गीला और सूखा कचरा अलग-अलग न करने पर नगर निगम ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई तेज करते हुए आरडीसी स्थित गौर मॉल के एक रेस्टोरेंट पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश ने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम–2016 के उल्लंघन पर होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, फार्म हाउस और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ जुर्माना वसूली की जा रही है। नियमों के अनुसार, पहली बार उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये, दूसरी बार 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बावजूद नियमों का पालन न करने पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने के साथ ही संबंधित प्रतिष्ठान का ट्रेड लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा।
इसके अलावा आईपीसी की धारा 269 के तहत संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई भी की जाएगी। नगर निगम की टीमें डोर-टू-डोर जाकर चल रही कचरा पृथक्करण मुहिम का औचक निरीक्षण भी कर रही हैं।
क्या होता है गीला और सूखा कचरा?
गीला कचरा वह जैविक अपशिष्ट होता है जो सड़-गलकर खाद में बदल सकता है। इसमें सब्जियों और फलों के छिलके, बचा हुआ खाना, फूल-पत्तियां, अंडे के छिलके और चाय पत्ती शामिल हैं। गीले कचरे को हरे डस्टबिन में डालना चाहिए।
वहीं सूखे कचरे में प्लास्टिक, कागज और धातु जैसी चीजें आती हैं, जो खाद में परिवर्तित नहीं होतीं, बल्कि रिसाइकिल की जाती हैं। इस कचरे को नीले डस्टबिन में रखना चाहिए।
नगर निगम का कहना है कि गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने से बीमारियों के फैलाव को रोका जा सकता है और कचरे का सही तरीके से निपटान संभव हो पाता है।