ट्रंप का दावा: भारत को सुपरपावर समूह में ऊपर लाने की वकालत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक नए ‘कोर-5’ (हार्ड-पावर समूह) गठबंधन की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें अमेरिका, भारत, चीन, रूस और जापान को शामिल करने का प्रस्ताव है। इस समूह का उद्देश्य प्रमुख वैश्विक शक्तियों का एक नया मंच तैयार करना है, जो मौजूदा यूरोप-प्रधान जी-7 और अन्य पारंपरिक लोकतांत्रिक तथा आर्थिक समूहों के प्रभाव को पीछे छोड़ सकता है।

हालांकि इस विचार को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। व्हाइट हाउस ने ऐसे किसी दस्तावेज के अस्तित्व से इनकार किया है, लेकिन अमेरिकी प्रकाशन पॉलिटिको के अनुसार, इस नए हार्ड-पावर समूह का उल्लेख राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के एक विस्तृत, अप्रकाशित संस्करण में किया गया था, जिसका एक संक्षिप्त संस्करण हाल ही में व्हाइट हाउस ने जारी किया।

क्या है अमेरिका का नया ‘कोर-5’ प्लान?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, रणनीति में एक ‘कोर फाइव’ या C-5 समूह का प्रस्ताव है, जिसमें अमेरिका, चीन, रूस, भारत और जापान शामिल होंगे—इनमें से अधिकांश देशों की आबादी 10 करोड़ से अधिक है। यह समूह जी-7 की तर्ज पर नियमित शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। प्रस्तावित C-5 का पहला एजेंडा मध्य पूर्व में सुरक्षा मुद्दों पर केंद्रित है, विशेष रूप से इज़रायल और सऊदी अरब के बीच संबंधों के सामान्यीकरण पर।

ट्रंपवादी झलक

पॉलिटिको के मुताबिक, व्हाइट हाउस ने दस्तावेज की मौजूदगी को नकार दिया है। प्रेस सचिव हन्ना केली ने बयान जारी करते हुए कहा कि 33-पृष्ठों की आधिकारिक योजना का कोई ‘वैकल्पिक, निजी या गुप्त संस्करण’ मौजूद नहीं है। बावजूद इसके, राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक मानते हैं कि इस विचार में ट्रंपवादी विदेश नीति की स्पष्ट झलक दिखाई देती है।

यह रिपोर्ट उस समय सामने आई है जब अमेरिका में इस बात पर जोरदार बहस चल रही है कि अगर ट्रंप प्रशासन फिर सत्ता में आता है तो वैश्विक व्यवस्था में किस हद तक बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ‘कोर-5’ की अवधारणा मौजूदा वैश्विक मंचों—जैसे जी-7 और जी-20—को बहुध्रुवीय दुनिया के लिए अपर्याप्त मानती है और दुनिया की बड़ी आबादी व सैन्य-आर्थिक शक्ति वाले देशों के बीच सीधे समझौते को प्राथमिकता देती है।