कई दिनों तक उड़ान सेवाएं बाधित रहने के बाद इंडिगो के विमान अब दोबारा सामान्य संचालन की ओर लौट रहे हैं। हालांकि लगभग एक सप्ताह बीतने के बाद भी एयरलाइन अपनी सेवाओं को पूरी तरह बहाल नहीं कर पाई है। शनिवार (8 दिसंबर) को भी इंडिगो ने 200 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं। कंपनी ने 8 और 9 दिसंबर को कुल 243 फ्लाइट्स को रद्द करने की घोषणा की है।
रद्द की गई उड़ानों में कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रूट शामिल हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और गोवा जैसे बड़े शहरों से इंडिगो की कई उड़ानें आज भी कैंसिल हैं। अकेले आज ही दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद सहित कई शहरों में 150 से ज्यादा घरेलू फ्लाइट्स रद्द की गईं। अंतरराष्ट्रीय रूटों में मुंबई–सिंगापुर, चेन्नई–पेनांग और मुंबई–अबू धाबी जाने वाली फ्लाइट्स भी रद्द रहीं। कंपनी ने 9 दिसंबर को भी कई शहरों—दिल्ली, इंदौर, बेंगलुरु और कोलकाता—में उड़ानें रद्द करने की सूची जारी की है।
उधर, फ्लाइट रद्द होने का आज सातवां दिन है। हालांकि इंडिगो के अधिकांश विमान अब उड़ान भरने लगे हैं, जिससे यात्रियों को कुछ राहत मिली है। कई यात्रियों को टिकट का रिफंड भी जारी किया जा चुका है, लेकिन एयरपोर्ट्स पर लगेज को लेकर स्थिति अब भी सामान्य नहीं हुई है। बड़ी संख्या में यात्री अपना सामान लेने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं।
इस बीच DGCA ने भी एयरलाइन पर सख्ती बढ़ा दी है। हजारों फ्लाइट्स रद्द होने के बाद DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोर्केरास को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और 24 घंटे में जवाब मांगा था। एयरलाइन की ओर से जवाब न मिलने पर नियामक ने समयसीमा बढ़ाकर आज शाम 6 बजे तक कर दी है।
फ्लाइट रद्दियों के बाद आसमान छूते किराए को देखते हुए सरकार ने एयरलाइंस को सख्त निर्देश दिए हैं और टिकट कीमतों पर लिमिट लगा दी है। सरकार ने यात्रियों को रिफंड लौटाने का आदेश भी दिया था। इंडिगो अब तक 610 करोड़ रुपये वापस कर चुकी है और 3,000 से ज्यादा यात्रियों का लगेज सौंपा जा चुका है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 10 दिसंबर से हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे।