उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया पूरी, 2.89 करोड़ वोटरों के नाम हटे, 9.57 लाख ने नहीं जमा किए फॉर्म

उत्तर प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके तहत फाइनल आंकड़े और ड्राफ्ट मतदाता सूची 31 दिसंबर को जारी की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में 2.89 करोड़ मतदाता अनकलेक्टेबल कैटेगरी में पाए गए हैं, यानी इन सभी के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। एसआईआर से पहले प्रदेश में कुल 15 करोड़ 44 लाख मतदाता पंजीकृत थे।

लखनऊ में करीब 12 लाख वोटर घटे

एसआईआर की अंतिम तिथि के बाद प्रदेश में कुल 2.89 करोड़ यानी करीब 18.7 प्रतिशत मतदाताओं के नाम दर्ज नहीं हो सके। राजधानी लखनऊ में ही लगभग 12 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कट गए हैं।

1.25 करोड़ मतदाता कर चुके हैं स्थायी रूप से स्थानांतरण

जिन 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम सूची से हटे हैं, उनमें से 1.25 करोड़ ऐसे हैं जिन्होंने स्थायी रूप से स्थानांतरण की जानकारी स्वयं बीएलओ को दी थी। इसके अलावा 45.95 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 23.59 लाख मतदाता डुप्लीकेट पाए गए हैं।

84 लाख वोटर लापता, 9.57 लाख ने नहीं भरे फॉर्म

करीब 9.57 लाख मतदाताओं ने एसआईआर फॉर्म जमा नहीं किए, जबकि लगभग 84 लाख मतदाता लापता श्रेणी में रखे गए हैं। लखनऊ में पहले करीब 40 लाख मतदाता थे, जिनमें से अब तक लगभग 70 प्रतिशत यानी 28 लाख लोगों ने एसआईआर फॉर्म भरे हैं। शेष करीब 12 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, जिनमें 5.36 लाख डुप्लीकेट वोटर शामिल हैं।

लखनऊ की विधानसभा सीटों पर फॉर्म भरने की स्थिति

लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों में मलिहाबाद और मोहनलालगंज में सबसे अधिक 83-83 प्रतिशत एसआईआर फॉर्म भरे गए हैं। अन्य सीटों पर स्थिति इस प्रकार रही—

बक्शी का तालाब: 78%

लखनऊ पश्चिम: 70%

सरोजनीनगर: 69%

लखनऊ मध्य: 65%

लखनऊ पूर्वी: 63%

लखनऊ उत्तरी: 62%

लखनऊ कैंट: 61%

आगे की प्रक्रिया

एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद 31 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की जाएगी। इसके बाद 31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दाखिल की जा सकेंगी। अंतिम मतदाता सूची 28 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।


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लेवल 1 से 18 तक कर्मचारियों की सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी

7वां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होने जा रहा है, ऐसे में 1 जनवरी से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिल सकता है। 8वां वेतन आयोग जब अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा, तभी यह साफ़ होगा कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी और यह बढ़ोतरी किस फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय की जाएगी।

हर 10 साल में एक वेतन आयोग का गठन किया जाता है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का लाभ मिलता है। छठे वेतन आयोग में 1.92 के फिटमेंट फैक्टर के चलते सैलरी 1.92 गुना बढ़ी थी, जबकि सातवें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जिससे वेतन में बड़ी बढ़ोतरी हुई।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कुल 18 लेवल में बांटा गया है। लेवल-1 में ग्रुप डी के कर्मचारी आते हैं, जबकि लेवल-18 सबसे उच्च स्तर होता है, जिसमें कैबिनेट सचिव जैसे शीर्ष अधिकारी शामिल होते हैं। लेवल 1 से 18 के बीच कुल 16 अन्य लेवल होते हैं, जो ग्रुप ए, बी, सी और डी के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में 8वें वेतन आयोग में अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर हर लेवल की सैलरी में अलग-अलग बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?

