इंडिगो विवाद पर सरकार सख्त: कहा—ज़रूरत हुई तो CEO की छुट्टी

इंडिगो संकट को लेकर अब DGCA (नागरिक उड्डयन नियामक) भी केंद्र सरकार की जांच के दायरे में आ गया है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक इंटरव्यू में कहा कि इंडिगो की गड़बड़ियों की जांच सिर्फ एयरलाइन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि DGCA के कामकाज की भी पड़ताल की जाएगी। उन्होंने यात्रियों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगी और भरोसा दिलाया कि जिम्मेदार लोगों पर सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने कहा कि इंडिगो का यह बड़ा फेलियर सामान्य गलती नहीं लगता, बल्कि इसके पीछे जानबूझकर हुई लापरवाही के संकेत मिल रहे हैं। सरकार यह भी जांच कर रही है कि यह संकट अचानक उसी समय क्यों उत्पन्न हुआ, जबकि ऑपरेशंस चालू थे। CEO को हटाने के सवाल पर नायडू ने स्पष्ट कहा कि जरूरत पड़ी तो उन्हें जरूर हटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वे पिछले सात दिनों से लगातार मीटिंग कर रहे हैं और मुख्य फोकस सिर्फ यात्रियों की समस्याओं को कम करना है।

इंडिगो शेड्यूल में बड़ी गड़बड़ी

DGCA ने बताया कि इंडिगो ने 403 विमान बताकर 6% ज्यादा विंटर शेड्यूल ले लिया, जबकि अक्टूबर में वह 339 और नवंबर में 344 विमान ही ऑपरेट कर सकी। नवंबर में तय 64,346 में से केवल 59,438 उड़ानें ही उड़ पाईं। इसके बावजूद कंपनी ने विंटर शेड्यूल में पिछले साल के मुकाबले 9.66% ज्यादा उड़ानें ले लीं, जिससे सिस्टम पर भारी दबाव पड़ा।

सरकार का एक्शन: 10% फ्लाइट्स कम कीं

सरकार ने इंडिगो की लगभग 2300 दैनिक उड़ानों में से 10% फ्लाइट्स कम करने का आदेश दिया है। हाई-डिमांड रूट्स पर यह कटौती लागू होगी। मंगलवार को ही कंपनी की 422 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं और बीते आठ दिनों में देशभर में करीब 5,000 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं। मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई भी होगी।

ALPA इंडिया पायलट थकान और सेफ्टी मुद्दे उठाएगा

एयरलाइन पायलट एसोसिएशन (ALPA इंडिया) को संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने पायलट थकान, FDTL नियमों और बढ़ते सेफ्टी जोखिमों पर अपनी बात रखने के लिए बुलाया है। कई एयरलाइंस नए FDTL नियमों का पालन नहीं कर रही हैं, जिससे पायलटों की थकान और ऑपरेशनल जोखिम बढ़ रहे हैं। समिति GPS स्पूफिंग के बढ़ते मामलों पर भी जानकारी लेगी।

इंडस्ट्री विशेषज्ञों की चेतावनी

फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अध्यक्ष कैप्टन CS रंधावा ने बताया कि इंडिगो के A320 फ्लीट में 80 विमान इंजन मरम्मत के कारण ग्राउंडेड थे। उपलब्ध विमानों के हिसाब से एयरलाइन को कम से कम 4,480 पायलट चाहिए थे, लेकिन यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। कई बार पायलट एयरपोर्ट पर मौजूद रहे, लेकिन विमान ही उपलब्ध नहीं थे।

एयरपोर्ट्स पर IAS अफसर तैनात

सरकार ने यात्रियों की दिक्कतें समझने और जांच आगे बढ़ाने के लिए देश के 10 बड़े एयरपोर्ट्स पर सीनियर IAS अधिकारियों को तैनात किया है। इनमें मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम शामिल हैं। विस्तृत जांच रिपोर्ट 15 दिनों में आने की उम्मीद है।

इंडिगो का जवाब: वजह का पता लगाना मुश्किल

इंडिगो ने DGCA को बताया कि ऑपरेशनल दिक्कतों के वास्तविक कारणों का पता लगाना अभी संभव नहीं है और पूरे रूट कॉज एनालिसिस के लिए अधिक समय चाहिए। एयरलाइन के अनुसार, समस्या दिसंबर की शुरुआत में शुरू हुई जब ऑन-टाइम परफॉर्मेंस और क्रू उपलब्धता प्रभावित हुई। 5 दिसंबर को सिस्टम रीबूट किया गया। कंपनी का दावा है कि 91% उड़ानें अब ऑन-टाइम हैं और 827 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया जा चुका है, जबकि बाकी रिफंड 15 दिसंबर 2025 तक प्रोसेस होगा।