IndiGo संकट के बीच DGCA ने रोस्टर संबंधी आदेश वापस लिया, एयरलाइंस को मिली राहत

इंडिगो एयरलाइंस की बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द होने और उड़ानों में लगातार देरी से देशभर के यात्रियों में अफरा-तफरी मची रही। एयरपोर्ट पर लंबी कतारें लगीं और लोग घंटों फ्लाइट का इंतजार करते दिखाई दिए। दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे बड़े एयरपोर्ट्स से परेशान यात्रियों की तस्वीरें सामने आईं। हालांकि अब हालात सामान्य होने की उम्मीद है, क्योंकि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने अपना पिछला आदेश वापस ले लिया है, जिससे एयरलाइंस को बड़ी राहत मिली है।

DGCA ने नोटिस जारी कर बताया कि कई उड़ानों में लगातार आ रही बाधा और एयरलाइंस से मिले अनुरोधों को देखते हुए 'साप्ताहिक अवकाश' संबंधी फैसला तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है, ताकि उड़ान संचालन में स्थिरता और निरंतरता बनी रहे।

पहले DGCA ने एयरलाइंस को निर्देश दिया था कि पायलट और क्रू के लिए साप्ताहिक आराम का समय बढ़ाया जाए। नाइट शिफ्ट को 6 दिनों से घटाकर 2 दिन कर दिया गया था और ड्यूटी आवर्स भी सीमित किए गए थे। इस बदलाव से क्रू समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंच पा रहे थे, जिसके कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इंडिगो एयरलाइंस पर इसका सबसे बड़ा असर दिखाई दिया, जिसने पिछले 4 दिनों में 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द की हैं।

DGCA के नए रोस्टर नियमों के तहत क्रू को सप्ताह में पर्याप्त आराम देना, नाइट शिफ्ट कम करना और रोजाना तथा मासिक उड़ान घंटों पर सीमा तय करना शामिल था—जैसे कि रोजाना अधिकतम 8 घंटे, सप्ताह में 35 घंटे, महीने में 125 घंटे और साल में 1000 घंटे उड़ान की सीमा। यह निर्णय खासकर फास्ट-टर्नअराउंड मॉडल वाली एयरलाइंस के लिए चुनौती बना, जिनमें इंडिगो सबसे ज्यादा प्रभावित हुई, क्योंकि उसका ओवरनाइट नेटवर्क इस बदलाव से बाधित हुआ।