8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यह 1.92, 2.15 या 2.57 में से किसी एक के आसपास हो सकता है। इन्हीं फिटमेंट फैक्टर्स के आधार पर लेवल 1 से 18 तक के कर्मचारियों की संभावित सैलरी में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है।

फिटमेंट फैक्टर को लेकर नेक्सडिग्म के डायरेक्टर (पेरोल सर्विसेज) रामचंद्रन कृष्णमूर्ति का कहना है कि इसे तय करते समय कई आर्थिक और संगठनात्मक पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है। आमतौर पर एम्प्लॉयर, वेतन आयोग या कंपनसेशन कमेटी इन सभी कारकों का आकलन कर फिटमेंट फैक्टर तय करती है।

वहीं, ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लॉइज़ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के लिए संभावित फिटमेंट फैक्टर 2.13 हो सकता है। इसमें मौजूदा 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक DA में संभावित बढ़ोतरी, सालाना वेतन वृद्धि और परिवार इकाइयों की औसत संख्या (3.6) को शामिल किया गया है।


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सीरीज गंवाने के बाद इंग्लैंड का पलटवार, चौथे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ध्वस्त

एशेज सीरीज के शुरुआती तीन मुकाबले गंवाने के बाद इंग्लैंड ने आखिरकार जोरदार वापसी करते हुए जीत का स्वाद चखा। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से करारी शिकस्त दी। इसके साथ ही 5 मैचों की सीरीज में इंग्लैंड की जीत का खाता खुल गया है। हालांकि इस हार के बावजूद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 की अंक तालिका में ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर बना हुआ है।

पहली पारी में 152 पर सिमटी ऑस्ट्रेलिया

मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, जो सही साबित हुआ। बल्लेबाजी करने उतरी कंगारू टीम पहली पारी में 152 रन पर ही ढेर हो गई। माइकल नेसर ने सर्वाधिक 35 रन बनाए, जबकि उस्मान ख्वाजा ने 29 और एलेक्स कैरी ने 20 रन जोड़े। इंग्लैंड की ओर से जोश टंग ने शानदार गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट झटके, जबकि गस एटकिंसन को दो सफलता मिली।

इंग्लैंड की पहली पारी भी रही कमजोर

ऑस्ट्रेलिया के बाद इंग्लैंड की पहली पारी भी कुछ खास नहीं रही और पूरी टीम 29.5 ओवर में महज 110 रन पर सिमट गई। इंग्लैंड के केवल तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके। जो रूट खाता खोलने में नाकाम रहे। हैरी ब्रूक ने सबसे ज्यादा 41 रन बनाए, जबकि गस एटकिंसन ने 28 और कप्तान बेन स्टोक्स ने 16 रन का योगदान दिया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से माइकल नेसर ने चार और स्कॉट बोलैंड ने तीन विकेट चटकाए।

दूसरी पारी में भी लड़खड़ाई कंगारू टीम

दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने टिक नहीं सके और टीम 34.3 ओवर में 132 रन पर ऑलआउट हो गई। ट्रेविस हेड अर्धशतक से चूक गए और 67 गेंदों पर 46 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान स्टीव स्मिथ ने 24 और कैमरन ग्रीन ने 19 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से ब्रायडन कार्स ने चार और कप्तान बेन स्टोक्स ने तीन विकेट झटके। इस तरह इंग्लैंड को जीत के लिए 175 रन का लक्ष्य मिला।

लक्ष्य हासिल कर इंग्लैंड ने दर्ज की जीत

175 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड को जैक क्रॉली और बेन डकेट की सलामी जोड़ी ने शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों के बीच अर्धशतकीय साझेदारी हुई। क्रॉली ने 37 और डकेट ने 34 रन बनाए। इसके बाद जैकब बेथल ने 40 रन की अहम पारी खेलकर टीम को जीत के करीब पहुंचाया। पहली पारी में फ्लॉप रहे जो रूट ने 15 रन बनाए। अंत में हैरी ब्रूक 18 और जेमी स्मिथ 3 रन बनाकर नाबाद रहे, जिससे इंग्लैंड ने 4 विकेट से मुकाबला अपने नाम कर लिया।


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न्यू ईयर से पहले जगन्नाथ मंदिर में भारी भीड़, सुरक्षा के लिए 60 प्लाटून फोर्स तैनात

शनिवार सुबह श्री जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। प्रशासन का अनुमान है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को श्रद्धालुओं की संख्या में और इज़ाफ़ा होगा। रिपोर्ट के अनुसार बीते कुछ दिनों से प्रतिदिन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।

दर्शन व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए श्रीनहर से बगला धर्मशाला तक व्यापक बैरिकेडिंग की गई है, जिससे बड़दांड और आसपास के इलाकों में भीड़ और यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।

