा। आगामी छह माह की पूजा अर्चना एवं भोले बाबा के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होंगे। वहीं बद्री-केदार मंदिर समिति मंदिर के कपाट बंद करने को लेकर तैयारियों में जुट गई है। वहीं कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को 12 कुन्तल फूलों से सजाया गया है।

गत शनिवार को केदारनाथ की पहाडी पर स्थित भैरवनाथ के कपाट बंद होने के बाद अब धाम के कपाट बंद करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बुधवार को बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति की उत्सव डोली में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद 23 अक्टूबर यानी भैयादूज के अवसर पर परंपरा के अनुसार सुबह साढे चार बजे बाबा केदारनाथ को पूजा अर्चना, अभिषेक एवं अारती के साथ भोग लगाया जाएगा। जिसके बाद समाधि पूजा के उपरान्त भगवान छह महीने के लिए समाधि दी जाएगी।

ठीक साढे 8 बजे गर्भगृह के कपाट बंद किए जाएंगे। सभामंडप में स्थापित बाबा केदार की पंचमुखी डोली के सुबह 8:30 बजे मंदिर से बहार आने के बाद पौराणिक विधिविधान के साथ मंदिर के मुख्य कपाट के साथ ही पीछे के कपाट को बंद कर सील किया जाएगा। इसी दिन बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली रात्रि प्रवास के लिए अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी।

24 अक्टूबर को श्री केदारनाथ भगवान की चल-विग्रह डोली रामपुर से प्रातः प्रस्थान कर फाटा, नारायकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 25 अक्टूबर को चल-विग्रह डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रस्थान कर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। जहां पर शीतकाल में केदार बाबा की छह माह की नित्य पूजाएं संपन्न होंगी। मंदिर के कपाट बंद करने को लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति तैयारियों में जुट गई है।

मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वाईएस पुष्पवाण ने बताया कि केदारनाथ के कपाट बंद करने को लेकर मंदिर समिति ने तैयारियां शुरू कर दी है। आगामी 23 अक्टूबर को ठीक 8.30 बजे के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद शीतकाल के छह माह तक आेंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान की नित्य पूजाएं संपन्न होंगी। बताया कि मंदिर को 12 कुन्तल फूलों से सजाया गया है।


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