रेलवे प्रशासन ने ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने, ब्लॉगिंग करने या किसी भी प्रकार का कंटेंट तैयार करने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है।
गार्डेन रीच, कोलकाता के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि ड्यूटी समय में ऐसी गतिविधियां गंभीर सेवा आचरण का उल्लंघन होने के साथ ही सुरक्षा और गोपनीयता के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि रेलवे के किसी भी परिसर—जैसे स्टेशन, कार्यशाला, कंट्रोल रूम, कार्यालय, ट्रेन, यार्ड या किसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र—में ब्लॉगिंग, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी या सोशल मीडिया के लिए किसी भी प्रकार की रिकॉर्डिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
रेलवे प्रशासन का कहना है कि कुछ कर्मचारी ड्यूटी पर रहते हुए ट्रेन संचालन, मेंटेनेंस, सुरक्षा व्यवस्था और संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़े वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर रहे थे। इससे रेलवे की पेशेवर छवि प्रभावित हो रही थी और सुरक्षा प्रोटोकॉल भी खतरे में पड़ रहे थे।
मोबाइल फोन उपयोग पर भी सख्ती
निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि व्यक्तिगत मोबाइल फोन का उपयोग केवल आवश्यक संचार के लिए किया जा सकता है, वह भी निर्धारित ब्रेक टाइम के दौरान। ड्यूटी के समय मोबाइल से वीडियो शूट करना, कंटेंट एडिट करना या किसी भी प्लेटफॉर्म पर साझा करना पूरी तरह वर्जित है।
रेलवे के आधिकारिक उपकरण, कंप्यूटर, नेटवर्क या संसाधनों का उपयोग कर किसी भी प्रकार का सोशल मीडिया कंटेंट बनाना भी गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।
अधिकारियों को कड़े निर्देश
सभी नियंत्रक अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और विभागीय प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि उनके अधीन कार्यरत कर्मचारी इन प्रावधानों का सख्ती से पालन करें। साथ ही, कर्मचारियों को नई नियमावली के प्रति जागरूक कराने और नियमित रूप से निगरानी करने को भी कहा गया है।
उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई
रेलवे ने चेतावनी दी है कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें निलंबन, चार्जशीट, वेतन कटौती, सेवा अभिलेख में प्रतिकूल टिप्पणी सहित अन्य दंड भी शामिल हो सकते हैं।
रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह कदम रेलवे परिसरों की सुरक्षा, परिचालन गोपनीयता और कार्यकुशलता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। आदेश जारी होने के बाद विभागीय स्तर पर निगरानी और सख्ती बढ़ा दी गई है।