मंदिर से समुद्र तट तक कड़ी सुरक्षा

नए साल के दौरान संभावित भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने श्रीमंदिर परिसर से लेकर समुद्र तट तक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। तैनाती योजना के तहत पुलिस की कई प्लाटून और वरिष्ठ अधिकारियों को शहर के प्रमुख और संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है।

पुरी के पुलिस अधीक्षक प्रतीक सिंह ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि नए साल के दिन करीब 60 प्लाटून पुलिस बल तैनात रहेगा, जो मंदिर के द्वारों, बड़दांड और समुद्र तट क्षेत्रों में भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान देगा।

विशेष दर्शन व्यवस्था लागू

श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दर्शन के लिए सिंहद्वार को प्रवेश द्वार बनाया गया है, जबकि अन्य तीन द्वारों से निकासी की व्यवस्था की गई है, ताकि आमने-सामने की आवाजाही से बचा जा सके। श्रद्धालुओं की आवाजाही नियंत्रित करने के लिए निर्धारित मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। पुलिस प्रशासन के अनुसार भीड़ की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्थाओं में तत्काल बदलाव किया जाएगा।


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साफ हवा नहीं तो एयर प्यूरीफायर पर 18% GST क्यों? दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा सवाल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार गंभीर बनी हुई है और दिसंबर भर हवा रेड जोन में रही। इसी बीच एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस घोषित करने और उसकी खरीद पर टैक्स छूट देने की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र सरकार से एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने को लेकर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के बीच नागरिकों को साफ हवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कम से कम यह कदम तो उठा ही सकती है।

‘एयर प्यूरीफायर लग्जरी आइटम नहीं’

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अधिकारियों के वकील से इस मुद्दे पर निर्देश लेकर दोपहर बाद अदालत को अवगत कराने को कहा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भयावह वायु प्रदूषण से जूझ रहे शहर में एयर प्यूरीफायर को लग्जरी वस्तु नहीं माना जा सकता। अदालत ने टिप्पणी की कि पूरे शहर को स्वच्छ हवा का अधिकार है, लेकिन सरकार यह उपलब्ध कराने में असफल रही है।

इमरजेंसी की तरह देखें प्रदूषण की स्थिति: हाईकोर्ट

अदालत ने कहा कि मौजूदा हालात में एयर प्यूरीफायर साफ हवा का एकमात्र सहारा बन गया है। ऐसे में सरकार कम से कम इस पर जीएसटी में छूट दे सकती है, भले ही यह राहत अस्थायी क्यों न हो। कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक हफ्ते या एक महीने के लिए ही सही, लेकिन इसे आपात स्थिति मानते हुए फैसला लिया जाए। अदालत ने पूछा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक कब होगी और सरकार निर्देशों के साथ कब वापस आएगी। इस मामले को केवल अनुपालन के लिए वेकेशन बेंच के समक्ष रखने की बात भी कही गई।

हम दिन में 21 हजार बार सांस लेते हैं: कोर्ट

सुनवाई के दौरान जस्टिस गेडेला ने कहा कि इंसान एक दिन में करीब 21,000 बार सांस लेता है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बार सांस लेकर हमारे फेफड़ों को कितना नुकसान हो रहा होगा, जबकि यह पूरी तरह अनैच्छिक प्रक्रिया है। कोर्ट ने अधिकारियों से इस पर गंभीरता से विचार कर जरूरी निर्देश लेने को कहा।

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर तस्वीर

यह सुनवाई ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली घातक स्मॉग की चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, ITO और इंडिया गेट समेत कई इलाकों में AQI 350 के पार दर्ज किया गया है। हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है और दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज-IV के प्रतिबंध लागू हैं।

क्यों जरूरी हैं एयर प्यूरीफायर

हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को एयर प्यूरीफायर उपलब्ध कराना कम से कम इतना तो किया ही जाना चाहिए। एयर प्यूरीफायर हवा से धूल, पराग, धुआं और अन्य हानिकारक कणों को हटाने में मदद करता है। यह खासतौर पर अस्थमा, एलर्जी और सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित होता है।


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यूपी के 30 से अधिक जिलों में घना कोहरा, 3 शहरों में भीषण ठंड का अलर्ट जारी

