बॉन्डी बीच में हुए आतंकी हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य न्यू साउथ वेल्स में सख्त बंदूक कानून लागू करने की तैयारी तेज हो गई है। प्रस्तावित कानून के तहत आतंकवादी प्रतीकों के प्रदर्शन पर रोक लगाने और उग्र विरोध प्रदर्शनों पर नियंत्रण के प्रावधान शामिल किए गए हैं।
बॉन्डी सामूहिक गोलीबारी की घटना के बाद राज्य संसद के निचले सदन ने सोमवार देर रात आपातकालीन सत्र में आतंकवाद और अन्य कानून संशोधन विधेयक पारित कर दिया। इस विधेयक को विपक्षी लिबरल पार्टी का भी समर्थन मिला है। मंगलवार को इसके ऊपरी सदन से पारित होने की संभावना है।
सत्तारूढ़ केंद्र-वामपंथी लेबर सरकार ने व्यक्तिगत बंदूक लाइसेंस पर कड़ी सीमा लगाने का प्रस्ताव रखा है। नए नियमों के अनुसार आम नागरिकों को अधिकतम चार आग्नेयास्त्र रखने की अनुमति होगी, जबकि किसानों को विशेष छूट देते हुए यह सीमा 10 बंदूकों तक तय की गई है।
14 दिसंबर को बॉन्डी में यहूदी हनुक्का उत्सव के दौरान हुई सामूहिक गोलीबारी में 15 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद देशभर में सख्त गन कानूनों और यहूदी विरोधी गतिविधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठी है।
पुलिस के अनुसार, कथित हमलावर साजिद अकरम को मुठभेड़ में मार गिराया गया था, जिसके पास छह हथियार थे। उसके 24 वर्षीय बेटे नवीद पर हत्या और आतंकवाद सहित कुल 59 आरोप लगाए गए हैं।
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड द्वारा कराए गए एक हालिया सर्वे में सामने आया है कि लगभग तीन-चौथाई ऑस्ट्रेलियाई नागरिक सख्त बंदूक कानूनों के समर्थन में हैं। हालांकि, ग्रामीण इलाकों का प्रतिनिधित्व करने वाली नेशनल्स पार्टी ने इन सुधारों का विरोध करते हुए कहा है कि इससे किसानों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।