उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को नए साल से बड़ी राहत मिल सकती है। विद्युत नियामक आयोग जनवरी से लागू होने वाली नई कास्ट डाटा बुक में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत में बड़ी कटौती करने की तैयारी कर रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक, सिंगल फेज स्मार्ट मीटर की कीमत मौजूदा 6,016 रुपये से घटाकर करीब 2,800 रुपये और थ्री फेज मीटर की कीमत 11,342 रुपये से घटाकर लगभग 4,100 रुपये की जा सकती है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो नए बिजली कनेक्शन का खर्च काफी कम हो जाएगा।
इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की सब-कमेटी की बैठक में बिजली कनेक्शन से जुड़ी विभिन्न सामग्रियों की दरों पर विस्तार से चर्चा हुई। जहां पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने 2019 की कास्ट डाटा बुक के मुकाबले दरों में बढ़ोतरी की मांग रखी, वहीं स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत कम करने के पक्ष में मजबूत तर्क सामने आए। उपभोक्ता परिषद ने राजस्थान समेत अन्य राज्यों के उदाहरण देते हुए बताया कि स्मार्ट मीटर की वास्तविक खरीद लागत सिंगल फेज में 2,630 से 2,800 रुपये और थ्री फेज में करीब 3,500 रुपये है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कास्ट डाटा बुक में प्रस्तावित कई दरों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ट्रांसफार्मर, केबल और पोल जैसी सामग्री की कीमतें वास्तविक खरीद लागत से अधिक दिखाई जा रही हैं। परिषद ने आयोग से मांग की कि उपभोक्ता हित में सभी दरें वास्तविक लागत के आधार पर तय की जाएं। साथ ही ग्रामीण और गरीब उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने वाले प्रावधानों पर भी पुनर्विचार की मांग की गई है।
बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि पोस्टपेड और प्रीपेड दोनों विकल्प कास्ट डाटा बुक में शामिल किए जाएं और घरेलू उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी व प्रोसेसिंग फीस न बढ़ाई जाए। इसके अलावा ग्रामीण महिलाओं को नए कनेक्शन पर 33 प्रतिशत और शहरी महिलाओं को 15 प्रतिशत छूट देने की मांग भी उठी। अब नियामक आयोग जल्द ही इन सभी बिंदुओं पर फैसला लेकर नई दरों को अंतिम रूप देगा।