प्रदेश में ठंड का प्रकोप और बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में प्रयागराज, श्रावस्ती, सीतापुर, कानपुर नगर, बाराबंकी और बहराइच में अत्यंत ठंड पड़ने की संभावना है। इसके साथ ही यूपी के 30 से अधिक जिलों में घने से अत्यधिक घने कोहरे का असर बना रहेगा।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अतुल कुमार सिंह के मुताबिक कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मीरजापुर, संत रविदास नगर, जौनपुर, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीननगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, सहारनपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को अत्यधिक कोहरा छाने की संभावना है।

इन जिलों में दृश्यता घटकर 50 मीटर या उसके आसपास रह सकती है। इसके अलावा सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, अमरोहा, संभल, बदायूं समेत कई अन्य जिलों में भी घना कोहरा पड़ने की संभावना है, जिससे दृश्यता में भारी कमी आएगी।

कोहरे का असर खासतौर पर सुबह और रात के समय ज्यादा देखने को मिलेगा। गुरुवार को मेरठ और सहारनपुर में अत्यधिक कोहरे के कारण दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई थी। मेरठ में जहां दृश्यता 30 मीटर तक रही, वहीं शाहजहांपुर में यह 40 मीटर तक आंकी गई।

मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिनों तक पूर्वी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। लखनऊ और आसपास के जिलों में भी कहीं-कहीं घना कोहरा छाया रहेगा।

मध्य और पूर्वी यूपी में पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का प्रभाव मैदानी इलाकों में दिखाई देगा। उत्तरी-पछुआ हवाएं चलने से गलन बढ़ेगी और खासतौर पर रात के समय ठंड और ज्यादा महसूस होगी।

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पिता धर्मेंद्र को आखिरी बार बड़े पर्दे पर देखने के लिए ‘इक्कीस’ की स्पेशल स्क्रीनिंग रखेंगे सनी-बॉबी, देओल परिवार हुआ इमोशनल

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र बीते महीने 89 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं. धर्मेंद्र के जाने के गम से अब तक उनके फैंस और फैमिली उबर नहीं पाए हैं. धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में भी एक्टिंग की दुनिया में एक्टिव थे. उनकी फिल्म इक्कीस रिलीज होने वाली थी. धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म इक्कीस अब 1 जनवरी को रिलीज होने वाली है. इस फिल्म की सनी और बॉबी स्पेशल स्क्रीनिंग रखेंगे.

इक्कीस में अगस्त्य नंदा और सिमर भाटिया लीड रोल में नजर आएंगे. ये एक बायोपिक है. जिसमें धर्मेंद्र भी अहम किरदार निभाते नजर आएंगे. धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म देओल परिवार के लिए बहुत स्पेशल है. वो इसे लेकर बहुत इमोशनल हैं. धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल और बॉबी देओल अपने पापा को आखिरी बार बड़े पर्दे पर देखने के लिए इक्कीस की स्पेशल स्क्रीनिंग होस्ट करने वाले हैं.

कब होगी स्पेशल स्क्रीनिंग

रिपोर्ट्स की मानें तो इक्कीस की स्पेशल स्क्रीनिंग अगले हफ्ते मुंबई में होने वाली है. ये पल देओल परिवार के लिए बहुत इमोशनल होने वाला है. धर्मेंद्र को आखिरी बार बड़े पर्दे पर देखना बहुत खास होगा. स्पेशल स्क्रीनिंग किस दिन होगी अभी ये साफ नहीं किया गया है.

धर्मेंद्र ने नहीं देखी पूरी फिल्म

इक्कीस को श्रीराम राघवन ने डायरेक्ट किया है. हाल ही में न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में श्रीराम राघवन ने खुलासा किया है कि धर्मेंद्र ने अपनी फिल्म पूरी नहीं देखी है. उन्होंने फिल्म का सिर्फ पहला पार्ट ही देखा है. सेंकड हाफ वो नहीं देख पाए थे. उन्होंने कहा- 'मैं अक्टूबर में उनसे मिलने गया था. उस समय वह ठीक थे, लेकिन उनकी सेहत बहुत अच्छी नहीं थी. उन्होंने पहला हाफ देख लिया था और दूसरे हाफ का इंतजार कर रहे थे. मैं चाहता था कि वो पूरी फिल्म देखें मगर दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया.'


