स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को अब बिजली बिल की जानकारी एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। बिजली विभाग ने नवंबर माह का बिल भेजते हुए बताया है कि यदि गलत मोबाइल नंबर के कारण किसी उपभोक्ता को बिल नहीं मिला है, तो वे 1912 पर कॉल कर या संबंधित डिवीजन काउंटर पर जाकर अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा सकते हैं। एसएमएस के जरिए उपभोक्ताओं को शेष बैलेंस की जानकारी भी समय-समय पर दी जाती है, जिससे समय पर रिचार्ज करने में सुविधा होती है। इसके साथ ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में दो प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहे विरोध के बीच बिजली विभाग उपभोक्ताओं को इसके फायदे भी समझा रहा है। रिचार्ज की गई राशि 30 प्रतिशत और 10 प्रतिशत शेष रहने पर तथा बैलेंस शून्य होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को एसएमएस अलर्ट भेजा जाता है। बैलेंस समाप्त होने के बाद भी रिचार्ज के लिए तीन दिन की मोहलत दी जाती है। इसके अलावा शाम छह बजे से सुबह आठ बजे तक, रविवार और सार्वजनिक अवकाश के दौरान बिजली कनेक्शन नहीं काटा जाता है।
विभाग ने समय से बिल और भुगतान से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया है। इस एप के जरिए उपभोक्ता बकाया राशि, रिचार्ज स्थिति और बिजली की रोजाना खपत की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। uppcl smart app पर उपभोक्ता घंटे-घंटे की बिजली खपत देख सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि कौन-से उपकरण अधिक बिजली खर्च कर रहे हैं, जिससे खपत नियंत्रित कर बिल कम किया जा सकता है।
प्रदेश में अब तक करीब 56 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 36 लाख प्रीपेड हैं। बिजली विभाग के अनुसार, पारदर्शिता और उपभोक्ता संतुष्टि के लिए पांच प्रतिशत पुराने नॉन-स्मार्ट मीटर चेक मीटर के रूप में लगाए गए हैं और अब तक किसी भी स्मार्ट मीटर के तेज चलने की शिकायत प्रमाणित नहीं हुई है। विभाग का दावा है कि इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट मीटर समान रूप से वास्तविक खपत दर्ज करते हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि स्मार्ट मीटर में रीडिंग और बिलिंग पूरी तरह ऑनलाइन और स्वचालित होती है, जिससे बाहरी हस्तक्षेप की संभावना समाप्त हो जाती है।