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विजय हजारे ट्रॉफी में विराट कोहली का बल्ला फिर गरजा, गुजरात के खिलाफ 29 गेंदों में जड़ा तूफानी अर्धशतक

भारतीय क्रिकेट के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने विजय हजारे ट्रॉफी 2025–26 में अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए एक और दमदार पारी खेली। दिल्ली और गुजरात के बीच खेले जा रहे एलीट राउंड मुकाबले में विराट ने महज 29 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। उनकी इस पारी ने एक बार फिर दिखा दिया कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनका क्लास और टाइमिंग आज भी बेजोड़ है।

गुजरात के खिलाफ विराट कोहली ने शुरुआत से ही आक्रामक तेवर अपनाए। उन्होंने गेंदबाजों पर दबाव बनाते हुए मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट लगाए। इस पारी में उनके बल्ले से 11 चौके और एक छक्का निकला। खास बात यह रही कि पावरप्ले के दौरान ही विराट ने तेजी से रन बटोरकर दिल्ली को मजबूत शुरुआत दिलाई, जिससे मैच का रुख शुरुआती ओवरों में ही बदल गया।

इस अर्धशतक के साथ विराट कोहली ने लिस्ट-ए क्रिकेट में लगातार छठी बार 50 से अधिक का स्कोर बनाया। यह उपलब्धि उनकी शानदार निरंतरता और बेहतरीन फिटनेस को दर्शाती है। घरेलू क्रिकेट में वापसी के बाद से ही विराट बेहतरीन लय में नजर आ रहे हैं और हर मैच में बड़ी पारी की उम्मीद जगा रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले विराट ने 15 साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी में वापसी की थी। आंध्र प्रदेश के खिलाफ उन्होंने 101 गेंदों पर 131 रन की शानदार पारी खेलते हुए दिल्ली को चार विकेट से जीत दिलाई थी। उस शतकीय पारी ने साफ कर दिया था कि विराट घरेलू मंच पर भी पूरी गंभीरता और जुनून के साथ खेल रहे हैं।

विराट कोहली की मौजूदा फॉर्म दिल्ली टीम के लिए बड़ी ताकत बनकर उभरी है। उनका अनुभव और आक्रामक खेल युवा खिलाड़ियों में भी आत्मविश्वास भर रहा है। पावरप्ले में तेजी से रन बनाकर वह विपक्षी टीम की रणनीतियों को लगातार कमजोर साबित कर रहे हैं।


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आज से महंगा होगा ट्रेन का सफर, रेल मंत्रालय ने जारी की नई टिकट दरों की अधिसूचना; देखें कितनी हुई बढ़ोतरी]

रेल मंत्रालय द्वारा यात्री किराए में की गई बढ़ोतरी शुक्रवार से लागू हो गई है। नई दरों के अनुसार, 215 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा के लिए साधारण श्रेणी में प्रति किलोमीटर एक पैसा और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के नॉन-एसी वर्ग तथा सभी ट्रेनों के एसी वर्ग में प्रति किलोमीटर दो पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

रेल मंत्रालय ने गुरुवार को इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी थी। यह बढ़ा हुआ किराया 26 दिसंबर या उसके बाद बुक किए गए टिकटों पर लागू होगा। हालांकि, 26 दिसंबर से पहले बुक किए गए टिकटों पर नई दरें लागू नहीं होंगी, चाहे यात्रा की तारीख आगे की ही क्यों न हो। गौरतलब है कि मंत्रालय ने 21 दिसंबर को किराया बढ़ाने की घोषणा की थी। यह इस साल दूसरी बार है जब रेल यात्रियों पर किराया बढ़ोतरी का असर पड़ा है। इससे पहले जुलाई में भी किराए में संशोधन किया गया था।

सीजन टिकट और उपनगरीय सेवाएं रहेंगी सस्ती

रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उपनगरीय सेवाओं और सीजन टिकटों के किराए में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। यह छूट उपनगरीय और गैर-उपनगरीय दोनों तरह के सीजन टिकटों पर लागू होगी। गैर-उपनगरीय साधारण नॉन-एसी सेवाओं में सेकेंड क्लास, स्लीपर क्लास और फर्स्ट क्लास साधारण के किराए ग्रेड के अनुसार तय किए गए हैं।

मंत्रालय के अनुसार, गैर-उपनगरीय यात्राओं में स्लीपर क्लास साधारण और फर्स्ट क्लास साधारण के किराए में एक समान रूप से प्रति किलोमीटर एक पैसे की बढ़ोतरी की गई है, ताकि यात्रियों पर बोझ सीमित और क्रमिक रहे।

मेल-एक्सप्रेस और प्रीमियम ट्रेनों पर ज्यादा असर

मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में नॉन-एसी और एसी दोनों श्रेणियों के किराए में प्रति किलोमीटर दो पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इसमें स्लीपर क्लास, एसी चेयर कार, एसी 3-टियर, एसी 2-टियर और एसी फर्स्ट क्लास शामिल हैं। इस बढ़ोतरी के बाद 500 किलोमीटर की यात्रा पर यात्री को करीब 10 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे।

नई दरें राजधानी, शताब्दी, तेजस, दुरंतो, वंदे भारत, हमसफर, अमृत भारत, गरीब रथ, जन शताब्दी, गतिमान, महामना, अंत्योदय, युवा एक्सप्रेस और अन्य प्रमुख गैर-उपनगरीय ट्रेनों पर लागू होंगी। हालांकि, एसी मेमू और डेमू सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है, जहां लागू नहीं होता।


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Google करने जा रहा बड़ा बदलाव, Gmail यूजर्स बिना अकाउंट एक्सेस खोए बदल सकेंगे अपना ई-मेल एड्रेस

Google एक बड़े और यूजर-फ्रेंडली बदलाव की तैयारी कर रहा है, जिससे लाखों Gmail यूजर्स को राहत मिलने वाली है। कंपनी ने अपने सपोर्ट पेज को अपडेट करते हुए संकेत दिया है कि अब यूजर्स बिना Google अकाउंट का एक्सेस खोए अपना Gmail ई-मेल एड्रेस बदल सकेंगे। इसका मतलब यह है कि यूजर अपने ईमेल एड्रेस का वह हिस्सा बदल पाएंगे जो @gmail.com से पहले आता है, जबकि उनका पूरा Google अकाउंट पहले की तरह ही बना रहेगा। इसमें कॉन्टैक्ट्स, ईमेल, Google Drive फाइल्स, फोटो, सब्सक्रिप्शन और परचेज से जुड़ा डेटा सुरक्षित रहेगा।

अब तक Google केवल थर्ड-पार्टी ईमेल एड्रेस (जो @gmail.com पर खत्म नहीं होते) बदलने की अनुमति देता था। Gmail यूजर्स के पास नया एड्रेस बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। लेकिन 9to5Google की रिपोर्ट के अनुसार, इस नए फीचर को अब चरणबद्ध तरीके से रोलआउट किया जा रहा है और यह Google अकाउंट सेटिंग्स में उपलब्ध होगा।

Google के अनुसार, नया Gmail एड्रेस चुनने के बाद पुराना एड्रेस एलियास के रूप में काम करता रहेगा। यानी पुराने एड्रेस पर भेजे गए ईमेल भी यूजर के इनबॉक्स में मिलते रहेंगे और यूजर पुराने या नए किसी भी Gmail एड्रेस से साइन-इन कर सकेंगे। Gmail, Drive, YouTube और Maps जैसी सेवाओं की साइन-इन एक्सेस पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

हालांकि, इस सुविधा के साथ कुछ शर्तें भी होंगी। यूजर्स हर 12 महीने में केवल एक बार Gmail एड्रेस बदल सकेंगे और अधिकतम तीन बार बदलाव की अनुमति होगी। यानी एक अकाउंट से कुल चार ईमेल एड्रेस जुड़े रह सकते हैं। Google ने यह भी साफ किया है कि पुराना Gmail एड्रेस किसी और को नहीं दिया जाएगा और वह उसी अकाउंट से जुड़ा रहेगा।

कंपनी ने चेतावनी दी है कि नया Gmail एड्रेस अपनाने पर कुछ सेवाओं में अतिरिक्त सेट-अप की जरूरत पड़ सकती है, खासकर Chromebook, Google के जरिए साइन-इन और Remote Desktop यूज करने वालों को। Google ने यूजर्स को सलाह दी है कि वे बदलाव से पहले अपने डेटा का बैकअप जरूर लें, क्योंकि यह प्रक्रिया नए डिवाइस में साइन-इन करने जैसी हो सकती है।


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